सम्पूर्ण राष्ट्र के प्रति आत्मीयता का भाव

अमृतवचन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर उपाख्य गुरुजी ने कहा है कि छोटी-छोटी बातों को नित्य ध्यान रखें बूंद–बूंद मिलकर ही बड़ा जलाशय बनता है। एक–एक त्रुटि मिलकर ही बड़ी बड़ी गलतियां होती है। इसलिए संघ की शाखाओं में जो शिक्षा मिलती है उसके किसी भी अंश को नगण्य अथवा कम महत्व का नहीं मानना चाहिए। सम्पूर्ण राष्ट्र के प्रति आत्मीयता का भाव केवल शब्दों में रहने से क्या काम नहीं चलेगा। आत्मीयता को प्रत्यक्ष अनुभूति होना आवश्यक है समाज के सुख-दुख यदि हमें छु पाते हैं तो यही मानना चाहिए कि यह अनुभूति का कोई अंश हमें भी प्राप्त हुआ है। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के प्रति सम्पूर्ण समर्पण भाव और प्रबल आत्मसंयम होने के कारण से 1939 में माधव सदाशिव गोलवलकर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सरकार्यवाह नियुक्त किया गया। 1940 में डॉ हेडगेवार का ज्वर बढ़ता ही गया और अपना अन्त समय जानकर उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं के सामने माधव सदाशिव गोलवलकर को अपने पास बुलाया और कहा कि अब आप ही संघ का कार्य सम्भालें। 21 जून 1940 को हेडगेवार अ...