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क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं ?

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   क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं ? यदि खाते हैं, तो वह वस्तु समाप्त क्यों नहीं हो जाती ? और यदि नहीं खाते हैं, तो भोग लगाने का क्या लाभ ? एक लड़के ने पाठ के बीच में अपने गुरु से यह प्रश्न किया। गुरु ने तत्काल कोई उत्तर नहीं दिया। वे पूर्ववत् पाठ पढ़ाते रहे उस दिन उन्होंने पाठ के अन्त में एक श्लोक पढ़ाया—  पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।  पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥ पाठ पूरा होने के बाद गुरु ने शिष्यों से कहा कि वे पुस्तक देखकर श्लोक कंठस्थ कर लें। एक घंटे बाद गुरु ने प्रश्न करने वाले शिष्य से पूछा कि उसे श्लोक कंठस्थ हुआ कि नहीं ? उस शिष्य ने पूरा श्लोक शुद्ध-शुद्ध गुरु को सुना दिया। फिर भी गुरु ने सिर 'नहीं' में हिलाया, तो शिष्य ने कहा कि" वे चाहें, तो पुस्तक देख लें; श्लोक बिल्कुल शुद्ध है।” गुरु ने पुस्तक देखते हुए कहा“ श्लोक तो पुस्तक में ही है, तो तुम्हारे दिमाग में कैसे चला गया? शिष्य कुछ भी उत्तर नहीं दे पाया। तब गुरु ने कहा “ पुस्तक में जो श्लोक है, वह स्थूल रूप में है। तुमने जब श्लोक पढ़ा, तो वह सूक्ष्म रूप में तुम्ह...

स्वस्थ और सुंदर जीवन के लिए योग बेहद जरूरी

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जानकारी। योग मुख्य रूप से एक आध्यात्मिक अनुशासन है, कला के साथ-साथ एक विज्ञान भी है योग। क्योंकि यह शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए व्यावहारिक तरीके प्रदान करता है। मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। योग, व्यायाम से मन और मस्तिष्क में स्फूर्ति बनी रहती है। योग व्यक्ति को संतुलन बनाने और स्थिर रखने में मदद करता है। इसलिए सफल, शक्तिशाली, स्वस्थ और सुंदर जीवन के लिए योग बेहद आवश्यक है। हर व्यक्ति को नियमित रूप से सुबह सूर्य नमस्कार का अभ्यास जरूर करना चाहिए ताकि शरीर और मन स्वस्थ हो। ध्यान रहे योग व व्यायाम की शुरुआत धीरे—धीरे शुरू करना चाहिए। यदि विशेषज्ञ के देखरेख में योग शुरू किया जाये तो अति उत्तम रहेगा। योग से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है। वजन कम होता है। बाल स्वस्थ और मजबूत होते हैं। शरीर में लचीलापन आता है और शरीर एकदम फिट रहता है। वहीं भस्त्रिका, अनुलोम—विलोम, खंड प्राणायाम और कपालभाति प्राणायाम का हर रोज अभ्यास स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया टॉनिक है, ये शरीर के सभी अंगों और हार्मोन के स्तर को संतुलित रखता है।

विदेशी कलाकारों को है संस्कृत से लगाव

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जानकारी। जानीमानी अमेरिकन सिंगर कैटी पेरी अपने शानदार गानों की वजह से दुनिया भर में मशहूर हैं। कैटी जितना अपने म्यूजिक के लिए प्रसिद्ध हैं, उतना ही वह अपने रिश्तों को लेकर भी सुर्खियों में रहती हैं। कैटी पेरी की बांह पर संस्कृत में बना टैटू खूब आकर्षक लग रहा है और सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। एक तरफ प्रशंसक इसका अर्थ जानना चाह रहे हैं तो दूसरी तरफ इस बात पर भी अधिक चर्चा हो रही है कि कैसे पश्चिमी सितारे संस्कृत और भारतीय सभ्यता की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। कैटी पेरी ने हाथ पर टैटू के रूप में संस्कृत के शब्द 'अनुगच्छतु प्रवाह' लिखवाया है।  कैटी पेरी के फैंस के साथ भारतीय यूजर भी इसके दीवाने हो रहे हैं। अगर 'अनुगच्छतु प्रवाह' के मतलब की बात करें तो इसका अर्थ है-‘समय के साथ चलते जाना’, यानि फ्लो में आगे बढ़ते रहना। इसके अलावा ब्रिटिश अभिनेता और मशहूर रेडियो होस्ट रसल ब्रांड ने भी अपने हाथ पर 'ॐ नमः शिवाय' का मंत्र लिखवाया और उनकी यह तस्वीर काफी पसंद की गई थी। वहीं अमेरिकी सिंगर और कोरियोग्राफर किम्बर्ली व्याट ने भी अपनी गर्दन के पीछे संस्कृत का एक श्लोक लिखव...

'संघ' के स्वयंसेवकों का 'दंड प्रहार'

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जानकारी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रत्येक माह की 16 तारीख को स्वयंसेवक दंड प्रहार दिवस के रूप में मनाते हैं और हर 16 दिसम्बर को दंड महाप्रहार दिवस मनाते हैं। दंड प्रहार लगाने के पीछे अनेक उद्देश्य कार्य करते हैं। दंड अर्थात लाठी, प्रहार भांजना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ माह के प्रत्येक 16 तारीख को दंड प्रहार दिवस के रूप में लाठी का विधिवत प्रयोग करते हैं। वह दंड प्रहार लगाकर अपने शारीरिक क्षमता का आकलन करते हैं। अपनी रक्षा लाठी के माध्यम से करने का अभ्यास करते हैं। लाठी एक ऐसा माध्यम है, जिसके कुशल प्रयोग से ढेरों दुश्मनों को परास्त कर सकते हैं। उनका सामना सीमित संसाधनों के साथ भी किया जा सकता है। यह दिन प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए अपने शारीरिक आकलन करने का दिन होता है। कुशलतापूर्वक दंड प्रहार लगाकर वह अपनी संख्या लिखते हैं, जिससे एक-दूसरे की संख्या की जानकारी होती है। दंड के लिए कोई कानूनन प्रतिबंध नहीं है। यही कारण है कि स्वयंसेवक कानून का सम्मान करते हुए दंड को अपनी शक्ति के रूप में घर में रखते हैं। एक बार की बात है—एक समय सौ भारतीयों पर चार सौ से अधिक चीन के लुटेरों ने हमल...

धमतरी की हवा में फूलों की सुगंध

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जानकारी। बागतराई रोड पर आदर्श मुक्तिधाम सोरिद नगर है। नौ साल पहले इसका निर्माण वार्ड में हुआ है। पहले यह मुक्तिधाम सामान्य था, लेकिन पिछले कुछ सालों से इस मुक्तिधाम को आकर्षक बनाने वार्डवासियों ने श्रमदान करना शुरू कर दिया। मुक्तिधाम में कई कार्य करने युवकों की सेवा संगठन बना, जो अपने मेहनत से आज नाम के अनुसार वास्तव में यह मुक्तिधाम शहर व जिले के लिए किसी आदर्श से कम नहीं है। प्रवेश द्वार पर यमदेव का बड़ा आकर्षक पेटिंग, दीवारों पर चित्र व लेखन है। आगे बढ़े तो पाथवे, चहूं ओर गार्डन, बेहतर पेयजल सुविधा, विभिन्न प्रकार के फूल, पेड़-पौधे हैं। इससे यहां का वातावरण पूरी तरह से हरियाली हो गई है। यह मुक्तिधाम गार्डन के स्वरूप में बन गया है। आकर्षक मुक्तिधाम में कहीं भी बदबू नहीं है। यहां लगे विभिन्न प्रकार के फूल-पौधों से यहां शुद्ध हवा व फूलों की महक बना रहता है, ऐसे में लोग दो पल सुकून के बीताने यहां आते हैं। मार्निंग वाक, शाम को टहलने युवक समेत हर वर्ग यहां पहुंचते हैं। शांत वातावरण में कुछ लोग यहां योग भी करते हैं। आदर्श सेवा समिति अध्यक्ष अधिवक्ता नंद कुमार देवांगन, सचिव रेवती रमन तिवार...

