स्वस्थ रहना ही सबसे बड़ा सुख है

जीवनशैली : हमारे ऋषि, मुनियों ने बताया है कि हमेशा स्वस्थ रहना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है। जो मनुष्य बीमारियों की गिरफ्त में रहता है, उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार मनुष्य कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता। ऐसे मनुष्य को शरीर के साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं बीमार व्यक्ति को दूसरों पर निर्भर होकर जीवन जीना पड़ता है। शरीर का साथ न मिलने पर ऐसा व्यक्ति अपनी इच्छा से कोई काम नहीं कर पाता। वहीं जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है, वह पूरा समय उसी दुश्मन के बारे में सोचता रहता है। इस कारण वह जीवन का पूरा आनंद नहीं ले पाता। डर या चिंता के कारण मनुष्य के दूसरे काम प्रभावित होने लगते हैं। वह कोई काम ठीक से नहीं कर पाता है। इसलिए, जो व्यक्ति बिना किसी भय के जीवन जीता है, वह सबसे सुखी माना जाता है। बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा ही होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल-मिलाप रखता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों की संगति को दलदल या कीचड़ भी कहा गया है। क्योंकि एक बार ऐसे लोगों के साथ हो जाने पर उनसे दूरी बनाना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जिसकी दोस्ती अच्छे लोगों के साथ होती है, वह बहुत सुखी होता है।

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