'गु' शब्द का अर्थ है अंधकार और 'रु' शब्द का अर्थ है प्रकाश



ज्योतिष : इस बार गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई 2019 को है। सनातन संस्कृति में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। शास्त्रों में गुरु को देवी-देवताओं से ऊंचा दर्जा दिया गया है क्योंकि गुरु के बताए मार्ग पर चलने से और गुरु की दी गई शिक्षाओं के पालन करने से व्यक्ति को भगवान की आराधना का फल मिलता है। गुरु की पूजा से परब्रह्म की प्राप्ति होती है। ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन के सार से साक्षात्कार होता है। इसलिए धर्मशास्त्रों में गुरु-शिष्य परंपरा की विशेष महत्ता बताई गई है। शास्त्रों के अनुसार 'गुरु' शब्द में उसका महत्व छिपा हुआ है। 'गु' शब्द का अर्थ है अंधकार और 'रु' शब्द का अर्थ है प्रकाश। यानी गुरु मानव को अंधकार से प्रकाश की और ले जाते हैं। अपने शिष्य के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं और अपने शिष्य के सफल जीवन के लिए उचित मार्गदर्शन करते हैं।
आषाढ़ शुक्ल पक्षेतु पूर्णिमायां गुरौ तथा।।
पूजनीयो विशेषण वस्त्राभरणधेनुभि:।
फलपुष्पादिना सम्यगरत्नकांचन भोजनै:।।
दक्षिणाभि: सुपुष्टाभिर्मत्स्वरूप प्रपूजयेत।
एवं कृते त्वया विप्र मत्स्वरूपस्य दर्शनम्।।

अर्थात् आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को मेरा जन्म दिवस है। इस दिन को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन पूरी आस्था के साथ गुरु को कपड़े, आभूषण, गाय, फल, फूल, रत्न, धन आदि समर्पित कर उनका पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से गुरुदेव में मेरे ही स्वरूप के दर्शन होते हैं।

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