संदेश

स्वास्थ्य लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

स्वस्थ शरीर में ही होता है स्वस्थ मन

चित्र
स्वास्थ्य : गर्मियों का महीना शुरू होते ही तेज हवाओं और धूप के चलते शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है, इसलिये गर्मी में पूरी सावधानी रखने की जरूरत है तभी मन और शरीर स्वस्थ रहेगा। तेज धूप से लोगों में लू लग जाता है। सिर में भारीपन व दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह सूखना, चक्कर, उल्टी होना, शरीर का तापमान बढऩा, प्यास अधिक लगना तथा पेशाब कम आना आदि लू के लक्षण हैं। लू से बचाव के उपाय-बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर न जायें, पानी अधिक मात्रा में पियें, धूप में निकलने से पहले सूती कपड़ों से सिर व कानों को अच्छी तरह से ढक लें, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पियें और उल्टी, सिर दर्द  तेज बुखार की दशा में निकटतम अस्पताल में जाकर जरूरी सलाह लें। लू लगने पर किया जाने वाला प्रारम्भिक उपचार-बुखार पीडि़त व्यक्ति के सिर पर ठण्डे पानी की पट्टी लगायें, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलायें जैसे कच्चे आम का बना जलजीरा, ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए, पीड़ि़त व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देना चाहिए व पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले ज...

कच्चे पपीते का सेवन दूर भगाता है कब्ज और मधुमेह

चित्र
स्वास्थ्य : फल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन कच्चा पपीता शरीर के लिए बहुत ज्यादा सेहतमंद है। इसे हमेशा खाने की आदत डाल लें तो पेट से संबन्धित सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं। कच्चे पपीते में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है। कच्चे पपीते का लगातार सेवन से वजन काम करने में भी मदद मिलती है। इसके सेवन से अगर आप मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हैं तो कच्चा पपीता खाइए। कच्चे पपीते का जूस पीने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है।

रोजाना दूध के सेवन से नहीं होता है क्रॉनिक डिजीज!

चित्र
स्वास्थ्य : आहार में शामिल करने को आयुर्वेद से लेकर मॉर्डन मेडिकल से जुड़े डॉक्टर्स भी दूध को अहम मानते हैं। इससे हड्डियां तो मजबूत होती ही हैं, साथ ही मसल्स को हुए नुकसान को ठीक करने, रेड ब्लड सेल्स को हेल्दी बनाए रखने जैसे फायदे भी होते हैं। अब दूध का एक और फायदा सामने आया है। वॉशिंगटन में हुई स्टडी के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति रोज दूध पीता है तो उसे क्रॉनिक डिजीज (लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों) से खुद का बचाव करने में मदद मिलती है। इस स्टडी को अडवांस इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। प्रेग्नेंसी के दौरान दूध पीने का बच्चे के जन्म के समय हेल्दी वेट, बोन मिनरल और लंबाई पर सकारात्मक असर होता है। इसी तरह रोजाना दूध को आहार का हिस्सा बनाने पर बुजुर्गों को शारीरिक कमजोरी और मसल्स के कमजोर होने की स्थिति से बचाया जा सकता है। दूध के सेहत और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों जैसे दिल की बीमारी, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, ब्लैडर कैंसर और टाइप 2 पर असर पर मौजूद ग्लोबल साइंटिफिक लिटरेचर को रिव्यू किया गया। इसके साथ ही इस स्टडी में दूध और मिल्क बेस्ड प्रॉडक्ट्स का ग्रोथ, बोन मिनरल डेंसिट...

त्वचा को जवां रखने में सहायक है पुदीना

चित्र
स्वास्थ्य : पुदीना सेहत के लिए तो फायदेमंद है ही यह आपकी स्किन के लिए भी पावरफुल हीलर का काम करता है। जब शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है तो आपकी स्किन टाइट और हेल्दी रहती है। पुदीने का इस्तेमाल कर आप अपनी स्किन को सही पोषक तत्व देते हैं जिससे आपकी स्किन पर झुर्रियां और बारीक रेखाएं दिखना कम हो जाती हैं और चेहरे पर एजिंग यानी उम्र के निशान नहीं दिखते। पुदीना ऐंटिऑक्सिडेंट्स का भी बेहतरीन सोर्स है जो फ्री रैडिकल डैमेज को कंट्रोल कर स्किन को जवां बनाए रखता है। खूबसूरत-बेदाग स्किन चाहिए तो आर्टिफिशल प्रॉडक्ट्स की जगह पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल करें। पुदीने की कुछ पत्तियों को अच्छे से क्रश कर लें और फिर उसमें गुलाब जल मिलाएं। इसमें थोड़ा सा बेसन डालकर पेस्ट बनाएं और इस फेस पैक को चेहरे पर करीब 30 मिनट तक लगाए रखें। फिर पानी से धो लें। पुदीने के इस फेस पैक की मदद से स्किन को ऑइल फ्री रखने में मदद मिलेगी जिससे ऐक्ने यानी मुंहासे होंगे दूर। क्या आप भी अपनी ड्राई स्किन की समस्या से परेशान हैं और बार-बार मॉइश्चराइजर लगाना पड़ता है? अगर हां तो केमिकल बेस्ड मॉइश्चराइजर यूज करने की बज...

मुंह और दांतों को सही से साफ करना जरूरी, नहीं तो हो सकती है गम्भीर बीमारी

चित्र
स्वास्थ्य : यूके के बेल्फास्ट स्थित क्वीन्स यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने यूके 4 लाख 70 हजार लोगों पर एक स्टडी की और उनसे एकत्र किए गए डेटा की जांच की गई। इस स्टडी में ऑरल हेल्थ कंडिशन और पेट से जुड़े कई तरह के कैंसर जिसमें लिवर कैंसर, रेक्टम कैंसर और पैन्क्रिआटिक कैंसर के रिस्क के बीच क्या कनेक्शन है, यह जानने की कोशिश की गई। स्टडी में पता चला कि मुंह से जुड़ी कॉमन समस्याएं जैसे मुंह के छाले, मसूड़ों से खून आना और ढीले दांत जैसी समस्याओं और कैंसर रिस्क के बीच रिलेशन है। हालांकि पेट से जुड़े बाकी कैंसर और खराब ऑरल हेल्थ के बीच कोई अहम लिंक नहीं मिला लेकिन हेपाटोबाइलरी कैंसर और ऑरल हेल्थ के बीच अहम लिंक नजर आया। इतना ही नहीं, मुंह के खराब स्वास्थ्य की वजह से सिर्फ कैंसर ही नहीं बल्कि हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और डायबीटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। 6 साल तक इस स्टडी का फॉलोअप किया गया जिसमें यह बात सामने आयी कि स्टडी में शामिल 4 लाख 70 हजार पार्टिसिपेंट्स में से 4 हजार 69 लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर पाया गया। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 प्रतिशत लोगों में खराब...

अटैक के बाद हार्ट को फिर दुरुस्त कर सकता है विटामिन ई : रिसर्च

चित्र
स्वास्थ्य : हार्ट अटैक के बाद हार्ट मसल्स काफी कमजोर हो जाती हैं। एक रिसर्च के अनुसार हार्ट अटैक से मांस-पेसियों में होने वाले नुकसान से बचा सकता है। यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया के बेकर हार्ट ऐंड डायबीटीज इंस्टिट्यूट में किया गया है। रिसर्चर पीटर का कहना है कि विटमिन ई के ऐंटी-ऑक्सिडेंट और ऐंटी-इनफ्लेमेटरी गुणों की वजह से यह हार्ट की मांस-पेसियों के लिए फायदेमंद है। अभी यह रिसर्च चूहों पर की गई है। चूहों को ऐल्फा टोकोफीरोल (विटमिन ई का सबसे तेज प्रकार) दिया गया। इसके बाद उनके हार्ट पर इसका असर देखा गया।इसमें पाया गया कि विटमिन ई देने के बाद चूहों का हार्ट फंक्शन काफी बढ़ गया। इसमें खराब हो चुके टिशू को भी ठीक करने की भी क्षमता है। अब रिसर्चर्स इंसानों पर यह रिसर्च करने का प्लान कर रहे हैं। एक रिसर्चर ने बताया है कि फिलहाल ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जिससे हार्ट अटैक के बाद डैमेज हुए टिशू को ठीक किया जा सके। ऐसे में इस रिसर्च के बाद कार्डियॉलजिस्ट्स में नई उम्मीद जगी है।

एनिमिया से भी फैलता है डेंगू, भोजन में ले भरपूर आयरन!

चित्र
स्वास्थ्य : डेंगू से बचने के लिए  सरकार ने जागरूकता अभियान चलाए हैं। अब एक रिसर्च से पता चला है कि खाने में भरपूर आयरन खाने से भी आप डेंगू का खतरा कम कर सकते हैं। आयरन की कमी यानी अनीमिया पीडि़त लोगों में डेगू वाइरस फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। चीन में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों के खून में आयरन की कमी होती है, उनमें डेंगू वायरस ज्यादा फैलता है। इस रिसर्च के लिए स्वस्थ लोगों के खून के सैंपल्स लिए गए। इसके बाद हर सैंपल में डेंगू वायरस मिलाया गया और मच्छरों को इसे दिया गया। इसके बाद इस बात की जांच की गई कि हर सैंपल में से कितने मच्छरों में डेंगू वायरस फैला।इनकी संख्या बिल्कुल अलग-अलग थी। लेकिन इसका संबंध आयरन से देखा गया। 'नेचर माइक्रोबायॉलजी' में छपी इस रिसर्च के अनुसार ज्यादा आयरन वाला खून पीने वाले मच्छरों में कम डेंगू फैला। इसके बाद यही परिणाम चूहों पर भी सही साबित हुए। कुछ चूहे जिनमें डेंगू वायरस था, उन्हें मच्छरों से कटवाया गया। जिन चूहों में खून की कमी थी, उनको काटने वाले मच्छरों में डेंगू वायरस ज्यादा पाया गया।दरअसल, इसकी वजह खुद मच्छरों का इम्यून सिस्टम...

अश्वगंधा : वजन कम करने से लेकर अनिद्रा दूर करने तक कई बेहतरीन फायदे

चित्र
स्वास्थ्य : चमत्कारी गुणों वाली औषधि है अश्वगंधा, जो शरीर को कई फायदे देती है। यह दिमाग और मन को भी स्वस्थ रखती है। आयुर्वेद में अश्वगंधा का विशेष स्थान है, इसे भारत में कई स्थानों पर भारतीय गिनसेंग भी कहा जाता है। इसकी जड़ों का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। वजन कम करने में भी अश्वगंधा काफी असरदार है। बाजार में उपलब्ध अश्वगंधा कैप्सूल के अलावा इसकी सूखी पत्तियों का पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें शहद को मिला सकते हैं। अश्वगंधा का नियमित सेवन हाई बीपी में कमी लाता है। ऐसे में लो ब्लड प्रेशर वाले व्यक्तियों को इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है। जिन्हें गहरी नींद नहीं आती उन्हें अश्वगंधा का खीर पाक खाना चाहिए। अश्वगंधा स्वाभाविक नींद लाने की दवा की तरह काम करता है। मिश्री और थोड़ी सोंठ व अश्वगंधा चूर्ण को बराबर अनुपात में मिलाकर गर्म पानी के साथ लें। पेट से जुड़ी परेशानियों में फायदा होगा। खांसी ठीक करने की यह रामबाण औषधि है। इसका चूर्ण गर्म दूध के साथ खाने से खांसी और अस्थमा में आराम मिलता है। इसका चूर्ण कॉ...

इस मसाज से दूर होगा साइनस का दर्द

चित्र
स्वास्थ्य : साइनसाइटस का दर्द इससे जूझने वाले लोग ही समझ सकते हैं। जरा सी सर्दी-जुकाम से भी मरीज बेहद परेशान हो जाता है। सिरदर्द, खांसी, बुखार और सूजन से हाल बेहाल हो जाता है। साइनसाइटस एक ऐसी कंडीशन है जिसमें ठंड या ऐलर्जी की वजह से साइनस में सूजन आ जाती है। कई लोग इस दर्द से राहत के लिए दवा लेते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ खास मसाज हैं जिसके जरिए आप दर्द से आराम पा सकते हैं। साइनसाइटस के दर्द से मसाज आसानी से आराम दिला सकता है। इसके लिए आपको कुछ विशेष पॉइंट्स पर मसाज करने की जरूरत होती है। हमारे शरीर में साइनस की 4 जोडिय़ां होती हैं। यह चेहरे के अलग-अलग हिस्से में होते हैं। इनपर मसाज करना आपको दर्द और कंजेशन से आराम दिला सकता है। फ्रंटल साइनस पॉइंट माथे के बीच में होता है। दोनों हाथों के इंडेक्स फिंगर और मिडिल फिंगर को माथे के दोनों साइड आइब्रो के ऊपर रखें और 30 सेकंड तक बाहर की ओर गोल बनाते हुए मसाज करें। मैक्सिलरी साइनस चारों साइनस में सबसे बड़ा होता है। यह आपके नाक के ठीक बगल में चीक बोन्स के नीचे और जॉ लाइन के ऊपर होता है। अपने इंडेक्स फिंगर और मिडिल फिंगर से इस हिस्से पर उसी तर...

निमोनिया से बचाएंगे सेब-संतरे जैसे फल

चित्र
स्वास्थ्य : विटमिन सी युक्त फल निमोनिया के बैक्टीरिया से लडऩे के लिए शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। बता दें कि संतरा, सेब, नींबू, अमरूद जैसे फल विटमिन सी से भरपूर होते हैं। रिसर्च में पता चला है कि बैक्टीरिया हाइड्रोजन पैरोक्साइड की मदद से इम्यून सिस्टम कमजोर करते हैं और निमोनिया का कारण बनते हैं। हाइड्रोजन पैराऑक्साइड को ब्लीचिंग एजेंट भी कहते हैं। इसे दांतों की सफाई, स्टेन रिमूवर और डिसइनफेक्टेंट की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। लीड रिसर्चर का कहना है कि शरीर बैक्टीरिया से लडऩे के लिए हाइड्रोजन पैरोक्साइड बनाता है। हैरानी वाली बात यह है कि कुछ बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम पर हमला करने के लिए भी इसी कंपाउंड को बनाते हैं। ऐसे में इनसे लडऩे के लिए कुछ ऐसा चाहिए जो इसे न्यूट्रलाइज कर दे। फलों में मौजूद विटमिन सी इसके लिए सबसे कारगर हथियार हो सकता है। विटमिन सी से ऐंटी-बैक्टीरियल इम्यूनिटी बढ़ेगी। इस रिसर्च में प्रमुख रूप से निमोनिया के बैक्टीरिया पर अध्ययन किया गया। निमोनिया के बैक्टीरिया हाइड्रोजन पैरोक्साइड बनाकर इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देते हैं।

शाम का व्यायाम सुबह की कसरत जितना लाभकारी

चित्र
स्वास्थ्य : शोधकर्ताओं ने पाया है कि शाम का व्यायाम सुबह की कसरत के समान ही लाभकारी है. सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि व्यायाम का प्रभाव दिन के अलग-अलग समय के आधार पर भिन्न हो सकता है. डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर जोनास थ्यू ट्रीबक ने कहा, सुबह और शाम को किए गए व्यायाम के प्रभाव के बीच महत्वपूर्ण अंतर दिखाई देते हैं और ये अंतर संभवत: शरीर के सर्केडियन क्लॉक द्वारा नियंत्रित होते हैं. ट्रीबक ने कहा, शाम का व्यायाम, समय की विस्तारित अवधि के लिए पूरे शरीर के ऊर्जा व्यय को बढ़ाता है. रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों की जांच की और पाया कि सुबह व्यायाम करने से चूहों के कंकाल की मांसपेशियों में मेटाबॉलिक रिस्पॉन्स बढ़ जाता है, जबकि दिन में बाद में व्यायाम करने से समय की एक विस्तारित अवधि के लिए ऊर्जा व्यय बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने मांसपेशियों की कोशिकाओं में कई प्रभावों को मापा है, जिसमें ट्रांसक्रिप्शनल प्रतिक्रिया और मेटाबोलाइट्स पर प्रभाव शामिल हैं. रिसर्च के नतीजों में पाया गया कि सुबह व्यायाम करने के बाद दोनों क्षेत्रों में ...

वायरल फीवर को मात देंगे ये 5 रामबाण घरेलू नुस्खे

चित्र
स्वास्थ्य : इस मौसम में वायरल फीवर का डर ज्यादा रहता है। इससे बचाव के 5 रामबाण घरेलू नुस्‍खे, लेकिन उससे पहले जानते हैं वायरल फीवर के लक्षण -  वायरल फीवर होने पर गले में दर्द, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना, माथे का बहुत तेज गर्म होना, खांसी, थकान, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वायरल फीवर के नाम से ही समझा जा सकता है कि ये एक व्यक्ति से दूसरे को भी हो सकता है।  सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर और अदरक में होते है फीवर को ठीक करने वाले गुण। इसलिए एक चम्मच काली मिर्च के चूर्ण में एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच सौंठ का चूर्ण और थोड़ी सी चीनी मिलाएं। अब इसे एक कप पानी में डालकर गर्म करें, फिर ठंडा करके पिएं। इससे वायरल फीवर खत्म होने में मदद मिलेगी।  तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं। इसलिए एक चम्मच लौंग के चूर्ण में 10-15 तुलसी के ताजे पत्तों को मिलाएं। अब इसे 1 लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न हो जाए। अब इसे छानें और ठंडा करके हर 1 घंटे में पिएं। ऐसा करने से वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा। धनिय...

शरीर का वजन घटाने के लिए बेहतर है ऐरोबिक्स

चित्र
स्वास्थ्य : अगर आप भी तेजी से वजन घटाना चाहते हैं लेकिन आपके पास जिम जाने का टाइम नहीं है तो ऐरोबिक्स आपके बहुत काम आ सकता है। ऐरोबिक्स एक्सर्साइज करने से न सिर्फ आपका दिल हेल्दी रहता है बल्कि शरीर में बेहतर तरीके से ऑक्सिजन पहुंचाने में भी मदद मिलती है। ऐरोबिक्स से वजन तो घटता ही है साथ ही डायबीटीज की वजह से होने वाली किडनी की बीमारी ठीक करने में भी मदद करती है ऐरोबिक्स। — डांसिंग वेट लॉस और एक्सर्साइज का सबसे मजेदार और मस्ती भरा तरीका है। डांस करने से शरीर की सभी मांसपेशियां ऐक्टिव रहती हैं, पसीना निकलता है और वेट लॉस के साथ-साथ आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रहते हैं। आप चाहें तो कंटेम्प्ररी डांस, वेस्टर्न डांस, भांगड़ा कुछ भी कर सकते हैं। — डांसिंग का ही एक फॉर्म है जुम्बा लेकिन यह ऐरोबिक्स, डांस और एक्सर्साइज का स्पेशलाइज्ड फॉर्म है जिसमें शरीर के खास हिस्सों के लिए टार्गेटेड, स्पेसेफिक और असरदार एक्सर्साइज बनायी जाती है ताकि वजन घटाने में मदद मिल सके। — बचपन में हर वक्त उछलना-कूदना किसे अच्छा नहीं लगता। ये हम सबका फेवरिट चाइलहुड एक्सर्साइज होता है लेकिन बड़े होने के साथ...

2 केले प्रतिदिन खाने से कंट्रोल में रहेगा ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस

चित्र
स्वास्थ्य : केला सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। एक केले में आपके विटमिन बी6 की दैनिक आवश्यकता का 20 प्रतिशत जबकि विटमिन सी के दैनिक जरूरत का 15 प्रतिशत हिस्सा होता है। यह आपके शरीर को इंसुलिन, हीमॉग्लोबिन और अमीनो ऐसिड बनाने में मदद करता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। रोजाना 2 केले खाने से शरीर का रक्तचाप नियंत्रित रहता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि केले में करीब 420 मिलीग्राम पोटैशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है और कोलेजन का उत्पादन करता है। केले में मौजूद पोटैशियम मांसपेशियों को ऐंठन से बचाता है। कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। केले में ट्रिप्टोफैन होता है, जो हमारे शरीर को सेरोटोनिन प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है। एक केले में लगभग 27 मिलीग्राम मैग्नीशियम होता है। यह खनिज अच्छा मूड और अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है। केला आसानी से पच जाता है। गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को परेशान नहीं करता। केले में मौजूद प्रतिरोधी स्टार्च पचता नहीं है और बड़ी आंत ...

