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योग व व्यायाम से शरीर को रखें चुस्त और दुरुस्त, पैरों के दर्द से मिलेगा छुटकारा

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जीवनशैली। आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में पैरों समेत शरीद का दर्द आम बात है, लेकिन योग व व्यायाम से शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखा जा सकता है और दर्द से छुटकारा भी मिलेगा। पैरों में दर्द कई कारणों से होता है, जैसे मांसपेशियों में ऐंठन, ओस्टियोपोरोसिस, गठिया, जोड़ों में फ्रेक्चर या किसी अंदरूनी चोट की वजह से भी हो सकता है। अर्थराइटिस और शुगर के मरीजों को पैरों में दर्द की शिकायत ज्यादा रहती है। कुछ योग और आसन है जिससे पैरों समेत शरीर के दर्द से निजात मिलेगी। पद्मासन : यह आसन बैठकर किया जाता है। पहले पैर लम्बे कर आपस में सटा लें फिर बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पकडक़र दाहिने पैर को बाएं पैर की जंघा पर रख दें। फिर बाएं पैर को ऊपर की दाहिनी जंघा पर स्थापित करें। तब दोनों हाथ की कलाइयां घुटनों पर सीधी रखें। दोनों हाथ अंगूठे के पास वाली अंगुली अंगूठे से मिलाएं, बाकी तीन अंगुलियां सीधी रखें। आंखें बंद तथा रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। गर्दन सीधी तथा नासाग्र दृष्टि बनाए रखें अथवा भृकुटी पर चित्त को एकाग्र करें। यह समस्त दुर्भावनाओं का विनाशक पद्मासन कहा जाता है। ध्यान रहे कि शरीर में यदि किसी प्रकार का...

पैदल चलने के अनेक फायदे

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जीवनशैली : आजकल सभी के पास समय का अभाव है, लेकिन इसके बावजूद लोगों को नियमित दिनचर्या रखनी चाहिए। लोग फिट और दुरुस्त दिखना, रहना चाहते हैं लेकिन उसके लिये उपाय करने से डरते हैं, झिझकते हैं। जबकि स्वस्थ और सुंदर दिखने के लिये नियमित योग और व्यायाम करना ही चाहिए, चाहे जितना व्यस्त समय क्यों न हो। अगर योग, व्यायाम नहीं हो पाता तो कम से कम कुछ किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालें। पैदल भी चलें तो जब तक चलें ध्यान से चलें, एकदम ध्यान लगाये रहें कि आप पैदल चल रहे हैं और आपको खूब मजा आ रहा है। पैदल चलते समय हमेशा जूता पहनने की आदत डालनी चाहिए जिससे कि पैरों में किसी तरह से चोट न लगे और पैदल चलने के आनंद में खलल भी न पड़े। पैदल चलने से न केवल तेजी से कैलोरी बर्न होती है बल्कि खाना भी अच्छे से पच जाता हैै। पैदल चलने से बीमारियां दूर होती हैं, मन मजबूत होता है। प्रतिदिन 20 मिनट पैदल चलने से ह्रदय रोग नहीं होता है, शरीर में में ग्लूकोज का मात्रा संतुलित रहती है। वहीं 80 मिनट तक पैदल चलने से घुटने, कूल्हे में दर्द से छुटकारा व पैरों में आई जकड़न दूर हो जाती है। स्वस्थ रहने और बीमारियों को दूर भगाने के...

करवा चौथ का पवित्र व्रत कल, तैयारी में जुटीं हैं सुहागिन महिलाएं

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जीवनशैली : कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सुहागिन महिलाएं पति की लम्बी उम्र के लिए करवा व्रत रखती हैं। इस वर्ष यानि 2020 में करवा चौथ का व्रत 4 नवम्बर को है। इस दिन सुहागन महिलाएं और वे कन्याएं जिनका विवाह होने वाला होता है, वे अपने जीवनसाथी की लम्बी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। उनके सुखद और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। करवा व्रत के दिन रात में चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है, उसके बाद महिलाएं अपने पति के हाथों से जल ग्रहक करके पारण करती हैं और व्रत पूरा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत से पति—पत्नी के दाम्पत्य जीवन में प्रगाढ़ता आती है।  इसके अलावा कार्तिक माह का संकष्टी चतुर्थी व्रत भी 4 नवम्बर दिन बुधवार को है। इस दिन प्रथमेश श्री गणेश जी की पूजा विधि विधान से की जाती है। इस दिन उनको दुर्वा अर्पित करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। वैसे भी बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा के लिए समर्पित है और उस दिन चतुर्थी भी है, तो इन दो वजहों से उस दिन विघ्नहर्ता की पूजा करना उत्तम रहेगा। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है इसलिए गणेश की पूजा रोज और सबसे पहले करनी चाहिए। म...

कार्तिक का महीना शुरू, करेला और बैंगन वर्जित

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जीवनशैली : कार्तिक का महीना 1 नवम्बर 2020 से शुरू हो गया है। कार्तिक महीने में बैंगन और करेला इन दोनों सब्जियों को खाना भी शास्त्र में वर्जित बताया गया है। कार्तिक महीने में इन दोनों सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह भी है कि कार्तिक का महीना साधन और संयम धारण करने का महीना है। बैंगन काम और उत्तेजना बढ़ाने का काम करता है इसलिए इस महीने में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से बैंगन पित्त दोष को बढ़ाने का काम करता है जबकि करेला वायु दोष को इसलिए इनसे परहेज रखने के लिए कहा गया है। वहीं कार्तिक का महीना महापुण्यदायी महीना कहा गया है। इस महीने में जो व्यक्ति नियमित सूर्योदय पूर्व स्नान करता है वह दूध से स्नान करने का फल पाता है और शरीर निरोग रहता है।   पुष्कर पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति कार्तिक मास में सुबह शाम भगवान विष्णु के समक्ष तिल के तेल से दीप जलाकर भगवान विष्णु का पूजन करता है वह अतुल धन लक्ष्मी को पाता है। ऐसे लोग अपने पुण्य कर्मों से स्वर्ग में स्थान पाते हैं और अगले जन्म में धनवानों के घर में पैदा होते हैं। वहीं पद्म पुराण में बता...

विवाह पंचमी आज, राम व सीता का हुआ था विवाह

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शिवधुनष का नाम था पिनाक, प्रत्यंचा चढ़ाते ही टूट गया  जीवनशैली : आज यानि एक दिसम्बर 2019 को विवाह पंचमी है। रविवार को गोचर यानी आकाश मंडल में स्वराशि स्थित बृहस्पति तथा चंद्रमा से एकादश सूर्य लाभ भाव में होने से इस मुहूर्त की शुद्धता को बढ़ाएंगे। वहीं चंद्रमा का स्वयं के नक्षत्र श्रवण में होना शुभ है। शुभ ग्रहों की प्रधानता होने के कारण यह दिन मांगलिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। रविवार को सूर्य-चंद्रमा की स्थिति से वृद्धि और रवियोग योग बन रहे हैं। वहीं तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग से सुबह लगभग 10 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। इन शुभ योगों में सूर्योदय होने से मांगलिक कार्यों के लिए पूरा दिन श्रेष्ठ रहेगा। पूर्णा तिथि होने से मांगलिक कार्य पूर्ण होंगे। अंक ज्योतिष में भी यह तिथि काफी शुभ है। रविवार का मूलांक 1 है जो सूर्य देव का अंक है। दिन और अंक का शुभ संयोग बनने से सभी मुहूर्तों में सूर्य का प्रभाव रहेगा। इस दिन किया गया कार्य शुभ फल देगा। प्रभु श्री राम चेतना के प्रतीक हैं और माता सीता शक्ति की प्रतीक हैं। चेतना और प्रकृति के मिलन से यह दिन काफी महत्वपूर्ण ह...

मूंगफली के साथ गुड़ खाने के हैं बेहतरीन फायदे

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जीवनशैली : मूंगफली को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से अति स्वास्थ्य लाभ होता है और शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है। ठंड के दिनों में मूंगफली और गुड़ से बनी चिक्की खाने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि इससे बॉडी में गर्माहट बनी रहती है। इन दोनों में भरपूर आयरन होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने और दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करता है। फाइबर से भरपूर मूंगफली व गुड़ का सेवन शरीर को एनर्जी देने के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म बूस्ट भी करता है। इससे वजन घटाने में काफी मदद मिलती है। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान मूंगफली और गुड़ खाने से रक्त संचार नियमित रहता है। इससे यूटेरस के फंक्शन प्रॉपर होते हैं, जो बच्चे के प्रॉपर डेवलपमेंट के लिए फायदेमंद है। मूंगफली और गुड़ में मौजूद फाइबर्स पेट की समस्या जैसे एसिडिटी या कब्ज से दूर रखते हैं। इसके अलावा इससे पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।

पायल पहनने से दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा

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जीवनशैली : पायल पैरों की शोभा तो है ही, इसके वैज्ञानिक कारण हैं। पायल पहनने से महिलाओं के प्रति पुरुष आकर्षित होते हैं पायल की आवाज से कर्णप्रिय होते हैं, जो सभी को अच्छे लगते हैं। पायल की एक अलग आवाज होती है, पायल की आवाज सुनने में ​अच्छा लगता ही है, पायल की आवाज से पुरुषों के दिमाग की घंटी बज जाती है। पायल की छनक निगेटिव ऊर्जा दूर करती है। कई महिलाएं जिनके पैरों में सूजन की समस्या है उन्हें चांदी की पायल पहनने से काफी लाभ पहुंच सकता है। पायल की एक और विशेष बात है कि पायल सिर्फ चांदी का होता है, सिर्फ और सिर्फ चांदी। पायल पहनने से महिलाओं में रक्त संचार शुद्ध व समुचित रहता है। पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है। पायल महिलाओं के पेट और निचले अंगों में वसा बढ़ने की गति को रोकती है। पायल पहनने से महिलाओं की इच्छा-शक्ति में मजबूत आती है।

हमेशा ट्रेंड में रहती है साड़ी, जानें पहनने के स्मार्ट तरीके

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जीवनशैली : साड़ी हमेशा से इंडियन वॉरड्रोब का हिस्सा रही है। महिलाएं सबसे पुराने वक्त से साड़ी पहनती आई हैं। माना जाता है करीब 5000 साल पहले इसकी खोज हुई। भारत की महिलाओं का यह सबसे पसंदीदा परिधान है। और अगर हम साड़ी पहनने की बात करें तो इसे पहनने के 50 तरीके हैं। बीते कुछ सालों में साड़ी कुछ ज्यादा ही फैशन ट्रेंड्स में है। नई स्टाइल्स, बॉलिवुड का असर और फैशनशोज में भी इसे जगह मिली है। साड़ी पहनने में काफी कंफर्टेबल है और इससे पहनना भी काफी आसान है, इसे देखते हुए महिलाएं इसमें तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट्स कर रही हैं। अगर आप वर्किंग वुमन है जिसे फॉर्मल तरीके से साड़ी पहननी है, तो आपके लिए यहां हैं कुछ बेहतरीन स्टाइल्स।  गर्मी हो या सर्दी आप हर सीजन में साड़ी पहन सकती हैं। साड़ी पहनने का सबसे अच्छा तरीका है इसे बेल्ट के साथ पहनें। ऐसा करने से आपका पल्लू पूरे दिन एक ही जगह पर रहेगा। जिन लोगों को प्लीट्स बनाने में दिक्कत आती है वे स्टिच्ड साड़ी पहन सकते हैं। इस तरह से आपको साड़ी की फिक्र की जरूरत नहीं पड़ेगी। साड़ी को और फॉर्मल लुक देने के लिए आप इस पर रेग्युलर ब्लैजर पहन सकते हैं। ...

गर्भनिरोधक गोलियां लेने वाली किशोरियों में डिप्रेशन

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जीवनशैली : एक नई स्टडी में सामने आया है कि गर्भनिरोधक गोली लेने वाली किशोरियों में अवसाद से जुड़े लक्षणों का खतरा अधिक रहता है। बता दें कि जब से 1962 में ब्रिटेन में यह गोली उपलब्ध हुई है, तब से शोधकर्ता ओरल बर्थ कंट्रोल और मूड के बीच संबंध समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह स्टडी ब्रिघम और महिला अस्पताल, यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन और लीडेन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर द्वारा की गई। इससे पहले इन संस्थानों द्वारा ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड क्लॉट्स, वेट गेन को लेकर शोध हो चुके हैं। जेएएमए मनोरोग मैग्जीन में पब्लिश स्टडी के अनुसार, शोधकर्ताओं ने स्टडी में 16 से 25 साल के बीच की उम्र लड़कियों का शामिल किया। इसके बाद शोधकर्ताओं का कहना था कि गर्भनिरोधक गोली लेने वाली किशोरियों में अन्य की तुलना में अधिक अवसाद से जुड़े लक्षणों का पता चला। शोध में यह भी पता चला कि 16 साल की लड़कियों में अवसाद के लक्षण अधिक पाए गए। अवसाद के लक्षणों को लेकर किए गए सर्वे में अधिक रोने, सोने, खाने, आत्महत्या करने, उदासी आदि की समस्या सामने आई।

