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अगस्त, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

असम पहला राज्य, जिसके पास है एनआरसी

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जानकारी : असम में एनआरसी अधिवासित सभी नागरिकों की एक सूची है। मौजदा समय में राज्य के भीतर बोनाफाइड नागरिकों को बनाए रखने और बांग्लादेश से अवैध रूप से प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए इसका अद्यतन किया जा रहा है।  दरअसल, साल 1951 के बाद पहली बार राज्य में नागरिकता की पहचान हो रही है। राज्य में बड़ी संख्या में अवैध तरीके से रह रहे लोग इसकी प्रमुख वजह हैं। इसकी अंतिम सूची सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बन रही है। इससे पहले साल 2018 में आई एनआरसी लिस्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था। अब फाइनल एनआरसी में उन लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो 24 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं। वहीं  उच्चतम न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता द असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने कहा कि अंतिम एनआरसी त्रुटिपूर्ण दस्तावेज है। भाजपा के पूर्व सांसद रमन डेका ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आए अवैध मुस्लिमों को स्थान मिल गया, लेकिन काफी स्थानीय लोग बाहर रह गए। एनआरसी मसौदे के हिस्से के तौर पर 31 दिसम्बर 2017 की आधी रात को ...

शाम का व्यायाम सुबह की कसरत जितना लाभकारी

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स्वास्थ्य : शोधकर्ताओं ने पाया है कि शाम का व्यायाम सुबह की कसरत के समान ही लाभकारी है. सेल मेटाबॉलिज्म जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि व्यायाम का प्रभाव दिन के अलग-अलग समय के आधार पर भिन्न हो सकता है. डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर जोनास थ्यू ट्रीबक ने कहा, सुबह और शाम को किए गए व्यायाम के प्रभाव के बीच महत्वपूर्ण अंतर दिखाई देते हैं और ये अंतर संभवत: शरीर के सर्केडियन क्लॉक द्वारा नियंत्रित होते हैं. ट्रीबक ने कहा, शाम का व्यायाम, समय की विस्तारित अवधि के लिए पूरे शरीर के ऊर्जा व्यय को बढ़ाता है. रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों की जांच की और पाया कि सुबह व्यायाम करने से चूहों के कंकाल की मांसपेशियों में मेटाबॉलिक रिस्पॉन्स बढ़ जाता है, जबकि दिन में बाद में व्यायाम करने से समय की एक विस्तारित अवधि के लिए ऊर्जा व्यय बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने मांसपेशियों की कोशिकाओं में कई प्रभावों को मापा है, जिसमें ट्रांसक्रिप्शनल प्रतिक्रिया और मेटाबोलाइट्स पर प्रभाव शामिल हैं. रिसर्च के नतीजों में पाया गया कि सुबह व्यायाम करने के बाद दोनों क्षेत्रों में ...

बालों की कई समस्याओं का एक समाधान

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जीवनशैली : मजबूत बालों के लिए जरूरी है कि उनकी स्कैल्प मजबूत रहें। बालों की जड़ों को कमजोर करने का काम करता है सिर में होने वाला डैंड्रफ। इसलिए सिर को डैंड्रफ फ्री रखना चाहिए। एपल सीडर विनेगर के उपयोग से सिर में रूसी की समस्या को खत्म किया जा सकता है। हमारे सिर की त्वचा में भी इंफेक्शन होता है। इस कारण बालों की जड़ें कमजोर हो जाती है। बालों की जड़ों को मजबूत रखने के लिए जरूरी है कि इंफेक्शन से बचाव किया जाए। एपल सीडर विनेगर में ऐंटिफंगल प्रॉपर्टीज होती हैं। जो बालों में किसी तरह के फंगल इंफेक्शन को पनपने से रोकती हैं। कई बार सिर में तेज खुजली होने लगती है और बार-बार खुजलाने से सिर की त्वचा में हल्की सूजन भी हो जाती है। लेकिन हमें इस खुजली की वजह पता नहीं होती है।  दरअसल, इसकी वजह कई बार बैक्टीरिया भी होते हैं। ये बालों की ठीक देखभाल ना हो पाने या बदलते मौसम के कारण भी हो सकते हैं। एपल सीडर विनेगर में ऐंटिबैक्टीरियल एलिमेंट्स भी होते हैं। ये स्किन को बैक्टीरिया मुक्त रखते हैं। एपल सीडर विनेगर से बालों को हेल्दी रखने के लिए अपने बालों की लंबाई के अनुसार एक टेबल स्पून या दो टेबल स...

जल्दी से मिट जाती है रेत की लिखावट

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बोधकथा : दो मित्र रेगिस्तान पार कर रहे थे। मार्ग में उनका किसी बात पर विवाद हो गया और एक मित्र ने दूसरे मित्र को आक्रोश में आकर थप्पड़ मार दिया। दूसरे मित्र को इस बात से बहुत ठेस पहुंची और उसने रेत पर एक लकड़ी से लिखा-आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने छोटा-सा झगड़ा होने पर मुझे थप्पड़ मार दिया। लेकिन उन्होंने यात्रा बन्द नहीं की। आगे उन्हें एक बड़ी झील मिली। उन्होंने इस झील में नहाकर तरोताज़ा होने का निर्णय लिया। झील के दूसरे किनारे पर एक बहुत भयानक दलदल था। वह मित्र, जिसे चांटा मारा गया था, तैरते-तैरते झील के दूसरे किनारे पर दलदल में जा फंसा और डूबने लगा। उसके मित्र ने जब यह देखा तो वह भी अविलम्ब उस ओर तैर कर आया और अपने मित्र को कठोर परिश्रम के उपरान्त बाहर निकाल लिया। जिस मित्र को दलदल से बचाया गया था, उसने झील के किनारे एक बड़े पत्थर पर लिखा-आज मेरे मित्र ने मेरी जान बचाई। दूसरे मित्र ने यह देखकर आश्चर्य से पूछा-जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा था तो तुमने उसे रेत पर लिखा, किन्तु जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुमने पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों? दूसरे मित्र ने उत्तर दिया-जब हमें कोई दु:ख पहु...

