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जुलाई, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक्यूप्रेशर पद्धति से दूर करें शारीरिक दर्द

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स्वास्थ्य : एक्यूप्रेशर एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पॉइंट को दबाकर सेहत की समस्याओं को हल किया जा सकता है। दरअसल ये पॉइंट्स उन स्थानों से आंतरिक रूप से संबंध रखते हैं, जहां आपको समस्या हो रही है। अगर आपको सिरदर्द, तनाव, चक्कर आना, दिमागी असंतुलन या फिर नाक, कान व आंख संबंधी समस्याएं होती हैं, तो कान के पीछे की तरफ जो अंदर झुका हुआ भाग है, उसे दबाने से लाभ होगा। थायराइड की समस्या होने पर दोनों हाथों और दोनों पैरों के अंगूठे के ठीक नीचे ऊपर उठे हुए भाग पर दबाव डालें। इसे झाड़ी की सुई की दिशा में बनाएं और छोड़ दें। ऐसा कुछ समय तक करते रहें।   कोलेस्ट्रॉल, गले की समस्या, हिचकी आना, उल्टी, ब्लडप्रेशर और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं में हाथ का मुड़ने वाला भाग यानि कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने से लाभ होगा। दांत दर्द की समस्या होने पर हथेली को उल्टा करके तर्जनी और अंगूठे के बीच का हिस्सा दबाएं। इसके अलावा आंखों की बाहरी रेखा की सीध में जबड़े पर दो बिंदु हैं जिन्हें दबाने पर लाभ होगा। घुटनों का दर्द, जकड़न, सूजन आदि ...

हीरे का हार और सोनार

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बोधकथा : एक जौहरी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उसके घर में पत्नी और एक बच्चा था। पैसों की तंगी की वजह से जौहरी बहुत परेशान रहने लगा था और एक दिन उसकी मृत्यु हो गई। जौहरी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी ने अपने बेटे को हीरों का हार दिया और कहा कि इसे अपने हीरों के व्यापारी चाचा की दुकान पर बेच दो, इससे जो पैसा मिलेगा, वह हमारे काम आएगा। लड़का तुरंत ही हार लेकर अपने चाचा की दुकान पर पहुंच गया। चाचा ने हार देखा और कहा कि बेटा अभी बाजार मंदा चल रहा है, इस हार को बाद में बेचना। तुम्हें पैसों की जरूरत है तो अभी मुझसे ले लो और मेरे यहां काम करना शुरू कर दो। लड़के ने चाचा की बात मान ली। अगले दिन से लड़का अपने चाचा की दुकान पर काम करने लगा। धीरे-धीरे उसे भी हीरों की अच्छी परख हो गई। वह तुरंत ही असली और नकली हीरे को पहचान लेता था। एक दिन उसके चाचा ने कहा कि अभी बाजार बहुत अच्छा चल रहा है, तुम अपना हीरों का हार बेच सकते हो। लड़का अपनी मां से वह हार लेकर दुकान आ गया और चाचा को दे दिया। उसके चाचा ने कहा कि अब तो तुम खुद भी हीरों की परख कर लेते हो, इस हार को देखकर इसकी कीमत का अंदाजा लगा सकते हो। इ...

बच्चों को 'हेपेटाइटिस' से बचाएं

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स्वास्थ्य : शिशु के जन्म के एक घंटे बाद डॉक्टर रेस्पिरेशन रेट, बॉडी टेंप्रेचर, हार्ट बीट्स और मसल्स मूवमेंट के अलावा उसके रिएक्शंस, बाई बर्थ डिजीज और जॉन्डिस की भी जांच करते हैं। शिशु को जन्म के 24 घंटे के भीतर यूरीन और स्टूल जरूर डिस्चार्ज करना चाहिए। अगर इसमें जरा भी देर हो या फिर उसके यूरीन या स्टूल में गड़बड़ी दिखाई दे तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। जरूरी देखभाल जन्म लेने के बाद बच्चे की केयर में बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है। बच्चे का सबसे पहला भोजन, डिलीवरी के बाद मां का पहला दूध होता है। यह थोड़ा-सा चिपचिपा और पीले रंग का होता है। मां के पहले दूध को कोलोस्ट्रकम कहते हैं। इसमें कईं एंटीबायोटिक्स होते हैं, जो बीमारियों से बच्चे को बचाते हैं और बच्चे के इम्यून सिस्टम को विकसित करने में सहायता कर उसे विभिन्न इंफेक्शंस से बचाते हैं। एंटीबॉयोटिक्स से भरपूर यह दूध नवजात शिशु के लिए एक परफेक्ट फूड माना जाता है। यह बच्चे को न सिर्फ पोषण ही नहीं सुरक्षा भी प्रदान करता है। जन्म के एक घंटे के भीतर ही यह बच्चे को दे देना चाहिए। शिशु को स्किन से स्किन का संपर्क प्रदान करने के ...

दुश्मन को मात देने के लिए विष कन्याओं का उपयोग

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जानकारी : राजा-महाराजाओं के पास प्राचीन समय में विषकन्याएं हुआ करती थीं जो उनके सबसे खतरनाक दुश्मन को मारने या कोई भेद निकालने के काम आती थीं. इनके बनने की एक खास प्रक्रिया होती थी. ये एक तरह की 'ह्यूमन वेपन' हुआ करती थीं. ये वे बच्चियां होती थीं जो अक्सर राजाओं की अवैध संतानें होती थीं, जैसे दासियों के साथ उनके मेल से आई संतानें. या फिर अनाथ या गरीब बच्चियां. इन्हें राजमहल में ही रखकर खानपान का ध्यान रखा जाता. कुछ दिनों बाद इन्हें जहरीला बनाने की प्रक्रिया शुरू होती. कम उम्र से ही कम मात्रा में अलग-अलग तरह का जहर दिया जाता. ये जहर खाने में मिला होता था. धीरे-धीरे जहर की मात्रा बढ़ाई जाती थी. इस प्रक्रिया में ज्यादातर बच्चियां मर जाया करतीं. कुछ विकलांग हो जातीं. जो बच्चियां सही-सलामत रहतीं, उन्हें और घातक बनाया जाता था,  उन्हें नृत्य-गीत, साहित्य, सजने-संवरने और लुभाने की कला में पारंगत बनाया जाता. पूरा ध्यान रखा जाता कि वो इस तरह तैयार हों कि किसी राजा-महाराजा से बातचीत कर उन्हें लुभा सकें. युवा होते-होते वो इतनी जहरीली हो जातीं कि उनके शरीर का स्पर्श भी जानलेवा हो जाया कर...

10 हजार किलो बिकती हैं 'व्हाइट टी' की पत्तियां

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त्रिपुरा सामान्यत: 58 बागानों से सालाना 90 लाख किलोग्राम से अधिक चाय का उत्पादन करता है. अगरतला : त्रिपुरा में चाय उगाने वाले किसान अब महंगी और उत्कृष्ट किस्म की ‘व्हाइट टी’ का वृहद स्तर पर उत्पादन शुरू करने वाले हैं. व्हाइट टी को लेकर पायलट परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूरा हो जाने से राज्य में बड़े स्तर पर इसका उत्पादन शुरू करने का रास्ता तैयार हुआ है. राज्य के 95 साल पुराने गोलोकपुर टी एस्टेट ने इस साल की शुरुआत में 10 हजार रुपये में एक किलोग्राम व्हाइट टी बेचकर कीर्तिमान बनाया था. इस विशेष किस्म की चाय की राज्य में मांग बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इस साल हमने 30 किलोग्राम व्हाइट टी का उत्पादन किया और उन्हें 10 हजार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेंगलुरु के खुदरा विक्रेता टी बॉक्स को बेचा था. इस किस्म की मांग लगातार बढ़ रही है. इस कारण हमने इसका उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है. हालांकि इसके उत्पादन में बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है.  राज्य के 101 साल पुराने एक अन्य चाय बागान फतिकचेरा ने कहा कि उसने इस साल 6.8 किलोग्राम व्हाइट टी का उत्पादन किया. बागान ने इसे 5,500 रु...

श्रीमद्भगवद्गीता

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य एनं वेत्ति हन्तारं यश्चैनं मन्यते हतम्। उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न हन्यते। न जायते म्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा न भूय:। अजो नित्य: शाश्वतोयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे। जो इस आत्मा को मारने वाला समझता है तथा जो इसको मरा मानता है, वे दोनों ही नहीं जानते, क्योंकि यह आत्मा वास्तव में न तो किसी को मारता है और न किसी के द्वारा मारा जाता है। यह आत्मा किसी काल में भी न तो जन्मता है और न मरता ही है तथा न यह उत्पन्न होकर फिर होने वाला ही है, क्योंकि यह अजन्मा, नित्य, सनातन और पुरातन है, शरीर के मारे जाने पर भ यह नहीं मारा जाता। वेदाविनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम्। कथं स पुरुष: पार्थ कं घातयति हन्ति कम्। वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोपराणि। तथा शरीरराणि विहाय जीर्णान्यन्यानि संयाति नवानि देही। हे पृथापुत्र अर्जुन! जो पुरुष इस आत्मा को नाशरहित, नित्य, अजन्मा और अव्यय जानता है, वह पुरुष कैसे किसको मरवाता है और कैसे किसको मारता है। जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नये वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नये ...

कर्मों के फल भुगतने के लिए ही होता है पुनर्जन्म

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अध्यात्म : सनातन धर्म के लोग पुनर्जन्म में विश्वास रखते हैं, यही आत्मा की ऊर्जा है। आत्मा जन्म एवं मृत्यु के निरंतर पुनरावर्तन की शिक्षात्मक प्रक्रिया से गुजरती हुई अपने पुराने शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है। जन्म और मत्यु का यह चक्र तब तक चलता है, जब तक कि आत्मा मोक्ष प्राप्त नहीं कर लेती। मोक्ष प्राप्ति का रास्ता कठिन है। यह मौत से पहले मरकर देखने की प्रक्रिया है। वेद और उपनिषद कहते हैं कि शरीर छोड़ने के बाद भी तुम्हारे वे सारे कर्मों के क्रम जारी रहेंगे, जो तुम यहां रहते हुए करते रहे हों और जब अगला शरीर मिलेगा तो यदि तुमने दु:ख, चिंता, क्रोध और उत्तेजना को संचित किया है तो अगले जन्म में भी तुम्हें वही मिलेगा, क्यों‍कि यह आदत तुम्हारा स्वभाव बन गई है। पुराणों के अनुसार व्यक्ति की आत्मा प्रारंभ में अधोगति होकर पेड़-पौधे, कीट-पतंगे, पशु-पक्षी योनियों में विचरण कर ऊपर उठती जाती है और अंत में वह मनुष्य वर्ग में प्रवेश करती है। मनुष्य अपने प्रयासों से देव या दैत्य वर्ग में स्थान प्राप्त कर सकता है। वहां से पतन होने के बाद वह फिर से मनुष्य वर्ग में गिर जाता है। यदि आपने अपने कर्मों...

शुक्ल देवताओं का तो कृष्ण पक्ष पितरों का

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जीवनशैली : उत्तरायण और दक्षिणायन साल के दो भेद हैं। उसी तरह माह के दो भेद हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अमास्या तो शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा होती है। शुक्ल देवताओं का तो कृष्ण पक्ष पितरों एवं नकारात्मक शक्तियों का समय होता है। उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं, तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य और पितर आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, क्योंकि इस समय अंधेरा बढ़ता जाता है और अमावस्य को पूर्ण अंधेरा रहता है। जब दानवी आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, तब मनुष्यों में भी दानवी प्रवृत्ति का असर बढ़ जाता है इसीलिए उक्त दिनों के महत्वपूर्ण दिन में व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को धर्म की ओर मोड़ दिया जाता है।  अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। अमावस्या के दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता। ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। चंद्र का मन पर प्रभाव पड़ता है...

हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगायें

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जीवनशैली : सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में जाना जाता है। यह एक प्रकार से भारतीय पर्यावरण दिवस है। यह दिन खेती-किसानी करने वालों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पौधरोपण का विशेष महत्व है। इस दौरान कृषक बारिश का पूर्वानुमान लगाते हैं, ताकि कृषि कार्य की आरंभिक प्रक्रिया को शुरू किया जा सके। हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण करना शुभ माना जाता है। वैसे भी पेड़-पौधे हमारी आस्था के साथ ही जीवन शक्ति से जुड़े हुए हैं। अलग-अलग पेड़-पौधों में विभिन्न देवताओं का भी वास माना जाता है। जैसे पीपल वृक्ष में त्रिदेव के साथ ही अन्य देवताओं का वास माना गया है। इसी तरह केला और आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। हरियाली अमावस पर खास पौधे लगाने और उनकी पूजा करने से शुभ फल के साथ ही ईश्वर की कृपा भी प्राप्त होती है।  हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण अगर श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त में किए जाएं तो वे शुभ फलदायी होते हैं। ज्योतिष के मुताबिक रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढा, उत्तरा भाद्रपदा, अनुराधा, पुष्य, श्रवण, हस्त, अश्विनी, मूल और...

बिना चिकित्सक की सलाह के न लें गर्भपात की गोलियां

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जीवनशैली : दवा जितनी फायदेमंद है, उतनी ही घातक भी। कई बार ऐसा भी होता है कि गर्भपात की गोली लेने के बाद भ्रूण पूरी तरह शरीर बाहर नहीं आ पाता। इस स्थिति में सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। इन दवाओं का एक सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि गलत तरीके से यह दवा लेने पर महिला को दोबारा गर्भधारण करने में समस्या होती है। मां बनना यकीनन एक स्त्री के लिए दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है, लेकिन यह खुशी गम में तब तब्दील हो जाता है, जब स्त्री का गर्भधारण उसके मनमुताबिक न हो। आज के समय में हर स्त्री अपनी फैमिली को प्लान करके ही आगे बढ़ाना चाहती हैं और अनचाहा गर्भ सिर्फ और सिर्फ उसे परेशान ही करता है। कई बार स्त्री गर्भपात करवाने के डरती है और इसलिए केमिस्ट की दुकान पर जाकर गर्भपात की गोली ले लेती है। अगर आप भी ऐसा करने वाली हैं तो जरा ठहरिए। खुद से गर्भपात की गोलियां लेना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्भपात की गोली लेने का अर्थ यह कतई नहीं है कि पूरी तरह गर्भपात हो जाए। कई बार ऐसा भी होता है कि गर्भपात की गोली लेने के बाद भ्रूण पूरी तरह शरीर बाहर नहीं आ पाता। इस स्थिति में सर्जरी ही एकमात्...

ऑवरग्लास बॉडी शेप में आकर्षक दिखती हैं महिलाएं

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जीवनशैली : ऑवरग्लास बॉडी शेप वाली महिलाएं बहुत भाग्यशाली होती हैं। इस फिगर में सुडौल हिप्स और ब्रेस्ट होता है और इस फिगर में कमर छोटी होती है। इसी फिगर की पहचान छोटी कमर और सुडौल हिप्स व बस्ट है। महिलाओं का फिगर का साइज 36-24-36 परफेक्ट माना गया है। आज के समय में ज्यादातर महिलाएं ऐसे बॉडी पाने के लिए जिम का सहारा ले रही है। ऑवरग्लास बॉडी शेप बॉडी वाली महिलाएं हर लुक्स में अच्छी लगती है। उनके पहनावे की बात की जाएं तो उन पर कोई भी ड्रेस हो परफेक्ट लगती है। लेकिन खास कपड़ों की बात की जाए तो ऑवरग्लास बॉडी शेप वाली महिलाएं जींस और साडी में ज्यादा हॉट लगती है, लेकिन फिर भी आप अगर ड्रेस सलेक्ट करने में परेशानी हो रही है तो हम आपकी मदद करते हैं। ऑवरग्लास बॉडी शेप वाली महिलाओं को साड़ी लुक ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि आपके फिगर में साडी खूबसूरती को बढ़ा देगी।  ऑवरग्लास बॉडी शेप वाली महिलाएं ऐसी ड्रेस का चयन करें जो आपके कर्वी फिगर में फिट हो। जैसे बेल्ट वाले टॉप के ऊपर जैकेट कमर की खूबसूरती को बढ़ा देगी। जैकेट की जगह आप कोट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं ऑवरग्लास शेप बॉडी शेप वाली महिल...

