खंडग्रास चंद्रग्रहण, क्या है स्पर्श और मोक्ष काल
ज्योतिष : युगाब्ध 5121 और विक्रम संवत 2076 का दूसरा और भारत में दृश्यमान होने वाला पहला ग्रहण दिनांक 16 जुलाई 2019, आषाढ़ सुदी पूर्णिमा को होगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा जो संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण धनु व मकर राशि पर होगा। भारत के अतिरिक्त यह खंडग्रास चंद्रग्रहण ईरान, अफ़गानिस्तान, टर्की, पाकिस्तान, सउदी अरब के साथ-साथ दक्षिण अफ़्रीका में भी दृश्यमान रहेगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण का 16 जुलाई को दोपहर 4 बजकर 32 मिनट से मान्य होगा। ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1 बजकर 32 मिनट पर होगा एवं ग्रहण का मोक्ष काल प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर होगा।
ग्रहणकाल में स्पर्श- रात्रि - 1:30 मिनट पर, मोक्ष- प्रात: - 4:30 मिनट पर
खंडग्रास चंद्रग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर रहेगा। चूंकि यह ग्रहण धनु व मकर राशि पर मान्य है अत: इन राशियों के जातकों को ग्रहण का दर्शन करना निषिद्ध रहेगा। कर्क, तुला, कुम्भ, मीन राशि के लिए शुभदायक, मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक के लिए मध्यम फलप्रद और वृषभ, कन्या, धनु व मकर राशियों के लिए खंडग्रास चंद्रग्रहण अशुभ रहेगा।
ग्रहणकाल में स्पर्श- रात्रि - 1:30 मिनट पर, मोक्ष- प्रात: - 4:30 मिनट पर
खंडग्रास चंद्रग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर रहेगा। चूंकि यह ग्रहण धनु व मकर राशि पर मान्य है अत: इन राशियों के जातकों को ग्रहण का दर्शन करना निषिद्ध रहेगा। कर्क, तुला, कुम्भ, मीन राशि के लिए शुभदायक, मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक के लिए मध्यम फलप्रद और वृषभ, कन्या, धनु व मकर राशियों के लिए खंडग्रास चंद्रग्रहण अशुभ रहेगा।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें