कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर निवास करेंगे हनुमान
आस्था : पुराणों में कहा गया है कि जब भगवान विष्णु राम के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए तब सभी देवों ने राम का साथ देने के लिए यतन करने लगे कि कैसे और किस रूप में प्रभु राम के धर्म कार्य को सफल बनाया जाय एवं सहायता की जाय। तब शंकर भगवान ने कहा कि मैं तो जा रहा हूं पृथ्वी पर हनुमान के रूप में और इसी कारण कहा जाता है कि हनुमान भगवान शिव के अवतार हैं। 13 वीं शताब्दी में माधवाचार्य, 16 वीं शताब्दी में तुलसीदास, 17 वीं शताब्दी में राघवेंद्र स्वामी तथा 20 वीं शताब्दी में रामदास दावा करते हैं कि इन्हें हनुमान जी के सक्षात दर्शन हुए। ग्रंथों और पुराणों में यह बताया गया है की हनुमान इस पृथ्वी में कलयुग के अंत होने तक निवास करेंगे। हनुमान सहित परशुराम, अश्वत्थामा, विश्वामित्र, विभीषण और राजा बलि सभी सार्वजनिक रूप से इस धरती पर उस समय प्रकट होंगे जब भगवान विष्णु यहाँ धरती पर कल्कि के अवतार में जन्म लेंगे।
कलियुग में हनुमान जी, भैरव, काली और माता अम्बा को जागृत देव माना गया है, इनका ध्यान करने मात्र से ही ये तुरंत सक्रिय हो जाते हैं. इसलिए जितने जल्दी यह प्रसन्न होते हैं उतने जल्दी ही यदि इनका किसी तरह से अपमान हो जाए तो, क्रोधित भी होते हैं।हो जाते है। इतने शक्तिशाली होने के बावजूद हनुमान ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पित हैं, राम के प्रति हमेशा सेवा भाव रहा। वैसे हनुमान जी ने कई गुरुओं से शिक्षा ग्रहण की थी जैसे सूर्य, नारद मुनि, लेकिन इनके अलावा मातंग ऋषि से भी हनुमान ने शिक्षा ग्रहण की थी। ऋषि मातंग सबरी के भी गुरु थे और ऐसा माना जाता है की हनुमान जी का जन्म भी ऋषि मातंग के आश्रम में हुआ था।
कलियुग में हनुमान जी, भैरव, काली और माता अम्बा को जागृत देव माना गया है, इनका ध्यान करने मात्र से ही ये तुरंत सक्रिय हो जाते हैं. इसलिए जितने जल्दी यह प्रसन्न होते हैं उतने जल्दी ही यदि इनका किसी तरह से अपमान हो जाए तो, क्रोधित भी होते हैं।हो जाते है। इतने शक्तिशाली होने के बावजूद हनुमान ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पित हैं, राम के प्रति हमेशा सेवा भाव रहा। वैसे हनुमान जी ने कई गुरुओं से शिक्षा ग्रहण की थी जैसे सूर्य, नारद मुनि, लेकिन इनके अलावा मातंग ऋषि से भी हनुमान ने शिक्षा ग्रहण की थी। ऋषि मातंग सबरी के भी गुरु थे और ऐसा माना जाता है की हनुमान जी का जन्म भी ऋषि मातंग के आश्रम में हुआ था।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें