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हमारा पालन व पोषण करती है प्रकृति

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विचार। प्रकृति एक प्राकृतिक पर्यावरण है जो हमारे आसपास है, हमारा ध्यान देती है और हर पल हमारा पालन-पोषण करती है। प्रकृति हमारे चारों तरफ एक सुरक्षात्मक कवच प्रदान करती है जो हमें नुकसान से बचाती है। हवा, पानी, जमीन, आग, आकाश आदि जैसी प्रकृति के बिना हम लोग इस काबिल नहीं हैं कि पृथ्वी पर रह सकें। यही कारण है कि धरती के आसपास के क्षेत्र ब्रहृमांड को भगवान का दर्जा दिया गया है। भगवान यानि ईश्चर यानि निराकार, जिसका कोई आकार नहीं है। प्रकृति को ही भगवान कहा जा सकता है। भ—भूमि ग—गगन वा—वायु न—नभ बता दें कि ईश्वर के कई साकार रूप हैं। सभी साकार रूप निराकार में ही सम्मिलित हो जाता है। प्रकृति के अन्दर वायु, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियाँ, सरोवर, झरने, समुद्र, जंगल, पहाड़, खनिज आदि और न जाने कितने प्राकृतिक संसाधन आते हैं। इन सभी से हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी, भोजन आदि जो जीवन के लिए नितान्त आवश्यक हैं, उपलब्ध होते हैं। प्रकृति से हमें जीवन जीने की उमंग मिलती है। प्रकृति के साथ रहने वालों की याददाश्त तेज रहती है, आम आदमी की अपेक्षा तनावरहित रहते हैं। प्रकृति एक...

शिवसेना कार्यकर्ताओं को लुभाने की कोशिश

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विचार। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने 22 से अधिक दिन बीत चुके हैं लेकिन वहां का राजनीतिक मुद्दा एकदम गरम है। राजनीतिक मात से बिलबिलाये ठाकरे परिवार के साथ-साथ संजय राउत इधर-उधर बयान देते देखे जा रहे हैं। शिवसेना को बचाने के लिए पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे शिव संवाद यात्रा निकाल रहे हैं। आदित्य ठाकरे की यह यात्रा आज यानि शुक्रवार को नासिक जिले के मनमाड पहुंची, जहां उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना से गद्दारी करने वाले हमसे सवाल पूछने की बातें कर रहे हैं, लेकिन वे इस लायक नहीं हैं। गद्दारों को तो खुद यह बताना चाहिए कि उन्होंने पीठ में खंजर भोंकने का काम क्यों किया। बालासाहेब ठाकरे की विरासत के साथ धोखा क्यों किया। ऐसे बयान निहायत ही बचकाने और तथ्यहीन इसलिये हैं क्योंकि धोखेबाज कौन है, विश्वासघाती कौन है यह महाराष्ट्र के साथ पूरा देश जानता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो व भाजपा के सहारे जीत हासिल करने वाले शिवसेना के उद्धव ठाकरे, आदित्य और संजय राउत ने कैसे भाजपा को धोखा देकर घोर विरोधी कांगे्रस और लोकतांत्रिक कांग्रेस से सत्ता के लिये हाथ मिला लिया।...

सोनिया गांधी ने कहा-पूंछो कितने सवाल पूछने हैं!

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विचार। देश को तबाह करने वाली कांग्रेस पार्टी को भारतीय जनता पार्टी अच्छे से सबक सिखा रही है, लेकिन कांग्रेस के लोग भ्रष्टता और बेइमानी छोड़ नहीं पा रहे हैं। सरकार में थे तो नित नये घोटाले होेते थे, लेकिन अब विपक्ष में हैं तो कांग्रेस के देश व विकास विरोधी बयान व कृत्य दिन-ब-दिन देखे, पढ़े व सुने जा सकते हैं। नया मामला नेशनल हेराल्ड का है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने आज यानि 21 जुलाई 2022 को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से करीब 3 घंटे पूछताछ की। सोनिया गांधी को फिर से पूछताछ के लिए 25 जुलाई को बुलाया गया है। सोनिया गांधी से 25 से अधिक सवाल पूछे गए, इसके बाद उन्होंने अपनी दवा के लिए घर जाने को कहा। उधर, कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि हमारे पास कोई सवाल नहीं है, आप जा सकती हैं, लेकिन सोनिया जी ने कहा कि आपके जितने सवाल हैं, पूछिए, मैं रात 8-9 बजे तक रुकने को तैयार हूं। सोनिया गांधी ने पूंछतांछ खत्म करने के लिए कोई निवेदन नहीं किया था। सोनिया गांधी से पूछताछ की अगुआई महिला अफसर मोनिका शर्मा ने की, मोनिका शर्मा एडिशन...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असमवासियों को दी शुभकामनायें

