चाणक्य के अनमोल वचन
अनमोल वचन : जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते, जो हमेशा भगवान को याद करते है उनहे पाप नहीं छू सकता. जो मौन रहते हैं वो झगड़ों मे नहीं पड़ते. जो जागृत रहते हैं वो निडर होते हैं. अत्याधिक सुन्दरता के चलते सीताहरण हुआ, अत्यंत घमंड के कारण रावण मारा गया, अत्यधिक दान देने की वजह से राजा बाली को बंधन में बंधना पड़ा, अतः सभी को अति त्यागना चाहिए. जिस प्रकार केवल एक सुखा हुआ जलता वृक्ष सम्पूर्ण वन को जला देता है उसी प्रकार एक ही कुपुत्र सरे कुल के मान, मर्यादा और प्रतिष्ठा को नष्ट कर देता है. विद्वान और सदाचारी एक ही पुत्र के कारण सम्पूर्ण परिवार वैसे ही खुशहाल रहता है जैसे चन्द्रमा के निकालने पर रात्रि जगमगा उठती है. ऐसे अनेक पुत्र किस काम के जो दुःख और निराशा पैदा करें. इससे तो वह एक ही पुत्र अच्छा है जो पूरे घर को सहारा और शांति प्रदान करता है. पांच साल तक पुत्र को लाड, प्यार से पालना चाहिए, दस साल तक उसे छड़ी की मार से डराएं, लेकिन जब वह १६ साल का हो जाए तो उससे मित्र के समान वयवहार करें.
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