जगनमोहन रेड्डी भारतीय राजनीति में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे!

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विचार : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पांच उप मुख्यमंत्री बना डाले और अब अपने राज्य में चार नई राजधानियां बनाना चाहते हैं। सोमवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें अपनी इस अद्भुत योजना की जानकारी दी। वह अमरावती को केवल प्रशासनिक राजधानी बनाना चाहते हैं और विजयनगरम, काकीनाडा, गुंटूर और कड़पा को भी राजधानी का दर्जा देना चाहते हैं। लेकिन बाकी राजधानियां कैसी होंगी, अभी से इस बारे में कहना मुश्किल है। उनकी पार्टी के नेता अमरावती से परेशान हैं, क्योंकि वहां बाढ़ आ जाती है और निर्माण की लागत ज्यादा पड़ती है। विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी और जनसेना सहित कई राजनीतिक दलों ने राजधानी को अमरावती से स्थानांतरित करने की सरकार की योजना का विरोध किया है। वैसे एक से ज्यादा राजधानी की अवधारणा कोई नई नहीं है। ब्रिटिश शासन में शिमला को भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया था। हाल के संसदीय फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य में भी श्रीनगर और जम्मू, दोनों शहरों का उपयोग राजधानी के तौर पर होता था। महाराष्ट्र में नागपुर को उप राजधानी का दर्जा प्राप्त है। अविभा...

गरीबों की मदद

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बोधकथा : अच्छी ख्याति प्राप्त होने बाद भी कबीरदास सादा जीवन बिताते थे। एक बार शहर के कुछ सेठ उनके पास आए और कबीरदास जी से बोले कि आप इतने बड़े व्यक्ति हैं, फिर भी आप पुराने कपड़े पहनते हैं और कपड़ा बुनने का काम भी करते हैं। आप ऐसा करना छोड़ दो। हमें ये देखकर बहुत शर्म आती है। आपको जो भी चाहिए हमें बताओ। यह सुनकर कबीरदास जी बोले आपको मुझ पर शर्म आती है लेकिन मुझे आपकी बातों व आप लोगों पर शर्म आ रही है। आप लोग इतने स्वार्थी कैसे हो? पहले मैं गरीब था तब अपने लिए कपड़ा बुनता था, अब मैं गरीबों के लिए कपड़ा बुनता हूं। यह देख और लोग भी गरीबों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इससे गरीबों का भला तो हो रहा है। आप लोग समृद्ध हैं तो आप मेरी नहीं बल्कि उनकी मदद करिए जिन्हें वास्तव में सहायता की जरूरत है। काशी के घाट पर जाने कितने ऐसे गरीब हैं, जिन्हें भूखे पेट रात गुजारनी पड़ती है, जो शर्म की बात है। आप लोग कभी गरीबों की मदद के लिए आगे नहीं आते। कबीरदास जी की बातें सुनकर सभी सेठ शर्मिंदा हुए और उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने कबीरदास जी को वचन दिया कि भविष्य में वे गरीबों की हरसंभव सहायता कर...

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की जीत से युवा लें सीख

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विचार : देशवासियों के लिए रविवार 25 अगस्त 2019 को स्विट्जऱलैंड का बासेल शहर तब यादगार बन गया जब स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु फाइनल फोबिया से मुक्त होकर विश्व चैंपियन बनी । रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली सिंधु वर्ष 2017 व 2018 की विश्व चैंपियनशिप में फाइनल में स्वर्ण पदक से चूक गई थीं। दरअसल, सिंधु विभिन्न प्रतियोगिताओं के फाइनल में 16 बार पहुंची और सिर्फ पांच बार ही जीत पायी। इस बार फाइनल में फोबिया से उबरने के लिये सिंधु खास रणनीति की तहत खेली और सोने का तमगा जीतने में कामयाब रही। वह पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिसने यह खिताब जीता। वैसे वह पूरे टूर्नामेंट में शुरू से ही अपना दबदबा कायम रखने में सफल हुई। वह अपना स्वाभाविक खेल खेली और अपने ऊंचे कद के चलते अपने विरोधियों पर भारी पड़ी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि उसने दुनिया की चोटी की वरीयता वाली खिलाडिय़ों को हराया। पांचवीं वरीयता हासिल सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में विश्व की दूसरी वरीयता हासिल चीनी ताइपे की ताई जू यिंग को हराकर दुनिया को चौंकाया। इस तरह उसने अपने बेमिसाल खेल के जरिये जीत का सिलसिला बनाये रखा। सेमीफ...

गणेश चतुर्थी 2 सितम्बर को, मनवांछित फल देते हैं गणपति बप्पा

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ज्योतिष : इस वर्ष यानि 2019 में गणेश चतुर्थी का पर्व 2 सितम्बर को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। महाराष्ट्र में यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को घर में लाया जाता है और अनंत चतुदर्शी पर भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश का जन्म मध्यह्वान के समय पर हुआ था। उस समय पर स्वाती नक्षत्र और सिंह लग्न था। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा का शुभ समय सुबह 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर 11 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मिट्टी का प्रतिमा घर में जरूर स्थापित करनी चाहिए। इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक का भोग भी अवश्य लगाना चाहिए। भगवान गणेश को विद्या बुद्धि, सुख और सपन्नता का देवता माना जाता है। गणपति जी को विघ्नहर्ता भी माना जाता है। गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है। मान्यता है कि गुरु शिष्य परंपरा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारंभ होता था। इस दिन बच्चे डण्डे बजाकर खेलते भी हैं। इसी कारण कु...

