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अप्रैल, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आलोचना के बाद सुधारें गल्तियां

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बोधकथा : एक बार की बात है, काउंट प्रिसले रूस के शासक थे। प्रजा प्रशासन से संतुष्ट नहीं थी। अत: कुछ लोग सदैव प्रधानमंत्री के खिलाफ़ इधर-उधर लिखकर, बोलकर दुष्प्रचार करते रहते थे। प्रिसले को भी यह बात पता थी। एक दिन उन्होंने अपने सचिव को बुलाकर कहा-देखो, हमारा प्रशासन सुचारु रूप से चल सके, इसके लिए हमें सबकी राय की आवश्यकता है। तुम उन लोगों की एक सूची तैयार करो, जिन्होंने अखबारों और पत्रिकाओं में मेरे खिलाफ़ कुछ भी लिखा हो या मेरे प्रति कुछ अलग धारणा रखते हों। कुछ दिनों बाद सचिव लगभग एक हज़ार लोगों की सूची ले आया। प्रधानमंत्री उसे देखकर बोले- इनमें से सबसे तेज़ और तीखी टिप्पणियां मुझे छांटकर दीजिए। सचिव ने ऐसे लोगों के नाम भी निकालकर दे दिए और पूछा-क्या इनके नाम पुलिस में दे दिए जाएं ताकि उन पर पर उचित कार्रवाई की जा सके। इस पर प्रिसले ने जवाब दिया-नहीं, मैं तो इन सबमें से अपना कट्टर विरोधी चुनकर उसे अपने अख़बार का संपादक बनाना चाहता हूं ताकि वह अपनी लेखनी द्वारा मेरी कमियां मुझे बता सकें और मैं जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप अपने को ढाल सकूं। 

चौकीदार चोर है, मामले में राहुल गांधी को मांगनी ही पड़ी माफी

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विचार : अपने रैलियों में चौकीदार चोर है, का नारा लगवाने वाले राहुल गांधी को आखिर माफी मांगनी ही पड़ी। अब क्या मुंह लेकर जनता के बीच जाएंगे, अब तो ऐसा लगने लगा है कि राहुल गांधी खुद ही लुटेरे हैं, जो जनता के पैसे की लूट की है और जमानत पर घूम रहे हैं और बड़ी बेशर्मी से देशभक्त मोदी को चोर जैसा अपमानित करने वाला शब्द कहा। कांगे्रस के डीएनए में है देशभक्तों को अपमानित करना जैसे पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बाबू सुभाषचंद्र बोस को किया था। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर हताशा और जीवंतता को परिभाषित करने की जरूरत नहीं, बल्कि हालात और संतुलन खोते व्यक्ति का आचरण व टिप्पणियां ही उसकी हताशा का प्रमाण दे देती है। मौजूदा समय में जब चुनावी बयार के बीच सियासी जंग अपने शवाब पर है, तब नेताओं की बतकही, फिसलती जुबान और मर्यादाओं को लांघते आरोपों की बौछार बता देती है कि जीवंतता और हताशा के बीच कितनी गहरी खाई बन चुकी है। इसी संदर्भ को क्षेत्रीय पार्टियों से इतर राष्ट्रीय ताने-बाने में जब विचार करने की कोशिश की जाती है तो कांगे्रस के अध्यक्ष राहुल गांधी की तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है। विनाश की कगार पर खुद अपनी...

गुरु और शिष्य का सम्बन्ध

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बोधकथा : जंगल में गुरुजी का बड़ा आश्रम था, जहां अनेक शिष्य विद्या अध्ययन करते थे। गुरुजी की वाणी से सभी वेद, शास्त्रों का श्रवण कर ग्रहण भी करते थे। आश्रम में कई दुधारू गायें थीं। जब अध्ययन की अवधि समाप्त हो गई तो गुरुजी ने एक दिन सबको अपने सामने एकसाथ बैठाकर दीक्षा व आशीर्वाद देते हुए कहा- तुम सब मेरे प्रिय और आत्मीय हो। मैं चाहता हूं कि मेरी ओर से भेंटस्वरूप एक-एक गाय अपने-अपने घर ले जाओ। शिष्य के रूप में तुमने जो सेवाभाव दिखाया है, उससे मैं बहुत प्रसन्न हूं। यह ‍सुनकर शिष्य गदगद हो गए। वे शीघ्र ही अपनी पसंद की गाय चुन-चुनकर रस्सी हाथ में थामे हुए जब वहां से प्रस्थान करने को उत्सुक हुए तो गुरुजी की दृष्टि एक भोले-भाले शिष्य पर पड़ी, जो यह सब चुपचाप देख रहा था। उसको पास बुलाकर गुरुजी ने पूछा- बेटा! तुम क्यों शांत खड़े हो? क्या तुम्हें गाय नहीं चाहिए? नहीं गुरुजी, वह हाथ जोड़कर विनयपूर्वक बोला- मुझे यहां की कोई गाय नहीं चाहिए। मुझे केवल आशीर्वाद चाहिए, जो आपने देकर मेरा उपकार किया है। शिष्य की कृतज्ञताभरी वाणी सुनते ही गुरुजी भाव-विभोर हो गए। उन्होंने इस शिष्य के सिर पर हाथ फेरते हु...

शिकारी बाज की अनूठी कहानी

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बोधकथा : शिकारी बाज की भी अनूठी कहानी है। बाज करीब 70 वर्षों तक जीता है, लेकिन अपने जीवन के 40वें वर्ष में आते-आते उसे एक महत्वपूर्ण निर्णय लेना पड़ता है। चालीस साल की उम्र में बाज के शरीर के तीन प्रमुख अंग निष्प्रभावी होने लगते हैं - पंजे लम्बे और लचीले हो जाते है व शिकार पर पकड़ बनाने में अक्षम होने लगते हैं। चोंच आगे की ओर मुड़ जाती है और भोजन निकालने में व्यवधान उत्पन्न करने लगती है। पंख भारी हो जाते हैं और सीने से चिपकने के कारण पूरे खुल नहीं पाते हैं, उड़ानें सीमित कर देते हैं। भोजन ढूंढ़ना, भोजन पकड़ना और भोजन खाना.... तीनों प्रक्रियाएं अपनी धार खोने लगती हैं।  उसके पास तीन ही विकल्प बचते हैं— या तो देह त्याग दे, या अपनी प्रवृत्ति छोड़ गिद्ध की तरह त्यक्त भोजन पर निर्वाह करें... या फिर स्वयं को पुनर्स्थापित करें, आकाश के निर्द्वन्द्व एकाधिपति के रूप में। लेकिन बाज शिकार करके ही भोजन करता है, यानि कठिन परिस्थितियों में भी परिश्रम के बाद ही भोजन करना।

अब शिवपाल ने दिया कांगे्रस को...

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व्यंग्य : समाजवादी पार्टी के चक्रव्यूह में घायल चचा शिवपाल लोकसभा चुनाव में कूदे तो थे, लेकिन विचारों से समझौता न करने वाले सियासी शिवपाल कांगे्रस को दे बैठे अपना समथर्न। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम को समर्थन देने का ऐलान किया। शिवपाल के इस समर्थन के पीछे कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का इस सीट पर दो दशकों से कब्जा है। इस बार राजनाथ सिंह के सामने कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम ताल ठोक रहे हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम संभल के कल्कि धाम के पीठाधीश्वर हैं। वहीं गठबंधन की तरफ से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मैदान में हैं। एक बात तो तय है कि इस सीट पर बीजेपी को मात देनी है तो विपक्षी पार्टी को पुराने लखनऊ का दिल जीतना होगा। लिहाजा कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद का पूरा फोकस पुराने लखनऊ में है। ये यहां शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं से भी मिल रहे हैं। वहीं प्रमोद कृष्णम के बारे में कहा जाता है कि हिंदू वेश में उपद्रवियों का एजेंट हैं।

गर्मियों में होती हैं ये स्किन समस्याएं, ऐसे पायें राहत

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जीवनशैली : गर्मियों के मौसम में कई कारणों से स्किन में सूखापन, एलर्जी, खुजली जैसी दिक्कतें होती हैं। इन सब दिक्कतों के चलते लोग काफी परेशान हो जाते हैं। अक्सर हम देखते हैं कि स्किन में इन समस्याओं के होने पर खुजाने से राहत मिल जाती है लेकिन ऐसा करना स्किन पर संक्रमण और चोटों का कारण बन सकता है। गर्मी में होने वाली इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उपाय करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए हम इन घरेलू उपायों को करके स्किन की समस्याओं से राहत पा सकते हैं। इन उपायों को आजमाएं — नींबू : नींबू हमारे खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही स्किन के लिए भी बहुत लाभकारी है। नींबू में वाष्पशील तेल होने के चलते स्किन पर इसके रस को लगाने से फायदा होता है। ऐसा करने से खूखेपन और खुचली आदि में राहत मिलती है।  पुदीना : स्किन में सूखेपन के कारण होने वाली खुजली के लिए पुदीने का इस्तेमाल करना असरकारक होता है। स्किन पर खुजली वाले स्थान पर पुदीने की पत्तियों को मसलकर सीधे लगाने से तुरंत राहत मिलती है।  तुलसी : तुलसी के पत्तों में थीमोल, युगेनॉल और कपूर के गुण होते हैं। स्किन में सूखेपन के चलते होने वाल...

क्या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से परेशान हैं आप

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स्वास्थ्य : यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन बैक्टीरिया, फंगस और वायरस से होने वाला इंफेक्शन है। यूटीआई गर्भाशय, किडनी, ब्लैडर और मूत्रमार्ग में कहीं भी हो सकता है। अधिकतर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन मूत्रमार्ग और ब्लैडर में होता है। इस इंफेक्शन से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। समय रहते इंफेक्शन का इलाज करने से इससे निजात पाई जा सकती है। इसके लिए आप घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं। यूटीआई में दिखते हैं ये लक्षण  - बार-बार टॉइलट जाना इसका लक्षण होता है। इसके अलावा बार-बार टॉइलट आने जैसा महसूस हो रहा है तो यूटीआई की शिकायत हो सकती है।  - टॉइलट करते समय दर्द महसूस करना यूटीआई का ही लक्षण है।  - कभी-कभी देखा जाता है कि टॉइलट करने के दौरान खून आता है। अगर ऐसा है तो यूटाआई की समस्या हो सकती है।  - पेट के निचले हिस्से में दर्द होना यूटीआई से पीडि़त होने का संकेत है।  - यूटीआई की समस्या होने पर ठंड के साथ बुखार आता है। इसके अलावा पीठ दर्द भी होता है।  यूरिन इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय अधिक पानी पिएं- पानी पीना हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यूटीआई ...

क्या है राष्ट्रीयता

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बोधकथा : स्वतंत्रता के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पिलानी के एक स्कूल में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे। स्कूल में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत विविध रंगारंग कार्यक्रमों को देखकर पंडित नेहरू मंत्रमुग्ध हो गए। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वह मंच पर आकर बोले-इन्हीं बच्चों को भविष्य में हमारे देश की नींव को मजबूत करना है। भारत माता का नाम रोशन करना है। तभी उत्सुकतावश एक छोटे विद्यार्थी ने पूछा-भारत माता कौन हैं? पंडित नेहरू ने उस विद्यार्थी से कहा-बेटा, सोचो भारत माता कौन हैं? बालक कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला-हमारा देश भारत है, उसकी माता भारत माता हुई। इस पर पंडित नेहरू बोले-हम सभी भारत माता की संतान हैं। हमारा फर्ज है कि हम अपनी भारत माता की सेवा करें। हमें ऐसे कार्य करने होंगे कि हमारा देश विश्व के भाल पर मणि की तरह चमके। यह सुनकर वहां उपस्थित स्वाधीनता सेनानी-उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला के साथ अध्यापक-अध्यापिकाएं भावविभोर हो उठे और विद्यालय का प्रांगण 'भारत माता की जय के उद्घोष से गूंज उठा। 

बेशर्म पार्टी है कांगे्रस और उनके नेताओं के बोल

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विचार : लोकसभा चुनाव 2019 में सभी राजनीतिक दलों ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। राष्ट्रीय मंच पर सबसे आगे भाजपा चल रही है। उसके कहीं दूर पीछे कांगे्रस मजबूरी में है। तीसरा स्थान है ही नहीं, क्योंकि क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता कि वह किस करवट बैठेंगे। राजनीति की लड़ाई में राजनीतिक दलों के नेता अभद्रता की सीमा पार कर चुके हैं, हालांकि चुनाव आयोग ने ऐसे नेताओं पर लगाम तो लगायी, लेकिन कहां तक चुनाव आयोग नजर रख पायेगी, जब सभी कुएं में भांग पड़ी है। अबकी बार तो राजनीति की लड़ाई में नैतिकता तो रह ही नहीं गयी, एकाध दल को छोड़ दें तो। प्रधानमंत्री अपने आप में एक हस्ती है लेकिन बिना सबूत चोर कहा जा रहा है, इस कद्र भारत की बेइज्जती होगी विदेशों में यहां का भद्र नागरिकों ने कम से कम तो ऐसी कल्पना कभी नहीं की होगी। यदि कांगे्रस पार्टी की बात की जाये तो निहायत ही बेशर्म और तर्कहीन पार्टी है, जो शुरू से आज तक झूठ और झूठ जनता के बीच परोसती रही और हम जनता उनकी बातों में आते रहे। कांगे्रस के मौजूदा अध्यक्ष स्वयं बहरूपिया हैं, न पिता का पता न खानदान, दुनिया अंदर से जनेऊ...

एक्सरसाइज से पहले कॉफी पीने के क्या हैं फायदे!

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जीवनशैली : बेहद लोकप्रिय और पसंदीदा पेय पदार्थों में से एक है कॉफी। अगर आप खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज भी करते है तो व्यायाम से पहले कॉफी पीने के आपको कई फायदे मिल सकते हैं। आइए, जानते हैं उन्हीं के बारे में - — ऐसा माना जाता है कि कॉफी में मौजूद कैफीन शरीर में एक्सट्रा फैट कम करने में मदद करता है। — आमतौर पर एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों में हल्का दर्द महसूस होता है। जो लोगों एक्सरसाइज करने से पहले कॉफी का पीते हैं, उन्हें मांसपेशियों में दर्द कम होता है। कॉफी को एथलीटों की मांसपेशी के लिए ईंधन तक माना गया है। — ऐसा भी माना जाता है कि नियमित रूप से कॉफी पीने से रक्त संचार बेहतर होता है। इसके पीछे कारण है कि कैफीन एड्रेनॉलिन का उत्पादन बढ़ाती है, जो मांसपेशियों और हार्ट के रक्त संचार को बेहतर करने में सहायक होता है। — कठिन एक्सरसाइज करते हुए मेंटल फोकस और एक्स्ट्रा एनर्जी की जरूरत पड़ती है। माना जाता है कि ब्लैक कॉफी पीने से इन दोनों की आवश्यकता पूरी होती है साथ ही कॉफी पीने वालों की याददास्त भी बहुत तेज रहती है। — एक्सर्साइज करने के लिए फीट रहना जरूरी है और कॉफी पीने से कम बीमा...

सेहत के लिए गजब की फायदेमंद है खुबानी

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स्वास्थ्य : गोल -गोल और हल्के पीले और नारंगी रंग की खुबानी दिखने में जितनी सुंदर और आकर्षक है, उनके ही बेहतरीन है इससे मिलने वाले फायदे भी। जितनी यह मजेदार है उससे कहीं ज्यादा पौष्टिक और गुणकारी होती है। क्या आप जानते हैं खुबान के यह 5 फायदे? नहीं जानते तो अब जान लीजिए - — आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रोजाना सिर्फ 5 खुबानी खाने से ही आपको उतनी कैलोरी मिल जाती है , जितनी कि एक सेब खाने से मिलती है। — लेकिन खुबानी और सेब में से खुबानी बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें सेब से कहीं अधिक प्रोटीन, कैल्सियम, आयरन, विटामिन के विटामिन ए और फोलिक एसिड की मात्रा पाई जाती है। — खुबानी में पोटेशियम और फाइबर की अपेक्षा बीटा कैरोटीन ज्यादा होती है। यदि उपलब्धता हो तो आपको इस फल को अपने रोजाना भोजन में शामिल करना चाहिए क्योंकि एक छोटे से फल में इतने सारे तत्व एक साथ मिल जाते हैं। — खासकर संरक्षित खुबानी बीटा कैरोटीन, पोटेशियम और फाइबर के अच्छे स्त्रोत होते हैं। यह हड्डियों के लिए फायदेमंद है और कैंसर से बचाव में भी मददगार है। — यह कब्ज की समस्या को दूर करने में फायदेमंद। इसे खाने से पाचन भी बेहत...

शांति का परिचय

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बोधकथा : सिकन्दर की सेना अपने सामने आये सभी क्षेत्रों को विजित करती जा रही थी। अंत में वह पर्शिया को जीतते हुए भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में आ धमकी। भारत की प्राचीन संस्कृति और समृद्धि का सिकन्दर के मस्तिष्क पटल पर विशेष प्रभाव था। एक साधु विशाल चट्टान पर लेटा हुआ था। सिकन्दर के समीप आने पर भी वह निश्चल ही लेटा रहा। उसने साधु से पूछा-मुझे और मेरी सेना को देखकर क्या तुम्हें तनिक भी भय नहीं लगता मैंने सारे जगत को जीत लिया है। साधु ने कहा-एक लुटेरे से उसे क्यों भय लगेगा, मेरा तुम कुछ नहीं छीन सकते। किन्तु यह तुम बताओं कि इतनी बड़ी संख्या में निरीह लोगों का वध करके इतना धन, दौलत एकत्र करके क्या करोगे, पूरा जीवन सुख, सुविधा व निश्चिंतता से व्यतीत करूंगा-सिकन्दर ने बड़े गर्व से उत्तर दिया। साधु बोला-परन्तु मैं तो बिना किसी का वध किये तथा बिना कुछ धन संचय किये अभी भी विश्रान्ति से जीवनयापन कर रहा हूं। साधु ने सिकन्दर से विमुख होकर शान्ति की मुद्रा में आंखें बंद कर लीं। सिकन्दर का भारत की संस्कृति से प्रथम परिचय हो चुका था। और फिर बाद में सिंकदर को मुंह की खानी पड़ी थी।

जानें कहां लगता है साढ़े तीन साल का सूर्यग्रहण!

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जानकारी : ब्रह्मांड दो तारे हैं जो कि पृथ्वी से एक हजार प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं। वैज्ञानिकों ने टीवाइसी 2505-672-1 युगल तारों में सबसे लंबे तथा सर्वाधिक अवधि के बाद लगने वाले ग्रहण का पता लगाया है। यह शोध एस्ट्रोनोमिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। वांडरबिल्ट विश्वविद्यालय के विज्ञानी जोए रोड्रिग्स ने अपने शोध में बताया कि दो विशेष खगोलीय पिंडों से यह खोज करना संभव हो पाया। टीवाईसी बेहद दूर होने के कारण उसके चित्र आदि लेने की संभावनाएं बेहद सीमित रहीं। लेकिन वैज्ञानिकों ने सहयोगी सितारे का तापमान दर्ज कर लिया। इसके सहयोगी तारे का तापमान सूर्य की सतह से दो हजार डिग्री सेल्सियस अधिक था। इस तरह का अगला ग्रहण 2080 में लगेगा। गौरतलब है कि इससे पहले सहयोगी तारे के कारण सबसे लंबे और अधिक अवधि के ग्रहण का रिकॉर्ड 27 वर्ष और 640 से 730 दिन का था जो कि एक अन्य विशाल तारे एप्सिलोन औरिगी के नाम था जो पृथ्वी से 22 सौ प्रकाश वर्ष दूर तथा बेहद चमकीला है।

खाना तो खाते हैं म्यांमार में, सोते भारत में हैं

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जानकारी : एक गांव ऎसा है जिसका आधा हिस्सा भारत में और आधा हिस्सा म्यांमार में है। इस गांव के लोग बिना वीजा के म्यांमार में जा सकते हैं। दरअसल, इस गांव का आधा हिस्सा भारत में तो आधा हिस्सा म्यांमार में है। यहां के राजा के घर के बीच से गुजरता है बॉर्डर। इस ट्राइब्स के राजा का नाम अंग नगोवांग है, जिनके अधीन लोंगवा समेत कुल 75 गांव आते हैं। वहीं, इनके घर के बीच से होकर म्यांमार और भारत का बॉर्डर गुजरता है। ऎसे में इनका परिवार खाना तो म्यांमार के हिस्से में खाता है, लेकिन सोने के लिए भारतीय सीमा का उपयोग करता है। लोंगवा गांव के राजा की फैमिली भी काफी बड़ी है, जिसमें उनकी 60 बीवियां भी शामिल हैं। वहीं, राजा का बेटा म्यांमार आर्मी में है। भारत-म्यांमार सीमा पर होने के कारण यहां के लोगों को तकनीकी तौर दोनों ही देशों की नागरिकता मिली हुई है। ऎसे में इन्हें म्यांमार जाने के लिए न तो वीजा की जरूरत होती है और न ही भारतीय पासपोर्ट की। यहां के लोग दोनों ही देशों में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं। इस ट्राइब्स के लोगों को हेड हंटर्स के नाम से भी जाना जाता है। पहले ये लोग इंसानों को मारकर उसके सिर को...

धन का खर्च

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बोधकथा : जॉर्ज कार्वर अमेरिका के सफल नीग्रो वैज्ञानिक थे। जरूरत से अधिक धन के स्वामी होने पर भी उनमें कभी अहंकार नहीं आया। काफी रकम इकट्ठा हो जाने पर उनकी पत्नी ने उन्हें सुझाव दिया कि आप यह पैसा बैंक में जमा करा दीजिए। वहां पैसा सुरक्षित रहेगा और यहां हम निश्चिंत रहेंगे। वैसे भी कार्वर की जरूरतें कुछ खास नहीं थीं। उन्होंने एक मित्र से सलाह लेकर एक प्रसिद्ध बैंक में अपनी सारी कमाई जमा करवा दी। उन्हें पैसे की आवश्यकता कभी महसूस ही नहीं हुई। दुर्भाग्यवश जिस बैंक में कार्वर की जमा पूंजी थी, वह बैंक असफल रहा और उसे दिवालिया घोषित कर दिया गया। कार्वर का भी सारा पैसा डूब गया। कई संबंधी और मित्र अफसोस जताने आए और अपनी ओर से मदद की पेशकश की। इस पर कार्वर बोले-वह पैसा तो वैसे भी मेरे काम नहीं आ रहा था। जैसा मेरे यहां रखा था, वैसे ही वहां रखा था। आप लोग दुविधा में न रहें, मुझे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ा है। कार्वर के इस कथन से स्थानीय लोगों में कड़े फैसले लेने के लिए प्रेरित किया।

आजकल पेपलम ब्लाउज का चल रहा ट्रेंड

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जीवनशैली : लहंगे के लिए पेपलम ब्लाउज़ स्टिच करवाने की सोच रही हैं तो इसे आप मिड लेंथ तक का सिलवा सकती हैं। डीप वी नेक पेपलम ब्लाउज़ आपको मॉर्डन लुक देगा। एम्ब्रॉयडर्ड पेपलम ब्लाउज़ आपके सिंपल लंहगे का लुक बढ़ा देगा। इंडो-वेस्टर्न लुक के लिए आप ब्लाउज़ में आगे बटन लगवा सकती हैं। हर साल सिर्फ साड़ी, लहंगे और कुर्तियों का ही स्टाइल और ट्रेंड नहीं बदलता, बल्कि ब्लाउज़ का डिज़ाइन भी चेंज़ होता रहता है। आखिर ब्लाउज़ से ही तो साड़ी और लहंगे का सही गेटअप आता है। इन दिनों पेपलम ब्लाउज़ खूब ट्रेंड में है। शादियों का सीज़न आने वाला है तो क्यों न आप भी इस बार ये ब्लाउज़ डिज़ाइन ट्राई करें। पेपलम ब्लाउज़ सिर्फ साड़ी और लहंगे के साथ ही नहीं पहन सकती, बल्कि पेपलम डिज़ाइन में कुर्तियां भी स्टिच करवा सकती हैं तो आपको इंटो-वेस्टर्न लुक देगा। इस बार नवरात्रि में भी पेपलम ब्लाउज़ खूब ट्रेंड मे रहा। लहंगे के लिए पेपलम ब्लाउज : डीप वी नेक पेपलम ब्लाउज़ आपको मॉर्डन लुक देगा। एम्ब्रॉयडर्ड पेपलम ब्लाउज़ आपके सिंपल लंहगे का लुक बढ़ा देगा। इंडो-वेस्टर्न लुक के लिए आप ब्लाउज़ में आगे बटन लगवा सकती हैं। पेपलम ड...