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विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के केएएसी कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत पर असमवासियों की सराहना की। केएएसी चुनाव के परिणाम में भाजपा की भारी जीत के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केएएसी चुनाव परिणाम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि असम के लोग पार्टी पर विश्वास कर रहे हैं। असम में हुए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के चुनाव का रिजल्ट बीते रविवार को घोषित किया गया था। इस चुनाव में भाजपा की भारी जीत देखने को मिली। केएएसी चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की और कांग्रेस अपना खाता खोलने में भी असफल रही। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कार्बी आंगलोंग के चुनाव परिणाम ऐतिहासिक है। मैं लोगों को लगातार भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास बनाए रखने के लिए धन्यवाद देता हूं और लोगों को इस बात का आश्वासन देना चाहता हूं कि हम असम के विकास में लगातार काम करते रहेंगे। असम में भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के किए गए प्रयास सराहनीय हैं। इस जीत के लिए उन्हें भ...

आखिर दुष्टों का अन्याय कब तक सहेगा हिंदू समाज

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विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का 21 जून 1940 को निधन हो गया था, यह एक संयोग है कि 21 जून को ही विश्व योग दिवस मनाया जाता है। 15 वर्ष हेडगेवार का का शरीर तोड़ परिश्रम, नाम मात्र विश्राम, स्वास्थ्यप्रद आहार की दुर्लभता और अपनी रुग्णता की ओर ध्यान न देकर काम में लगे रहना। डॉ. साहब बीमार रहते हुए भी स्वस्थ मनुष्यों की अपेक्षा 8 से 10 गुना काम कर लेते थे। सर्वविदित है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शुरुआत 1925 में विजयदशमी के दिन मोहिते के बाड़ा में हुई थी। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार देश के लिये बहुत चिंतित थे। हेडगेवार का कहना था कि आज चारों ओर से आवाज आ रही है कि अहिंदू समाज बहुसंख्यक हिंदुओं पर आक्रमण कर रहे हैं। परिस्थिति ऐसी क्यों हैं?  अहिंदू समाज के लोग हमसे मिल जुलकर क्यों नहीं रह सकते? यह तो दूर उल्टे वह हमें सताते हैं और हम निरर्थक चिल्लाते हैं कि हम क्या करें? हमारा कोई पता नहीं क्या यह क्रंदन ठीक है? अंग्रेजी में एक कहावत है– God helpes those who help themselvees, जिसका अर्थ है, ईश्वर उनकी सहायता करता है जो स्वयं अपनी सहायता करते हैं। मेरी...

रूस ने भारत को और 'तेल' देने से किया इनकार

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विचार। रूस और यूक्रेन जंग के 106 से अधिक दिन बीत चुके हैं। रूस के हमलों से यूक्रेन के शहर तबाह हो रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अभी भी रूसी राष्ट्रपति से शांति की बात के लिए तैयार हैं, लेकिन, लगता है पुतिन को ये मंजूर नहीं है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन  ने अपनी तुलना 17वीं सदी के रूसी सम्राट पीटर द ग्रेट से की है। पुतिन ने यूक्रेन पर अपनी सैन्य कार्रवाई को ठीक वैसा ही बताया जैसा पीटर द ग्रेट के समय में स्वीडन पर किया गया था। पुतिन के मुताबिक, अपने क्षेत्र को ‘वापस लेने’ और ‘अपना बचाव’ करने के लिए ये देश की जरूरत थी। युवा उद्यमियों और वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक में रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि पीटर द ग्रेट ने 21 वर्षों तक महान उत्तरी युद्ध छेड़ा। उन्होंने लंबे समय तक स्वीडन के साथ युद्ध किया। वहीं दूसरी ओर भारत के प्रधानमंत्री जब यूरोप के 7 देशों के नेताओं से मिले तो हर नेता ने कोशिश की कि भारत रूस की आलोचना करे लेकिन भारत का रवैया यह रहा कि भत्र्सना से क्या लाभ होगा? क्या युद्ध बंद हो जाएगा? इतने पश्चिमी देशों ने कई बार रूस की आलोचना की, उसके खिलाफ प्...