कैसे करें नवजात शिशु की देखभाल

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जीवनशैली : बच्चों के पैदा होने के बाद जो खुशी मां, बाप को होती है, वह शायद किसी को मिलती हो। लेकिन देखरेख के अभाव में बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो जाता है और बच्चे गलत स्वभाव के आदी हो जाते हैं। जन्म के बाद शुरुआती चौबीस घंटे शिशु के लिए अहम होते हैं, इस दौरान उसे विशेष देखभाल की जरूरत होती है। भले ही डिलीवरी सामान्य हो या सीजेरियन। जब बच्चा इस संसार में आंखें खोलता है तो उसे सुरक्षित महसूस कराने और सबसे पहले गर्मी देने के लिए मां के सीने पर रखा जाता है, जिससे वह अपनी मां की त्वचा को महसूस कर सके। इसके बाद उसे मां के पहले दूध और नींद की जरूरत होती है। फिर उसका वजन किया जाता है और विटामिन के इंजेक्शन भी दिए जाते हैं ताकि ब्लीडिंग को रोका जा सके।  इसके अलावा भी जन्म के पहले 24 घंटों में कई तरह की जांच करनी होती हैं। जैसे ही बच्चा जन्म लेता है, डॉक्टर उसके मुंह और नाक से म्युकस और एमनियोटिक फ्ल्यूड को साफ करने के लिए सक्शन करते हैं, जिससे बच्चा खुद से सांस लेना शुरू कर सके। जन्म के एक मिनट और पांच मिनट के बाद सांसों की गति मापी जाती है। जन्म के बाद बच्चे का एप्गार स्कोर चेक करते है...

घर की रसोई में है दमकती त्वचा का राज

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जीवनशैली : त्वचा को प्रॉपर केयर न मिलने की वजह से इसकी रंगत दबने लगती है। लेकिन आप चाहें तो बिना पार्लर जाए, घर पर ही अपनी त्वचा की रंगत को निखार सकती हैं। इसके लिए आपको कुछ नेचुरल प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करना होगा। चेहरा धूप की वजह से यदि टैन हो गया है तो टमाटर चेहरे पर रगड़ें। इसके लिए टमाटर की एक स्लाइस लें और इसे चेहरे पर रगड़ें। ऐसा हफ्ते में तीन से चार बार करें। आपकी टैनिंग पूरी तरीके से खत्म हो जाएगी। दही में कैल्शियम, विटामिन-डी भरपूर मात्रा में होता है। यह हेल्थ के साथ त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। शहद और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर इससे अपने चेहरे की मसाज करें। इससे चेहरे पर जमी गंदगी साफ हो जाती है, चेहरे पर निखार नजर आता है। पके पपीते को मसलकर या एक टुकड़े को लेकर कुछ देर गोलाई में घुमाते हुए चेहरे की मसाज करें। ऐसा हफ्ते में दो बार करने से चेहरे पर कसाव और चमक आती है। पपीता विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत है, इसमें पेपीन नाम का विशेष एंजाइम होता है जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है। चोकर तीन-चार टेबलस्पून कच्चे दूध में थोड़ा-सा चोकर मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा...

मशहूर शो ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ में दिखेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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समाचार : टेलीविजन चैनल डिस्कवरी के मशहूर शो मैन वर्सेज वाइल्ड में जल्द ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिखने वाले हैं। इंटरनेशनल टाइगर्स डे के मौके पर शो के स्टार बेयर ग्रिल्स ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसकी जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत में वन्य जीव संरक्षण के लिए किए उपायों को लेकर उन्होंने खास कार्यक्रम शूट किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मशहूर शो प्रजेंटर से भारत की विशाल प्राकृतिक विविधता और प्रकृति संरक्षण उपायों पर भी चर्चा करते दिखेंगे। बेयर ग्रिल्स ने ट्वीट किया है कि 180 देशों के लोग जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनदेखे पहलू से परिचित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताएंगे कि कैसे भारत में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए जागरुकता अभियान और भौगोलिक परिवर्तनों के लिए काम हो रहा है। मैन वर्सेज वाइल्ड में मेरे साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डिस्करी पर 12 अगस्त को देखें।  वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी का अंदाज एकदम अलग दिखेगा। वह बेतकल्लुफ अंदाज में हंसते और चर्चा करते हुए दिखेंगे। इस शो में प्रधानमंत्री स्पोर्ट्स ड्रेसअप में हैं और ग्र...

'रज्जू भइया सैनिक विद्या मंदिर' में अब सेनाधिकारी बनेंगे नवयुवक

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जानकारी : 2020 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेना विद्यालय खोलने की तैयारी कर रहा है। सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने के लिए बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इन स्कूलों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शिक्षा शाखा विद्या भारती चलाएगी। स्कूल का नाम रज्जू भइया सैनिक विद्या मंदिर होगा। यह नाम 'संघ' के पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह उर्फ रज्जू भैया के नाम पर रखा गया है। रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर की पहली शाखा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के शिकारपुर में खोला जाएगा। यहां पर साल 1922 में आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक रज्जू भइया का जन्म हुआ था।  छात्रों के लिए आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य किया जा रहा है। विद्या भारती यहां पाठ्यक्रम के रूप में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अपनाएगी। इसमें छठीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्र होंगे। सम्भावना जताई जा रही है कि अप्रैल 2020 से कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि अगर यह प्लान कामयाब रहता है तो जल्द ही इसी तरह के की स्कूल खोले जा सकते हैं। इस विद्यालय को लेकर विद्या भारती ने विवरणिका तैयार कर लिया है। सम्भावना है कि अगस्...

बाबाधाम पहुंचे दो लाख से अधिक कांवड़िये

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आस्था : पवित्र सावन का महीना चल रहा है। भक्त शिव के दर्शन के लिए तमाम तीर्थ स्थलों, शिवालयों में जा रहे हैं। झारखंड के देवघर स्थित ज्यार्तिलिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ को सावन के दूसरे सोमवार पर जलार्पण के लिए भक्तों का उत्साह रविवार से ही चरम पर दिखा। रविवार को बाबा पट बंद होने तक बैद्यनाथ पर 2 लाख से अधिक कांवड़ियों ने जलार्पण किया।  प्रदोष तिथि होने की वजह से दूसरे सोमवार पर शुभ मुहूर्त का संयोग और खास हो गया है। सावन में प्रदोष तिथि पर जलार्पण व व्रत रखने से बाबा भोलेनाथ मनोकामना पूरी करती हैं। शुभ मुहूर्त पर जलार्पण के लिए सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर निकले कांवड़ियों का हुजूम 28 जुलाई 2019 को देर रात ही बाबा नगरी में उमड़ पड़ा।

बाघ दिवस 29 जुलाई को : बाघों को मार रहे ​तस्कर

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स्मृति : मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार 29 जुलाई को मिन्टो हॉल में सुबह 11 बजे अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर वन रक्षक सुमेरीलाल यादव को सतपुड़ा लैंडस्केप टाइगर पार्टनरशिप हीरो अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। श्री सिंघार किंगडम ऑफ टाइगर्स फोटो प्रदर्शनी का उदघाटन करेंगे। कार्यक्रम में कहानी पुस्तिका 'बाघों की कहानी-मुन्ना की जुबानी' और 'बाघ बनायें-बाघ बचायें' का विमोचन होगा। संजय टाइगर रिजर्व का प्रतीक चिन्ह जारी होगा। 'हिडन वाइल्डरनेस ऑफ मध्यप्रदेश' वृत्त चित्र प्रतियोगिता के परिणाम घोषित होंगे। विजेता लघु वृत चित्र का प्रदर्शन किया जायेगा। फरहान खान द्वारा निर्मित लघु वृत्त चित्र 'किंगडम ऑफ टाइगर' का प्रदर्शन होगा। मध्य प्रदेश में सक्रिय वन्य प्राणी प्रबंधन एवं वन सुरक्षा के लिये 'एम-स्ट्राइप' पर कान्हा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति प्रस्तुतिकरण देंगे। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय शुक्ला 'कान्हा टाइगर रिजर्व' लघु वृत्तचित्र का प्रदर्शन करेंगे।