ऐसे मिलेगी शरीर की दुर्गंध से छुटकारा

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जीवनशैली : तन की दुर्गन्ध छिपाने के लिए लोग तेज परफ्यूम लगाते हैं या डियो का उपयोग करते हैं। कई बार इससे आपके आस-पास के लोग परेशानी महसूस करते हैं। क्योंकि हर गंध हर किसी को पसंद नहीं आती। साथ ही कुछ समय बाद ये सब तरीके बेअसर हो जाते हैं और आप शरीर की दुर्गंध से परेशान होने लगते हैं। शरीर से आने वाली पसीने की बदबू से तुरंत छुटकारा पाने के लिए कॉटन बॉल्स की मदद से शरीर के उन हिस्सों में गुलाबजल लगाएं जहां से दुर्गंध आ रही हो। इसके बाद आप ऐंटिबैक्टीरियल क्रीम लगा सकते हैं। इससे आपको दोबारा जल्द ही बॉडी ऑडर से परेशानी नहीं होगी। साथ ही पसीनेवाली जगह पर खुजली भी नहीं होगी। आप अपनी पसंद की खुशबू वाला कोई भी असेंशल ऑइल खरीदकर हर समय अपने साथ रखें। कॉटन बॉल्स की मदद से इस ऑइल को सुबह नहाने के बाद और दिन में जब भी बॉडी ओडर की समस्या हो तो इस ऑइल को लगा लें। आप भीनी-भीनी खुशबू से महकने लगेंगे। आप एक चम्मच सिरका आधा कप पानी में मिलाएं और संबंधित एरिया पर कॉटन की मदद से लगाएं। दो-तीन मिनट ऐसा करने के बाद कॉटन को साफ पानी में भिगोएं और इस जगह की सफाई कर दें। आपको तुरंत राहत मिलेगी। नारियल का व...

चेहरे पर आने वाले मुंहासों से भी हो सकता है ​मानसिक तनाव

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जीवनशैली : वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध से पता चला है कि वैसे लोग जिनके चेहरे पर मुंहासे होते हैं उनमें डिप्रेशन के विकसित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। लेकिन डिप्रेशन जैसी समस्याओं से ग्रसित होने का खतरा मुंहासों के पता चलने के बाद पहले 5 वर्षों तक ही रहता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी ने यूके के एक बड़े प्राथमिक देखभाल डेटाबेस द हेल्थ इंप्रूवमेंट नेटवर्क (टीएचआईएन) के 1986 से 2012 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों का मानना है कि मुंहासे के कारण डिप्रेशन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इस अध्ययन में पाया गया है कि मुंहासे का पता चलने के पहले 1 वर्ष में डिप्रेशन जैसी समस्याओं का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। जिन लोगों को मुंहासे की समस्या नहीं है उनकी तुलना में मुंहासे से पीडि़त व्यक्ति में डिप्रेशन का खतरा 63 प्रतिशत अधिक रहता है और इसकी संभावना 1 वर्ष के बाद कम होती जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि स्किन डॉक्टरों को मुंहासे के रोगियों में समय-समय पर डिप्रेशन के लक्षणों की भी जांच करते रहना चाहिए। इसके जोखिम को कम करने के लिए शीघ्र उपचार शुरू कर देना चा...

वायरल फीवर को मात देंगे ये 5 रामबाण घरेलू नुस्खे

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स्वास्थ्य : इस मौसम में वायरल फीवर का डर ज्यादा रहता है। इससे बचाव के 5 रामबाण घरेलू नुस्‍खे, लेकिन उससे पहले जानते हैं वायरल फीवर के लक्षण -  वायरल फीवर होने पर गले में दर्द, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना, माथे का बहुत तेज गर्म होना, खांसी, थकान, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वायरल फीवर के नाम से ही समझा जा सकता है कि ये एक व्यक्ति से दूसरे को भी हो सकता है।  सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर और अदरक में होते है फीवर को ठीक करने वाले गुण। इसलिए एक चम्मच काली मिर्च के चूर्ण में एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच सौंठ का चूर्ण और थोड़ी सी चीनी मिलाएं। अब इसे एक कप पानी में डालकर गर्म करें, फिर ठंडा करके पिएं। इससे वायरल फीवर खत्म होने में मदद मिलेगी।  तुलसी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जिससे शरीर के अंदर के वायरस खत्म होते हैं। इसलिए एक चम्मच लौंग के चूर्ण में 10-15 तुलसी के ताजे पत्तों को मिलाएं। अब इसे 1 लीटर पानी में डालकर इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न हो जाए। अब इसे छानें और ठंडा करके हर 1 घंटे में पिएं। ऐसा करने से वायरल से जल्द ही आराम मिलेगा। धनिय...

ऐसे चमकाएं रसोई घर

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जीवनशैली : प्लेटों और बर्तनों से सूखे भोजन को रगडऩा आसान नहीं होता है. इसलिए साफ करने से पहले कुछ समय के लिए बर्तनों को भिगो दें ताकि आप जितनी जल्दी हो सके बर्तनों को साफ कर सकें. जब आप अन्य काम कर रहे हों तो सिंक को साबुन के पानी से भर दें और उसमें कुछ देर के लिए बर्तन भिगो दें. ऊपर से नीचे की ओर सफाई करना शुरू करें.  यदि आप पहले काउंटर और फिर उस पर रखे स्टोव को साफ करेंगे तो आपको काउंटर को फिर से साफ करना होगा, क्योंकि स्टोव को साफ करते हुए उसमें से काफी कचरा निकलेगा. इसलिए सफाई का कार्य ऊपर से नीचे की ओर करें. यदि आपके घर में हल्के रंग की अलमारियाँ हैं, तो उन्हें सबसे पहले साफ करना सुनिश्चित करें. एक छोटा सा तेल का दाग भी पूरे किचन को गंदा कर देगा. यह तीन आसान टिप्स आपके किचन को अच्छा लुक देंगे.