उपद्रवियों व दंगाई पर और सख्त कार्रवाई की जरूरत

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विचार। बीते 3 जून को हुई हिंसा के बाद कानपुर शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। पुलिस प्रशासन ने आगामी त्योहारों को देखते हुए कानपुर में धारा 144 लागू रखने का फैसला लिया। यह फैसला जुमे की नमाज से ठीक एक दिन पहले लिया गया है। इस दौरान शहर में सभी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। जेपीसी आनंद प्रकाश तिवारी ने इसका आदेश जारी किया है। इस दौरान पुलिस की टीमें हाई अलर्ट पर भी रहेंगी। वहीं कानपुर में बवाल और हिंसा के आरोपियों की रिमांड पर आज सुनवाई हुई। मुख्य आरोपित हयात जफर हाशमी सहित अन्य की रिमांड पर आज कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट हयात और उसके साथियों की रिमांड पर कल फिर से बहस के बाद फैसला देगा। कोर्ट ने शुक्रवार को चारों आरोपितों को तलब किया है। उधर, आजकल उत्तर प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं घटित हो रही है जिनसे प्रदेश का वातावरण चल रहा है अशांत हो सकता है लेकिन प्रदेश का पुलिस महकमा बहुत ही सतर्क है जिसके कारण अपराधी व दंगाई डर रहे हैं। राष्ट्रपति कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कानपुर यात्रा के दौरान उपद्रवियों ने कानपुर को दंगों की आग में झोकने की नाकाम कोशिश की ...

'मन' को 'बाड़े' में बंद कर देना चाहिए

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विचार। रामकृष्ण परमहंस महान संत, आध्यात्मिक गुरु व विचारक थे। रामकृष्ण परमहंस ने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया, उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। स्वामी रामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे कि एक हाथी को नहला-धुलाकर छोड़ दो तब भी वह मिट्टी में खेलेगा और शरीर को फिर से गंदा कर लेगा। कोई उस पर बैठे तो उसका शरीर भी गंदा अवश्य होगा, लेकिन यदि हाथी को स्नान कराने के बाद बाड़े में बांध दिया जाये तब फिर हाथी अपना शरीर गंदा नहीं कर सकेगा। इसी प्रकार मनुष्य का मन भी एक हाथी के समान है। एक बार ध्यान, साधना और भगवान के भजन से वह शुद्ध हो गया तो उसे स्वतंत्र नहीं कर देना चाहिए। इस संसार मे पवित्रता भी है, गंदगी भी है। मन का स्वभाव है वह गंदगी में जायेगा और मनुष्य देह को दूषित करने से नहीं चूकेगा। इसलिये उसे गंदगी से बचाये रखने के लिये एक बाड़े की जरूरत होती है, जिसमें वह घिरा रहे। गंदगी की सम्भावनाओं वाले स्थानों में न जा सके। ईश्वर भजन उसका निरंतर ध्यान एक बाड़ा है, जिसमें मन ...

मनुष्य जीवन में उत्तम दृष्टिकोण जरूरी

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विचार। पेड़ की जड़ें मजबूत व गहरी होती हैं तो पेड़ उम्र भर नहीं सूखते। मौसम अनुकूल न होने पर भी पेड़ हरा-भरा ही बना रहता है। वैसे ही अंतस् में श्रद्धा व मन में विश्वास हो तो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी हमारी प्रफुल्लता को कोई छीन नहीं सकता है। जीवन में उल्लास सुख-साधनों से नहीं, बल्कि दृष्टिकोण के बदलने से आता है। जिन व्यक्तियों का जीवन के प्रति दृष्टिकोण, उन्नत, उत्कृष्ट व उत्तम होता है-वह कभी विपत्ति व अतृप्ति से त्रस्त नहीं होते, बल्कि अपने जीवन की राहें ढूंढ ही लेते हैं। भोग, विलास की और आंतरिक आनंद की राहें अलग-अलग हैं। विलास की चाह जिन्हें होती है, वह सुख के साधनों के पीछे दौड़ते, थकते व परेशान होते हैं। उनके न मिल पाने पर अतृप्ति व उनके मिल जाने पर विपत्ति, ऐसे लोगों के जीवन की परिभाषा बन जाती है। जबकि आनंद की अभीप्सा रखने वालों को किसी के पीछे नहीं दौड़ना पड़ता। वह तो मात्र अपने व्यक्तित्व के परिष्कार में जुटते हैं और परिष्कार की प्रक्रिया से प्राप्त पवित्रता को अनुभूत कर आंतरिक आनंद का रसास्वादन करते हैं। आंतरिक पवित्रता से प्राप्त सौंदर्य व मधुरता की तुलना, किसी सांसारिक वस...