खतरनाक एक्जिमा के लिए अपनाएं घरेलू उपाय

चित्र
स्वास्थ्य : लोगों को अक्सर एक्जिमा की शिकायत रहती है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और घरेलू उपाय से एक्जिमा को नष्ट किया जा सकता है। एक्जिमा स्किन से संबंधित रोग है, इससे ग्रस्त व्यक्ति को त्वचा पर रैशेज आना, लगातार खुजली और जलन होने की परेशानी होती है। कई बार तो त्वचा पर गंभीर घाव भी हो जाते हैं। एलोवेरा त्वचा को ताजगी देने का सबसे बढ़िया इलाज है। एक्जिमा के कारण हो रहे त्वचा के सूखेपन को नियंत्रित करने में अद्भुत काम करता है। विटामिन ई के तेल के साथ एलोवेरा मिलाकर लगाने से खुजली को कम करने में मदद मिलेगी। यह त्वचा को पोषण और एक ही समय में सूजन को कम करने में सहायता करेगा। इसके लिए आप एलोवेरा की पत्तियों से जेल निकाल लीजिए और उसमें कैप्सूल से विटामिन ई के तेल को निकाल कर अच्छी तरह से मिला लीजिए। फिर इसे एक्जिमा प्रभावित जगह पर लगाएं और ठंडक के साथ फायदे आप स्वयं महसूस करें।  नीम और नींबौरियों के तेल में दो मुख्य एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड होते हैं। नीम का तेल त्वचा को मॉइश्चराइज करता है, किसी भी दर्द को कम करता है, और संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इसके लिए आप एक चौथाई जैतून...

खांसी के लिए रामबाण है चॉकलेट!

चित्र
स्वास्थ्य : चॉकलेट खांसी के लिए एक कारगर नुस्खा है। हुल विश्वविद्यालय में ह्वदय और श्वसन अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर एलिन मोरिस ने कहा, "चॉकलेट खांसी को रोक सकता है।" प्रोफेसर ने कहा कि अध्ययनों में पाया गया है कि खांसी के मरीज जब चॉकलेट आधारित दवा लेते हैं, तो दो दिन में ही काफी राहत मिलती है। इससे पहले भी दूसरे अध्ययनों में ऎसी बात कही जा चुकी है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शोधार्थियों ने पाया कि कोकोआ में पाया जाने वाला एक अल्केलॉइड थियोब्रोमिन खांसी को कोडीन से बेहतर तरीके से रोक सकता है। कोडीन खांसी की दवा में पाया जाने वाला एक आम यौगिक है। आखिर खांसी में चॉकलेट से आराम क्यों मिलता है। शोधार्थियों का दावा है कि कोकोआ का गुण शांति देने वाला या स्त्रिग्धकारी होता है। इसका मतलब यह है कि यह सूजन और खरास में आराम पहुंचाता है। खास तौर से इसका कारण यह है कि यह कफ सीरप की तुलना में अधिक अच्छी तरह से चिपकता है और बेहतर लेप का काम करता है, जिससे कंठ में नस की सिरा को सुरक्षा मिलती है। यह सिरा ही हमें खांसने के लिए मजबूर करता है। 

खतरनाक बीमारी अल्जाइमर से रहें सावधान

चित्र
स्वास्थ्य : नियमित तौर पर व्यायाम करने से अल्जाइमर के आनुवांशिक खतरे को भी कम करने में मदद मिलती है। अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नियमित व्यायाम की मदद से ऐसे लोग भी खतरे को कम कर सकते हैं, जिनमें आनुवांशिक कारणों से पहले से ही अल्जाइमर की आशंका रहती है। अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने अलग-अलग वर्ग और आनुवांशिक स्थिति वाले लोगों को शामिल किया। शोधकर्ता ओजिओमा ओकोंक्वो ने कहा, ‘हमें यह प्रमाण मिला है कि शारीरिक सक्रियता के जरिये ऐसे खतरों से भी बचा जा सकता है, जिनके बारे में धारणा थी कि इनसे बचना संभव नहीं है। अल्जाइमर का आनुवांशिक खतरा इसी श्रेणी में आता है। व्यायाम ऐसे खतरे को कम करने में भी सक्षम है।’ अल्जाइमर्स डिजीज डिमेंशिया का ही एक प्रकार है। डिमेंशिया की तरह अल्जाइमर्स में भी मरीज को किसी भी वस्तु, व्यक्ति या घटना को याद रखने में परेशानी महसूस होती है और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में भी दिक्कत महसूस होती है। आइए जानते हैं इस मर्ज के विभिन्न पहलुओं के बारे में। अल्जाइमर भूलने की बीमारी है। इसके लक्षण...