30 अप्रैल को है वरूथिनी एकादशी, इसके प्रभाव से मिलता है स्वर्ग में स्थान

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ज्योतिष : बैसाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरूथिनी एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यानि 2019 में यह एकादशी 30 अप्रैल, मंगलवार को पड़ रही है। इस एकादशी के संबंध में पौराणिक ग्रंथों के अनुसार एक बार धर्मरा‍ज युधिष्ठिर बोले कि हे भगवन्! वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है, उसकी विधि क्या है तथा उसके करने से क्या फल प्राप्त होता है? आप विस्तारपूर्वक मुझसे कहिए, मैं आपको नमस्कार करता हूं। श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे राजेश्वर! इस एकादशी का नाम वरूथिनी है। यह सौभाग्य देने वाली, सब पापों को नष्ट करने वाली तथा अंत में मोक्ष देने वाली है। इस व्रत को यदि कोई अभागिनी स्त्री करे तो उसको सौभाग्य मिलता है। इसी वरूथिनी एकादशी के प्रभाव से राजा मान्धाता स्वर्ग को गया था। वरूथिनी एकादशी का फल दस हजार वर्ष तक तप करने के बराबर होता है। कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के समय एक मन स्वर्णदान करने से जो फल प्राप्त होता है वही फल वरूथिनी एकादशी के व्रत करने से मिलता है। वरूथिनी एकादशी के व्रत को करने से मनुष्य इस लोक में सुख भोगकर परलोक में स्वर्ग को प्राप्त होता है। पुराणों में वर्णन है कि हाथी का ...

क्या आपके पास हैं 5 तरह के ब्लेजर्स

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जीवनशैली : ब्लेजर का नाम लेते ही क्या आपके दिमाग में सर्दियों का ख्याल आ जाता है? अपनी जानकारी को जरा बढ़ाएं क्योंकि आप ब्लेजर्स को पूरे साल कैरी कर सकतीं हैं और फॉर्मल ड्रेसिंग का तो बेहद अहम हिस्सा है ब्लेजर। ब्लेजर का मतलब मोटे-मोटे ओवरकोट नहीं होते और बल्कि यह एक वर्सेटाइल आउटफिट है। यह अलग-अलग स्टाइल और फैब्रिक में आता है जिन्हें आप अपने कंफर्ट के हिसाब से खरीद सकती हैं। हम आपको बता रहे हैं 5 अलग-अलग तरह के ब्लेजर्स के बारे में जिन्हें आपके अपने वॉरड्रोब का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए— प्रिंटेड ब्लेजर : जब बात गर्मी के मौसम की आती है तो उसमें कलरफुल, प्रिंटेड और फ्लोरल ब्लेजर्स की डिमांड बढ़ जाती है। वाइब्रेंट और रंग-बिरंगे होने की वजह से इस तरह के ब्लेजर्स आपके आउटफिट और पर्सनैलिटी में एक नया रंग ऐड कर देते हैं। आप चाहें तो इन्हें कैजुअल आउटिंग पर तो पहन ही सकती हैं। कभी-कभार ऑफिस में फॉर्मल वेअर के तौर पर भी यूज कर सकतीं हैं। नेट ऐंड लेस ब्लेजर : अगर आपने स्लीवलेस ड्रेस या ट्यूब टॉप पहना है और आप बाहर निकलने में कंफर्टेबल फील नहीं कर रही हैं तो नेट और लेस से बना यह ब्लेजर आपके बड...

बड़े काम का है कटा हुआ नींबू, रखिए अपने पास

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स्वास्थ्य : नींबू के इस्तेमाल के कई तरीके आप जानते होंगे, लेकिन कटे नींबू का इस्तेमाल आप शायद ही जानते होंगे। हम आपको बता रहे हैं कि कटे नींबू को पास रखने के कौन से सेहत लाभ होंगे और किस तरह से उनका इस्तेमाल किया जा सकता है- — कटा हुआ नींबू अपने पास रखने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि गर्मियों में जब भी जरूरत लगे, तो इसे पानी में निचोड़ कर तुरंत पी सकते है। यह आपको रिफ्रेश बनाए रखने में और ऊर्जा का संचार करने में मदद करेगा। आप दिनभर ताजगी और खुशनुमा महसूस करेंगे। — दूसरा फायदा यह है कि आसपास के वातावरण को अपनी खुशबू से महकाए रखेगा और किसी भी प्रकार की दुर्गंध को दूर रखने में मददगार साबित होगा, जिससे आप सकारात्मक और स्वस्थ महसूस करेंगे। — तीसरा फायदा यह है कि अगर आपको जरा भी उल्टी जैसा लगे या मतली हो, तो आप इसे कुछ देर सूंघकर, ऐसी समस्याओं से निजात पा सकते हैं। खास तौर से सफर में यह तरीका बेहद कारगर है। — चाय, कॉफी, कोल्ड्रिंक या अन्य खाद्य पदार्थों के सेवन से बाद कई बार आपके दांतों में पीलापन या गंदगी दिखाई देती है जो बिल्कुल अच्छी नहीं लगती। इसे आप नींबू रगडऩे से दूर कर सकते हैं। — कट...

त्याग में ही आनंद है

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बोधकथा : गुरु और शिष्य रास्ते में विभिन्न विषयों पर चर्चा कर रहे थे। इसी क्रम में त्याग बनाम संचय पर बहस शुरू हो गई। गुरु का कहना था कि त्याग में सुख और आनंद है, वहीं शिष्य का कहना था कि संचय में ही वास्तविक आनंद की प्राप्ति है। चलते-चलते सूर्यास्त हो गया और सामने नदी आ गई। गुरु जी त्यागी थे, इसलिए उनके पास नाविक को देने के लिए पैसे न थे। शिष्य संचयी था, उसके पास पैसे तो थे पर देने में वह संकोच कर रहा था। रात होने लगी तो शिष्य घबरा गया कि रात्रि में कहीं जंगली जानवर खा गए तो। डरते हुए अंतत: उसने पैसे निकाले। अपना और गुरु जी का भाड़ा दिया। इस तरह वे दोनों नदी पार कर गए। नौका से उतरने के बाद शिष्य बोला, गुरु जी, मैं न कहता था कि संचय में ही सुख है। यदि मेरे पास पैसे संचित न होते तो कैसे नदी पार करते? गुरु बोले, 'वत्स, जब तक तुमने पैसे संचित रखे, तब तक नदी के उस पार ही खड़े रहे। जब पैसों का त्याग किया यानी पैसे नाविक को दिए, तभी नदी पार कर सके। यदि त्याग न करते तो यहां तक कैसे पहुंचते? अत: त्याग में ही सुख है।

फिल्म पर रोक लगाकर नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोक नहीं पायेगा चुनाव आयोग

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विचार : चुनाव आयोग का रवैया बहुत लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। चुनाव आयोग के कुछ फैसलों पर भी उंगली उठाई जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकाप्टर की तलाशी को लेकर यहां तक कह चुके हैं कि हमने एक अच्छा मौका गंवा दिया। इससे साफ जाहिर है कि मुख्य चुनाव आयुक्त को नरेंद्र मोदी के क्रियाकलाप पसंद नहीं आ रहा। एक प्रधानमंत्री के प्रति इस तरह का वक्तव्य अधिकारियों को शोभा नहीं देता। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे​शहित में कार्य करते हैं। एक देशभक्त के प्रति इस तरह का रवैया चिंताजनक है। इतना ही नहीं, मुख्य न्यायाधीश भी नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से इत्तफाक नहीं रखते और इसी के चलते उनको बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ा, जो इतिहास में कभी नहीं हुआ, आज वहीं मुख्य न्यायाधीश महिला उत्पीड़न के आरोप में दर—दर ठोकरें खा रहे हैं, उम्मीद है कि रंजन गोगोई साहब को कार्यानुसार परिणाम मिलेगा। वहीं चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म के प्रदर्शन पर चुनाव ख़त्म होने तक रोक लगा दी है। आयोग के अनुसार चुनाव के दौरान फिल्म का प्रदर्शन आचार संहिता का...