लखनऊ में आयोजित तीसरे ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का प्रसारण

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रिमोट सेन्सिंग तकनीक के माध्यम से उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी उत्थान के लिए भू-सम्पदा, जल सम्पदा, जल संसाधन, वन एवं कृषि सम्पदा, मृदा, भूमि उपयोगिता, भू-आच्छादन, नगरीय संरचना आदि क्षेत्रों में अनेक बहुमूल्य आंकड़े एकत्रित कर विकास कार्यों में  रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर  सहयोगी रहा है। विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार आठ जून 2022 को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित औद्योगिक परियोजनाओं की तृतीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी समारोह में 80 हजार 224 करोड़ की 1406 औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिसका सजीव प्रसारण उत्तर प्रदेश के जिलों में किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परियोजनाओं के शिलान्यास से प्रदेश में 5 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर, पॉवर, टेक्सटाइल, आईटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश से अर्थव्यवस्था को मजबूती, कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि, रक्षा उपकरणों के उत्पादन से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा एवं सीमेन्ट इकाइयों की स्थापना से निर्माण क्षेत्रों...

सद्ज्ञान की उपल​ब्धि ही मनुष्य जीवन का श्रेष्ठ सौभाग्य है

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विचार। आत्मा, मन और शरीर, मानवीय व्यक्तित्व के तीन आयाम होते हैं। अन्न, जल व वायु न मिले तो शरीर अधिक समय तक जीवित न रहेगा। मन को पोषण देने के लिये सद्विचारों की व सद्भावनाओं की आवश्यकता पड़ती है। वहीं आत्मा की पूर्ति सद्ज्ञान से होती है। सद्ज्ञान यानि मानव का गुण, कर्म और स्वभाव की उत्कृष्टता से आत्मा को पोषण मिलता है। मनुष्य के जीवन में अकल्पनीय सुख-सुविधाओं के अम्बार लगा दिये जायें और इन सबके बावजूद सद्ज्ञान नहीं है तो यह खालीपन व्यक्ति को जरूर पूरा करना चाहिए यानि कि सद्ज्ञान का होना परम आवश्यक है। सद्ज्ञान की उपल​ब्धि ही मनुष्य जीवन का श्रेष्ठतम सौभाग्य है। सद्ज्ञान की प्राप्ति के बाद मनुष्य को संतोष, सम्मान और समुन्नति मिलता है, जिसके आगे स्वर्ग की सम्पदा भी नगण्य नजर आती है। सद्ज्ञान की प्राप्ति के लिये रास्ते अनेक हैं, लेकिन स्वाध्याय और सत्संग का मार्ग अपनाने वाले लोग महानता के अधिकारी बनते हैं। कहते हैं कि सद्ज्ञान पारस के पत्थर के समान है, जिसके छूने मात्र से जीवन स्वर्णिम व सौभाग्यशाली बनता है, जिसे सद्ज्ञान न मिल सका, वह जन्म-जन्मांतरों तक पतन व पराभव की वीथियों में भटकता...

अपने दायित्वों का निर्वहन करें शिक्षक

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विचार। शास्त्रों में माता, पिता व आचार्य तीनों को बालक के जीवन निर्माण में अहम माना गया है। माता, पिता उसका पालन पोषण, संवद्र्धन करते हैं तो आचार्य उसके बौद्धिक, आत्मिक चारित्रिक गुणों का विकास करता है, उसे जीवन और संसार की शिक्षा देता है। उसकी चेतना को जागरूक बनाता है। इसीलिए हमारे यहां गुरु को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, गुरु को पूज्यनीय माना गया है। आचार्य के शिक्षण, उसके जीवन व्यवहार, चरित्र से ही बालक जीवन जीने का ढंग सीखता है। आचार्य की महती प्रतिष्ठा हमारे यहां इसलिए हुई। आज हमारे यहां शिक्षक हैं, अध्यापक हैं, वे छात्रों को निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा देते हैं, किंतु सबसे महत्वपूर्ण बात जीवन निर्माण का व्यावहारिक शिक्षण आज नहीं हो पाता। आज गुरु, शिष्य शिक्षक और छात्र का सम्बन्ध पहले जैसा नहीं रहा। सिर्फ कुछ अक्षरीय ज्ञान दे देने, एक निश्चित समय तक कक्षा में उपस्थित रहकर कुछ पढ़ा देने के बाद शिक्षक का कार्य समाप्त हो जाता है और पाठ पढ़ने के बाद विद्यार्थी का। मनुष्य से ही मनुष्य सीख सकता है। जिस तरह जल से ही जलाशय भरता है, दीप से ही दीप जलता है, उसी प्रकार प्राण से प्र...

कठिन कार्य करने की आदत डालें

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विचार। आज का काम कल पर न टालना एक सराहनीय सद्गुण है। उसी प्रकार श्रमसाध्य कार्यों को सबसे पहले करने का निश्चित ही सफलता का स्वर्णिम सूत्र है। अपने कर्तव्यों से छुटकारा नहीं पाया जा सकता, देर-सवेर उन कार्यों को पूरा करना ही पड़ता है फिर क्या जरूरी है कि हम दूसरे कामों में लगे रहकर कठिन कार्यों का बोझ अपने मन-मस्तिष्क पर बनाये रखें। सूक्ष्म दृष्टि से देखना चाहिए कि कहीं हममें कठिन कार्यों को टालने, श्रमसाध्य कर्तव्यों से बचने की आदत तो नहीं पड़ गयी है। यदि आत्मनिरीक्षण के द्वारा ऐसी स्थिति का पता चले तो दृढ़ निश्चय करना चाहिए। जिन कार्यों को हम सबसे पीछे टालते रहे हैं, उन्हें ही सबसे पहले कर लें। परीक्षा में कठिन प्रश्नों को सबसे पहले हल करके आसान सवालों का उत्तर उनके बाद करने की पद्धति सफलता प्राप्त करने का आसान उपाय है। यदि यह आदत डाल ली जाये तो जो काम सबसे कठिन दिखाई पड़ते हैं, वह बहुत आसान लगने लगते हैं। उन्हें हम ही कठिन बनाते हैं, अपनी टालने की वृत्ति से। इस वृत्ति के कारण आसान और सहज साध्य कार्य भी धीरे-धीरे कठिन लगने लग जाते हैं। कम कठिनाई के कार्य पहले करने की आदत मनुष्य को प्र...

स्मार्टफोन व सोशल मीडिया से फायदे कम, नुकसान अधिक

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विचार। आजकल मोबाइल जीवन का अहम हिस्सा बन गया है और होना भी चाहिए, लेकिन स्मार्ट फोन का उपयोग उतना ही करना चाहिए, जितनी जरूरत है। स्मार्ट फोन ही नहीं बल्कि वह हर वस्तु का उतना ही उपयोग करें, जितने में आप का काम चल जाये। इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के चलते लोगों की जीवनशैली बदल गयी है, जिसके कारण आये दिन नई-नई मानसिक और शारीरिक समस्याएं लोगों में नजर आने लगी हैं। विशेषज्ञ के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अधिकाधिक प्रयोग के कारण लोगों में मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मोबाइल पर अधिक समय देने के कारण नींद की कमी, मोटापा, नेत्र सम्बन्धी समस्याएं और मस्कुलोकेलेटन जैसी समस्यायें हो रही हैं। इसके अलावा अत्याधिक इंटरनेट के उपयोग के कारण मानसिक विकारों जैसे अवसाद, चिंता, नकारात्मक जीवन की घटनाओं, भावनात्मक अस्थिरता, निराशा और असहनशीलता आदि देखने को मिल रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया बच्चों में गुस्से और तनाव का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। सोशल मीडिया के दुष्परिणाम के रूप में विकृत मानसिकता उभर कर सामने आ रही हैं। इससे अपराध भी बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया से साइबर बुलिंग, हैकिंग, हेट स्पीच, डेटा चोर...