थ्रेडिंग के बाद करें यह काम, नहीं निकलेंगे पिम्पल्स

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जीवनशैली : महिलाएं खूबसूरत दिखने के लिए कई सारे ब्यूटी ट्रीटमेंट लेती हैं जिनमें से थ्रेडिंग भी एक है. थ्रेडिंग में आईब्रो को खूबसूरत बनाया जाता है. कुछ लोग वैक्स भी कराते हैं, लेकिन ब्यूटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि आईब्रो थ्रेडिंग वैक्सिंग से ज्यादा बेहतर रहता है, दरअसल, वैक्सिंग में स्किन की एक लेयर जाने का डर भी रहता है. लेकिन कई बार आपने थ्रेडिंग कराने के बाद देखा होगा कि आंखों के आसपास की स्किन पर सूजन, रेडनेस और छोटे छोटे दाने जैसे हो जाना. आइब्रो बनवाने से पहले चेहरे को हल्के गुनगुने पानी से धोकर अच्छे से पोंछ लें. ऐसा करने से चेहरे का रक्त प्रवाह बेहतर हो जाएगा और जब आप आईब्रो बनवाएंगी तो आपको पहले की अपेक्षा कम तकलीफ होगी. इसके बाद कॉटन के तौलिये से चेहरे को हलके हाथों से थपथपाकर पोंछ लें. अगर आप चेहरे को रगड़ते हुए पोछेंगे तो आपकी त्वचा शुष्क हो सकती है. आईब्रो बनवाने से पहले टोनर का इस्तेमाल करें. बेहतर होगा कि आप घर के बने टोनर से फेस को क्लीन करें. इससे आपके चेहरे पर नमी भी बनी रहेगी. आप चाहें तो दालचीनी को उबालकर उसका भी टोनर इस्तेमाल कर सकती हैं. थ्रेडिंग के बाद आईब्र...

मानसून के अनुसार करें परफ्यूम का इस्तेमाल

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जीवनशैली : मानसून के मौसम में त्वचा का खास ख्याल रखना चाहिये. इस मौसम में क्या पहने और क्या न पहने इसकी समझ होनी चाहिये. साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिये कि मानसून के मौसम में किस तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें. अगर आप परफ्यूम लगाते हैं तो आपको मानसून के मौसम में कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिये. एक ही तरह का परफ्यूम आप हर मौसम में नहीं लगा सकते हैं. तो आइये जानते हैं कि मानसून के मौसम में आपको किस तरह का परफ्यूम लगाना चाहिये. जैसा की नाम से ही पता चलता है इसे फूलों से तैयार किया जता है. इसमें गुलाब, लिली, जैसमीन जैसे फूल शामिल होते हैं. इसे लगाने पर इन फूलों की खुशबू आपके आस-पास बिखर जाती है.  वुडी परफ्यूम आपको भीनी-भीनी खुशबू से लेकर तेज़ महक वाले मिल जाएंगे. इसमें चंदन, देवदार और मसालों का इस्तेमाल होता है. अगर आप किसी पार्टी या बाहर अपने पार्टनर के साथ डिनर के लिए जाना चाहते हैं तो आप ओरिएंटल परफ्यूम ट्राई कर सकते हैं. एंबर, ओड और मस्क से बना ये परफ्यूम आपके पार्टनर को प्रभावित कर सकता है. अगर आपको भीनी-भीनी खुशबू पसंद है तो आप सिट्रस परफ्यूम लगा सकते हैं. इस परफ...

दीन-दु:खियों की सेवा

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बोधकथा : महर्षि विद्रुथ ने जीवनभर दीन-दु:खियों की सेवा की। जब उनका अंत समय आया तो उनके जीवनभर के कार्यों का लेखा-जोखा किया गया। लिहाजा उन्हें स्वर्ग में पहुंचाने का आदेश हुआ। स्वर्ग में उच्च कोटि की सुविधाएं थीं। किंतु महर्षि विद्रुथ जल्द ही उस माहौल में उद्विग्न होने लगे। एक दिन देवराज से एकांत में भेंट होने पर उन्होंने अपनी भावना उनके समक्ष व्यक्त की। उनकी बात सुनकर देवराज ने विद्रुथ से कहा-महात्मन, यहां सब कुछ तो है। आपको किस बात का कष्ट हो रहा है? विद्रुथ ने कहा-देवराज, मैं स्वर्ग की व्यवस्थाओं पर उंगली नहीं उठा रहा, लेकिन मुझे अपने मन की शांति के लिए जो चाहिए, वह आपके लोक से परे की वस्तु है।  दरअसल मैंने जीवनभर दीन-दु:खियों की सेवा की है और उसी में मुझे खुशी मिलती है। यह सब यहां स्वर्ग लोक में संभव नहीं। आप मुझे पुन: मृत्यु लोक में भेज दें। देवराज इंद्र ने सभी देवताओं के समक्ष यह घोषणा की कि महर्षि विद्रुथ को तप: लोक में भेजा जा रहा है। यह सुनकर एक देवता ने पूछा-देवराज, क्या यह स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है? यह कहां पर है? तब देवराज ने कहा-यह सर्वश्रेष्ठ लोक पुण्यगर्भा पृथ्वी पर...

अनार के छिलके के फायदे हैं बेमिसाल

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जीवनशैली : जिन महिलाओं के साथ अनियमित पीरियड्स की शिकायत रहती है और इस दौरान पेट में असहनीय दर्द होता है, उनके लिए ये सबसे कारगर है. बस आप अनार के सूखे छिलकों को पीसकर एक चम्मच पानी के साथ लें. इससे रक्तस्त्राव कम होगा और पेट दर्द में राहत भी मिलेगी. जिन्हें बवासीर की शिकायत है वे 4 भाग अनार के छिलके और 8 भाग गुड़ को कूटकर छान लें और बारीक-बारीक गोलियां बनाकर कुछ दिन तक सेवन करें.  अनार का छिलका गले का टॉन्सिल, हृदय रोग, मुंहासे, झुर्रियों, मुंह की बदबू, बवासीर, खांसी और नकसीर जैसी बीमारियों से राहत दिलाने में लाभदायक है. अनार के छिलके को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर इसमें गुलाब जल एड कर के चेहरे पर लगाने से झुर्रियां दूर हो जाती हैं. मुंह से बदबू आती है तो इसके छिलके के सूखे पाउडर को एक ग्लास पानी में मिलाकर पिएं. अनार के छिलकों को सनस्क्रीन के तौर पर भी लगाया जा सकता है. सूखे छिलके को किसी भी तेल के साथ मिक्स कर के चेहरे पर लगाने से यह सन टैनिंग से रोकता है।