उत्कटासन : पीठ और कमर दर्द के लिए उत्तम

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स्वास्थ्य : उत्कट आसन में शरीर कुर्सी के आकर जैसा होता है। सेहत के लिए उत्कटासन बहुत मददगार होता है। इस आसन को करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती और शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है। यह बहुत आसान योगासन है इसे आसानी से कर सकता है। उत्कटासन योग पीठ दर्द, कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी और फेफड़ों को मजबूत बनाने मे कारगर है। यह आसन शरीर में हार्मोन्स के स्तर को संतुलित करता है। सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और पैरों के बीच थोड़ा फासला रखें। इसके बाद हाथों को सामने की तरफ ऐसे फैलाएं। अब रीढ़ को सीधे रखते हुए नीचे की और झुकें जैसे कुर्सी पर बैठ रहे हो। इस स्थिति में 20 सेकंड रुकें। बैठते समय सांसों को अंदर की और खींचें और उठते समय बाहर छोड़ें। इस आसन को दिन में कभी भी करते रहे हैं। यह ही उत्कटासन योग है। फायदे - - उत्कटासन करने से सांस को बाहर लेते और छोड़ते हैं जिसके कारण छाती में शुद्ध हवा का प्रवाह बढ़ जाता है। जिससे फेफड़ों की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। - इसके नियमित अभ्यास से पाइल्स की समस्या दूर होती है। पाइल्स की समस्या से ग्रस्त लोग इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। - यह आसन जांघों के आसपास...

कई गम्भीर रोगों के लिए रामबाण हैं पान के पत्ते

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जीवनशैली : अक्सर लोग रात के खाने के पश्चात पान खाना काफी पसंद करते हैं। इसके अनेक फायदे भी होते हैं। कुछ रोगों में ये सहायक भी होता है। पान के पत्तों में स्वास्थ्य से जुड़े अनेक राज होते हैं जो कि कई बीमारियों के इलाज की वजह बनते हैं। यदि आपको मसूड़ों या फिर दांतों में दर्द हो तो आप पान के पत्तों में 10 ग्राम कपूर मिला लेवे। पान के पत्ते हरे रंग के होने चाहिए। अब इन पत्तों को काफी चबा-चबाकर खा जाइए। ये आपकी दिक्कत को दूर कर देंगे। जिस किसी को भी बार-बार सिरदर्द की दिक्कत होती है उन्हें पान के पत्ते को अपने सिर पर लगाना चाहिए। यदि दर्द अधिक हो तो आप इसके रस का सेवन करके भी माथे पर लगा सकते हैं।  पान के पत्तों में इलायची, पुदीना, लौंग, गुलकंद या फिर शहद मिलाकर सेवन कीजिए। ये आपकी थकान, सुस्ती व अनिद्रा की समस्याओं को दूर कर देंगे। सांस लेने में परेशानी हो या फिर सीने में जकड़न हो गई हो तो आप उसे घी या तेल लगे पान के पत्ते को गुनगुना सेंककर सीने पर रखिए। इससे कफ पिघल जाएगी एवं सीना हल्का होगा।

ट्रांसपेरेंट टॉप में एयरपोर्ट पर स्पॉट हुईं रकुल प्रीत

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स्टाइलिश अंदाज में मुस्कुराते हुए दिए पोज मुंबई : अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह अक्सर अपनी तस्वीरों को लेकर सुर्खियों में रहती है। हाल ही में एक बार फिर रकुल को एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया। दरअसल, बीते कुछ दिनों से अय्यारी एक्ट्रेस दिल्ली में थीं जो कि अब मुंबई लौट आई हैं। गौरतलब है कि एयरपोर्ट पर रकुल ब्लू कलर की स्किनफिट डेनिम जींस के साथ व्हाइट ट्रांसपेरेंट टैंक टॉप में नजर आईं। इसके साथ उन्होंने ब्लैक लैदन शूज और धूप से बचने को लिए ब्लैक शेड्स लगाए थे। जो उनके लुक को कम्पलीट कर रहे हैं।  एयरपोर्ट से बाहर आते हुए एक्ट्रेस ने अपने लुक से सबको इंप्रेस किया। उन्होंने स्टाइलिश अंदाज में मुस्कुराते हुए पैपराजी को पोज दिए। रकुल प्रीत की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिन्हें फैंस काफी पसंद कर रहे हैं।

19 वर्षों तक कछुए ने बहुत दर्द सहा

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अजब—गजब : चित्र में दिख रहे कछुए का आकार बाकी सभी कछुओं से कुछ भिन्न हैं। इस कछुए का मध्य का हिस्सा दो भागो में बंटा हुआ हैं। इसका कारण ये है कि इस कछुए की बॉडी में प्लास्टिक के बोतल की रबड़ रिंग लगभग 19 वर्षों तक फंसी रही थी। इस वजह से कछुए के अंदरूनी हिस्से 2 भागों में बंट गए। दरअसल, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा हैं कि जब ये कछुआ छोटा था तो इंसानों के फेके कचरे के कारण ये प्लास्टिक रिंग उसके शरीर में अटक गई होगी। उस वक्त बेशक इस कछुए ने इसे अपने शरीर से निकालने की कोशिश करी होगी लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाया। फिर समय व्यतीत होता चला गया एवं कछुआ बॉडी में फासी इस प्लास्टिक रिंग संग ही बड़ा होता चला गया। ऐसे में जब कछुआ 19 वर्ष का हुआ तब कुछ समुद्री वैज्ञानिकों को ये नजर आया।

उठो, जागो और श्रेष्ठ बनो

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सुभाषित— हीयते हि मतिस्तात् , हीनैः सह समागतात् । समैस्च समतामेति , विशिष्टैश्च विशिष्टितम् ॥ भावार्थ : हीन लोगों की संगति से अपनी भी बुद्धि हीन हो जाती है, समान लोगों के साथ रहने से समान बनी रहती है और विशिष्ट लोगों की संगति से विशिष्ट हो जाती है। गगन चढहिं रज पवन प्रसंगा। भावार्थ : हवा का साथ पाकर धूल आकाश पर चढ़ जाता है। उतिष्ठ , जाग्रत् , प्राप्य वरान् अनुबोधयत् । भावार्थ : उठो, जागो और श्रेष्ठ जनों को प्राप्त कर स्वयं को बुद्धिमान बनाओ।

श्रीमद्भभगवद्गीता

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गुरुनहत्वा हि महानुभावांछ्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके। हत्वार्थकामांस्तु गुरुनिहैव भुंजीय भोगान् रुधिरप्रदिग्धान्। इसलिये इन महानुभाव गुरुजनों को न मारकर मैं इस लोक में भिक्षा का अन्न भी खाना कल्याणकारक समझता हूं, क्योंकि गुरुजनों को मारकर भी इस लोक में रुधिर से सने हुए अर्थ और कामरूप भोगों को ही तो भोगूंगा। न चैतद्विद्म: कतरन्नो करीयो यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयु:। यानेन हत्वा न जिजीविषामस्तेवस्थिता: प्रमुखे धार्ताराष्ट्रा:। हम यह भी नहीं जानते कि हमारे लिये युद्ध करना और न करना—इन दोनों में से कौन—सा श्रेष्ठ है, अथवा यह भी नहीं जानते कि उन्हें हम जीतेंगे या हमको वे जीतेंगे। और जिनको मारकर हम जीना भी नहीं चाहते, वे ही हमारे आत्मीय धृतराष्ट्र के पुत्र हमारे मुकाबले में खड़े हैं। कार्पण्यदोषोपहतस्वभाव: पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेता:। यच्छ्रेय: स्यान्निश्चितं ब्रूहि तन्मे शिष्यस्तेअहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम्। इसलिये कायरतारूप दोष से उपहत हुए स्वभाव वाला तथा धर्म के विषय में मोहितचित्त हुआ मैं आपसे पूछता हूं कि जो साधन निश्चित कल्याणकारक हो, वह मेरे लिये कहिये, क्योंकि मैं आपका शिष्य ...