स्वच्छ भारत मिशन में उत्तर प्रदेश अव्वल

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विचार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाकर हर स्तर पर स्वच्छता का आह्वान किया था। स्वच्छ प्रदेश, स्वस्थ प्रदेश के नारे के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में चलाये गये स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश देश के अन्य प्रदेशों से अग्रणी है। प्रदेश के गाँव-गाँव में सफाई अभियान चलाकर स्वच्छता की धरोहर को बनाये रखा जा रहा है। स्वच्छता आमजन की गरिमा और स्वास्थ्य का आधार है। स्वच्छता से होने वाले विभिन्न संक्रामक रोगों से छुटकारा मिल जाता है। प्रदेश के गांवों, नगरों की नालों, नालियों, गन्दगी की सफाई से पनपने वाले डेंगू, मलेरिया, येलो बुखार, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया, जेई फाइलेरिया आदि संक्रामक रोगों के मच्छरों का सफाया हो रहा है। प्रदेश सरकार ने गांवों में बाहर शौच करने से होने वाली गंदगी को पूर्णत: खत्म कर दिया है। आज हर घर में स्वच्छ शौचालय निर्मित हो गये हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार ने स्वच्छ परिवेश देकर आमजनता को स्वस्थ बनाया हैै। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गॉवों, नगरों में बनाये जा रहे शौचालयों ...

'जल्द पूरा होगा अखंड भारत का सपना'

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विचार। उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते 14 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संरसंघचालक मोहन भागवत ने बौद्धिक चर्चा के दौरान बड़ा ही अहम मुद्दा उठाया, जिसे न तो कोई नेता ऐसे मुद्दे उठाना चाह रहा है और न ही जनता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हरिद्वार में कहा कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है, इतना ही नहीं उन्होंने कहा, वैसे तो 20 से 25 साल में भारत अखंड भारत होगा, लेकिन अगर हम थोड़ा सा प्रयास करेंगे, तो स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत 10 से 15 साल में ही बन जाएगा, इसे कोई रोकने वाला नहीं है, जो इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे। जिस प्रकार भगवान कृष्ण की उंगली से गोवर्धन पर्वत उठ गया था, उसी तरह संतों के आशीर्वाद से भारत फिर से अखंड भारत जल्द बनेगा। भारत उत्थान की पटरी पर आगे बढ़ चला है, भारत अब उत्थान के बिना रुकने वाला नहीं है। भारत उत्थान की पटरी पर सरपट दौड़ रहा है सीटी बजा रहा है, विरोधी साथ आ जायें या फिर रास्ते से हट जायें। जो तथाकथित लोग सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उनका भी उसमें सहयोग है, यदि वह विरोध न करते तो हिंदू जाग...

विश्व स्वास्थ्य दिवस : आंखों में चमक, सुडौल शरीर ही असली सौन्दर्य

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विचार। आज यानि ७ अप्रैल २०२२ को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। भारत में स्वास्थ्य के प्रति कम लोग जागरूक हैं और अधिकतर लोग तो शराब, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला के सेवन से अपना सुंदर शरीर कुरूप बना लेते हैं, जो न तो स्वयं को अच्छा लगता है और न ही समाज को। इसलिये शरीर को ऐसा हष्ट-पुष्ट और सुंदर बनाना चाहिए, जिससे लोग शरीर की प्रशंसा करें। स्वस्थ शरीर, आँखों और बालों में चमक, गठीला बदन और बेदाग त्वचा ही असली सौन्दर्य है। भारत में करोड़ों लोग कुपोषण के शिकार हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार तीन वर्ष की अवस्था वाले ३ प्रतिशत से भी अधिक बच्चों का विकास अपनी उम्र के हिसाब से नहीं हो सका है और ४० प्रतिशत से अधिक बच्चे अपनी अवस्था की तुलना में कम वजन के हैं। इनमें करीब अस्सी फीसदी बच्चे एनीमिया (रक्ताल्पता) से पीडि़त हैं। प्रत्येक दस में से सात बच्चे एनीमिया से पीडि़त हैं जबकि महिलाओं की ३० फीसदी से ज्यादा आबादी कुपोषण की शिकार है। देश में अभी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह मुफ्त नहीं हैं और जो हैं, उनकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसके लिये सिर्फ सरकार को कटघरे में न...