70 हजार साल बाद गुजरेगा हरी पूंछ वाला रहस्यमय धूमकेतु

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जानकारी। हरी पूंछ वाला लियोनार्ड धूमकेतु आगामी 12 दिसम्बर को धरती के पास से गुजरेगा, इसे वर्ष का सबसे चमकदार धूमकेतु कहा जा रहा है। 14 दिसम्बर के बाद से यह सूर्यास्त के बाद आसमान आकाश में दिखाई देगा। इसे देखने के लिए सबसे अच्छा समय 17 दिसम्बर को होगा, इस दौरान लियोनार्ड धूमकेतु की चमक सबसे तेज रहेगी। महीने में शाम को कुछ समय के लिए इस चमकीले हरे बर्फ के गोले को सूर्यास्त के बाद दिखाई देने की सम्भावना है। इस दौरान धूमकेतु की हरे रंग की एक पूंछ भी दिखाई देगी। इस बर्फीली चट्टान का आंतरिक भाग सूर्य के जितना करीब आता है, उतना ही गर्म होता है। इससे पहले यह नीली धूल, फिर पीले या सफेद और अंत में हरे रंग का उत्सर्जन करता है। हरे रंग की पूंछ का मतलब यह धूमकेतु काफी गर्म है। इसमें बहुत सारे साइनाइड और डायटोमिक कार्बन हैं और इसके टूटने की सम्भावना भी उतनी ही ज्यादा है। करीब 70 हजार साल में ऐसा पहली बार होगा। इस धूमकेतु की खोज इसी साल जनवरी महीने में की गई थी। इस धूमकेतु को सी/2021 ए1 के नाम दिया गया है। इस दौरान इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 21 मिलियन मील (35 मिलियन किमी) होगी। इसे रात के समय पूरे मही...

क्रिकेट इतिहास में 132 साल बाद दो टेस्ट मैच में चार कप्तान

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  जानकारी। भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी और दूसरा मैच मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा रहा है। 2016 के बाद अब 2021 में वानखेड़े स्टेडियम में टेस्ट मैच खेला जा रहा है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में 132 साल बाद दो टेस्ट मैच में चार कप्तान बनाये गये। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गये पहले टेस्ट मैच में भारत के लिए अजिंक्य रहाणे और न्यूजीलैंड के लिए केन विलियम्सन कप्तान थे, दूसरे टेस्ट में दोनों खिलाड़ी चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं। टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारत के कप्तान विराट कोहली और न्यूजीलैंड के कप्तान टॉथ लाथम हैं।  132 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब दो मैचों की टेस्ट सीरीज में चार कप्तान शामिल हुए हैं। पहली बार 1889 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान चार कप्तान बनाये गये थे। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ओवेन डुनेल और विलियम मिल्टन थे। वहीं, इंग्लैंड के कप्तान ऑब्रे स्मिथ और मोंटी बोडेनहुई थे। उस समय इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था।

उनाव में सूर्यमंदिर के दर्शन से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा व संतान का सुख

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  जानकारी। इक्ष्वाकु वंश के अविक्षित राजा के पुत्र तथा करंधम राजा के पौत्र वैशाली नरेश चक्रवर्ती सम्राट मरुत द्वारा अंगिरस ऋषि के दूसरे पुत्र एवं बृहस्पति के छोटे भाई संवर्त ऋषि के माध्यम से यमुना नदी के तट पर यज्ञ करवाया गया था। यज्ञ में काशी नरेश ने पाषाण यंत्र बनवाया, जो कालांतर में अमरकोश के रचयिता तथा चंद्रगुप्त द्वितीय के नवरत्न अमर सिंह सौरा द्वारा उनाव में लाया गया। कलयुग में 16 वीं शताव्दी में मऊरानीपुर के निकट कुरैचा गांव के रहने वाले सूर्य उपासक पंडित सदाराम एवं पतराम द्वारा सूर्य यंत्र को उनाव के निकट गोवर्धन नामक स्थान से पीपल की जड़ से निकाला गया तथा नदी किनारे गाय के गोबर, शहद, गुड़, मिट्टी आदि द्रव्यों से चबूतरा बनाकर स्थापित किया गया था। झांसी के सूवेदार मराठा नारूशंकर का कुष्ठ रोग ठीक होने पर उनके द्वारा सवा लाख स्वर्ण मुद्राओं का दान मन्दिर निर्माण के लिए दिया गया। मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ । मन्दिर का सिंहपौर (गुर्ज) बन ही पाया था, तभी दतिया नरेश बुन्देला शासक महाराज इंद्रजीत द्वारा मन्दिर का निर्माण कराया गया। इसके साथ ही दतिया के महाराजा भवानी सिंह(18...

