साधु का मजबूत किला
बोधकथा : एक साधु से उसके मित्रों ने पूछा कि यदि दुष्ट लोग आप पर हमला कर दें तो आप क्या करेंगे? साधु ने कहा कि मैं अपने मजबूत किले में जाकर बैठ जाऊंगा। यह बात उस साधु के शत्रुओं के कान तक पहुंच गई। उन्होंने एक दिन एकांत से साधु को घेर लिया और कहा कि यह बताइये कि आपका मजबूत किला कहां है? साधु खूब हँसने लगा। फिर अपने हृदय पर हाथ रखकर बोला, यह है मेरा किला। इसके ऊपर कभी कोई हमला नहीं कर सकता। शरीर तो नष्ट किया जा सकता है, पर जो उसके भीतर है, उसके रास्ते को जानना ही मेरी सुरक्षा है। जो व्यक्ति इस मजबूत किले को नहीं जानता, उसका पूरा जीवन असुरक्षित है, वह हमेशा शत्रुओं से घिरा रहता है।
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