बोधकथा : धर्म का महत्व


एक बार साम्यवादी विचारधारा के एक पाश्चात्य विद्वान महात्मा गांधी से बोले कि जब संसार में इतना छलकपट, अशांति और खून-खराबा चल रहा है तब भी आप धर्म और शांति की बात करते हैं। बुराइयां और रक्तपात जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए धर्म बेकार की चीज है। गांधी जी बोले, 'जब धर्म की मान्यता रहते हुए लोगों में इतनी अशांति फैली हुई है तो धर्म के अभाव में दुनिया की क्या दशा होगी, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है।

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