आकर्षक पति चाहती हैं महिलाएं

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जानकारी। एक शोध में 113 विवाहित नए जोड़ों को शामिल किया गया था। शोध के दौरान शामिल जोड़े 30 साल की उम्र से कम के थे और उनकी शादी को चार महीने से अधिक हो गए थे। इस शोध के दौरान उन्हें एक पेपर दिया गया था, जिसमें उनके फिट रहने की इच्छा से जुड़े सवाल पूछे गए थे। जिन महिलाओं के पति आकर्षक होते हैं वह अपने आप को फिट रखने की ज्यादा प्रेशर बनाती हैं ताकि वह भी अपने पार्टनर की तरह दिख सकें। एक यूनिवर्सिटी में हुई इस रिसर्च में हिस्सा लेने वाली महिलाओं ने बताया कि उन पर डाइट या फिर भूखे रहने का कोई दबाव नहीं रहता है। वह रिलेशनशिप में काफी सकारात्मक महसूस करती हैं और खुश रहती हैं। महिलाएं रिश्तों की कद्र पर अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं लड़कों की बात करें तो हर लड़का किसी भी लड़की को पसंद करने से पहले कुछ चीजें जरूर देखता है। होंठ : लड़कियों के गुलाबी ओठ लड़कों को बहुत ज्यादा लुभाते हैं। वह इनके दीवाने होकर दिल दे बैठते हैं। हेयरस्टाइल : लुभाती हैं सुनहरी जुल्फें लड़के आमतौर पर लड़कियों के हेयरस्टाइल पर बहुत ध्यान देते हैं। किसी भी लड़की की हेयरस्टाइल ही यह बताने के लिए काफी होती है कि वह कितनी म...

सूर्य नमस्कार से निखरता है मन, सुडौल बनता है शरीर

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जानकारी। योग-व्यायाम और शारीरिक क्रिया न केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है बल्कि दिमाग को फिट रखने के लिए भी अहम है। ऋषि, मुनि ऐसे ही शक्तिशाली और विद्वान नहीं बने, बल्कि मन और मस्तिष्क को सुंदर और सुदृढ़ रखने के लिये सबसे आसान तरीका है योग और व्यायाम। प्रत्येक व्यक्ति को योग करना चाहिए, इसके नुकसान कुछ नहीं बल्कि फायदे  अनगिनत हैं। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपनी शाखा में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य रखा है। सूर्य नमस्कार के 12 चरण का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले। सूर्य नमस्कार से मन व मस्तिष्क में निखार आता है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है। इससे डाइजेशन सुधरता है, साथ ही कब्ज, एसिडिटी और पेट में जलन जैसी समस्याएं निय़ंत्रित होती हैं। सूर्य नमस्कार करने से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन खून तक पहुंचती है। इससे बॉडी में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड और बाकी जहरीली गैसें बाहर निकलती हैं। रोज सूर्य नमस्कार करने से ...

अद्भुत है सनातन धर्म

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 जानकारी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म लाखों वर्ष से अस्तित्व में है, सनातन का आदि है न अंत, शाश्वत है। सनातन के प्रत्येक नियम मोक्ष का मार्ग है, क्या हैं सनातन की जीवनशैली- संध्यावंदन, व्रत, तीर्थ, उत्सव, दान, सेवा संस्कार, यज्ञ, गीता-वेदपाठ और धर्म प्रचार। शुभ फूल में आंकड़ा, कमल, पारिजात, गुड़हल, रजनीगंधा, कनेर, चंपा, गुलाब, चमेली, गेंदा। शुभ पत्ते हैं- तुलसी, बिल्वपत्र, पान के पत्ते, केले के पत्ते, आम के पत्ते, शमी के पत्ते, पीपल के पत्ते, बरगद के पत्ते, आंकड़े के पत्ते और सोम पत्ती। पेय हैं- पंचामृत, चरणामृत, तुलसी रस, आंवला रस, नीम रस, सोमरस, पंचगव्य, अमृत, गंगाजल और खीर। इसके अलावा और भी सनातन धर्म से सम्बन्धित क्रिया व कार्य हैं।