नारियल पानी बालों को देगा जादुई निखार

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स्वास्थ्य : सेहत के लिए नारियल के फायदे तो आपने खूब सुने होंगे। नारियल में कई ऐसे गुण होते हैं जो आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं। बालों के लिए तो नारियल किसी जादू से कम नहीं है। यह बालों की कई समस्याओं को दूर कर सकता है। आइए, आज आपको नारियल तेल के कुछ ऐसे कॉम्बो बताते हैं जिनसे आप अपने बालों की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं। नारियल पानी आपके बाल हाइड्रेटेड रखता है और स्कैल्प को नरिश करता है। यह ब्लड सरकुलेशन बढ़ाने में भी मदद करता है। करीब आधा कप नारियल का पानी लें और स्कैल्प पर मसाज करें। 5 मिनट तक मसाज करें। 20 मिनट तक बालों को ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद इसे शैम्पू से धो लें। हफ्ते में करीब 3 बार ऐसा करें। आधा कप नारियल पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं। स्कैल्प पर इससे मसाज करें और बाकी बचा हुआ पानी बालों पर लगा लें। इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें। ऐसा आपको हफ्ते में एक बार करने की ही जरूरत है। जहां नारियल पानी से बाल हाइड्रेटेड रहते हैं, वहीं नींबू से कोलेजन प्रॉडक्शन बढ़ता है। इससे बाल जल्दी बढ़ते हैं। स्कैल्प का पीएच बैलेंस भी बना रहता है। नारियल और ऐलोवेरा दो ऐसे तत्व हैं जो...

हिर्सुटिज़्म की वजह से महिलाओं को आती है पुरुषों की तरह दाढ़ी और मूंछ

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जीवनशैली : महिलाएं खूबसूरती को लेकर काफी सजग होती हैं. इसके लिए वो तमाम जतन भी करती हैं. लेकिन कभी कभार महिलाओं के चेहरे पर पुरुषों की तरह बाल आने लगते हैं जोकि उनपर देखने में बेहद भद्दे और अजीब लगते हैं. महिलाओं में अनचाहे बालों की इस समस्या को हिर्सुटिज़्म नाम दिया गया है. इस बीमारी में महिलाओं के चेहरे, दाढ़ी, ठुड्डी, ब्रेस्ट और पीठ पर बाल आने लगते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है और किस तरह आप अनचाहे बालों से छुटकारा पा सकती हैं. हिर्सुटिज़्म की बीमारी के पीछे अनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं. अगर परिवार में पहले भी किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो चुकी है तो अनुवांशिक कारणों की वजह से महिला को भी यह बीमारी हो सकती है. कई बार कुछ दवाइयां ऐसी हैं जिनके सेवन से बॉडी में एंड्रोजन हॉर्मोन का तेजी से निर्माण होने लगता है. जब हार्मोन का असंतुलन पैदा होता है तो इस वजह से महिलाओं में अनचाहे बालों की समस्या सामने आती है. गर्भवती महिला और मेनोपॉज के समय महिलाओं के शरीर में आंतरिक रूप से कई बदलाव आते हैं जिनमें से एक हार्मोन का असंतुलन भी हो सकता है. महिलाओं में अनचाहे बालों...

दुख को आधा कर देती है मित्रता

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आस्था : श्रीमद् भागवत में जिस तरह से श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन्न होता है, उसी प्रकार की मित्रता हम सभी को अपने जीवन काल में करना चाहिए। मित्र अगर सुख में हो तो मित्र उसके सुख को दोगुना कर देता और दुखी हो तो मित्रता उस दुख को आधा कर देता है। रामायण में वर्णित प्रभू श्रीराम के चरित्र का हम सभी को अनुकरण करना चाहिए। रामायण में जीवन का सार है, हमें कैसा व्यवहार अपने परिवार, मित्र से, प्रजा से करना चाहिए वो सारी बातें रामायण में निहित हैं। राम और हनुमान की भी मित्रता रामायण में पढ़ी व समझी जा सकती है।

कौन है उपयोगी

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बोधकथा : चौड़े रास्ते ने एक बार पगडंडी से कहा कि मुझे लगता है कि तुम मेरे आसपास ही चलती हो। विनम्रता से पगडंडी ने कहा कि नहीं मालूम, तुम्हारे रहते लोग मुझ पर ही चलना क्यों पसंद करते हैं। जब कि मैं तुमसे काफी छोटी हूं। उसी समय संयोगवश एक वाहन आकर रुका। सामने एक छोटा-सा पुल था, जिस पर बोर्ड लगा हुआ था कि, कि पुलिया क्षतिग्रस्त है, बड़े वाहन यहां से न ले जाएं। उस वाहन में बहुत से लोग बैठे हुए थे। वाहन के चालक ने उनसे उतरने के लिए कहा। लोग पगडंडी के सहारे दूसरी ओर चल दिए। इस तरह बस उस पुलिया से गुजरी और यात्रियों को लेकर रवाना हो गई। रास्ता और पगडंडी ये दोनों घटनाक्रम देख रहे थे। तब रास्ते ने कहा, आज मैं समझ गया कि समय आने पर छोटी से छोटी वस्तु भी बहुत उपयोगी हो जाती है।

आखिर कैसे पता चले कि न्यायाधीश पर लगाये गये यौन उत्पीड़न का आरोप फर्जी है!

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विचार : मुख्य न्यायाधीश पर लगे महिला यौन शोषण का मामला बड़ी ही गम्भीर मसला है। वास्तविकता क्या है, यह जांच के बाद पता चलेगा। लेकिन इस मामले में जांच होगी कि नहीं, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन यह सत्य है कि महिला ने प्रधान न्यायाधीश पर आरोप लगाया है। मामले में जांच के लिए प्रदर्शन भी किया गया। महिला द्वारा न्यायाधीश पर आरोप के बाद बात यह निकलकर सामने आयी कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से सम्बिन्धत कुछ मामलों को सुनवाई को लेकर फंसाने की बात कही जा रही थी, फिर यह बात निकल कर सामने आयी कि दिवालिया घोषित हो चुकी जेट एयरवेज कम्पनी के मुखिया नरेश गोयल ने मुख्य न्यायाधीश को फंसाया है। लेकिन सच्चाई तभी निकलकर सामने आएगी जब इस मामले की जांच हो, लेकिन क्या जांच होगी! मुख्य न्यायाधीश पर कोर्ट की ही बर्खास्त महिला कर्मचारी द्वारा लगाये गये यौन उत्पीडऩ के आरोपों से देश स्तब्ध है। लोग स्तब्ध हैं कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर ऐसे आरोप लगे हैं। सवाल उन पर लगने वाले आरोपों की प्रकृति का भी है। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पहले ऐसे न्यायाधीश नहीं हैं, जिन पर ऐसे आरोप लगे है...

