खतरनाक बीमारियों से नवजात को बचाता है मां का दूध

स्वास्थ्य : मौजूदा समय में महिलाओं को माँ के दूध के प्रति जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि जानलेवा बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार (2015-16) नवजात बच्चों को दूध पिलाने के मामले में दस सालों में पंजाब में केवल 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था जो निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले काफ़ी कम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 27 जुलाई, 2017 को ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ की शुरुआत की जिसके द्वारा स्टाफ नर्सों की तरफ से माताओं को दूध की महत्ता और अन्य जानकारी मुहैया करवाई जाती है। इस ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ के लागू होने से माँ-बच्चे के स्वास्थ्य सम्बन्धी दी जाने वाली जानकारी में 130 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 
सरकारी आँकड़ों के अनुसार माँ के दूध के फायदे के जानकारी के आभाव में बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। छह महीने तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही देना चाहिए। वहीं माँ के दूध में पर्याप्त मात्रा में पानी होता है इसीलिए बच्चे को अलग से पानी देने की आवश्यकता नहीं है। माँ के दूध में वो सभी पोषक तत्त्व होते हैं जो बच्चों कुपोषण से बचाने में सहायक हैं। माँ का दूध बच्चों के लिए अमृत सामान होता है। यह शिशु को उसी तापमान में मिलता है, जो कि शिशु के शरीर का होता है। इससे शिशु को न तो सर्दी और न ही गर्मी होती है। सभी महिलाओं को मातृत्व का सुख लेना चाहिए और बच्चे को स्तनपान मां के लिये अनिवार्य है।

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