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार : हिंदू समाज के लिये सम्पूर्ण जीवन समर्पित

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विचार। डॉ॰ केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म १ अप्रैल, १८८९ को महाराष्ट्र के नागपुर जिले में पण्डित बलिराम पन्त हेडगेवार के घर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हुआ था, माता का नाम रेवतीबाई था। डॉ. हेडगेवार भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन हिन्दू समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया था। डॉ. हेडगेवार पहले क्रांतिकारी थे, किंतु बाद में हिन्दू संगठनवादी बन गए। वे जीवन के अंतिम समय तक हिंदुओं को एकता के सूत्र में बांधने के लिए अथक प्रयत्न करते रहे। उन्होंने हिंदुओं के संगठन के लिए ही 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन की थी। डॉ॰ केशव बलिराम हेडगेवार अपने जीवन के प्रारंभ और मध्य काल में क्रांतिकारी थे। उनका अरविंद घोष, भाई परमानंद, सुखदेव एवं राजगुरु आदि महान क्रांतिकारियों से सम्पर्क था। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने 'वन्दे मातरम्' आंदोलन चलाया था। डॉ. हेडगेवार का मानना था कि शक्ति केवल सेना या शस्त्रों में नहीं होती, बल्कि सेना का निर्माण जिस समाज से होता है, वह समाज जितना राष्ट्रप्रेमी, नीतिमान और चरित्रवान संपन्न होगा, उतनी ...

20 मार्च को है गौरैया दिवस, घरों के वास्तुदोष दूर करती है गौरैया

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विचार। गोरैया पक्षी दिखने में सुंदर, छोटी सी और बेहद आकर्षक होती है, चूंकि गौरैया मानव सभ्यता के साथ जीना, रहना पसंद करती हैं इसलिए यह पारिस्थितिक तंत्र के लिए अति आवश्यक है। हमें इसकी सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए, जिससे पर्यावरण संतुलित बन सके। गोरैया के विलुप्त होने से बचाने और इसके प्रति जागरूकता के लिए विश्व में 20 मार्च को गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक समय था जब बबूल के पेड़ पर सैकड़ों घोंसले लटके होते और गौरैया के साथ उसके चूजे चीं-चीं-चीं का शोर मचाते। माना जाता है गौरैया का जीवनकाल तीन वर्ष तक होता है। पर्यावरण संरक्षण में गौरैया की खासी भूमिका है। गौरैया एक घरेलू और पालतू पक्षी है। पूर्वी एशिया में यह बहुतायत पायी जाती है। यह अधिक वजनी नहीं होती हैं, यह पांच से छह अंडे देती है। गौरैया पासेराडेई परिवार की सदस्य है। इसे वीवरपिंच परिवार का भी सदस्य माना जाता है। इसकी लम्बाई 14 से 16 सेमी. होती है। इसका वजन 25 से 35 ग्राम तक होता है। यह अधिकांश झुंड में रहती है। यह अधिक दो मील की दूरी तय करती है। शहरी हिस्सों में इसकी छह प्रजातियां पायी जाती हैं। इन...

हारे हुये विधायकों व मंत्रियों को 'एमएलसी' नहीं बनाएगी भाजपा

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विचार। बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई। बैठक में भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय निकाय के एमएलसी के नाम तय कर लिए हैं। इनमें सपा से आए कुछ एमएलसी को ही टिकट दिया जाएगा, बाकी भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम पर मुहर लगाई गई है। मंगलवार यानि 15 मार्च को सूची जारी करने की खबर है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद अब भाजपा का अगला लक्ष्य एमएलसी चुनाव में जीत हासिल करना है। विधानसभा चुनाव में जोरदार तरीके से हारने वाली सपा विधान परिषद की सीटों को बचाए रखने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश में एमएलसी चुनाव को लेकर राजनीति गर्माने लगी है, तमाम नेता टिकट पाने के लिए अभी से कोशिशों में जुट गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इस बार के विधान परिषद चुनाव में हारे हुए नेताओं को मौका नहीं देगी और देना भी नहीं चाहिए। हारे हुये विधायकों व मंत्रियों को स्वयं पीछे हट जाना चाहिए, आखिर किस मुंह से एमएलसी बनेंगे ऐसे हारे हुए विधायक और मंत्री। पद पाने के लिये मेहनत करनी पड़ती है। खबर यह भी है कि हारे हुये विधायक व मंत्री अपने क्षेत्रों में प्रभावी ढंग...