आतंकवादियों का फिर वही खूनी खेल

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विचार : आतंकवादियों द्वारा विस्फोट करना, नागरिकों की जान लेना आम बात हो गयी है। आतंकियों के पास न तो संवेदनाएं हैं और न ही मानवता। पशुओं से भी बदतर है ये आतंकी। यदि आतंकियों को इस तरह के कृत्यों से रोकना है तो पूरे विश्व समुदया को आतंक के खिलाफ एक होना पड़ेगा, जिसमें अमेरिका को अहम भागीदारी निभानी होगी। सबसे बड़ा सवाल है कि आतंकियों को हथियार और विस्फोटक सामग्री आखिर कौन मुहैया कराता है। सर्वविदित है कि अमेरिका सबसे बड़ा हथियार उत्पादक देश है और उस पर आरोप भी लगते रहे हैं कि कई देशों में उन्होंने आतंकियों को शह दिया है। यह भी भूलने लायक नहीं है कि अमेरिका ने किस तरह पाकिस्तान को धन मुहैया कराता रहा, जो पाकिस्तान उस धन का आतंक को बढ़ावा देने में लगा रहा। केवल आलोचना और निंदा से काम नहीं चलने वाला। सभी जानते हैं कि इस तरह आतंकियों के कृत्य को पूरे विश्व समुदाय को अपनी अक्षमता की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। गौर करने वाली बात है कि विश्व में जितनी भी आतंकी घटनाएं होती हैं, उसमें सिर्फ और​ सिर्फ इस्लाम धर्म के लोग ही संलिप्त पाये जाते हैं, अपवाद छोड़ दिया जाए तो। वहीं श्रीलंका में रविवार को ...

आलूबुखारा खाने के 13 फायदे

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स्वास्थ्य : खट्टा-मीठा स्वादिष्ट फल आलूबुखारा यदि आपको खाने में नहीं पसंद तो इसके फायदे जानने के बाद जरूर खाना शुरू कर देंगे। आइए, जानते हैं टमाटर की तरह दिखने वाले लाल व महरून रंग के आलूबुखारे के फायदों के बारे में – — आलूबुखारे के 100 ग्राम में लगभग 46 कैलोरी होती है। अत: इसमें अन्य फलों की तुलना में कैलोरी काफी कम पाई जाती है। इस कारण से यह आपका वजन नियंत्रित करने में भी बेहद सहायक होता है। — आलूबुखारे में सैच्युरेटेड फैट या संतृप्त वसा बिल्कुल भी नहीं होता,जिससे इसे खाने के बाद आपको पोषक तत्व भी मिलते हैं, और वजन भी नहीं बढ़ता। — आलूबुखारा डायट्री फाइबर से भरपूर होता है, जिसमें सार्बिटॉल और आईसेटिन प्रमुख हैं। खासतौर पर यह फाइबर्स, शरीर के अंगों के क्रियान्वयन को सरल बनाते हैं, और पाचन क्रिया को भी दुरूस्त करते हैं। — आलूबुखारे का प्रतिदिन सेवन आपको कब्जियत से राहत दिलाने में मदद करता है साथ ही पेट साफ करने में भी मदद करता है। — इसमें उपस्थित विटामिन-सी आपकी आंखों और त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। इसके इलावा इसमें विटामिन-के एवं बी...

भारी-भरकम जूलरी की जगह ले आएं एथनिक चोकर

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जीवनशैली : शादियों का सीजन शुरू हो गया है और बाजार शादी के लिए सज चुके हैं। शादियों के इस सीजन में आपने भी शॉपिंग शुरू कर दी होगी। घर में किसी की शादी हो या फिर किसी पक्के दोस्त की, आप जरूर बेस्ट दिखना चाहती होंगी। ऐसे में शादी के लिए कपड़ों से लेकर छोटी से छोटी ऐक्सेसरी की शॉपिंग आप बड़े मन से करती हैं। हालांकि, जूलरी की शॉपिंग कोई आसान काम नहीं है। आप कई बार डिसाइड नहीं कर पाती हैं कि आपको किस तरह की जूलरी लेनी चाहिए। कहीं ज्यादा भारी जूलरी आपके लुक पर ही न भारी पड़ जाए या फिर ज्यादा सिंपल के चक्कर में आपका लुक ही खराब न हो जाए। ऐसे में आपकी परेशानी दूर करने के लिए मौजूद है एथनिक चोकर। इन दिनों एथनिक चोकर ट्रेंड में हैं। दिलचस्प बात यह है कि जरूरी नहीं कि आपके आउटफिट्स भी भारी-भरकम हों। सिंपल ड्रेस और स्कर्ट के साथ भी चोकर आपको फटाफट शादी-रेडी बना देगा। आप इन सिलेब्स के लुक से अपने लुक का आइडिया ले सकती हैं।  करीना कपूर : किसी सिंपल लॉन्ग स्कर्ट या ड्रेस के साथ भी चोकर आपको बिल्कुल हटके लुक देगा।  शिल्पा शेट्टी : अगर आपने प्लेन साड़ी और स्टाइलिश ब्लाउज पहनना चुना है तो ...

संवेदना का उपचार

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बोधकथा : आचार्य नागार्जुन महान रसायन वैज्ञानिक थे। आचार्य नागार्जुन को एक ऐसे नवयुवक की आवश्यकता थी, जो उनकी प्रयोगशाला में रसायन तैयार कर सके। दो नवयुवक उनसे मिलने आए। नागार्जुन ने दोनों से एक रसायन बनाकर लाने को कहा। प्रथम नवयुवक दो दिन बाद रसायन लेकर आ गया। नागार्जुन ने पूछा, तुम्हें इस कार्य में कोई कष्ट तो नहीं हुआ? युवक ने कहा, 'मान्यवर, बहुत कष्ट उठाना पड़ा। पिता को उदर कष्ट था, मां ज्वर से पीडि़त थी और छोटा भाई पैर पीड़ा से परेशान था। गांव में आग लग गई। पर मैं एक निष्ठ रसायन बनाने में तल्लीन रहा। इसी बीच दूसरा युवक उदास लौटा। नागार्जुन ने पूछा, रसायन कहां है? उसने कहा, मैं रसायन बना ही नहीं सका, मैंने देखा कि एक वृद्ध रोगी व्यक्ति कष्ट से कराह रहा था। मैं उसको अपने घर ले गया और जब वह ठीक हो गया तब मुझे ध्यान आया कि मैंने रसायन तो बनाया ही नहीं। कृपया मुझे दो दिन का समय और दे दीजिए। नागार्जुन ने कहा, कल से तुम काम पर आ जाना। नागार्जुन ने पहले युवक से कहा कि तुम काम तो कर सकते हो परंतु यह नहीं जान सकते कि काम के पीछे उद्देश्य क्या है? रसायन का काम रोग निवारण है परंतु यदि र...

गर्मियों में फूड पॉइजनिंग से कैसे बचें?

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जीवनशैली : गर्मियों में बाहर का खाना कई बार सेहत को महंगा पड़ सकता है, इन दिनों कई प्रकार के खाद्य पदार्थों के जल्दी खराब होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में कई बार तो घर में बना खाना भी जल्द खराब हो जाता है। आइए, हम आपको बताते हैं कि अगर गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के शिकार हो जाएं, तो इससे बचाव के लिए कौन से उपाय अपना सकते हैं – नींबू का सेवन करें : नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं। इसलिए इसे पीने से फूड पॉइजनिंग वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। आप खाली पेट नींबू-पानी बनाकर पी सकते हैं या चाहें तो गर्म पानी में नींबू निचोड़ें और पी जाएं। सेब के सिरके का सेवन करें : सेब के सिरके में मेटाबालिज्म रेट को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। खाली पेट इसका सेवन करने पर यह भी खराब बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। तुलसी का सेवन करें : तुलसी में मौजूद रोगाणुरोधी गुण सूक्ष्म जीवों से लड़ते हैं। तुलसी का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं। एक कटोरी दही में तुलसी की पत्तियां, कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर खा सकते हैं। पानी व चाय में भी तुलसी की पत्तियां डालकर पी...