सुबह उठकर अंगड़ाई लेने के ढेर सारे फायदे

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जीवनशैली : सुबह नींद खुलने के बाद एकदम से बिस्तर छोडऩे का मन ज्यादातर लोगों का नहीं होता। ऐसे लोगों के लिए जागने के बाद कुछ देर बिस्तर पर पड़े रहने की बढिय़ा वजह है यहां। सबसे अच्छी बात है इसके लिए आपको कोई आलसी भी नहीं कह सकता। आपने देखा होगा इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी स्ट्रेचिंग करते हैं। यह एक प्राकृतिक क्रिया है और जरूरी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सुबह जागने के तुरंत बाद स्ट्रेचिंग करने के कई फायदे हैं। सुबह आंखें खुलने के बाद कई बार आंखों में नींद भरी रहती है और सीधे उठने का मन नहीं करता। जागने के बाद अंगड़ाई लेना या स्ट्रेच करना दिमाग को ये सिग्नल देता है कि अब जागने का टाइम हो गया।  सुबह उठकर  जब  आप स्ट्रेच करते हैं तो आपके मसल्स और जॉइंट्स की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है। इसके साथ ही शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है।  सर्कुलेशन ठीक होता है। सोते वक्त हम अक्सर एकही पोजिशन में लेटे रहते हैं इसलिए सुबह उठकर स्ट्रेचिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। सुबह सोकर उठने के बाद स्ट्रेच करें तो इस पोजिशन में कम से कम 30 सेकंड्स तक रहें। यह आपकी मसल्स से तनाव द...

नौ सौ साल की उम्र तक जीते हैं तक्षक सांप!

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जानकारी : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में एक सांप पकड़ा गया है. जिसे ऐतिहासिक तक्षक सांप बताया जा रहा है. उसकी उम्र नौ सौ साल के आसपास बताई जा रही है। हालांकि इससे पहले भी लखीमपुर में कई तरह के सांप पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अभी जो सांप मिला है, इसके बारे में कहा जा रहा है कि क्या कोई सांप नौ सौ सालों तक जिंदा रह सकता है। प्राचीन समय में सांपों की उम्र खासी ज्यादा बताई गई है। कई सांपों के बारे में कहा जाता है कि वो सौ साल से ऊपर जीते थे। कुछ सांपों के बारे में कहा गया कि वो पांच सौ साल से ज्यादा जीते हैं। पुराणों के अनुसार, तक्षक सांप की उम्र खासी ज्यादा होती थी, ये कई सौ साल जीते थे, लेकिन मौजूदा विज्ञान इसे सही नहीं ठहराता। विज्ञान और सांपों की जानकारी देने वालीं पुस्तकें कहती हैं कि दुनिया का कोई भी सांप 40-45 साल से ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहता। पहले चर्चा तक्षक सांप की, ये कैसे होते हैं और भारतीय पौराणिक कथाओं में इनका क्या जिक्र होता है। इसके अनुसार पाताल के आठ नागों में एक नाग का नाम तक्षक था, जो कश्यप का पुत्र था।  राजा परीक्षित को इसी ने काटा था, इसके चलते राजा परीक्ष...

जीवन का गणित

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बोधकथा : कन्नड़ लेखक एच. योगनरसिंहम ने महर्षि कर्वे की आत्मकथा 'लुकिंग-बैक' का कन्नड़ में अनुवाद किया था। उनसे सिर्फ पत्र-व्यवहार द्वारा ही परिचय था, लेकिन महर्षि कर्वे से वह कभी मिले नहीं थे। एक बार जब पूना गए तो वे महर्षि कर्वे से भेंट करना चाहते थे। उनकी यह मनोकामना पूरी हुई। उनकी भेंट कर्वे से उनके आवास पर हुई। औपचारिक बातों के बाद महर्षि कर्वे ने उनसे घरेलू सवाल पूछा, 'आपके कितने बच्चे हैं?' लेखक की तरफ से जवाब मिला, 'आठ'। महर्षि ने कहा, 'तो इसका मतलब यह हुआ कि राष्ट्र को आपकी देन मुझसे दोगुनी है।' योगनरसिंहम चकरा गए। महर्षि की अपेक्षा उनकी राष्ट्र सेवा दुगनी? इस तरह उन्होंने प्रश्नवाचक दृष्टि में महर्षि की तरफ देखा। मुस्कुराते कर्वे बोले, 'चार के दोगुने आठ' हुए कि नहीं और हंसने लगे। महर्षि कर्वे गणित के प्राध्यापक थे। उनका गणित आगंतुक की समझ में आ गया और वे अपनी हंसी न रोक पाए।

मुनाफे का दो फीसदी सामाजिक विकास पर खर्च करें कम्पनियां

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विश्लेषण : सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) योजना का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। भारत दुनिया का अकेला देश है जहां कंपनियों के लिए टैक्स के बाद अर्जित मुनाफे का दो फीसदी सामाजिक विकास पर खर्च करने का कानून बना हुआ है लेकिन इस कानून के बावजूद कई कंपनियां इससे कतराकर निकल जा रही हैं। जिनकी भागीदारी है, उनका रवैया भी सुचिंतित नहीं है जिससे पिछड़े इलाकों में सीएसआर का कोई दखल ही नहीं हो पा रहा है।  पिछले साल 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम (एडीपी) की शुरुआत की थी ताकि पिछड़े रह गए इलाकों का विकास हो सके। इसके कई पैमाने भी तय किए थे- स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेशन और बुनियादी संरचना लेकिन इसके नतीजों की जांच के लिए कॉर्पोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास की अध्यक्षता में गठित समिति का निष्कर्ष यह है कि सीएसआर का ज्यादातर फायदा सिर्फ छह विकसित राज्यों को ही मिल रहा है। 2014-15 से 2017-18 के बीच कंपनियों ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली में ही सीएसआर फंड के 52,...

