तीस साल बाद तीन राशियों में होगा बड़ा बदलाव

ज्योतिष। 29 अप्रैल 2022 को न्याय के देवता शनिदेव भी अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। बता दें कि शनिदेव कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। कुंभ शनिदेव की स्वराशि मानी जाती है। कुंभ लग्न एवं कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव शुभ फल ही प्रदान करते हैं क्योंकि व्यय के कारक होने के साथ-साथ लग्न के भी कारक ग्रह हैं ऐसे में शुभ फल ही प्रदान करेंगे। शनि देव अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचरीय संचरण करते हुए अपने प्रभाव में संपूर्णता प्रदान करेंगे। शनिग्रह बहुत ही धीमी चाल से भ्रमण करते हैं। और इन्हें एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने में  30 माह का समय लग जाता है। उस लिहाज से शनि अपनी ही राशि कुंभ में 30 साल बाद गोचर करने जा रहे हैं। शनिदेव को न्ययाधीश का पद मिला हुआ है।

मेष राशि: 29 अप्रैल से मेष राशि के जातकों के अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं। शनि ग्रह दशम भाव के स्वामी माने जाते हैं, इसलिए इस समय करियर में अच्छी उन्नती मिलने की संभावना है। नई नौकरी का मौका मिल सकता है। साथ ही, कोई यात्रा कर सकते हैं। इस दौरान धन की प्राप्ति होगी।

वृष राशि : शनि ग्रह इस राशि के दशम स्थान पर गोचर करेंगे। ये कार्यक्षेत्र और नौकरी का स्थान माना जाता है। इसलिए इस अवधि में बिजनेस में फायदा हो सकता है। करियर में अच्छी ग्रोथ मिल सकती है। व्यापार करने का यह समय उत्तम है।

धनु राशि : शनि गोचर करते ही इस राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही, तरक्की के नए अवसर प्राप्त होंगे। शनि इस राशि के तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसलिए इस दौरान पराक्रम में वृद्धि की संभावना है। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान मिलेगा।

बता दें कि 12 जुलाई 2022 को शनि फिर से मकर राशि में आ जाएंगे जहां ये 17 जनवरी 2023 तक विराजमान रहेंगे। यानी मिथुन और तुला राशि के जातक फिर से शनि की ढैय्या में आ जाएंगे। ये दोनों राशियां 17 जनवरी 2023 को पूर्ण रूप से शनि की ढैय्या से मुक्त होंगी। शनि के अशुभ परिणाम होने पर नित्य सायं शनि मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें। अगर कष्ट ज्यादा हो तो शनिवार को छाया दान भी करें। भोजन में सरसों के तेल, काले चने और गु? का प्रयोग करें। इसके अलावा, अपना आचरण और व्यवहार उत्तम बनाए रखें।

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