कौन है उपयोगी
बोधकथा : चौड़े रास्ते ने एक बार पगडंडी से कहा कि मुझे लगता है कि तुम मेरे आसपास ही चलती हो। विनम्रता से पगडंडी ने कहा कि नहीं मालूम, तुम्हारे रहते लोग मुझ पर ही चलना क्यों पसंद करते हैं। जब कि मैं तुमसे काफी छोटी हूं। उसी समय संयोगवश एक वाहन आकर रुका। सामने एक छोटा-सा पुल था, जिस पर बोर्ड लगा हुआ था कि, कि पुलिया क्षतिग्रस्त है, बड़े वाहन यहां से न ले जाएं। उस वाहन में बहुत से लोग बैठे हुए थे। वाहन के चालक ने उनसे उतरने के लिए कहा। लोग पगडंडी के सहारे दूसरी ओर चल दिए। इस तरह बस उस पुलिया से गुजरी और यात्रियों को लेकर रवाना हो गई। रास्ता और पगडंडी ये दोनों घटनाक्रम देख रहे थे। तब रास्ते ने कहा, आज मैं समझ गया कि समय आने पर छोटी से छोटी वस्तु भी बहुत उपयोगी हो जाती है।
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