पाकिस्तान को झटके पर झटका

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कैनबरा में हुई एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह की बैठक में पाकिस्तान 42 सदस्यीय पैनल के सामने निर्धारित मानकों में खरा नहीं उतर पाया। इस फैसले के बाद पाक को हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से मिले ऋण भी खतरे में पड़ सकते हैं।  विचार : पाकिस्तान की धरती से दुनिया के तमाम देशों में आतंक का निर्यात हो रहा है। आतंकी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने व धन शोधन करने वाले देशों पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्कफोर्स यानी एफएटीएफ की एशिया-प्रशांत इकाई ने पाक को काली सूची में डाल दिया है। दशकों से भारत व अन्य देशों में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे पाक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को तमाम पुख्ता सबूत देकर भारत ने जो मुहिम चलायी थी, वह रंग लायी है। पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिये अब आने वाला समय बेहद मुश्किलों भरा होने वाला है। तमाम वैश्विक वित्तीय संस्थाएं उसे अब आर्थिक मदद देने से कतराएंगी। दरअसल, एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह ने पाया कि पाक ने मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी कुल 40 मानकों में से 32 क...

गैजेट्स से युवाओं की रीढ़ को नुकसान

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जीवनशैली : जो युवा गैजेट्स का इस्तेमाल अधिक करते हैं और लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम करते हैं, उन्हें रिपिटिटिव इन्जरी होने की आशंका बढ़ जाती है. इस प्रकार के 80 प्रतिशत मामलों का समाधान जीवनशैली में बदलाव से किया जा सकता है। 40 साल की उम्र वाले अधिकतर लोग वर्किंग प्रोफेशनल होते हैं जो ऑफिस पहुंचने के लंबी दूरी तक यात्रा करके, ड्राइव करके पहुंचते हैं और इसके बाद पूरा दिन अधिकतर समय एक जगह बैठकर काम करते रहते हैं. वे कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हैं, लंबी मीटिंग के लिए बैठते हैं और अपने मोबाइल पर उपलब्ध हो चुके सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते हैं. घर पहुंचने के बाद ये लोग किताबें पढऩे के लिए गैजेट का इस्तेमाल करते हैं और पढ़ते-पढ़ते सो जाते हैं. स्क्रीन का इतना लंबा और अनावश्यक एक्सपोजर स्पाइन पर बेकार का तनाव डालता है और इससे लिगामेंट में स्प्रेन का खतरा बढ़ जाता है जो वर्टिब्रा को बांधकर रखता है, ऐसे में मांसपेशियों में कड़ापन आने लगता है और डिस्क में समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है. इंसान की रीढ़ को मूवमेंट के सपोर्ट के लिए डिजाइन की गई है और अगर यह इस्तेमाल में रहती हैं त...

मिनरल्स और फाइबर से भरपूर दलिया दिल और दिमाग को रखता है दुरुस्त

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जीवनशैली : फाइबर और खनिज लवण से भरपूर दलिया, शरीर के ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ ही पाचन तंत्र को भी हेल्दी रखने में मदद करती है। हालांकि अगर आप दूध वाली दलिया बना रहे हैं तो इसमें चीनी की जगह गुड़ या शहद का इस्तेमाल करें। अगर इसे और ज्यादा हेल्दी बनाना है तो दलिया में फ्रेश फ्रूट्स और बादाम और किशमिश डालकर खाएं। अपने शरीर के लिए हर दिन की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करना बेहद मुश्किल टास्क होता है खासकर वेजिटेरियन्स के लिए। ऐसे में अगर आप ब्रेकफस्ट में पॉरिज यानी दलिया खाते हैं तो आपकी प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने में मदद मिल सकती है। 1 कप ओट्स दलिया में करीब 7 ग्राम तक प्रोटीन होता है। लिहाजा हर दिन ब्रेकफस्ट में इसे आप खा सकते हैं। दलिया में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। अगर आपको लगातार कब्ज की समस्या रहती है तो हर दिन सुबह दलिया खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। 1 कप दलिया में 4 से 5 ग्राम फाइबर होता है। आप चाहें तो फ्रूट्स और नट्स डालकर इसमें फाइबर की मात्रा बढ़ा सकते हैं। दलिया में पाया जाने वाला ऐंटीऑक्सिडेंट ...

बचपन से ही बुद्धिमान थे लाला लाजपत राय

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बोधकथा : छात्रों ने एक बार पिकनिक का कार्यक्रम बनाया। उनमें एक गरीब छात्र भी था। उसने मां को बताया। मां ने बताया कि घर में कुछ खजूर रखे हैं, तू उन्हें ले जा। मां को लगा कि पिकनिक पर सभी बच्चे खाने-पीने की अच्छी चीजें लेकर आएंगे, ऐसे में बेटा खजूर ले जाएगा तो ठीक नहीं लगेगा। मां ने कहा कि तुम्हारे पिताजी से मैं बाजार से अच्छी चीज मंगवा लूंगी। पति-पत्नी ने इस पर विचार किया। बच्चे ने देखा कि उसके पिता चप्पल पहनकर बाहर जा रहे हैं। उसने पूछा-पिताजी आप कहां जा रहे हैं। वह बोले-मैं कुछ पैसे उधार लेने जा रहा हूं, जिससे तू भी पिकनिक पर अच्छी चीजें ले जा सकेगा। बालक ने कहा-पिताजी, मैं पिकनिक पर ये खजूर ही ले जाऊंगा। कर्ज लेकर शान दिखाना बुरी बात है। यही बालक बड़ा होकर लाला लाजपतराय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

बाढ़ से बेघर हुए लोग, कइयों ने गंवाई जान

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विचार : देश में बाढ़ से लाखों लोग बेघर हुए हैं। महाराष्ट्र में चार लाख लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया गया है। अरबों रुपये की फसलें, वन-संपदा, पशुधन व वन्य जीव हर साल बाढ़ की भेंट चढ़ जाते हैं। कह सकते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते बारिश के पेटर्न में बदलाव आया है। यह बदलाव दोनों तरह का है। स्थान परिवर्तन के हिसाब से भी और बारिश की मात्रा के हिसाब से भी। बारिश ऐसे इलाकों में अब जमकर बरस रही है, जो अब तक उसके लिए वर्जित थे। ऐसे में बाढ़ की समस्या को विस्तार मिलता है। दूसरे बारिश पहले जितनी पूरे साल में बरसती थी, अब उतनी कुछ ही दिनों में बरस जाती है। विडंबना यह है कि बाढ़ से निपटने के लिए हम अब तक कोई स्थायी तंत्र विकसित नहीं कर पाये हैं। सत्ताधीशों व शासन-प्रशासन को बाढ़ से पूर्व सुरक्षा के प्रयासों के बजाय, राहत-बचाव का अभियान ज्यादा रास आता है। राहत का यह मंत्र राजनेताओं को लुभाता है। बाढग़्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण उनके लिए खबर बनना भी है। आखिर सवाल उठता है कि असम में हर साल आने वाली बाढ़ से बचने के युद्धस्तरीय प्रयास क्यों नहीं होते? बिहार का शोक कहे जाने वाली कोसी से बच...

न्यायप्रिय राजा दिलीप

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बोधकथा : राजा दिलीप के मन में एक बार आया कि महर्षि वशिष्ठ के आश्रम जाकर ज्ञान प्राप्त करें। राजा महर्षि वशिष्ठ के पास गये। ऋषि ने उन्हें गाय चराने के लिए जंगल में भेजा। जंगल में सामने से सिंह आ गया। सिंह को देख गाय की सुरक्षा के लिए राजा आगे आए, तो सिंह ने कहा-राजा! तुम एकछत्र राज्य प्राप्त सुंदर शरीरधारी हो, इस गाय को बचाने के लिए क्यों अपने को मार रहे हो? तुम मुझे विचारमूढ़ राजा लगते हो! राजा दिलीप ने उत्तर दिया-हे परमात्मांश जीवात्मा, मैं क्षत्रिय हूं, किसी भी प्राणी के कष्टासन्न काल में उसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। गाय के प्राणों की रक्षार्थ मैं अपने प्राणों की बलि देने को तैयार हूं। राजा के भीतर से उपजे कर्तव्य बोध को देखकर नारायण रूपी सिंह पुन: अपने नारायण भगवद् रूप में प्रकट होकर बोले-राजन! वस्तुत: राजा हो तो आप जैसा, जिसकी कर्तव्यनिष्ठता और दयामय न्यायप्रियता के समक्ष मैं भी हार गया। राजा दिलीप को ज्ञान तो हुआ ही, उसकी प्रजा कल्याण छवि को भी ख्याति मिली। 

उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं दे पा रही हैं 'मेक इन और स्किल इंडिया' जैसी योजनाएं

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विचार : देश में औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने और बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार दिलाने का इनका मकसद अधूरा ही रह जा रहा है। नैशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रमुख और लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन एएम नाइक का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्किल्ड वर्कफोर्स की जरूरतों के मुताबिक रोजगार ही नहीं पैदा हो रहा। एनएसडीसी की 2018 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उसने 40 कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत 11,035 प्रशिक्षण केंद्रों में 39.8 लाख स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित किया, लेकिन उनमें से सिर्फ 12 प्रतिशत को ही काम मिल सका। सन 2008 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत प्राइवेट-पब्लिक सहयोग से गठित एनएसडीसी सरकार के अल्पकालिक कौशल विकास कार्यक्रम का संचालन करता है।  कुछ अन्य रिपोर्टों में भी प्रशिक्षित युवाओं को जॉब न मिलने को लेकर चिंता जताई गई है। हाल में जारी पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे रिपोर्ट (2017-18) के अनुसार सर्वे पीरियड में 33 फीसदी स्किल्ड युवा बेरोजगार थे।  2018-19 में यह आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुंच सकता है। पहले ऐसा माना जाता था कि लोगों को रोजगार इसलिए नहीं मिल रहे कि ...

शरीर का वजन घटाने के लिए बेहतर है ऐरोबिक्स

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स्वास्थ्य : अगर आप भी तेजी से वजन घटाना चाहते हैं लेकिन आपके पास जिम जाने का टाइम नहीं है तो ऐरोबिक्स आपके बहुत काम आ सकता है। ऐरोबिक्स एक्सर्साइज करने से न सिर्फ आपका दिल हेल्दी रहता है बल्कि शरीर में बेहतर तरीके से ऑक्सिजन पहुंचाने में भी मदद मिलती है। ऐरोबिक्स से वजन तो घटता ही है साथ ही डायबीटीज की वजह से होने वाली किडनी की बीमारी ठीक करने में भी मदद करती है ऐरोबिक्स। — डांसिंग वेट लॉस और एक्सर्साइज का सबसे मजेदार और मस्ती भरा तरीका है। डांस करने से शरीर की सभी मांसपेशियां ऐक्टिव रहती हैं, पसीना निकलता है और वेट लॉस के साथ-साथ आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रहते हैं। आप चाहें तो कंटेम्प्ररी डांस, वेस्टर्न डांस, भांगड़ा कुछ भी कर सकते हैं। — डांसिंग का ही एक फॉर्म है जुम्बा लेकिन यह ऐरोबिक्स, डांस और एक्सर्साइज का स्पेशलाइज्ड फॉर्म है जिसमें शरीर के खास हिस्सों के लिए टार्गेटेड, स्पेसेफिक और असरदार एक्सर्साइज बनायी जाती है ताकि वजन घटाने में मदद मिल सके। — बचपन में हर वक्त उछलना-कूदना किसे अच्छा नहीं लगता। ये हम सबका फेवरिट चाइलहुड एक्सर्साइज होता है लेकिन बड़े होने के साथ...

अभी तक कोई नहीं बता पाया—क्यों आती है हिचकी?