दीयों से ऐसे सजाएं घर

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जीवनशैली : दीपावली पर घर सजाने के लिए दीयों को किसी सिंगल कलर में रंग सकती हैं। आप चाहें तो दो कलर्स में भी इन दीयों को रंग सकती हैं। सीप के दीये : छोटे शंख या बड़े-बड़े सीप के पीस मिल जाएं तो आप इन्हें भी दीयों की तरह यूज कर सकती हैं। दिन में भले ही ये देखने में आपको कुछ कम रंगीन लगें लेकिन इन सफेद सीप और शंखों के बीच रात में जब बाती की रोशनी पड़ेगी तो ये सबसे खूबसूरत दीये लगेंगे। घर का पुराना आइटम : हमारे घर में कुकीज के टिन के टिब्बे अक्सर जमा हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसे डिब्बों का यूज करना चाहती हैं तो दिवाली इसके लिए बेस्ट है। आप इन डिब्बों को और इनके ढक्कन को किसी एक रंग में या अलग-अलग रंगों में अपनी पंसद के डिजाइन के हिसाब से पेंट करें और फिर इन्हें घर की किसी दीवार पर हैंग कर दें। अब इन पेंटेड डिब्बों में जलते हुए दीये सजाएं। पुरानी बैंगल्स : पुरानी बैंगल्स और कड़े हम अक्सर फेंक देते हैं। लेकिन इस बार इन्हें फेंके नहीं, आप अपनी 3 से 4 चूडिय़ों को फेविक्विक की मदद से एक साथ चिपकाएं। फिर जमीन पर गुलाब या गेंदे के फूलों की पंखुडिय़ां बिछाकर उनके ऊपर इन चूडिय़ों को रख दें। अब इनके ...

अबकी बार दीपावली पर बनाएं फूलों की रंगोली, ईको फ्रेंडली

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 जीवनशैली : दीपावली के दिन रंग-बिरंगे रंगों और फूलों से बनी रंगोली मां लक्ष्मी के स्वागत में बनाई जाती है। रंगोली के कलर्स बनाने में भी कैमिकल्स का यूज होता है। अगर आपके पास नैचरल रंगों से रंगोली बनाने का विकल्प मौजूद नहीं है तो पर्यावण की सुरक्षा और टाइम की बचत के लिए आप फ्लॉवर रंगोली बना सकती हैं। मोरपंख स्टाइल में फ्लॉवर रंगोली बनाकर आप उसे बीच में दीये रखकर सजा सकती हैं। इस तरह की रंगोली बनाने के लिए आपको दो से तीन तरह के फूल और हरे रंग के लिए छोटी पत्तियों की जरूरत होती है। आप चाहें तो अशोक वृक्ष की पत्तियों को छोटा-छोटा काटकर भी यूज कर सकती हैं। आप रंगोली कलर्स के साथ फ्लॉवर्स का कॉम्बिनेशन करके भी रंगोली बना सकती हैं। यहां दिए गए डिजाइन में कलर्स, फ्लॉवर्स और दीयों का बहुत प्यारा कॉम्बिनेशन दिखाया गया है। आप इससे आइडिया ले सकती हैं और अपने रंगोली कलर्स के हिसाब से किसी दूसरे रंग के फूलों का चुनाव भी कर सकती हैं। गोलाकार रंगोली का डिजाइन हमेशा अच्छा लगता है। सिंपल और सुंदर दिखता है वहीं इसे बनाना भी अन्य डिजाइंस की तुलना में आसान रहता है। आप इस तरह से फूल और पत्तियों की...

दीपावली पर बनायें सुंदर रंगोली

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जीवनशैली : इस वर्ष यानि दीपावली 27 अक्टूबर 2019 को पड़ रही है। देश में दीपावली उत्साह से मनायी जाती है। दीपावली पर लोग दीप पूजन करते हैं और तरह—तरह की रंगोली बनाते हैं। दीपावली पर अपने घर को ताजे-फूलों और फूल मालाओं से सजाएं और पारम्परिक लटकन भी आप अपने घर के लिए ला सकते हैं। क्योंकि यह कांच, कड़े, मोतियों और सीप्स से बनी हो सकती हैं। इसी के साथ आप अपनी पसंद के डिजाइन ले सकते हैं और आप चाहे तो राजस्थानी और गुजराती लटकने भी लगा सकते हैं क्योंकि ये कहीं अधिक कलरफुल होती हैं। इसी के साथ घर के लिए बंदरवाल जरूर खरीदें या आम के पत्तों से बनाएं। आजकल घरों की सजावट के लिए पेटिंग सबसे तरीका है। आप घर पर भी पेटिंग बना सकते हैं। अगर आप घर के कामकाजों में व्यस्त रहते हैं तो आप बाजार से भी पेटिंग ला सकते हैं। इसके अलावा आप गुलदस्ते लगा सकते हैं। अगर आपके घर में गमलों में पौधें लग रहे हैं तो आप उन पर लाइट या कलर पेंट करके घर को सजा सकते हैं। वहीं दीपावली पर घर में सबसे जरूरी है—रोशनी की सजावट। वहीं दूसरी ओर ऐसी मान्यता है कि दीपावली पर्व पर रंगोली बनाना बहुत शुभ होता है। रंगोली कई तरह की बनाई जात...

ब्रेन और ब्लड के लिए खूबियों का खजाना है विटमिन बी

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जीवनशैली : सेहत के साथ सुंदरता बनाए रखने के लिए आप विटमिन बी 3 से युक्त चीजों का सेवन करें, जैसे केला, फलीदार सब्जियां और ओटमील खाएं जो निकोटिनमाइड से भरपूर होती हैं। इससे आपकी स्किन का मॉइस्चर लॉक रहता है। इसके साथ ही विटमिन बी कॉम्प्लेक्स में बायोटिन रहता है जो आपके नाखूनों और बालों को मजबूत बनाता है। तमाम लोग इस बात से अवगत हैं कि विटामिन बी 12 का घटा हुआ स्तर अनीमिया पैदा कर सकता है। इस अनीमिया को मेगैलोब्लास्टिक अनीमिया कहा जाता है और इसके साथ कई बार तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो जाता है। नतीजन रोगियों में जो लक्षण मिलते हैं, वे इन्हीं दोनों तंत्रों ( रक्त और मस्तिष्क की अंदरुनी या बाहरी तंत्रिकाओं ) से संबंधित मिलते हैं। यानी ब्लड और ब्रेन दोनों के लिए यह जरूरी है। विटमिन बी- 1 : गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क के विकास में एक बहुत मदद करता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को रोज विटमिन बी-1 की जरूरत बहुत अधिक होती है। इसके लिए आप अपनी डायट में पास्ता, मीट, डेयरी उत्पाद को शामिल कर सकती हैं। अगर आप नॉनवेज खाते हैं तो सेलमन फिश जरूर खाएं। यह ओमेगा 3 फैटी एसिड और प्रोटीन बहुत अच्छी मात्रा में...

चेहरे को बेदाग बनाने में कारगर है एलोवेरा

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जीवनशैली : चेहरे के लिए एलोवेरा एक ऐसी औषधि है जो उसकी अच्छी तरह से देखभाल करता है. वहीं एलोवेरा का सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं. ये बालों के लिए भी रामबाण का काम करता है. दरअसल एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाकर त्वचा को ग्लोइंग और स्वस्थ बनाया जा सकता है. एलोवेरा स्किन के लिए नेचुरल मॉश्चराइजर का काम करता है. इसे त्वचा पर लगाने से त्वचा में नमी आती है. साथ ही त्वचा को पोषण भी मिलता है. हालांकि एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपको किसी प्रकार की स्किन एलर्जी न हो. अगर आप अपनी त्वचा में निखार लाना चाहते हैं तो इसके लिए एलोवेरा जेल का उपयोग करना बहुत सही है. ये आपके चेहरे से धूल-मिट्टी, डेड स्किन और गंदगी को साफ करने में काफी मददगार होता है. इससे आपकी स्किन ग्लो करने लगती है और आकर्षक भी दिखने लगती है. एंटी एजिंग गुण से भरपूर एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी मौजूद होती है जो चेहरे से झुर्रियों को हटाने में मदद करता है. हर रोज एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करने से लंबे समय तक जवान और खूबसूरत दिखा जा सकता है. सनबर्न की समस्या से...

किशोर बच्चों को आज्ञाकारी बनाना जरूरी

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जीवनशैली : लाख समझाने के बाद भी बहुत से किशोर बच्चे अपने माता—पिता की बात नहीं मानते। सर्वविदित है कि टीनऐज में बॉडी में हॉर्मोनल बदलाव बहुत तेजी से होते हैं। ऐसे में बच्चों का मन ना तो बहुत देर तक शांत रहता है और साथ ही उन्हें मन एकाग्र करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह तो हुई शारीरिक बदलाव की बात, जिस कारण मन भी परेशान रहता है। अब बात करते हैं समाज की। दरअसल, यही वह उम्र होती है, जब बच्चा बाहर की दुनिया से जुडऩा और वहां अपनी जगह बनाना शुरू कर रहा होता है। ऐसे में उसे कई तरह के भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरना होता है और इस वक्त उसे आपके इमोशनल सपॉर्ट की बहुत जरूरत होती है। आप बच्चे को जो भी संस्कार देना चाहते हैं, उन्हें सिर्फ बच्चे को ऐसे ही न बताएं बल्कि उन संस्कारों को अपने जीवन में भी उतारें। बच्चों के साथ परिवार और करियर के मुद्दों पर बात करें। घर की आर्थिक स्थिति, पारिवारिक रिश्तों पर बात करें। इससे बच्चे की सोच-समझ विकसित होती है और उसमें घर के प्रति जिम्मेदारी का भाव आता है।

सेहत और सुंदरता से जुड़ीं कई समस्याओं में कारगर है लौकी के छिलके

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जीवनशैली : लौकी के छिलके में सेहत और सौन्दर्य समस्याओं से राहत देने वाले गुण मौजूद होते हैं, उन्हें जानने के बाद जब भी आप बाजार जाएंगे, लौकी जरूर खरीद कर लाएंगे। आइए, जानते हैं लौकी के छिलके में कौन से 3 औषधीय गुण होते हैं। लौकी के छिलके का प्रयोग धूप से झुलसी एवं काली हो चुकी त्वचा के लिए बेहद फायदमंद साबित हो सकता है। इसके लिए बस इन छिलकों का पेस्ट बनाना है, और त्वचा पर लगाकर रखना है और फिर धो लेना है। अधिक गर्मी के कारण त्वचा एवं पैर के तलवों में जलन होने लगती है, जिससे बचने के लिए लौकी के छिलकों का प्रयोग किया जा सकता है। इन छिलकों को त्वचा पर रगड़ने से राहत मिलती है। बवासीर या पाइल्स की समस्या होने पर भी लौकी के छिलके फायदेमंद है। इन छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें, जल्द फायदा होगा।

दुर्गा पूजा के लिए पहनें बंगाली स्टाइल साड़ी

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जीवनशैली : बंगाली साड़ी की खूबी यह है कि यह बॉर्डर वाली साड़ी होती है। बेसिक और रोजमर्रा की साडिय़ा प्योर कॉटन या खादी में होती हैं जबकि त्योहार के अवसर पर पहनी जानेवाली साडिय़ां सिल्क और जरी में होती हैं। ऐसा पारंपरिक तौर पर होता था बाकि तो अब हर पैटर्न और फैब्रिक में आपको साडिय़ां मिल जाएंगी। लेकिन दुर्गा पूजा के लिए रेड बॉर्डर वाली साड़ी ही खरीदें। -पेटीकोट और ब्लाउज पहनने के बाद सबसे पहले साड़ी को अपनी कमर के चारों तरफ अच्छी तरह पेटीकोड में दबाते हुए ड्रेप कर लें। साड़ी आपको इस तरह दबानी है कि पहली प्लीट राइट से लेफ्ट की तरफ बने। -इस साड़ी में आपको नॉर्मल साड़ी से अलग और करीब तीन गुना बड़ी या चौड़ी प्लीट्स में बांधा जाता है। ताकि चलने में आसानी रहे। -इस हिसाब से इस साड़ी को बांधते समय दो से तीन चौड़ी प्लीट्स बनेंगी। आखिरी प्लीट ऐसे बनाएं कि साड़ी का बचा हुआ हिस्सा आपके लेफ्ट हैंड की तरफ मुड़े। - अब इस साड़ी के बचे हुए अनड्रेप हिस्से से पल्लू की प्लीट्स बनाएं और पल्लू को लूज छोड़ते हुए इसे कंधे पर सेफ्टी पिन की मदद से टक करें। - पल्लू का जो हिस्सा कंधे के पीछे की तरफ गया है, उसे ...

त्वचा निखारने में कारगर है आलू

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जीवनशैली : सब्जियों का राजा आलू आयरन, विटामिन सी और राइबोफ्लेविन से भऱपूर होता है। सेेहत के साथ आलू स्किन में भी फायदेंमंद है। — एक बड़ा चम्मच आलू का पेस्ट तैयार करें। इसमें एक बड़ा चम्मच दही मिलाएं। तैयार हुए पेस्ट को करीब आधे धंटे के लिए रख दें। अब चेहरे पर इस पेस्ट को लगाएं। यह आपकी स्किन को तरोताजा कर स्किन को टाइट करने में भी मदद करता है। — आधे आलू को छिलकर उसका रस निकाल लें और इसमें दो चम्मच कच्चा दूध मिला लें। इसे अच्छी तरह से मिक्‍स करके अपने चेहरे और गर्दन में कॉटन की मदद से लगा लें। फिर 20 मिनट के बाद इसे धो लें। ऐसा करने से आपके चेहरे पर फर्क दिखने लगेगा।

हलासन से महिलाओं की बैली फैट और थॉयरायड जैसी 7 समस्‍याओं से मिलेगा छुटकारा

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 जीवनशैली : योग का एक प्रकार है हलासन। इसे हलासन के नाम से इसलिए जाना जाता है क्‍योंकि इस आसन में शरीर का आकृति खेत में चलाने वाले हल के समान हो जाती है। इस आसन को करने से आपकी सेहत को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। लेकिन यह महिलाओं की हेल्‍थ संबंधी समस्याओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। हलासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर कमर के बल सीधा लेट जाएं। अब दोनों हाथों को थाई के पास जमीन पर रख लें। फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं। फिर हाथों को नीचे की ओर दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हल की तरह लगा दें।  फिर बिना सिर उठाए 2-3 मिनट बाद धीरे-धीरे वापस नॉर्मल पॉजिशन में आ जाएं। हलासन करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे आपको वजन कम करने में सहायता मिलती है। साथ ही रोजाना इस आसन को करने से बैली फैट भी कम होता है। रेगलुर हलासन करने से गर्दन, कंधे और पीठ की मसल्स मजबूत होती है। इसके अलावा यह आसन आपके एब्स के लिए भी अच्छा होता है। डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं के लिए हलासन किसी वरदान की तरह है। इसे रोजाना करने से ब्लड शुगर कं...

मेकअप से पहले फेशियल ऑइल से करें मसाज

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 जीवनशैली : मेकअप के बाद आपकी स्किन एकदम नेचुरल और ग्लोइंग दिखने के लिए मेकअप से पहले फेशियल ऑइल से अपने चेहरे की मसजा करें। इससे आपका चेहरा अच्छी तरह से मॉइश्चराइज्ड हो जाता है जिसके चलते मेकअप उठकर दिखता है। अगर आपकी स्किन ऑइल है तो आप मसाज करने के बजाय फाउंडेशन में फेशियल ऑइल की कुछ बूंदें मिलाकर इसे अप्लाई करें। फेस्टिव लुक के लिए आपकी लिपस्टिक का शेड डार्क होना चाहिए। क्योंकि आप आई मेकअप को हल्का कर रही हैं इसलिए भी आपको डार्क लिपस्टिक यूज करनी चाहिए। ब्राइट रेड, डार्क पिंक, मैरून, वाइन शेड और नारंगी लिपस्टिक फेस्टिव लुक में बहुत प्यारी लगती हैं। ध्यान रखें कि लिपस्टिक मैट ही लगाएं, ताकि ये सैट रहे और पसीना आने पर न निकले नहीं। चेहरे का असली बेस कन्टूरिंग ही होता है। अगर आपको पता न हो तो बता दें कि चेहरे को हाइलाइट करने को कंटूरिंग कहते हैं। इसे आप जितनी फिनिशनिंग देंगे चेहरा उतना ही ग्लो करेगा। लेकिन कन्टूरिंग करने से पहले आपको पता होना चाहिए आप किन हिस्सों को उभारना चाहती हैं। गलत कंटूरिंग से चेहरा अजीब लगने लगेगा। वैसे चीक बोंस और जॉ लाइन को हाईलाइट करने के लिए कन्टूर...