उत्कटासन : पीठ और कमर दर्द के लिए उत्तम
स्वास्थ्य : उत्कट आसन में शरीर कुर्सी के आकर जैसा होता है। सेहत के लिए उत्कटासन बहुत मददगार होता है। इस आसन को करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती और शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है। यह बहुत आसान योगासन है इसे आसानी से कर सकता है। उत्कटासन योग पीठ दर्द, कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी और फेफड़ों को मजबूत बनाने मे कारगर है। यह आसन शरीर में हार्मोन्स के स्तर को संतुलित करता है। सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और पैरों के बीच थोड़ा फासला रखें। इसके बाद हाथों को सामने की तरफ ऐसे फैलाएं। अब रीढ़ को सीधे रखते हुए नीचे की और झुकें जैसे कुर्सी पर बैठ रहे हो। इस स्थिति में 20 सेकंड रुकें। बैठते समय सांसों को अंदर की और खींचें और उठते समय बाहर छोड़ें। इस आसन को दिन में कभी भी करते रहे हैं। यह ही उत्कटासन योग है।
फायदे -
- उत्कटासन करने से सांस को बाहर लेते और छोड़ते हैं जिसके कारण छाती में शुद्ध हवा का प्रवाह बढ़ जाता है। जिससे फेफड़ों की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं।
- इसके नियमित अभ्यास से पाइल्स की समस्या दूर होती है। पाइल्स की समस्या से ग्रस्त लोग इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
- यह आसन जांघों के आसपास चर्बी को कम करके कूल्हे को सही शेप देता है। इसके नियमित करने से कूल्हों का आकार अच्छा होता है और चर्बी घट जाती है।
- यह आसन रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाता है जिससे हड्डियां सीधी हो जाती हैं इसलिए रीढ़ के लिए कारगर है। जिसके कारण कमर दर्द, पीठ दर्द से छुटकारा मील जाता है।
फायदे -
- उत्कटासन करने से सांस को बाहर लेते और छोड़ते हैं जिसके कारण छाती में शुद्ध हवा का प्रवाह बढ़ जाता है। जिससे फेफड़ों की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं।
- इसके नियमित अभ्यास से पाइल्स की समस्या दूर होती है। पाइल्स की समस्या से ग्रस्त लोग इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
- यह आसन जांघों के आसपास चर्बी को कम करके कूल्हे को सही शेप देता है। इसके नियमित करने से कूल्हों का आकार अच्छा होता है और चर्बी घट जाती है।
- यह आसन रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाता है जिससे हड्डियां सीधी हो जाती हैं इसलिए रीढ़ के लिए कारगर है। जिसके कारण कमर दर्द, पीठ दर्द से छुटकारा मील जाता है।
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