हमारा पालन व पोषण करती है प्रकृति

विचार। प्रकृति एक प्राकृतिक पर्यावरण है जो हमारे आसपास है, हमारा ध्यान देती है और हर पल हमारा पालन-पोषण करती है। प्रकृति हमारे चारों तरफ एक सुरक्षात्मक कवच प्रदान करती है जो हमें नुकसान से बचाती है। हवा, पानी, जमीन, आग, आकाश आदि जैसी प्रकृति के बिना हम लोग इस काबिल नहीं हैं कि पृथ्वी पर रह सकें। यही कारण है कि धरती के आसपास के क्षेत्र ब्रहृमांड को भगवान का दर्जा दिया गया है। भगवान यानि ईश्चर यानि निराकार, जिसका कोई आकार नहीं है। प्रकृति को ही भगवान कहा जा सकता है। भ—भूमि ग—गगन वा—वायु न—नभ बता दें कि ईश्वर के कई साकार रूप हैं। सभी साकार रूप निराकार में ही सम्मिलित हो जाता है। प्रकृति के अन्दर वायु, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियाँ, सरोवर, झरने, समुद्र, जंगल, पहाड़, खनिज आदि और न जाने कितने प्राकृतिक संसाधन आते हैं। इन सभी से हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी, भोजन आदि जो जीवन के लिए नितान्त आवश्यक हैं, उपलब्ध होते हैं। प्रकृति से हमें जीवन जीने की उमंग मिलती है। प्रकृति के साथ रहने वालों की याददाश्त तेज रहती है, आम आदमी की अपेक्षा तनावरहित रहते हैं। प्रकृति एक...