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ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है योगी सरकार

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विश्लेषण। ईको-टूरिज्म पॉलिसी के तहत सम्भावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के सहयोग से बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाये पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस नीति से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादित विभिन्न प्रकार के कुटीर उद्योगों की विभिन्न वस्तुओं का विक्रय व राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी। स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं के विक्रय से लोगों में आर्थिक समृद्धि आयेगी। सरकार की एक जनपद एक उत्पाद नीति के तहत जिला/क्षेत्र विशेष की उत्पादित वस्तुओं की पहचान भी बनेगी। उत्तर प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश सरकार पर्यटन एवं ग्रामीण विकास थीम पर प्रकृति के नजदीक पर्यटकों को ला रही है। प्रदेश में वन, जंगल, वाटर फाल, पहाड़ी और हरे-भरे क्षेत्रों से भरपूर नदियां व प्राकृतिक क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवागमन हेतु वन नीति के अनुसार मार्ग बनाने, ठहरने व अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। ...

योगी सरकार में ग्रामीण स्तर पर आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलायें

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विश्लेषण। उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को रोजगार देने के लिए सबसे बड़ी पहल की है। गांव-गांव तक बैकिंग सेवाओं को पहुंचाने के लिये 58,000 बीसी सखी (बैकिंग कॉरेस्पोंडेंट) बनाने का काम पूरा कर लिया है। सभी चयनित बीसी सखी का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है सरकार की इस नीति से बैंकिंग सेवाएं लोगों के घरों तक पहुंच रही है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने बैंक खातों से धनराशि निकालने और उसमें पैसा जमा करने में बड़ी आसानी हुई हैं उनका बैंक शाखाओं तक जाने का समय व खर्चा बच रहा है और घर के करीब ही बैंक के रूप में बीसी सखी मिल जा रही है। ग्रामीण पहले बैंक से पैसा निकालने और जमा करने में आने-जाने में जो खर्चा करते थे उसकी भी बचत हो रही है। प्रदेश में 58185 जीपी के सापेक्ष 56,000 बीसी सखी का चयन पूर्ण कर लिया गया है। 41869 बीसी सखी को आरसेटी द्वारा प्रशिक्षण एवं आईआईबीएफ द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया है। 36389 बीसी सखी को समय से धनराशि अंतरण 29561 बीसी सखी द्वारा माइक्रो एटीएम का क्रय का कार्य किया गया है। बीसी सखी द्वारा वर्ष 2020-21 में 154.40 करोड़ धनराशि का ट्रॉजेक्शन तथा 2021-22 में 2200 करोड़...

अमेजन के जंगल में घट रहा पक्षियों का आकार

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विश्लेषण। अमेजन जंगल का अधिकतर करीब साठ प्रतिशत हिस्सा ब्राजील में पड़ता है, पेरू में 13 प्रतिशत, कोलंबिया में 10 फीसदी, बाकी का हिस्सा वेनेजुएला, इक्वेडोर, बोलीविया, गयाना, सूरीनाम आ फ्रांस में बंटे हैं। अमेजन के जंगलों में काले कैमान, जगुआर, कौगर, और एनाकोंडा जैसे विशालकाय सांपों का बसेरा है। अमेजन मे कई प्रकार की आदिवासी जनजातियां भी पायी जाती हैं, जो कि सिर्फ अमेजॉन के जंगलों पर ही निर्भर हैं और यह प्रजाति विश्व में अन्यत्र कही और नहीं पायी जाती| अमेजन के जंगल में अनेक पक्षी पाए जाते हैं जिनमें प्रमुख रूप से गुंजन पक्षी, टूकन, रंगीन पक्षित वाले पक्षी एवं भोजन के लिए बड़ी चोंच वाले पक्षी मुख्य हैं। प्राणि वैज्ञानिकों ने अकेले ब्राजील में 96 हजार 660 और 1 लाख 28 हजार 843 अकशेरुकी प्रजातियों के बीच का वर्णन किया है। वहीं दूसरी ओर खबरों के अनुसार अमेजन के जंगल में भी जलवायु परिवर्तन का असर हो रहा है। अमेजन में पक्षियों के शरीर का आकार घट रहा है और उनके पंखों का फैलाव बढ़ रहा है। एक साइंस पत्रिका में छपे नए शोध के नतीजों में दावा किया गया है कि पिछले चार दशकों में ज्यादा गर्म और सूखे मौस...

नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी का विरोधी नहीं तो विरोध क्यों : विहिप

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राहुल गांधी द्वारा पाक-बांग्लादेशी क्रूर समाज के प्रति हमदर्दी व असहाय हिन्दू शरणार्थियों के विरोध में सावरकर जी का अपमान सर्वथा निंदनीय  नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के विरुद्ध भड़के हिंसक प्रदर्शनों को छद्म-धर्म निरपेक्षतावादियों द्वारा निहित स्वार्थों से प्रेरित एक देश-विरोधी निंदनीय कृत्य बताया है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महा-मंत्री श्री मिलिंद परांडे ने आज कहा कि विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने तथा पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफ़गानिस्तान के धार्मिक उत्पीडन के शिकार शरणार्थियों को भारत में शरण देने से किसी भी भारतीय को कोई हानि नहीं है. इसके बावजूद कुछ छद्म-धर्म निरपेक्षतावादियों तथा निहित स्वार्थी राजनैतिक दलों द्वारा अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की नीति के अंतर्गत जनता को भड़का कर जो हिंसक प्रदर्शन कराए जा रहे हैं तथा राहुल गांधी जी द्वारा पाक-बांग्लादेशी क्रूर समुदाय के प्रति हमदर्दी किन्तु वहां के प्रताड़ित हिन्दू समुदाय का विरोध करते हुए स्वातंत्र्य वीर सावरकर का अपमान किया गया, वह सर्वथा निंदनीय व खतरनाक हैं. उन्होंने राज्य सरकारों से...

कार्यालयों में झूठ बोलकर छुट्टी लेते हैं कर्मचारी!

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लखनऊ : विश्व में बहुत कम देश होंगे, जहां के लोग झूठ न बोलते हों। झूठ बोलना मानव जीवन की फितरत है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। भारत समेत कई ऐसे देश हैं जहां झूठ बोलकर कर्मचारी छुट्टी ले लेते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा बीमारी का बहाना बनाया जाता है, उसके बाद सगे, सम्बन्धियों और दोस्तों की बीमारी, यहां तक कि उनकी मौत का बहाना बनाकर अवकाश ले लिया जाता है। कोचिंग संस्थान चलाने वाले राकेश सारस्वत बताते हैं कि मीडिया संस्थान में कार्य करते हुए उन्होंने कई बार झूठ बोलकर छुट्टी ली। ऐसा झूठ, जिस पर विश्वास करना ही पड़ता है और कितना भी जरूरी कार्य क्यों न हो ऐसे आपातकाल के लिए संस्थानों को छुट्टी देनी ही पड़ती है। नाम न छापने की शर्त पर एक सरकारी कर्मचारी बताते हैं कि उन्होंने ऐसे व्यक्तियों की मौत बताकर छुट्टी ली, जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है। बहरहाल, नया सर्वे ब्रिटेन से आया है, जिसमें कहा गया है कि कर्मचारी अपने बॉस से बीमारी के छोटे-छोटे झूठ बोलकर छुट्‌टी लेते हैं। हर पांच में से दो कर्मचारी ऐसा करते हैं। सर्वे में जब कर्मचारियों की नैतिकता और मूल्यों पर सवाल उठाया गया, तो उन्होंने बीमारी के ...

मंदी की चपेट में दुनिया

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विश्लेषण : औद्योगिक उत्पादन सूचकांक साढ़े छह साल में सबसे कम है। बीते जुलाई के मुक़ाबले अगस्त में औद्योगिक विकास 4.3 प्रतिशत से घटकर -1.10 प्रतिशत पर आ गया। ये आँकड़े फ़रवरी 2013 के बाद सबसे कमज़ोर हैं। देश के 23 औद्योगिक समूहों में से 15 में निर्माण वृद्धि घटती हुई नकारात्मक हो गई है। हाल के दिनों में ऑटो सेक्टर की हालत ख़राब है ही। बेरोज़गारी भी रिकॉर्ड स्तर पर है। वहीं दूसरी ओर आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लिया है कि दुनिया का नब्बे फीसदी हिस्सा मंदी की चपेट में है, जिसके मुकाबले को साझे कदम उठाये जाने की जरूरत है। उनकी चिंता में बड़ी बात यह है कि पटरी से उतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये मंदी बड़ी चुनौती है। हालांकि, इस संकट की आहट को महसूस करते हुए अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये केंद्र सरकार ने कई चरणों में कदम उठाये हैं, मगर सार्वजनिक तौर पर मंदी की बात स्वीकार नहीं की है। बुधवार को केंद्रीय सेवारत कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जो पांच फीसदी की वृद्धि की गई है, वह एक उपभोक्ता के रूप में उन...

