भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन में सोमवार का व्रत रखती हैं कुंवारी युवतियां
अध्यात्म : श्रावण माह में कई महत्वपूर्ण पर्व मनाये जाते हैं, जिसमें 'हरियाली तीज', 'रक्षा बन्धन', 'नाग पंचमी' समेत कई त्योहार प्रमुण हैं। भगवान शिव की आराधना का इस माह में विशेष महत्त्व है। सावन माह में पड़ने वाले सोमवार "सावन के सोमवार" कहे जाते हैं, जिनमें स्त्रियां तथा विशेषतौर से कुंवारी युवतियां भगवान शिव के निमित्त व्रत रखती हैं और सुंदर और स्वस्थ वर की कामना करती हैं। शिवजी की पूजा में गंगाजल के उपयोग को विशिष्ट माना जाता है। शिवजी की पूजा आराधना करते समय उनके पूरे परिवार अर्थात् शिवलिंग, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश और उनके वाहन नन्दी की संयुक्त रूप से पूजा की जानी चाहिए। शिवजी के स्नान के लिए गंगाजल का उपयोग किया जाता है। श्रावण मास के प्रथम सोमवार से इस व्रत को शुरू किया जाता है। प्रत्येक सोमवार को गणेशजी, शिवजी, पार्वतीजी की पूजा की जाती है। इस सोमवार व्रत से पुत्रहीन पुत्रवान और निर्धन धर्मवान होते हैं। स्त्री अगर यह व्रत करती है, तो उसके पति की शिवजी रक्षा करते हैं।
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