इन लोगों से न करें बैर

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जानकारी। चाणक्य की नीतियां लाजवाब मानी जाती हैं। आचार्य ने कहा है कि निम्न लोगों से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए— पुलिस : पुलिस से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए, वह कभी भी अपने दुश्मन को ​अनगिनत धारायें लगाकर परेशानी खड़ी कर सकता है। पत्रकार : पत्रकारों से दुश्मनी महंगी पड़ सकती है, वह आपकी गुप्त बातें उजागर कर सकता है, जिससे आपको काफी हानि हो सकती है। पंडित : पंडित से बैर नहीं करना चाहिए, अपनी बुद्धि और शैली से आपको समाज में अपमानित कर सकता है। प्रभु : यानी मालिक या राजा से शत्रुता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उसके पास अपार शक्ति होती है वह आपका बड़ा नुकसान कर सकता है। सठ: यानी मूर्ख व्यक्ति से बुराई नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में तो ऐसे लोगों से दोस्ती करना भी अच्छा नहीं माना गया है। मूर्ख व्यक्ति उसे मान सकते हैं जिसे अपने ही हित या अहित के बारे में ज्ञान न हो। धनी : बहुत ही अमीर व्यक्त के साथ पंगा नहीं लेना चाहिए। क्योंकि वह कानून और न्याय को भी खरीद सकता है। वैद्य : यानी डॉकटर से कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। नहीं तो वह कभी भी आपको संकट में डाल सकता है। बंदि : यानी याचक या इधर-उधर खबर देने वाल...

जीवन में सफल होने के लिए चार बातों की जानकारी जरूरी

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जानकारी। आचार्य चाणक्‍य ने सफलता पाने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं, यदि व्‍यक्ति उन बातों को जान ले और उनका अनुसरण करे तो व्‍यक्ति का सफलता पाना निश्चित है। सफलता पाने के लिये 4 अहम बातें हैं, जिन्‍हें अपनाकर कोई भी व्‍यक्ति सफल हो सकता है।  यदि आप किसी काम में असफल हो रहे हैं या असफल होने से बचना चाहते हैं तो ऐसे व्‍यक्ति से मिलकर जरूर सलाह लें जो पहले ही असफल हो चुका है, इससे आपको सफलता पाने की राह में आनी वाली मुश्किलें पता चल जाएंगी और आपका उनका समाधान खोज पाएंगे। सफलता पाने के लिए उन लोगों से जरूर मिलें और बात करें जो उस काम में सफल हो चुके हैं, इससे आपको अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी, बल्कि आप सफल व्‍यक्ति से बेहतर रणनीति बनाकर अपना रास्‍ता और आसान कर सकते हैं। असफल और सफल लोगों से मिले अनुभवों के बाद खुद उनका विश्‍लेषण करें और फिर सोच-विचार कर अपनी रणनीति तैयार करें, कुल मिलाकर अहम फैसले अपनी विवेक-बुद्धि से ही लें, यदि व्‍यक्ति में ताकत और अक्‍ल है तो वह गलत फैसले से भी सही नतीजे पा सकता है।  कहावत है कि हर लड़ाई पहले दिमाग में ...

अलास्का से ऑस्ट्रेलिया तक 239 घंटों में नॉनस्टॉप 13 हजार किलोमीटर तक उड़ा ब्लैक टेल्ड गॉडविट पक्षी