मंगलकारी हैं रहस्यमयी शिव

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आस्था : शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ नामों से भी जाना जाता है। भगवान शिव के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। शास्त्रों में उल्लेख है कि सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था। शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है। शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं। शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथाएं रोचक हैं। शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को सम्पूर्ण धरती पर प्रचारित किया, जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परम्परा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक...

भक्ति, मस्ती और उल्लास का महीना सावन

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आस्था : सावन का महीना और देवाधिदेव महादेव, आशुतोष की आराधना पूजा से असीम शक्ति और समृद्धि मिलती है। सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है। इस बार सावन का महीना 17 जुलाई से 15 अगस्त 2019 तक रहेगा। सावन का महीना जल तत्व का महीना है। धन और ऐश्वर्य के लिए शुक्र और चंद्र के साथ शिव जी की उपासना लाभकारी रहेगा। इस महीने में शुक्र और चंद्र दोनों ही मजबूत होते हैं। ये दोनों ही ग्रह सरलता से सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं। इन दोनों ग्रहों को मजबूत करके आसानी से भाग्य को मजबूत किया जा सकता है। नियमित रूप से शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें। प्रातः और सायं शिव जी के दरिद्रतानाश मन्त्र का जाप करें। मंत्र होगा – ॐ दारिद्रय दुःख दहनाय नमः शिवाय। रोज यथाशक्ति कुछ न कुछ धन का दान अवश्य करें। रोज प्रातः शिव मंदिर जाएं, सबसे पहले शिवलिंग पर शहद अर्पित करें, उसके बाद शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें। ऐसा करते समय एक विशेष मंत्र का जाप करें – ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः शिवाय। मंत्र जप के बाद कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें, ये उपाय सावन के हर मंगलवार करें। विवाह के लिए प्रातः स्नान करके शिवजी को जल अर...

भारत की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी

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नई दिल्ली : नये—नये मॉडल गाड़ियों की चाहत रखने वालों के लिए बड़ी खबर है। बेहतरीन डिजाइन, लेटेस्ट फीचर्स, सेफ्टी और परफॉर्मेंस की बात हो तो वहां हुंडई का नाम सबसे आगे आता है। भारत में हुंडई की जितनी भी कार लॉन्च हुई हैं, उन सभी कारों ने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है। कोना भी हुंडई की ऐसी ही एक कार है, जिसकी लोकप्रियता लॉन्च के बाद से ही बढ़ती जा रही है।  गौरतलब है कि कोना भारत की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी है, जिसकी रेंज 452 किलोमीटर है। यह 9.7 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इसके अलावा कोना डिजाइन के मामले में भी एक जबरदस्त कार है और इसमें कई नए फीचर्स भी हैं।

दुश्मन को हमेशा उलझाएं रखें

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जानकारी : मानव जीवन के कल्याण के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बनाई हैं। उनकी नीतियां न सिर्फ सभ्य समाज का मार्गदर्शक करती हैं बल्कि आपको सही एक महान आत्मा भी बनाती हैं। उनकी नीतियां पहले भी कारगर रही थीं और अब भी बेहद प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपने एक नीति के माध्यम से कहा है कि आज जिस तरह से समय तेजी से आगे बढ़ रहा है, उसके लिए अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए यही व्यावहारिकता है और समय की मांग भी। सकुले योजयेत्कन्या पुत्रं पुत्रं विद्यासु योजयेत्। व्यसनं योजयेच्छत्रुं मित्रं धर्मे नियोजयेत्।। कुशल व्यक्ति वही होता है, जो अपनी पुत्री के विवाह योग्य होने पर उसकी शादी देख परख कर एक अच्छे कुल खानदान में करता है। इस तरह से उसकी पुत्री प्रसन्न रहती है और अपने गुणों को दूसरे खानदान तक लेकर जाती है, जिससे आपका नाम रोशन होता है। कुशल व्यक्ति वही है जो अपने मित्र को सदा मेहनत, ईमानदारी इत्यादि की शिक्षा देता है ताकि वो एक अच्छा इंसान बन सके। इससे वह बुरे वक्त में भी आपकी मदद करेगा और आवश्यकता पड़ने पर काम भी आ सकता है। अगर आपके मित्र के पास ऐसी समस्या है तो आपको भी बढ़चढ़कर मदद करनी चाहिए।...

श्रीमद्भभगवद्गीता

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यदि मामप्रतीकारमशस्त्रं शस्त्रपाणय:। धार्तराष्ट्रा रणे हन्युस्तन्मे क्षेमतरं भवेत्। संजय उवाच एवमुक्त्वार्जुन: सड़्ख्ये रथोपस्थ उपाविशत्। विसृज्य सशरं चापं शोकसंविग्नमानस:। ।।ऊं तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगश्स्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादेअर्जुनविषादयोगो नाम प्रथमोअध्याय:।। यदि मुझे शस्त्ररहित एवं सामना न करने वाले को शस्त्र हाथ में लिये हुए धृतराष्ट्र के पुत्र रण में मार डालें तो वह मारना भी मेरे लिये अधिक कल्याणकारक होगा। संजय बोले— रणभूमि में शोक से उद्विग्न मन वाले अर्जुन इस प्रकार कहकर, बाणसहित धनुष को त्यागकर रथ के पिछले भाग में बैठ गये। ऊं श्री परमात्मने नम: अथ द्वितीयोअध्याय: संजय उवाच तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्। विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदन:। श्रीभगवानुवाच कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्। अनार्यजुष्टमस्वग्र्यमकीर्तिकरमर्जुन संजय बोले— उस प्रकार करुणा से व्याप्त और आंसुओं से पूर्ण तथा व्याकुल नेत्रों वाले शोकयुक्त उस अर्जुन के प्रति भगवान् मधुसूदन ने यह वचन कहा। श्री भगवान बोले— हे अर्जुन! तुझे इस असमय में यह मोह किस हेतु से प्राप...

सही दिनचर्या और व्यायाम से लम्बा होगा जीवन

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स्वास्थ्य : चिकित्सा विज्ञान की मदद से शरीर की जांच कराकर भीतर पनपती बीमारियों का नाश करने और शरीर में हो रही विटमिन्‍स, कैल्शियम आदि की कमियां दूर करने की कोशिशें हो रही हैं। विशेषज्ञों के रिसर्च के बाद नींद व व्यायाम पर ध्यान और आर्गेनिक फूड का इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है। तन-मन का ध्यान रखने से आज विश्व भर में 100 साल से ज्यादा आयु वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है और प्रति वर्ष इसमें इजाफा हो रहा है। आज अमेरिका, जापान और चीन के बाद भारत में सौ साल से ऊपर के सबसे ज्यादा लोग हैं। वेद में सौ साल तक जीने के लिए ‘जीवेत शरदः शतम’ नामक प्रार्थना का वर्णन है। आयुर्वेद में लम्बी आयु के लिए दिनचर्या, रात्रिचर्या और ऋतुचर्या का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसे अपनाकर व्यक्ति स्वस्थ रहता हुआ सौ साल तक जी सकता है।  भारत में इसकी जानकारी होने पर भी लोगों ने इसको नहीं अपनाया। नतीजतन भारतीयों की आयु कम हो गई। ऐसा सोच लिया जाता है कि यदि आज व्यायाम और दिनचर्या पर ध्यान देंगे तो कल जीवन लंबा होगा जबकि आज का व्यायाम वैसे ही आज लाभ देगा जैसे घर में आज की सफाई, घर को आज चमकाएगी। फिर जब अगला दिन...

20 साल पहले जैसी हॉट दिखना चाह रही हैं विपाशा

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  मनरंजन : फिल्म उद्योग में विपाशा बसु का जानामाना नाम है और मनमोहक तारिकाओं में नाम शुमार है। आजकल तमाम सेलेब्रिटीज़ एप की मदद से अपने बुढ़ापे की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। वहीं, बिपाशा बसु अपने पुराने वक़्त को याद कर रहे हैं। बिपाशा ने लगभग 20 साल पुरानी अपनी फोटो शेयर की है और अपने सेक्सी और हॉट लुक को वापस पाने की ख़्वाहिश जताई। इन दिनों बिपाशा बसु पर्दे से दूर हैं और करण सिंह ग्रोवर के साथ शादी करके अपनी निजी जिंदगी को एंजॉय कर रही हैं। बिपाशा इंस्टाग्राम पर काफ़ी एक्टिव हैं और अक्सर अपनी लाइफ़स्टाइल की झलक दिखाती रहती हैं, लेकिन अब उन्होंने ऐसी तस्वीरें शेयर की हैं, जिससे लगता है कि वो अपनी गुज़री हुई ज़िंदगी को मिस कर रही हैं। बिपाशा बसु की वेल टोंड फिगर दूसरों के लिए मिसाल होती थी। उन्हें डस्की ब्यूटी कहा जाता था।  बिपाशा ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें वो काफ़ी टैन दिख रही हैं। इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा है-मुझे तांबई रंग में रंग दो। यह टैन मुझे वापस चाहिए। इसके लिए धूप और बीच की ज़रूरत है। इससे पहले बिपाशा ने एक मैगज़ीन के कवर पेज को शेयर किया था, जिस पर बिप...

क्यों विवाह करना चाहते थे नारद मुनि

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कथा : कई बार भगवान को अच्छे कार्य करने पर भी शापित होना पड़ा है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भगवान ने अनेक कष्ट सहकर भी स्वयं को मिले इन शाप को सहा है ताकि ये शाप देनेवाले व्यक्तियों का मान बना रहे। ऐसी ही एक घटना नारद मुनि से जुड़ी है। नारद मुनि भगवान विष्णु की भक्ति में साधना करने बैठ गए। ज्ञानी-ध्यानी नारद मुनि को तप करते देख देवराज इंद्र को लगा कि कहीं नारद मुनि अपने तप के बल पर स्वर्ग की प्राप्ति तो नहीं करना चाहते! इस पर उन्होंने कामदेव को स्वर्ग की अप्सराओं के साथ नारद मुनि का तप भंग करने के लिए भेजा। लेकिन नारद मुनि पर कामदेव की माया का कोई प्रभाव नहीं हुआ। तब डरे हुए कामदेव ने नारद जी से क्षमा मांगी और स्वर्ग को लौट गए। कामदेव की माया से मुक्त रहने पर नारद मुनि को इस बात का अहंकार हो गया कि उन्होंने कामदेव पर विजय प्राप्त कर ली है। ऐसे में वह अपनी विजय का बखान करने श्रीहरि के पास बैकुंठ पहुंचे और उन्हें पूरी घटना बताने लगे कि कैसे उन्होंने कामदेव को जीत लिया। श्रीहरि विष्णु नारद जी के मन में आ चुके अहंकार को जान गए और उन्होंने अपने परम प्रिय नादर मुनि को अहंकार से मुक...

सुशील होती हैं इन राशियों की लड़कियां

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ज्योतिष : सर्वविदित है कि ज्योषित शास्त्र में 12 राशियां होती हैं। कुछ राशि वाली महिलाओं का स्वभाव बहुत ही शर्मीला और सीधा होता है— सिंह : इस राशि की लड़कियां जितनी स्वभासे अच्छी होती हैं उतनी ही शक्ल से भी खूबसूरत होती हैं इनकी सिंपल लुक्स ही सबको अपनी ओर आकर्षित कर लेता हैं वही सुंदर सीरत और स्वभाव की ये लड़किया कभी किसी का बुरा नहीं करती हैं और न ही सोचती हैं यहां तक कि जिस व्यक्ति के प्रति इन लड़कियों के मन में प्रेम होता हैं उनके लिए ये कुछ भी कर सकती हैं। कुंभ : राशि की लड़कियां स्वभाव में सबसे अलग होती हैं इन लड़कियों का स्वभाव बहुत ही शांत होता हैं किसी भी बात पर इन्हें जल्दी गुस्सा नहीं आता हैं बल्कि गुस्सेखोर इंसान को भी ये लड़कियां बहुत जल्द ठंडा कर देती हैं। कन्या : इस राशि की महिलाएं स्वभाव से मीठी होने के साथ अपनी वाणी में भी मिठास घोले रखती हैं। इन लड़कियों की पहचान इनके बोलने के तरीके से ही बनती हैं। वहीं स्वभाव और वाणी में मीठास रखने के साथ साथ ऊपर वाला इन्हें बहुत सुंदर चेहरे से भी नवाजता है।

पुरुषों का ऐश्वर्य है सज्जनों से मित्रता

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सुभाषित— आरोग्यं विद्वत्ता सज्जनमैत्री महाकुले जन्म। स्वाधीनता च पुंसां महदैश्वर्यं विनाप्यर्थे: ।। भावार्थ : आरोग्य, विद्वत्ता, सज्जनों से मैत्री, श्रेष्ठ कुल में जन्म, दूसरे के ऊपर निर्भर न होना यह सब धन नहीं होते हुए भी पुरूषों का एश्वर्य है । शिक्षा कल्पो व्याकरणं निरुक्तं छन्दसामिति । ज्योतिषामयनं चैव षडंगो वेद उच्यते ॥ भावार्थ : शिक्षा (उच्चार शास्त्र), कल्पसूत्र, व्याकरण (शब्द/ व्युत्पत्ति शास्त्र), निरुक्त (कोश), छन्द (वृत्त), और ज्योतिष (समय/खगोल शास्त्र)– यह छह वेदांग कहे गये हैं।

हंसता और मुस्कुराता चेहरा सभी को पसंद

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बोधकथा : अमर नाम का एक राजकुमार था, खूब ठाट-बाट की जिंदगी थी। एक बार जब वह लड़ाई में गया तो उसके रसोईघर के सामान को लेकर तीन सौ ऊंट भी उसके साथ गये। दुर्भाग्य से एक दिन वह खलीफा इस्माइल द्वारा बंदी बना लिया गया। लेकिन दुर्भाग्य भूख को तो नहीं टाल सकता। उसने पास खड़े अपने मुख्य रसोइये से, जो एक भला आदमी था, कहा कि भाई, कुछ खाने को तो तैयार कर दे। उस बेचारे के पास केवल एक मांस का टुकड़ा बचा था। उसने ही देगची में उबलने को रख दिया और भोजन को कुछ अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए स्वयं किसी साग-सब्जी की खोज में निकला। इतने में एक कुत्ता वहां से गुजरा। मांस की सुगंध से आकर्षित हो उसने अपना मुंह देगची में डाल दिया। पर भाप की गर्मी पर वह तेजी से और कुछ ऐसे बेढंगे तरीके से पीछे हटा कि देगीची उसके गले में अटक गई। अब तो घबराकर वह देगची के साथ ही वहां से भागा। अमर ने जब यह देखा तो जोर से हँस पड़ा। उसके अफसर ने, जो उसकी चौकसी पर नियुक्त था, उससे पूछा, यह हँसी कैसी? इस दु:ख के समय भी आप हँस रहे हो। अमर ने तेजी से भागते हुए कुत्ते की ओर इशारा करते हुए कहा, मुझे यह सोचकर हँसी आ रही है कि आज प्रात:काल तक ...

12 सटीक तरीकों से मिलेगा छालों के दर्द से राहत

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स्वास्थ्य : मुंह में छाले हो जाते हैं तो पूरा शारीरिक तंत्र प्रभावित हो जाता है। भोजन मुंह में ठीक से चबा नहीं मिलता है, जिससे भोजन के पाचन में समस्या हो जाती है। मुंह छाले कई कारणों से पड़ते हैं— — नमक को पानी में मिलाकर गरारे करें, ताकि मुंह साफ रहे और ठंडी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें। दही, छाछ और फलों का जूस पिएं या फिर आइसक्रीम से भी आपको राहत मिल सकती है। — टमाटर का रस एक गिलास पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले मिट जाते हैं। — सूखा खोपरा खूब चबा-चबाकर खाएं, चबाने के बाद पेस्ट जैसा बनाकर मुंह में ही कुछ देर रखें, फिर पूरा खा ले। ऐसा दिन में तीन-चार बार करें, छाले दो दिन में दूर हो जाएंगे। — मुंह के छाले या जुबान पर छाले होने के लिए शरीर में बढ़ने वाली गर्मी जिम्मेदार होती है। ऐसे में कोशि‍श करें कि दिनभर में हर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे। — नीम के पत्ते उबाल लें। इसमें लहसुन के रस की चार-पांच बूंद डालकर इससे गरारे करने चाहिए। — चमेली और अमरूद के 5-5 पत्ते लेकर थोड़ी देर तक मुंह में धीरे-धीरे चबाएं। थोड़ी देर बाद पानी बाहर निकाल दें।...

5 अगस्त 2019 को है नागपंचमी

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आस्था : पांच अगस्त 2019 को सावन की नागपंचमी मनायी जाएगी। मान्यता के अनुसार नागपंचमी के दिन लोग नागदेवता के मंदिर में जाकर विधिवत पूजा करते हैं और सांपों को दूध पिलाते हैं। सावन की पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा और दूध पिलाने के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि अगर श्रावण माह में अगर नाग देवता की पूजा और नाग पंचमी के दिन सापों को दूध पिलाया जाए तो नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे नागदंश का भय भी समाप्त होता है।  शास्त्रों में तो यह तक बताया गया है कि नागदेवता की पूजा से मां अन्नापूर्णा प्रसन्ने होती हैं और घर में अन्न के भंडार कभी खाली नहीं होने देती। नागपंचमी के दिन सपेरे गली-गली घूमते हैं और सापों के दर्शन करवाते हैं और दान लेते हैं। इस दिन भक्त सापों को दूध पिलाते हैं और सपेरे को अपनी श्रद्धा के अनुसार दान देते हैं। नागपंचमी के दिन धान का लावा अर्पित करने को भी महत्व दिया जाता है।

पांच मिनट में फिट रहना सीखें

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जीवनशैली : महिलाएं घर से लेकर बाहर के कार्यों की सारी जि़म्मेदारी निभा रही हैं तो उनके लिये फिटनेस की अहमियत और भी बढ़ जाती है। बस, ज़रूरत है अपने लिए दिन में 5 मिनट का समय निकालने की। पेल्विक ब्रिजिंग : इस व्यायाम से कमर एवं कूल्हे की मांसपेशियों में ताकत आती है। फर्श पर सीधे लेटकर, घुटने मोड़कर, हाथों को बाहर की तरफ निकाले। इसके बाद कमर को सीधे रखते हुए, ब्रिज के आकार में उठाएं। ऐसी स्थिति में 3 से 5 सेकेंड तक रहें। इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। यह प्रक्रिया तीन से पांच बार करें। सिट टू स्क्वैट : सीधे खड़े होकर, हाथों को शरीर से बाहर, आगे की ओर निकालकर, कुर्सी पर बैठने की मुद्रा में आ जाएं। इस स्थिति में तीन से पांच सेकेंड तक रुकें। इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। यह क्रिया तीन से पांच बार करें। इस व्यायाम से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। क्वाड्रिसेप्स डायनैमिक : यह व्यायाम घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। कुर्सी पर पीठ लगा कर सीधे बैठ जाइए। घुटने से पैर को सीधा करें और इस स्थिति में तीन से पांच सेकेंड रखें। इसके बाद पैर सीधा कर लें। यही क्रिया बारी-बारी दोनों पै...

डोनाल्ड ट्रम्प से मध्यस्तथता की अपील नहीं कर सकते नरेंद्र मोदी

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समाचार : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता करने को कहा था। डोनाल्ड ट्रम्प के इस बयान पर सियासी तूफान खड़ा हो गया। और अमेरिका के लोग ही कह रहे हैं राष्ट्रपति ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं।  वहीं कांगे्रस को तो मुंह मांगी मुराद मिल गयी ट्रम्प के मुंह से निकला नहीं कि इधर कांगे्रसियों ने नरेंद्र मोदी पर हमले करने शुरू कर दिये। लेकिन इन सबसे अलग कट्टर कांगे्रसी नेता शशि थरूर ने कहा कि यह असम्भव है कि नरेंद्र मोदी इस मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति अथवा किसी भी अन्य व्यक्ति से मध्यस्थता की अपील करेंगे। मेरी कोई शिकायत नहीं हैं। ये नामुमकिन है कि मोदी ऐसा पूछ सकते हैं। हमारी नीति स्पष्ट है कि हम किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहते। अगर हमें पाकिस्तान से बात करनी होगी तो हम सीधे बात कर लेंगे। यहां तक कि दोनों देशों की भाषा भी एक है। थरूर का रुख कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत विभिन्न नेताओं के बयान से अलग है। कांग्रेस के अधिकतर नेताओं ने इस मस...

श्रावण माह में मायके क्यों जाती है नवविवाहित महिलाएं

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धर्म : पवित्र माह सावन आते ही त्योहार शुरू हो जाते हैं। सावन में होने वाले पर्व त्योहार कजरी तीज, हरियाली तीज, मधुश्रावणी, नाग पंचमी जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। नव विवाहिताएं इस महीने में अपने पीहर चली जाती है। मान्यता है कि श्रावण माह में नवविवाहिता स्त्रियों को अपने मायके भेज दिया जाता है। धार्मिक और लोकमान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पति की आयु लम्बी होती है और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है। आयुर्वेद भी स्वीकार करता है लेकिन इसका अपना वैज्ञानिक मत है।  आयुर्वेद के अनुसार सावन के महीने में मनुष्य के अंदर रस का संचार अधिक होता है जिससे काम की भावना बढ़ जाती है। मौसम भी इसके लिए अनुकूल होता है जिससे नवविवाहितों के बीच अधिक सेक्स सम्बन्ध से उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सावन के महीने में पुरुषों को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए शुक्राणुओं का संरक्षण करना चाहिए।  आयुर्वेद में लिखा है कि इस महीने में गर्भ ठहरने से होने वाली संतान शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो सकती है। इसलिए ही भारतीय संस्कृति में पर्व त्योहार की ऐसी परम्परा बनाई गई है ताक...

आरटीआई में संशोधन, सूचना आयुक्तों के वेतन में बदलाव

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जानकारी : 2005 एक्ट के अनुसार सूचना आयुक्तों और मुख्य सूचना आयुक्तों की सैलरी चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्तों के लगभग बराबर था लेकिन अब संशोधन के बाद सैलरी, भत्ता और अन्य सभी शर्तों पर केंद्र फैसला लेगी। अगर किसी की नियुक्ति सूचना आयुक्त या मुख्य सूचना आयुक्त के तौर पर होती है और वह व्यक्ति सरकारी नौकरी के तहत पेंशन या भत्ता पा रहा है तो उसकी सैलरी से उतने पैसे की कटौती कर ली जाती है, लेकिन अब इस बात का फैसला भी केंद्र ही लेगी। उदाहरण के तौर पर अगर सूचना आयुक्त की सैलरी एक लाख रुपए है और वह पहले से ही 25 हजार रुपए पेंशन और भत्ता पा रहा है तो उस हालत में सरकार सूचना आयुक्त के खाते में एक लाख 25 हजार रुपए नहीं देगी। सरकार पेंशन और भत्ते में से भी पैसे काट देगी यानि कि अब एक लाख रुपए से ज्यादा नहीं मिलेंगे। केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 साल के लिए निर्धारित किया गया था लेकिन अब नए कानून के मुताबिक यह फैसला भी केंद्र सरकार के हाथों में होगा।

उच्च न्यायालय में दोषी करार 33 लोगों को शीर्ष अदालत ने दी जमानत

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समाचार : शीर्ष अदालत ने आज सिख विरोधी दंगों के 33 दोषियों को जमानत दे दी। जिन दोषियों को जमानत दी गई है उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई हुई है। हाईकोर्ट के फैसले को इन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इनकी जमानत मंजूर कर ली। उच्च न्यायालय ने इन सभी को दंगा, घर जलाने, कफ्र्यू के हनन का दोषी करार दिया था।  1984 में पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में दंगे हुए थे। इस मामले में 88 दोषियों की अपील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी की सजा को बरकरार रखा था लेकिन इनमें से अदालती कार्रवाई के दौरान कई लोगों की मौत हो चुकी है केवल 47 लोग ही जीवित बचे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन 15 दोषियों को सीधे सबूत, चश्मदीदों न होने का हवाला देते हुए सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इससे पहले 1984 त्रिलोकपुरी सिख दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 15 दोषियों को बरी करने का आदेश दिया था।

श्रीमद्भगवद्गीता

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यद्यप्येते न पश्यन्ति लोभोपहतचेतस:। कुलक्षयकृतं दोषं मित्रद्रोहे च पातकम्। कथं न ज्ञेयस्माभि: पापादस्मान्निवर्तितुम्। कुलक्षयकृतं दोषं प्रपश्यद्भिर्जनार्दन। यद्यपि लोभ से भ्रष्टचित हुए ये लोग कुल के नाश से उत्पन्न दोष को और मित्रों से विरोध करने में पाप को नहीं देखते तो भी हे जर्नादन! कुल के नाश से उत्पन्न दोष को जानने वाले हम लोगों को इस पाप से हटने के लिये क्यों नहीं विचार करना चाहिए।  कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्मा: सनातना:। धर्मे नष्टे कुलं कृत्स्नमधर्मोभिभवत्युत। अधर्माभिभवात्कृष्ण प्रदुष्यन्ति कुलस्त्रिय:। स्त्रीषु दुष्टासु वाष्र्णेय! जायते वर्णसंकर:। कुल के नाश से सनातन कुल—धर्म नष्ट हो जाते हैं, धर्म के नाश हो जाने पर सम्पूर्ण कुल में पाप भी बहुत फैल जाता है। हे कृष्ण! पाप के अधिक बढ़ जाने से कुल की स्त्रियां अत्यन्त दूषित हो जाती हैं और हे वाष्र्णेय! स्त्रियों के दूषित हो जाने पर वर्ण संकर उत्पन्न होता है। संकरो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च। पतन्ति पितरो ह्येषां लुप्तपिण्डोदकक्रिया:। दोषैरेतै: कुलध्नानां वर्णसंकरकारकै:। उत्साद्यन्ते जातिधर्मा: कुलधर्माश्च शाश्वता:। वर्णस...

शिवालय में पहुंचा मुस्लिम समुदाय, खूब हुई सराहना

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आस्था : हिंदुओं के लिए सावन का महीना भगवान शिव शंकर की भक्ति का महीना माना जाता है। सावन का पहला  साेमवार तो हिंदू श्रद्धालुओं के लिए सबसे पावन और विशेष महत्व का हाेता है। इस मौके पर भारी संख्‍या में श्रद्धालु मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। तुलसी का पौधा और तुलसी पत्र (तुलसी के पत्ते) हिदुओं के लिए बहुत पवित्र होता है और हर पूजा-अर्चना में इसका उपयोग होता है। हरियाणा में सावन के पहले साेमवार पर 22 जुलाई 2019 को सांप्रदायिक सद्भाव व प्रेम का अद्भुत नजारा देखने को मिला। पवित्र महीने सावन के पावन अवसर पर सनातन धर्म मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने पहुंंचे श्रद्धालु मुस्लिम समाज के लोगों की अनूठी पहल देखकर गदगद हो गए। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिवालय में पहुंचकर श्रद्धालुओं को तुलसी के पौधे बांटे और आपसी प्रेम और एकता का संदेश दिया।  चंडीगढ़ में यह सम्भवत: यह पहली बार है जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तुलसी के पौधे बांटे। इस दौरान उन्‍होंने हिदुओं के लिए तुलसी के महत्‍व का पूरा ध्‍यान रखा। इस पहल पर पूरे शहर में वाहवाही हो रही है। इसी को देखते हुए न...

प्राकृतिक तौर पर उगने वाली सोलाई बूटी के सफेद फूलों से मिलता है सफेद शहद

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जानकारी : सफेद शहद जिसे सोलाई शहद कहते हैं, सिर्फ सोलाई बूटियों के सफेद फूल से ही प्राप्त होता है। इसकी खासियत है कि इसमें अलग महक होती है और स्वाद भी आम शहद की तुलना में बेहतर होता है। यही कारण है कि सोलाई शहद की काफी मांग है। जम्मू कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में सोलाई की झाड़ीनुमा बूटियां प्राकृतिक रूप से उगती हैं। पौधों में सितम्बर के महीने में सफेद फूल आते हैं। इनके फूलों का सीजन केवल एक माह का ही होता है। इसी समय दूरदराज के मधुमक्खी पालक जम्मू के पहाड़ी व कश्मीर के कुछ भागों में मधुमक्खी की कॉलोनियों को लेकर पहुंचते हैं। मधुमक्खियां सफेद फूल से रस निकाल कर सोलाई शहद बनाती हैं। मधुमक्खी पालक यह शहद सीधे व्यापारियों को बेचते हैं। जम्मू के किश्तवाड़, डोडा, गूल, रामबन, अरनास, संगलदान, बनिहाल के अलावा कश्मीर के बांडीपोरा, कुपवाड़ा व त्राल जैसे ठंडे क्षेत्रों में सोलाई की बूटियां मुख्य तौर पर पाई जाती हैं। जम्मू कश्मीर में करीब 650 हेक्टेयर में यह बूटियां पाई जाती हैं। हालांकि यह सोलाई बूटियां हिमाचल प्रदेश के चंबा व उत्तराखंड के कुछ हिस्से में भी होती हैं, मगर जम्मू कश्मीर में इसका ...

मुझे जिंदा नहीं पकड़ पाएंगे अंग्रेज : चंद्रशेखर आजाद

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जयंती। अंग्रेजों की नाक में दम करने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को एक आदिवासी ग्राम भाबरा में हुआ था। पिता पंडित सीताराम तिवारी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदर गांव के रहने वाले थे। भीषण अकाल के चलते आजाद का परिवार ग्राम भाबरा में बस गया था। उनका प्रारंभिक जीवन इसी गांव में गुजरा। यहीं पर उन्‍होंने धनुष-बाण चलाना सीखा। काकोरी ट्रेन डकैती और सांडर्स की हत्या में शामिल निर्भीक देशभक्त चंद्रशेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया। चंद्रशेखर आजाद बचपन में महात्मा गांधी से काफी प्रभावित थे। 1921 में जब गांधी जी के असहयोग आंदोलन का आरम्भिक दौर था, उस समय महज 14 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर इस आंदोलन का हिस्‍सा बन गए। इसमें अंग्रेजों ने उन्‍हें गिरफ्तार भी किया और फिर मजिस्‍ट्रेट के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। यहां पर उन्‍होंने मजिस्‍ट्रेट के सवालों के जो जवाब दिए उसको सुनकर मजिस्‍ट्रेट भी हिल गया था। दरअसल, जब आजाद को मजिस्‍ट्रेट के सामने पेश किया गया तो उसने पहले उनका नाम पूछा। जवाब में उन्‍होंने कहा 'आजाद...