शनिदेव से डरें नहीं बल्कि प्रेम करें
ज्योतिष : शनिदेव को सूर्यपुत्र कहा जाता है। शनिदेव से डरें नहीं बल्कि प्रेम करें। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि मंत्र सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती हो या फिर ढैया सबके लिए शनि-मंत्र रामबाण उपाय है। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए पुराणों में बहुत सारे उपाय बताए गए हैं लेकिन जो शक्ति शनि मंत्र है वह अन्य किसी उपाय में नहीं है। शनि दोष की शांति के लिए करें इन मंत्रों का जाप—
वैदिक शनि मंत्र
"ऊँ शन्नोदेवीर भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः"
पौराणिक शनि मंत्र
"ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि स्तोत्र
नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते।। नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।। नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च।।
वैदिक शनि मंत्र
"ऊँ शन्नोदेवीर भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः"
पौराणिक शनि मंत्र
"ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि स्तोत्र
नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते।। नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।। नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च।।
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