बालों के लिए फायदेमंद है लकड़ी की कंघी

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जीवनशैली : क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि बेस्ट शैंपू, कंडिशनर और ऑइल लगाने के बाद भी आपके बाल टूटते-झड़ते हैं। अगर हां तो हो सकता है कि इसके पीछे की वजह कुछ और नहीं बल्कि आपकी कंघी हो। जी हां, आप अपने बाल बनाने के लिए किस तरह की कंघी का इस्तेमाल करती हैं इसका भी आपके बाल और स्कैल्प की सेहत पर काफी असर पड़ता है। ऐसे में खूबसूरत बाल पाना चाहती हैं तो आज ही से लकड़ी की कंघी यूज करना शुरू कर दें। लकड़ी की कंघी बालों के साथ ही स्कैल्प के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है... स्कैल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर : जब आप बाल संवारने के लिए लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करती हैं तो यह कंघी आपके स्कैल्प को दबाती है स्कैल्प में मौजूद ऐक्युपंक्चर पॉइंट्स को उत्तेजित करती है जिससे आपके स्कैल्प को बेहतर मसाज मिलता है। ऐसा करने से स्कैल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर होता है। जब आपका स्कैल्प हेल्दी होगा तो बालों की जड़े मजबूत होंगी और जब जड़ मजबूत होगी तो जाहिर सी बात है बालों को भी फायदा होगा। बालों को मिलता है पोषण : जब आप प्लास्टिक की कंघी की जगह लकड़ी की कंघी का इस्तेमाल करती हैं तो स्कैल्प में म...

बांझपन की समस्या से कराह रहा देश

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विचार : भारत की विशेषता है कि यहां के लोग अनुशासित जीवन व्यतीत करने में यकीन ही नहीं बल्कि विश्वास करते हैं। लेकिन काफी वर्षों की गुलामी और पश्चिमी संस्कृति अपनाने की वजह से भारतीय समाज में कई विकृतियां व्याप्त हैं, जिनसे शीघ्र ही शीघ्र छुटकारा पा लेना निहायत ही जरूरी है। कई विकृतियों में से एक है बांझपन। विशेषज्ञों का मानना है कि लड़के व लड़कियों के विवाह में देरी के साथ ही अनियमित दिनचर्या और फास्ट फूड का बढ़ता प्रचलन देश में नापुसंकता अौर बांझपन की समस्या बढ़ा रहा है। बांझपन देश में चिंता का एक बड़ा कारण बनकर उभरा है, जो पिछले एक दशक में करीब 14 फीसदी से बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो चुका है। बढ़ती उम्र में विवाह और दंपत्ति द्वारा गर्भधारण में देरी करने के फैसले इस समस्या के अहम कारणों में एक है। इसके अलावा अनियमित दिनचर्या और खानपान भी नापुंसकता और बांझपन की बढी वजह बनकर उभरी हैं। गर्भनिरोधक का उपयोग किये बिना यदि एक साल तक गर्भधारण नहीं हो पाता है तो यह इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का संकेत हो सकता है। इसके लिये पुरूष और महिला में से कोई भी जिम्मेदार हो सकता है। इच्छानुरूप समय पर बच्चे को ...

जीवन का मूल्य

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बोधकथा : संत से एक बार एक व्यक्ति ने पूछा कि जीवन का मूल्य क्या है। संत ने उस व्यक्ति को एक पत्थर दिया और कहा कि जाओ और इस पत्थर का मूल्य पता करके आओ, लेकिन ध्यान रखना इसे बेचना नही है। वह आदमी पत्थर को बाजार में एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला— इसकी कीमत क्या है? फल वाले ने चमकता पत्थर देख कर बोला कि 12 संतरे ले जा और इसे मुझे दे दो। आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले पत्थर को देखा और कहा कि एक बोरी आलू ले जा और इस पत्थर को मेरे पास छोड़ जा। वह आदमी आगे एक जौहरी के पास गया और उसे पत्थर दिखाया। सुनार उस चमकीले पत्थर को देखकर बोला- 'मुझे 50 लाख में बेच दो।'   उसने मना कर दिया, तो सुनार बोला कि 2 करोड़ में दे दो या तुम खुद ही बता दो इसकी कीमत क्या है, जो तुम मांगोगे वह दूंगा। उस आदमी ने जौहरी से कहा कि मेरे गुरु ने इसे बेचने से मना किया है। आगे वह आदमी हीरे बेचने वाले के पास गया और उसे वह पत्थर दिखाया। हीरे के व्यापारी ने जब उस बेशकीमती रूबी को देखा, तो पहले उसने रूबी के पास एक लाल कपडा बिछाया, फिर उस बेशकीमती रूबी की परिक्रमा लगाई, माथा टेका। फिर जौहरी बोला- 'कहां से ला...

एक्सरसाइज नहीं पसंद तो एरोबिक्स करें

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जीवनशैली : छोटी-मोटी एक्सरसाइज, योग और व्यायाम के अलावा एरोबिक्स भी खुद को फिट रखने का मजेदार तरीका है। जानिए इसके बेहतरीन फायदे – एरोबिक्स अपनाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह एक्सरसाइज का एक मजेदार तरीका है, जो आपको बिल्कुल बोर नहीं होने देगा और सेहत के फायदे देगा सो अलग। एरोबिक्स करना सिर्फ आपकी शारीरिक सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है, बल्कि आपके दिमाग के लिए भी यह बेहद असरकारी एक्सरसाइज है, जो शरीर और दिमाग दोनों को स्वस्थ रखता है। यह एक्सरसाइज ब्रेन की कोशिकाओं के नुकसान से बचाती है और ऑक्सीजन की बेहतर आपूर्ति में मदद करती है जिससे आप तरोताजा महसूस करते हैं। एरोबिक, मानसिक समस्याओं और खास तौर से तनाव व डिप्रेशन के लिए बेहद फायदेमंद है। यह तनाव को कम करने में बेहद मददगार है। वजन घटाने के मामले में इस एक्सरसाइज का कोई तोड़ नहीं। कम समय में वजन घटाने का यह बेहतरीन तरीका है। अगर मूड खराब है, या फिर आपको गुस्सा ज्यादा आता है, तो एरोबिक्सकरना आपके लिए बढिय़ा विकल्प है।

इन 5 तरीकों से पाएं दर्द से राहत

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स्वास्थ्य : अधिकांश लोगों ने शरीर के किसी न किसी हिस्से में कभी न कभी दर्द का सामना जरूर किया होता है। कई बार छोटे-मोटे दर्द में तुरंत डॉक्टर के पास जाना संभव नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति के लिए हम आपको बता रहे हैं आयुर्वेद के अनुसार वे 5 तरीके, जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं – अदरक : गर्म प्रकृति होने के कारण यह सर्दी जनित दर्द में फायदेमंद है। सर्दी खांसी से उपजा दर्द या फिर सांस संबंधी तकलीफ, जोड़ों के दर्द, ऐंठन और सूजन में यह लाभकारी है। ऐलोवेरा : जोड़ों के दर्द, चोट लगने, सूजन, घाव एवं त्वचा संबंधी समस्याओं से होने वाले दर्द में एलोवेरा का गूदा, हल्दी के साथ हल्का गर्म करके बांधने पर लाभ होता है। सरसों : सरसों का तेल शारीरिक दर्द, घुटनों के दर्द, सर्दी जनित दर्द में बेहद लाभकारी है। सिर्फ इसकी मसाज करने से दर्द में आराम होता है और त्वचा में गर्माहट पैदा होती है। लौंग : दांत व मसूड़ों के दर्द, सूजन आदि में लौंग काफी लाभदायक है। दर्द वाली जगह पर लौंग का पाउडर या लौंग के तेल में भीगा रूई का फोहा रखना बेहद असरकारक होगा। हींग : यह पेट दर्द के लिए अचूक दवा है। न केवल पेट दर्द, बल्क...

आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पढ़े पांच चमत्कारिक मंत्र

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ज्योतिष : विघ्नहर्ता भगवान गणपति हमेशा से ही सभी की कामनाओं को पूर्ण करते आए हैं। अगर आप नया मकान खरीदना चाहते हैं और आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो निम्नलिखित मंत्र जरूर पढ़ें। गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है। इस अक्षर के मंत्र का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है— * मंत्र - ॐ गं गणपतये नमः * मंत्र - ॐ श्री विघ्नेश्वार्य नम: * मंत्र - ॐ श्री गणेशाय नम: * मंत्र -ॐ निर्हन्याय नमः * मंत्र - ॐ अविनाय नमः। उपरोक्त मंत्रों से पूजित विघ्नहर्ता भगवान गणपति की प्रतिमा नए घर में स्थापित करनी चाहिए। इससे आर्थिक तंगी की समस्या आसानी से दूर हो जाती है साथ ही आर्थिक परेशानी, कलह, विघ्न, अशांति, क्लेश, तनाव, मानसिक संताप आदि दुर्गुण भी दूर होते हैं।

जीवन में अवसर का लाभ उठायें!

