बेहद पसंद आया राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनुरोध

विचार : एक समाचार चैनल को साक्षात्कार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की, लेकिन दो—एक बातों पर निहायत ही गौर करने लायक है, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे राष्ट्रवाद का मतलब है भारत माता की जय यानि सम्पूर्ण देश का विकास हो तभी भारत माता का जय हो सकेगा। कोई सरकार यह चाहे कि बहुमत से भी भारत माता की जय हो जायेगी, नहीं। भारत माता की जय सर्वसम्मति से ही हो पायेगी और कोई दूसरा रास्ता नहीं। साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सबसे बड़ी बात गौर करने लायक है कि मतदान सभी करें, जिस व्यक्ति को जो राजनीतिक दल भा रहा है, अच्छा लग रहा है तो वह उसे वोट दे, लेकिन वोट जरूर दे, दल चाहे जो हो। नोटा नहीं दबना चाहिए। प्रधानमंत्री के इन बातों से लगता है कि वह देश के सच्चे सपूत हैं, यह बात एक सपूत ही कह सकता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने मैनीफेस्टो को संकल्प पत्र कहा और भ्रष्टों की पार्टी कांगे्रस ने घोषणा पत्र। वहीं इन सबसे आगे बढ़ते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव तो लड़ रहे सिर्फ 37 सीटों पर और घोषणा पत्र पूरे देश के लिए जारी किया है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में समाज के हर तबके के लिए कुछ न कुछ वादे जरूर किए हैं। राष्ट्रवाद, यूनिफॉर्म सिविल कोड, राममंदिर और कश्मीर पर उसने अपना चिर-परिचित स्टैंड दोहराया है। संकल्प पत्र के नाम से जारी अपने मेनिफेस्टो में पार्टी ने किसानों, महिलाओं, नौजवानों और छोटे व्यापारियों के लिए कई घोषणाएं की हैं। दरअसल अपने कार्यकाल के अंतिम एक-डेढ़ वर्षों में सरकार ने महसूस किया कि देश के किसानों और कमजोर वर्ग में भारी बैचेनी है। यह भांपकर ही उसने अपनी नीतियों की दिशा बदली और किसानों व कमजोर वर्ग के लिए कई अहम फैसले किए। इस घोषणापत्र में उन फैसलों को और बेहतर रूप देने की कोशिश की गई है। पर ऐसा लगता है कि राष्ट्रवाद पर विपक्ष की आलोचना को उसने ज्यादा तवज्जो नहीं दी है और वह अपने स्टैंड पर दृढ़ता के साथ खड़ी है। यहां तक कि नागरिकता संशोधन बिल पर भी उसने अपना रुख बरकरार रखा है और कहा है कि इसे संसद के दोनों सदनों से पास कराया जाएगा। राममंदिर को लेकर बीजेपी का कहना है कि वह सौहार्दपूर्ण वातावरण में उसका निर्माण सुनिश्चित करेगी। पानी की समस्या को लेकर उसने एक नई पहलकदमी की पेशकश की है, जो महत्वपूर्ण है। पार्टी का वादा है कि वह एक अलग जलशक्ति मंत्रालय बनाएगी। पार्टी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा दोहराया है। किसान क्रेडिट कार्ड पर एक लाख तक के लोन पर अगले पांच साल के लिए शू्न्य ब्याज दर लगेगी। 6000 रुपये सालाना आर्थिक मदद अब केवल दो हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को नहीं, बल्कि सभी किसानों को मिलेगी। छोटे व खेतिहर किसानों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन दी जाएगी। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या को घटाकर 10 प्रतिशत से कम किया जाएगा। 2022 तक हर किसी को मकान देने का वादा किया गया है। जिनके कच्चे मकान हैं, उन्हें पक्का मकान मिलेगा। खाद्य सुरक्षा के तहत 80 करोड़ लोगों को गेंहू, चावल के साथ प्रतिमाह 13 रुपये की दर पर चीनी भी दी जाएगी। राष्ट्रीय व्यापार आयोग का गठन किया जाएगा और छोटे दुकानदारों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन दी जाएगी। 200 नए केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा। वर्ष 2024 तक एमबीबीएस और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य है। सरकारी क्षेत्र में महिलाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। संविधान में प्रावधान करके महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। आयुष्मान भारत के तहत 1.50 लाख स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र खोले जाएंगे। देश भर में 75 मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। प्रशिक्षित डॉक्टरों और जनसंख्या का अनुपात 1:1400 करने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रवाद हमारी प्रेरणा है, अन्त्योदय हमारा दर्शन है और सुशासन हमारा मंत्र और यह संकल्प पत्र इन्हीं तीन आधारों पर टिका है। बहरहाल देखना है, जनता इसे किस रूप में लेती है। सबसे बड़ी बात यह है कि जनता का रुख पढ़ पाना आसान बात नहीं है। हालांकि विकास सभी चाहते हैं और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार ​मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में भारत को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई है,जबकि घोर विरोधी कांगे्रस समेत तमाम छोटे छोटे राजनीतिक दल सिर्फ और सिर्फ मोदी का विरोध करते रहे, बिना यह सोचे, समझे कि क्या भारत के हित में है और क्या भारत अहित। एक बार निगाह डालें तो ज्ञात होगा कि कांगे्रस पार्टी उन सभी को टिकट दिया है, जिन्होंने देशविरोधी बयान दिये और देश को टुकड़े करने का दृढ़ किया हुआ है। दरअसल, हम जनता ही गुनहगार हैं अपनी गुलामी के, अपने दुर्दिन के, जो भ्रष्टाचारियों और बेईमानों को वोट देते हैं और उसी वोट का फायदा कपूत लोग देश को बेचने में उठाते हैं। इतिहास गवाह है कि देश का बंटवारा कांगे्रस ने ही किया था और आज भी कांगे्रस उसी तरह हरी—भरी है, जैसे नेहरू इंदिरा के जमाने में थी।








टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वृष राशि वालों के लिए बेहद शुभ है नवम्बर 2020

26 नवम्बर 2020 को है देवउठनी एकादशी, शुरू होंगे शुभ कार्य

15 मई से सूर्य मेष से वृषभ राशि में जाएंगे, जानें किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा