बचपन से ही बुद्धिमान थे लाला लाजपत राय

बोधकथा : छात्रों ने एक बार पिकनिक का कार्यक्रम बनाया। उनमें एक गरीब छात्र भी था। उसने मां को बताया। मां ने बताया कि घर में कुछ खजूर रखे हैं, तू उन्हें ले जा। मां को लगा कि पिकनिक पर सभी बच्चे खाने-पीने की अच्छी चीजें लेकर आएंगे, ऐसे में बेटा खजूर ले जाएगा तो ठीक नहीं लगेगा। मां ने कहा कि तुम्हारे पिताजी से मैं बाजार से अच्छी चीज मंगवा लूंगी। पति-पत्नी ने इस पर विचार किया। बच्चे ने देखा कि उसके पिता चप्पल पहनकर बाहर जा रहे हैं। उसने पूछा-पिताजी आप कहां जा रहे हैं। वह बोले-मैं कुछ पैसे उधार लेने जा रहा हूं, जिससे तू भी पिकनिक पर अच्छी चीजें ले जा सकेगा। बालक ने कहा-पिताजी, मैं पिकनिक पर ये खजूर ही ले जाऊंगा। कर्ज लेकर शान दिखाना बुरी बात है। यही बालक बड़ा होकर लाला लाजपतराय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

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