मेरुदंडासन से शांत रहता है मन और मस्तिष्क

चित्र
स्वास्थ्य : मेरुदंडासन योग मन और मस्तिष्क के लिए काफी लाभकारी होता है। मेरुदंडासन योग रीढ़ की हड्डी के लिए हैं जो रीढ़ के हड्डी को सीधा रख कर किया जाता हैं। इस आसन को नियमित करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। मेरुदंडासन योग करने से मन शांत रखता है साथ ही तनाव दूर होता हैं।  सबसे पहले मेरुदंडासन करने के लिए समतल जगह पर कुछ बिछा कर उस पर दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। अब सीधे दंडासन योग की मुद्रा में बैठे। अब रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा रखें और दोनों हाथों को दोनों पैरों की जांघों पर रखें। अब दोनों पैरों को एक-दुसरे से दूर करके फैला लें और आगे की ओर झुक कर दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को पकड़ लें। इसके बाद रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा करें और दोनों पैरों को ऊपर की और उठा लें। अब पैरों के अंगूठों को पकड़ें हुए अपने दोनों हाथों को फर्श के समान्तर लें आयें। इस स्थिति में रहते हुए आप गहरी साँस लें। यह प्रक्रिया 5 से 6 बार दोहराएं। यह आसन हड्डी को फुर्तीला और मजबूत बनता है जिससे कमर बदन दर्द नहीं होता। नियमित मेरुदंडासन करने से थाइमस ग्लैंड से पॉज़िटिव हा...

खतरनाक बीमारियों से नवजात को बचाता है मां का दूध

चित्र
स्वास्थ्य : मौजूदा समय में महिलाओं को माँ के दूध के प्रति जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि जानलेवा बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार (2015-16) नवजात बच्चों को दूध पिलाने के मामले में दस सालों में पंजाब में केवल 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था जो निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले काफ़ी कम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 27 जुलाई, 2017 को ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ की शुरुआत की जिसके द्वारा स्टाफ नर्सों की तरफ से माताओं को दूध की महत्ता और अन्य जानकारी मुहैया करवाई जाती है। इस ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ के लागू होने से माँ-बच्चे के स्वास्थ्य सम्बन्धी दी जाने वाली जानकारी में 130 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।  सरकारी आँकड़ों के अनुसार माँ के दूध के फायदे के जानकारी के आभाव में बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। छह महीने तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही देना चाहिए। वहीं माँ के दूध में पर्याप्त मात्रा में पानी होता है इसीलिए बच्चे को अलग से पानी देने की आवश्यकता नहीं है। माँ के दूध में वो सभी पोषक तत्त्व होते हैं जो बच्चों कुपोषण से बचा...

एक्यूप्रेशर पद्धति से दूर करें शारीरिक दर्द

चित्र
स्वास्थ्य : एक्यूप्रेशर एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पॉइंट को दबाकर सेहत की समस्याओं को हल किया जा सकता है। दरअसल ये पॉइंट्स उन स्थानों से आंतरिक रूप से संबंध रखते हैं, जहां आपको समस्या हो रही है। अगर आपको सिरदर्द, तनाव, चक्कर आना, दिमागी असंतुलन या फिर नाक, कान व आंख संबंधी समस्याएं होती हैं, तो कान के पीछे की तरफ जो अंदर झुका हुआ भाग है, उसे दबाने से लाभ होगा। थायराइड की समस्या होने पर दोनों हाथों और दोनों पैरों के अंगूठे के ठीक नीचे ऊपर उठे हुए भाग पर दबाव डालें। इसे झाड़ी की सुई की दिशा में बनाएं और छोड़ दें। ऐसा कुछ समय तक करते रहें।   कोलेस्ट्रॉल, गले की समस्या, हिचकी आना, उल्टी, ब्लडप्रेशर और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं में हाथ का मुड़ने वाला भाग यानि कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने से लाभ होगा। दांत दर्द की समस्या होने पर हथेली को उल्टा करके तर्जनी और अंगूठे के बीच का हिस्सा दबाएं। इसके अलावा आंखों की बाहरी रेखा की सीध में जबड़े पर दो बिंदु हैं जिन्हें दबाने पर लाभ होगा। घुटनों का दर्द, जकड़न, सूजन आदि ...