खुद से लड़ रही है कांग्रेस

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विश्ललेषण : विधानसभा चुनाव के लिये टिकट वितरण से उपजे आक्रोश के बीच हुए हाई वोल्टेज ड्रामे से तो यही लगता है कि कांग्रेस भाजपा से लडऩे से पहले पार्टी के भीतर ही जूझ रही है। नि:संदेह सत्ता से बाहर रहने की तड़पन के बीच पिछले पांच सालों में पार्टी के भीतर जारी उठापटक जब-तब उजागर हुई। पिछले दिनों तो यह सतह पर आ गई थी। फिर केंद्रीय नेतृत्व की दखल के बाद राज्य के पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन किया गया। कमोबेश पार्टी में सत्ता के दो केंद्र बनते नजर आए। एक को पार्टी की बागडोर दी गई तो दूसरे को पार्टी का खेवनहार बनाया गया। जाहिर है टिकट वितरण में नये नेतृत्व की ही चलनी थी। यह उम्मीद तो थी कि पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के समर्थक टिकट न मिलने पर प्रलाप करेंगे। मगर यह उम्मीद न थी कि यह कड़वाहट सड़क पर आ जायेगी। अशोक तंवर द्वारा अपने समर्थकों के साथ पार्टी के केंद्रीय मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन और सार्वजनिक तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बांटने का आरोप निश्चय ही पार्टी की साख को बट्टा लगाने वाला है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि पार्टियां टिकट देने में मोटा लेनदेन करती हैं, लेकिन इस बात की सार्वजनिक अभ...

मुनाफे का दो फीसदी सामाजिक विकास पर खर्च करें कम्पनियां

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विश्लेषण : सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) योजना का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। भारत दुनिया का अकेला देश है जहां कंपनियों के लिए टैक्स के बाद अर्जित मुनाफे का दो फीसदी सामाजिक विकास पर खर्च करने का कानून बना हुआ है लेकिन इस कानून के बावजूद कई कंपनियां इससे कतराकर निकल जा रही हैं। जिनकी भागीदारी है, उनका रवैया भी सुचिंतित नहीं है जिससे पिछड़े इलाकों में सीएसआर का कोई दखल ही नहीं हो पा रहा है।  पिछले साल 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम (एडीपी) की शुरुआत की थी ताकि पिछड़े रह गए इलाकों का विकास हो सके। इसके कई पैमाने भी तय किए थे- स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेशन और बुनियादी संरचना लेकिन इसके नतीजों की जांच के लिए कॉर्पोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास की अध्यक्षता में गठित समिति का निष्कर्ष यह है कि सीएसआर का ज्यादातर फायदा सिर्फ छह विकसित राज्यों को ही मिल रहा है। 2014-15 से 2017-18 के बीच कंपनियों ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली में ही सीएसआर फंड के 52,...

आखिर कैसे उतरेगा चंद्रमा पर यान

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विचार : देश का अहम मिशन चंद्रयान—दो सफलतापूर्वक रास्ते में है, सात सितम्बर 2019 को चांद पर यान उतरेगा। चांद की कक्षा में पहुंचते ही वैज्ञानिकों ने हर्ष जताया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के निदेशक के. शिवन ने कहा कि चंद्रयान—दो पृथ्वी की सतह छोड़कर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। जैसा कि ज्ञात है कि धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी करीब तीन लाख 84 हजार किलोमीटर है। चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे। चांद की सतह पर उतरने के 4 दिन पहले रोवर 'विक्रम' उतरने वाली जगह का मुआयना करना शुरू करेगा।  लैंडर यान से डिबूस्ट होगा। 'विक्रम' सतह के और नजदीक पहुंचेगा। उतरने वाली जगह की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी और फिर 6 से 8 सितम्बर के बीच शुरू होगी लैंडिंग की प्रक्रिया। लैंडिंग के बाद 6 पहियो वाला प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से अलग हो जाएगा। इस प्रक्रिया में चार घंटे का समय लगेगा। यह एक सेमी प्रति सेकेंड की गति से बाहर आएगा। 14 दिन यानी 1 लूनर डे के अपने जीवनकाल के दौरान रोवर 'प्रज्ञान' चांद की सतह पर 500 मीटर तक चलेगा। यह चांद की सतह की तस्...

बदलाव के रास्ते पर भारत

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विश्लेषण : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धीरे—धीरे प्रत्येक भारतीय के दिल में बसते चले जहा रहे हैं और विश्व में खूब लोकप्रिय हो रहे हैं। 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के नाम अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े बदलावों के रास्ते पर बुलंद हौसले के साथ चल रही अपनी सरकार के इरादे जाहिर किए और परिवर्तन के इस अभियान से जुडऩे के लिए देशवासियों का आह्वान किया। इस दूसरे कार्यकाल में लाल किले से अपने पहले भाषण में पीएम ने अर्थव्यवस्था को खास तवज्जो देते हुए कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अगले 5 साल में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने का लक्ष्य दोहराते हुए उन्होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासी यदि छोटी-छोटी चीजों को लेकर चल पड़ें तो यह लक्ष्य हासिल करना संभव है। इसके लिए उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की बात कही और लकी कल के लिए लोकल का मंत्र दिया। उन्होंने निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया और देश को कैशलेस इकॉनमी बनाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिलहाल दुकानों पर आज नकद कल उधार का बोर्ड लगा रहता है, लेकिन अब लिखना चाहिए-डिजिटल पेमे...

विवाह के लिए अधिक लोन ले रहे शहरी युवा

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​विश्लेषण : देश के शहरी युवा अपनी शादी के लिए सबसे ज्यादा लोन लेते हैं। डिजिटल लेंडिंग प्लैटफॉर्म इंडियालेंड्स के एक सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। यह सर्वेक्षण उसने आज मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में किया है। इसके लिए उसने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई के 20 से 30 की उम्र के 5200 नौजवानों के ऋण-आवेदनों का अध्ययन किया। इन युवाओं में नौकरीपेशा और अपना कारोबार करने वाले, दोनों शामिल हैं।  आवेदनों से पता चला कि 2018-19 में इस आयु वर्ग के 20 प्रतिशत नौजवानों ने शादी के लिए ऋण लिया। शादी के बाद पर्यटन यानी घूमने-फिरने का नंबर है। 19 फीसदी नौजवानों ने इसके लिए लोन लिया, जबकि 11 फीसदी ने अपना स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए लोन लिया और 7 प्रतिशत ने लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजें जुटाने के लिए ऋण मांगा। अलग-अलग शहरों के नौजवानों की प्राथमिकताएं भी अलग-अलग हैं।  जैसे शादी के लिए मुंबई के युवाओं ने सबसे ज्यादा ऋण लिए। उनकी संख्या 22 फीसदी है। घूमने-फिरने के मामले में हैदराबाद के युवा सबसे आगे हैं। वहां 20 फीसदी युवाओं ने इसके लिए लोन लिया। अपना स्ट...

प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जीवाश्म-ईंधन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को रोकना ही काफी नहीं

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विश्ललेषण : जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) ने बृहस्पतिवार को जलवायु परिवर्तन और भूमि संबंधी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया को घेर रही इस स्थायी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जीवाश्म-ईंधन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को रोकना ही काफी नहीं है। इसके लिए खेती में बदलाव करने होंगे, शाकाहार को बढ़ावा देना होगा और जमीन का इस्तेमाल सोच-समझकर करना होगा। विश्व में 23 फीसदी कृषियोग्य भूमि का क्षरण हो चुका है, जबकि भारत में यह हादसा 30 फीसदी भूमि के साथ हुआ है। जमीनों का रेगिस्तानीकरण जारी है। तकनीकी तौर पर मरुस्थल उस इलाके को कहते हैं, जहां पेड़ नहीं सिर्फ झाडिय़ां उगती हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण पैदावार में गिरावट आ रही है और खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व कम होते जा रहे हैं। इससे खाद्य सुरक्षा बुरी तरह प्रभावित होगी।  अनुमान है कि 2050 तक खाद्य वस्तुओं की कीमतें 23 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी। 25-30 प्रतिशत खाद्य पदार्थ अभी यूं ही बर्बाद हो जाते हैं। इस बर्बादी को कम करने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होगा और खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा। आईपीसीसी की रिपोर्ट का साफ इशा...

भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

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विश्लेषण : लम्बे समय से डायबिटीज और फिर किडनी की बीमारी से जूझ रही 67 वर्षीय सुषमा को मंगलवार की देर शाम दिल का दौरा पडऩे पर दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। बीमारी के कारण ही उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। मंगलवार को ही लोकसभा ने जम्मू-कश्मीर को संविधान की धारा 370 के तहत मिला विशेष दर्जा समाप्त करने का संकल्प पारित किया था। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, 'मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।' किसी को मालूम न था कि यह उनका अंतिम ट्वीट साबित होगा। अपनी मृत्यु से महज कुछ घंटे पहले ही किया उनका यह ट्वीट भी यादगार बन गया। वास्तव में सुषमा ने एक शानदार राजनीतिक पारी खेलकर इस संसार को अलविदा कहा। 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के पलवल में जन्मीं सुषमा स्वराज का बचपन अंबाला में बीता। मां के निधन के कारण सुषमा स्वराज को मामा व नाना-नानी के पास अंबाला आना पड़ा। नाना-नानी ने ही उनका पालन-पोषण किया था। प्रखर वक्ता एवं तेजतर्रार नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली सुषमा स्वराज ने हर क्ष...

रिजर्व बैंक ने लगातार चौथी बार घटाई रेपो रेट

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विश्लेषण : रेपो दर 0.35 फीसदी घटाकर 5.40 प्रतिशत पर ला दिया गया। रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर रिजर्व बैंक कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है। अभी तक आरबीआई अपनी दरों में बदलाव चौथाई फीसदी को ही इकाई मानकर करता रहा है। इस बार 0.35 फीसदी का हेरफेर यह बता रहा है कि ब्याज दरें नीचे लाने के घोषित इरादे के बावजूद उसके हाथ किस कदर बंधे हुए हैं। हालांकि गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया है कि दरें आगे और घटाई जा सकती हैं। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बजट में तय 7 प्रतिशत से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया जाना चिंताजनक है, हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए इसे भी आशावादी आकलन ही कहा जाएगा।  रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति के काबू में रहने को एक बड़े फैक्टर के रूप में देख रहा है लेकिन इसकी एक वजह यह भी है कि बाजार में मांग नदारद है। लगातार ब्याज दरें घटाने के बावजूद औद्योगिक उत्पादन रफ्तार नहीं पकड़ रहा है। कोर सेक्टर में आने वाले आठ उद्योगों की वृद्धि दर जून में 0.2 प्रतिशत पर सिमटी रही। वाहन उद्योग में मंदी का रुख बरकरार है। जुलाई में प्रमुख ऑटोमोबील कंपनियों की बिक्री में दहाई की गिरावट दर्ज की गई। सकल घ...

परमाणु सशस्त्रीकरण पर अंकुश लगाने वाला दौर अब समापन की कगार पर

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विश्लेषण : सोवियत संघ और अमेरिका के बीच आइएनएफ ट्रीटी हुई थी, लेकिन उसके समाप्त होते ही कई देश अंतरिक्ष सैन्यीकरण के कार्यक्रम घोषित करने लगे हैं। इससे लगता है कि अगला दशक हथियारों की होड़ के एक नए दौर का गवाह बनने वाला है। शीतयुद्ध के तनाव वाले माहौल से दुनिया को शांति और सहअस्तित्व के दौर में लाने का श्रेय जिन कुछेक संधियों को दिया जा सकता है, उनमें प्रमुख रही इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आइएनएफ) संधि बीते शुक्रवार को खत्म हो गई। 500 से 5500 किलोमीटर तक की रेंज वाली एटमी मिसाइलों की तैनाती पर रोक लगाने वाली इस ट्रीटी से पहले अमेरिका बाहर आया फिर रूस ने भी इसे निरस्त मान लिया। ऐसा दोनों ने एक-दूसरे पर संधि के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए किया, लेकिन बड़ी बात यह कि महीनों पहले से जारी आरोप-प्रत्यारोपों के बावजूद दोनों में से किसी भी पक्ष ने दूसरे को समझाने-बुझाने या उसका संदेह दूर करने की कोई कोशिश नहीं की। न ही इस दौरान किसी और शक्तिशाली देश की ओर से उनके बीच मध्यस्थता का कोई प्रयास हुआ। इससे साफ है कि दुनिया के तकरीबन सारे बड़े देश बदले हालात की पेचीदगी से वाकिफ हैं और इसे स्...