हिमालय पर्वत से शुरू होकर भारतीय महासागर तक फैला हुआ ईश्वर निर्मित देश हिंदुस्तान
सुभाषित—
हिमालयं समारभ्य यावत् इंदु सरेावरम् |
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते ||
भावार्थ : हिमालय पर्वत से शुरू होकर भारतीय महासागर तक फैला हुआ ईश्वर निर्मित देश "हिंदुस्तान", यही वह देश है, जहाँ ईश्वर समय-समय पर जन्म लेते हैं और सामाजिक सभ्यता की स्थापना करते हैं।
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् ।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र संततिः ।।
समुद्र के उत्तर और बर्फ के पहाड़ों के दक्षिण में है जिसे ' भारतम' कहते है | और यहाँ पर ‘भरत’ के वंशजों की मौजूदगी के प्रमाण भी मिले हैं।
(भारतवर्ष में आज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन,ईरान,ताजिकिस्तान, उज्वेकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान, तिब्बत, नेपाल और बांग्लादेश सभी सम्मिलित थे|)
हिमालयं समारभ्य यावत् इंदु सरेावरम् |
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते ||
भावार्थ : हिमालय पर्वत से शुरू होकर भारतीय महासागर तक फैला हुआ ईश्वर निर्मित देश "हिंदुस्तान", यही वह देश है, जहाँ ईश्वर समय-समय पर जन्म लेते हैं और सामाजिक सभ्यता की स्थापना करते हैं।
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् ।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र संततिः ।।
समुद्र के उत्तर और बर्फ के पहाड़ों के दक्षिण में है जिसे ' भारतम' कहते है | और यहाँ पर ‘भरत’ के वंशजों की मौजूदगी के प्रमाण भी मिले हैं।
(भारतवर्ष में आज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन,ईरान,ताजिकिस्तान, उज्वेकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान, तिब्बत, नेपाल और बांग्लादेश सभी सम्मिलित थे|)
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