कैसे करें श्रावण में सोमवार का व्रत

आस्था : श्रावण माह में प्रत्येक सोमवार को मंदिर जाकर शिव परिवार की धूप, दीप, नेवैद्य, फल और फूलों आदि से पूजा करके सारा दिन उपवास करें। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर उनका दूध से अभिषेक करें। शाम को मीठे से भोजन करें। अगले दिन भगवान शिव के पूजन के पश्चात यथाशक्ति दान आदि देकर ही व्रत का पारण करें। अपने किए गए संकल्प के अनुसार व्रत करके उनका विधिवत उद्यापन किया जाना चाहिए। जो लोग सच्चे भाव एवं नियम से भगवान की पूजा व स्तुति करते हैं, वे मनवांछित फल प्राप्त करते हैं। इन व्रतों में सफेद वस्त्र धारण करके सफेद चंदन का तिलक लगाकर ही पूजन करना चाहिए तथा सफेद वस्तुओं के दान की ही सर्वाधिक महिमा है। दान करने वाली वस्तुएं- बर्फी, सफेद चंदन, चावल, चांदी, मिश्री, गाय का घी, दूध, दही, खीर, सफेद पुष्पों का दान सायंकाल में करने से जहां मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, वहीं घर में खुशहाली भी आती है।
क्या खाएं?- खीर, पूरी, दूध, दही, चावल। व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए।
किस मंत्र का करें जाप- 'ॐ नम: शिवाय' एवं 'महामृत्युंजय' मंत्र के अतिरिक्त चन्द्र बीज मंत्र 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:' और चन्द्र मूल मंत्र 'ॐ चं चन्द्रमसे नम:'।
व्रत से मिलने वाले लाभ- मानसिक सुख एवं शांति का शरीर में प्रवाह होगा। व्यापार में वृद्धि होगी, परिवार में खुशहाली आएगी। जिस कामना से व्रत किया जाएगा, वह अवश्य पूरी होगी।
आप शनि के प्रकोप से पीड़ित हैं तो इस श्रावण माह के प्रथम दिन सच्चे मन से शिवजी से अपनी पीड़ा कहें। इससे वे आपकी पीड़ा जरूर सुनेंगे और उसे दूर करेंगे।
शारीरिक कष्टों से दिलाएंगे मुक्ति-
यदि जन्म कुंडली में शनि, राहु, केतु व अन्य कष्टकारी ग्रह शारीरिक कष्ट इत्यादि दे रहे हैं तो आपको श्रावण के पहले ही दिन से शिवपूजा प्रारंभ कर देनी चाहिए।
शनि की साढ़ेसाती होगी दूर-
वे लोग जिनको शनि की साढ़ेसाती है या फिर धनु, वृश्चिक और मकर राशि वाले शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं, तो ऐसे लोग प्रथम दिवस रुद्राभिषेक अवश्य करें और शिवलिंग के सामने बैठकर शनि के बीज मंत्र का जप करें। इसके अलावा उन्‍हें सुंदरकांड का पाठ भी करना चाहिए।
तकनीकी शिक्षा से जुड़े लोग करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप-
शनि से बनने वाले मारकेश की स्थिति में आप महामृत्युंजय मंत्र के जप के साथ-साथ शनि के बीज मंत्र का जप भी करें। शनि तकनीकी शिक्षा और विधि की शिक्षा का कारक ग्रह है। इस फील्ड से जुड़े जातक शिवपूजा करें तो उनको सफलता मिलेगी।

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