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बोधकथा : गांव की सीमा पर पेड़ के नीचे एक साधु तपस्या करता रहता था। एक बार गांव में भीषण बाढ़ आयी। सभी गांव वाले सुरक्षित व ऊंचाई वाले स्थान की ओर जा रहे थे। गांव वालों ने साधु को भी अपने साथ चलने को कहा, लेकिन साधु ने कहा-भगवान उसकी रक्षा करेंगे। कुछ समय पश्चात बाढ़ का जल उसकी कमर तक आ पहुंचा। उसी समय एक नाविक नाव लेकर आया और उसे अपनी नाव में बैठा लेने का प्रस्ताव करने लगा। साधु ने उसे भी यही कहा-भगवान उसकी रक्षा करने आएंगे। कुछ समय बाद साधु की नाक तक जलस्तर आ गया। अब साधु पेड़ पर चढ़ गया। कुछ देर बाद बाढ़ का जल साधु की प्राणलीला लील गया। साधु स्वर्ग पहुंचा तो उसने भगवान को उलाहना दिया कि उसने उनकी कितनी कठिन तपस्या की, किन्तु वे उसे बचाने नहीं आये। भगवान ने उत्तर दिया कि वे तो उसे दो बार बचाने आये-पहली बार ग्रामीणों के रूप में, दूसरी बार नाविक के रूप में, किन्तु तुम आये अवसरों को पहचान कर उनका लाभ नहीं ले पाये। कथा का सार तत्व ये है कि जीवन में ईश्वर हमें कई अवसर देता है, लेकिन मनुष्य जल्दी पहचान नहीं पाता।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान कैफीन का यूज कर सकती हैं महिलाएं

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जीवनशैली : कोई भी महिला ब्रेस्टफीडिंग जर्नी के दौरान कैफीन को इंजॉय कर सकती है। दरअसल, जब कैफीन आपके ब्लडस्ट्रीम में पहुंचती है तो उसका कुछ हिस्सा ब्रेस्ट मिल्क के जरिए आपके बेबी तक पहुंचता है। कई बच्चे इससे प्रभावित नहीं होते हैं लेकिन कुछ बच्चे जो सेंसिटिव होते हैं, कैफीन की कुछ मात्रा से उनकी नींद पर असर हो सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि ब्रेस्टफीडिंग के दो घंटे के बाद ब्रेस्ट मिल्क में कैफीन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में सलाह यही दी जाती है कि अपने कैफीन की मात्रा की लिमिट को बरकरार रखें। अगर यह 300 मिलीग्राम से कम हो तो बेहतर होगा। बता दें, आमतौर पर 500 मिलीग्राम कैफीन 3 कप कॉफी के बराबर होती है। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि बाकी पेय पदार्थ का सेवन जिसे आप रोज करती हैं, उसमें कैफीन लेवल कितना है। यह भी ध्यान रखें कि कुछ फूड आइटम्स में भी कैफीन की मात्रा होती है।

सुबह का नाश्ता नहीं करने से हार्ट अटैक का खतरा

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स्वास्थ्य : ऑफिस जाने की भाग-दौड़ के बीच सुबह अपना ब्रेकफस्ट स्किप कर देते हैं और रात का खाना भी देर से खाते हैं? अगर हां तो सावधान हो जाइए क्योंकि लगातार ऐसा करते रहने से आपकी जान को खतरा हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है कि सुबह का नाश्ता नहीं करने से दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। समय से पहले मौत का खतरा 5 गुना अधिक : इस प्रकार के अस्वास्थ्यकारी जीवनशैली वाले लोगों में समय से पहले मौत होने की संभावना 4 से 5 गुना बढ़ जाती है और दिल का दौरा पडऩे का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। इस शोध के सह-लेखक ब्राजील के साउ-पाउलो सरकारी विश्वविद्यालय के मार्कोस मिनीकुची का कहना है, 'हमारे शोध के नतीजों से पता चलता है कि खाना खाने के गलत तरीके को जारी रखने का नतीजा बहुत खराब हो सकता है, खासतौर से दिल के दौरे के बाद। 113 मरीजों पर की गई रिसर्च : यह शोध दिल के दौरे के शिकार 113 मरीजों पर किया गया, जिनकी औसत उम्र 60 साल थी। इनमें 73 फीसदी पुरुष थे। इनमें पाया गया कि सुबह का नाश्ता नहीं करने वाले मरीज 58 फीसदी थे, जबकि रात का भोजन देर से करने वाले मरीज 51 फीसदी थे और 48 फीस...

सच्ची प्रार्थना

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बोधकथा : फ़ारसी भाषा के बहुत बड़े विद्वान थे ईरान के रहने वाले शेख सादी। धार्मिक प्रवृत्ति के साथ-साथ वह शायर भी थे। उन्हें विभिन्न जगहों से दावतनामे मिलते रहते थे। एक बार नगर के हाकिम ने उन्हें दावत पर आमंत्रित किया। बातचीत के बाद जैसे ही वे दावत खाने बैठे, तभी उनकी नमाज़ का वक्त हो गया। शेख सादी सभी से माफ़ी मांगते हुए नमाज़ के लिए उठ खड़े हुए। नमाज़ अता करने के बाद शेख साहब घर आए और हाथ-मुंह धोते हुए बेग़म से खाना सजाने के लिए कहा। बेग़म अचरज से बोली- आप तो दावत से ही आ रहे हैं ना। क्या वहां खाने को कुछ नहीं मिला या कोई अन्य बात है। शेख सादी पूरी घटना बताते हुए बोले- बेग़म साहिबा, ठीक दावत के वक्त नमाज़ का समय हो गया। अगर मैं नमाज़ के लिए न उठता तो हाकिम और सब लोग मेरे बारे में क्या सोचते। यह सुनकर बेग़म खाना लगाते हुए बोलीं-फिर तो आप खाना जरूर खाइए, मैं लगाए देती हूं। मगर मेहरबानी करके एक बार नमाज़ फिर से पढ़ आइए क्योंकि आपकी नमाज़ भी भीतर से कहां अता हुई है। यह सुनकर शेख साहब लज्जित होकर, सिर झुकाकर फिर से नमाज़ पढऩे के लिए चले गए। यानि कि सच्ची प्रार्थना मन में और मन से होनी च...

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर महिला उत्पीड़न का आरोप निहायत ही गम्भीर मामला

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विचार : न्याय देने वाले न्यायाधीशों पर ही जब महिला उत्पीड़न के आरोप लगेंगे तो न्याय खुद न्याय के लिए तरसेगा। बहरहाल, ताजा और पहला वाकया ऐसा हुआ कि देश ​की गरिमा को भी कहीं न कहीं ठेंस पहुंची है। एक तरफ जहां हमारे देश सर्वप्रथम मातृशक्ति की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर महिला द्वारा शीर्ष न्यायाधीश पर अत्याचार का आरोप, यह दर्शाता है कि महिलाओं को अभी वह आजादी और सम्मान नहीं मिला, जो उन्हें मिलना चाहिए या जिसकी वह हकदार, अधिकारी हैं। उच्चतम न्यायायल में इस मामले की सुनवाई भी हुई। मुख्य न्यायाधीशों ने विगत वर्षों में कई ऐसे कठोर निर्णय लिये, जिसकी जनमानस में आलोचना ​की गई, जिसमें राम मंदिर मामलेन की सुनवाई अहम है। इसके अलावा व्यभिचार पर लिये गये सर्वोच्च अदालत के फैसले से देश का कई वर्ग असहमत रहा, समलैंगिकता पर न्यायालय ने जो फैसला सुनाया, वह निहायत ही निंदनीय है। भले ही ऐसे फैसले से कुछ वर्ग को अच्छा लग रहा हो, लेकिन समलैंगिकता किसी भी तरह से सही नहीं है। होना तो यह चाहिए कि किसी भी महिला या पुरुष को समलैंगिकता का आभास हो रहा है तो उसे मानसिक चिकित्सक की मदद से या यथासम्भव प्रयास से ...