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जानकारी। एक पक्षी ने 239 घंटो में 13 हजार किलोमीटर का सफर तय किया वह भी बिना ब्रेक के यानि कि यह पक्षी कहीं नहीं ठहरा, बस आसमान में लगातार उड़ता रहा। आईएफएस अधिकारी ने ट्वीट पर पोस्ट शेयर कर जानकारी देते हुये बताया कि एक ब्लैक टेल्ड गॉडविट बिना रेस्ट लिए 13000 किलोमीटर का सफर तय कर गया। इसे करने में उसे 239 घंटे लगे। यह सफर अलास्का से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक का था। इस पक्षी ने रेकॉर्ड बना दिया। अभी तक इतनी दूरी तक कोई पक्षी लगातार नहीं उड़ा है। बताते चलें कि वर्ष भर में दो बार पक्षी प्रवासी दिवस मनाया जाता है। यह मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस प्रवासी पक्षियों के सामने आने वाले खतरों, उनके पारिस्थितिक महत्व और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है। ब्लैक टेल्ड गॉडविट, साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, डेमोइसेल क्रेन, ब्लू टेल्ड बी ईटर, रूडी शेल्ड करूडी, यूरेशियन गौरैया, रफ बर्ड, कंघी बतख और रोजी पेलिकन ग्रेट समेत कई पक्षी भारत में भी प्रवास क...

वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गयी : मोहन भागवत

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जानकारी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी, सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को वीर सावरकर से जुड़ी कई बड़ी बातें कहीं। मोहन भागवत ने कहा कि देश में आज के समय में वीर सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है, यह एक समस्या है। वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई, इनकी बदनामी की मुहिम स्वतंत्रता के बाद खूब चली। वीर सावरकर पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए सरसंघचालक ने कहा कि वीर सावरकर के बारे में लिखी गईं तीन पुस्तकों के जरिए काफी जानकारी हासिल की जा सकती है। मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद वीर सावरकर को बदनाम किया गया, इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद को बदनाम करने का नम्बर लगेगा, क्योंकि वीर सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे। हमारी पूजा विधि अलग-अलग है, लेकिन पूर्वज एक हैं। बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वालों को वहां प्रतिष्ठा ...

अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शारीरिक वर्ग

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जानकारी। अयोध्या में अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग के लिए उतर बिहार प्रांत से किशनगंज जिला सहित तेरह स्वयंसेवकों का चयन किया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शारीरिक विभाग की ओर से आयोजित शारीरिक वर्ग अयोध्या में 18 अक्टूबर 2021 से शुरू होगी और पांच दिवसीय वर्ग चलेगी। अखिल भारतीय शारीरिक वर्ग में पूज्य सरसंघचालक मोहन भागवत जी और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय हौसबोले जी का सानिध्य मिलेगा। विभिन्न शारीरिक योग में दंड, दंडयुद्ध, पद विन्यास आदि कुल दस विधाओं में एक-एक स्वयंसेवकों का चयन किया गया है। शारिरिक वर्ग में सभी प्रतिभागी स्वयंसेवक को देश के प्रत्येक प्रांत से 17 अक्टूबर 2021 सायं सात बजे तक अयोध्या कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने की सूचना है।

31 साल की महिला टीचर 14 साल के छात्र से कार में बनाती थी शारीरिक सम्बन्ध

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 जानकारी। अमेरिका की रहने वाली 31 साल की ड्रामा टीचर ने 14 साल के नाबालिग स्टूडेंस के साथ कई बार अपनी कार में शारीरिक सम्बन्ध बनाए। पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया है। खबर के अनुसार मामला फ्लोरिडा के मियामी डेड काउंटी पब्लिक स्कूल का है, जहां 31 वर्षीय ड्रामा टीचर ब्रिटनी लोपेज मुर्रे काम करती थी, टीचर पर कथित तौर पर 14 वर्षीय छात्र के साथ कार में कई बार सम्बन्ध बनाने का आरोप हैं। आरोपी टीचर कार में नाबालिग की न्यूड फोटोज भी क्लिक करती थी, जिसे वो बच्चे के फोन पर अक्सर शेयर करती थी। रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला बीते अगस्त महीने का है, ड्रामा टीचर बास्केटबॉल प्रैक्टिस के बाद छात्र को लेने के लिए उसका इंतजार करती थी और फिर उसके साथ कार में सम्बन्ध बनाती थी। महिला टीचर बच्चे का स्कूल में ड्रामा क्लास लिया करती थी, जहां वह बच्चे को फुसलाने में कामयाब हो गई। मामले का खुलास उस वक्त हुआ जब लड़के के पिता ने अपने बेटे के फोन पर न्यूड तस्वीरें देख लीं, इसके बाद वो मियामी डेड काउंटी पब्लिक स्कूल के बोर्ड से इसकी शिकायत करने पहुंचे। इस मामले का खुलासा होने के बाद स्कूल ने कहा कि उसने आ...

सोशल मीडिया व वीडियो गेम नींद के दुश्मन

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जानकारी। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और उपकरणों के इस्तेमाल से बच्चों- खासकर छह से 15 साल की उम्र के बीच वालों-के सोने में देरी हो रही है और उनकी नींद की गुणवत्ता खराब हो रही है। यूनिवर्सिटी ऑफ साऊथ डेनमार्क के शोधकर्ताओं के एक दल ने पाया कि जहां पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के मामलों में मीडिया का उपयोग और कम नींद आने की समस्या टेलीविजन और टैबलेट के उपयोग से जुड़ी हुई थी, वहीं 6-15 वर्ष के बच्चों को कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे सेलफोन, कम्प्यूटर, विभिन्न उपकरणों पर ऑनलाइन होना और वीडियो गेम के लगातार उपयोग के कारण सोने में परेशानी हो रही थी। 13 से 15 वर्ष की आयुवर्ग के किशोरों में भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल और उनकी सोने में परेशानी के एक दुसरे से जुड़े होने का प्रमाण मिला, जबकि छह से 12 वर्ष की आयु के बच्चों ने ज्यादा देर तक टेलीविजन देखा, जिससे उन्हें सोने में देरी हुई और इसके परिणामस्वरूप उनकी नींद की गुणवत्ता खराब हुई। यह निष्कर्ष 2009 से 2019 के बीच प्रकाशित 49 ऐसे अध्ययनों की समीक्षा करके निकाले गए, जिसमें उच्च आय वाले देशों के 3 लाख 69 हजार से अधिक बच्चे शामिल थे। इसका...

उत्तराखंड के केदारनाथ में वर्षों बाद खिला दुर्लभ नीलकमल

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जानकारी। उत्तराखंड के वासुकीताल कुंड से लेकर करीब 3 किमी क्षेत्र में कई सालों बाद नीलकमल के फूल खिले हैं। इस फूल का खिलना एक चमत्कार ही है क्योंकि यह अति दुर्लभ फूल है और यह सालों में एक बार ही खिलता है। यह भी माना जा रहा है कि लाकडॉउन के चलते जब हिमालय क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर कम हुआ तो वहां की प्रकृति ने भी सांस लेना शुरू कर दिया है। हिमालय क्षेत्र में 4 प्रकार के कमल के फूल मिलते हैं-नीलकमल, ब्रह्मकमल, फेन कमल और कस्तूरा कमल। सनातन धर्म के अनुसार कमल के फूल की उत्पत्ति भगवान विष्णुजी की नाभि से हुई है और कमल के फूल से ब्रह्माजी की उत्पत्ति मानी जाती है। कमल के पुष्प को ब्रह्मा, लक्ष्मी तथा सरस्वती जी ने अपना आसन बनाया है। कमल का फूल नीला, गुलाबी और सफेद रंग का होता है। कुमुदनी और उत्पल (नीलकमल) यह कमल के ही प्रकार हैं। इसके पत्तों और रंगों में भिन्नता रहती है। नीलकमल को भगवान विष्णु का प्रिय पुष्प माना जाता है। इस फूल का वानस्पतिक नाम नेयम्फयस नॉचलि या जेनशियाना फाइटोकेलिक्स है। यह नीले रंग का होता है।यह एशिया के दक्षिणी और पूर्वी भाग का देशज पादप है तथा श्रीलंका ए...

पहली बार अपना प्रधान चुनेंगे 35 गांवों के वनटांगिया

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जानकारी : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बेहतरीन कार्य कर रही है। इसी के तहत वनटांगिया पर भी योगी सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। राजस्व ग्राम का दर्जा मिलने के बाद 35 गावों के वनटांगिया त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपने प्रधान का चुनाव करेंगे। गोरखपुर जिले में पांच और पड़ोसी जिले महराजगंज में 18 वनटांगिया गांव हैं। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के ही गोंडा और बलरामपुर में 5-5 वनटांगिया गांव हैं। राजस्व ग्राम के निवासी के रूप में इन गांवों के वनटांगिया पहली बार पंचायत चुनाव में सीधी और सक्रिय भूमिका निभाएंगे।