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जीवनशैली : अधिकतर हिचकी बेहद सौम्य होती है जो महज कुछ मिनट या घंटे के लिए ही रहती है। लेकिन कई बार हिचकी, किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत देती है। खासकर तब जब हिचकी बंद होने का नाम ही ना ले और यह कई दिनों, महीनों या सालों तक आती रहे। हिचकी आना कुछ लोगों के लिए शर्मिंदगी से भरा हो सकता है। इतना ही नहीं हिचकी की वजह से खाना खाने में दिक्कत होती है, नींद में रुकावट आती है। हर साल अमेरिका में 4 हजार लोगों को हिचकी की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। गिनिस वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में चार्ल्स ऑस्बर्न का नाम सबसे लंबी हिचकी लेने के लिए दर्ज है। उन्होंने 68 साल तक लगातार हिचकी ली थी।  डॉक्टरों की मानें तो हिचकी आने की उतनी ही वजहें जितनी इसे रोकने के तरीके और नुस्खे। इसमें कोई शक नहीं कि हिचकी हर किसी को आती है और कभी भी आ सकती है लेकिन क्यों आती है इसका सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि वैज्ञानिकों की मानें तो हिचकी हमारे शरीर में मौजूद डायफ्राम के सिकुडऩे से आती है। डायफ्राम एक मांसपेशी है जो चेस्ट कैविटी को ऐब्डॉमिनल कैविटी से अलग करती है। हिचकी, रिफ्लेक्स आर्क या सर्किट हो...

गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है कार्डियो एक्सरसाइज

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जीवनशैली : गर्भावस्था के दौरान अगर किसी तरह की कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो ज्यादातर महिलाओं को ऐक्टिव रहने की सलाह दी जाती है ताकि डिलिवरी नॉर्मल हो सके और किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतते हुए एक्सर्साइज करने की भी सलाह दी जाती है ताकि मां के साथ-साथ होने वाला बच्चा भी हेल्दी रह सके। लेकिन एक सवाल जो ज्यादातर होने वाली मांओं के मन में आता है, खासकर तब जब वे फिटनेस फ्रीक हों, कि क्या गर्भावस्था के दौरान कार्डियो एक्सर्साइज करना चाहिए? फिटनेस प्रफेशनल्स और एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान कार्डियो एक्सर्साइज करना पूरी तरह से सेफ है। ऐसा कार्डियो एक्सर्साइज जिसमें आपकी हार्टबीट सुरक्षित तरीके से बढ़ती है वह आपकी सेहत को बेहतर बनाने के साथ-साथ अच्छी नींद को बढ़ावा देता है, गर्भावस्था के दौरान होने वाले डायबीटीज की समस्या को कम करता है, कब्ज की दिक्कत को कम करता है और साथ ही कमर, पीठ और पैर में होने वाले दर्द को भी दूर करने में मदद करता है।  हालांकि विशेषज्ञों की मानें तो प्रेग्नेंट महिला को हमेशा इस बात का ध्यान रखना ...

शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है कच्चा पपीता

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जीवनशैली : अच्छी सेहत और इम्युनिटी को बनाए रखने के लिए विटमिन्स से लेकर मिनरल्स और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। कच्चा पपीता इन सभी चीजों से भरपूर होता है और पाचन सिस्टम के लिए भी लाभकारी होती है। कच्चे पपीते में पपाइन का नाम डाइजेस्टिव एंजाइम होता है जो शरीर के पाचन सिस्टम को सही रखने में मदद करता है। इसमें विटमिन ए, सी और ई होता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। कच्चा पपीता शरीर के लिए एक क्लेंजर का काम करता है और शरीर की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है। यह असिडिटी से लेकर पाइल्स और डायरिया को दूर करने में भी मदद करता है। नई मांओं के लिए कच्चा पपीता किसी वरदान से कम नहीं है। माना जाता है कि कच्चे पपीते में एक ऐसा कम्पाउंन्ड होता है जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं में लैक्टेशन प्रोसेस को सुधारने में मदद करता है। क्या आप जानते हैं कि कच्चा पपीता वजन घटाने और अतिरिक्त चर्बी को भी कम करने में मदद करता है? इसमें विटमिन सी, ई, ए और फोलेट होता है। साथ ही इसमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं तो कैलरी तो बर्न करते ही हैं साथ ही अतिरिक्त चर्बी को भी घटा देते हैं।

आखिर कैसे उतरेगा चंद्रमा पर यान

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विचार : देश का अहम मिशन चंद्रयान—दो सफलतापूर्वक रास्ते में है, सात सितम्बर 2019 को चांद पर यान उतरेगा। चांद की कक्षा में पहुंचते ही वैज्ञानिकों ने हर्ष जताया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के निदेशक के. शिवन ने कहा कि चंद्रयान—दो पृथ्वी की सतह छोड़कर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। जैसा कि ज्ञात है कि धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी करीब तीन लाख 84 हजार किलोमीटर है। चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे। चांद की सतह पर उतरने के 4 दिन पहले रोवर 'विक्रम' उतरने वाली जगह का मुआयना करना शुरू करेगा।  लैंडर यान से डिबूस्ट होगा। 'विक्रम' सतह के और नजदीक पहुंचेगा। उतरने वाली जगह की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी और फिर 6 से 8 सितम्बर के बीच शुरू होगी लैंडिंग की प्रक्रिया। लैंडिंग के बाद 6 पहियो वाला प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से अलग हो जाएगा। इस प्रक्रिया में चार घंटे का समय लगेगा। यह एक सेमी प्रति सेकेंड की गति से बाहर आएगा। 14 दिन यानी 1 लूनर डे के अपने जीवनकाल के दौरान रोवर 'प्रज्ञान' चांद की सतह पर 500 मीटर तक चलेगा। यह चांद की सतह की तस्...

कजली तीज की कथा

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कथा : इस बार कजली तीज 18 अगस्त 2019 को पड़ेगा। सनातन धर्म में कजली तीज बड़े ही उत्साह से महिलाएं मनाती हैं। एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण दम्पति निवास करता था। भाद्रपद महीने की कजली तीज के दिन ब्राह्मणी ने तीज माता का व्रत रखा। ब्राह्मण से कहा आज मेरा तीज माता का व्रत है। कही से चने का सातु लेकर आओ। ब्राह्मण बोला, सातु कहां से लाऊं। तो ब्राह्मणी ने कहा कि चाहे चोरी करो चाहे डाका डालो। लेकिन मेरे लिए सातु लेकर आओ। रात का समय था।  ब्राह्मण घर से निकला और साहूकार की दुकान में घुस गया। उसने वहां पर चने की दाल, घी, शक्कर लेकर सवा किलो तोलकर सातु बना लिया और जाने लगा। आवाज सुनकर दुकान के नौकर जाग गए और चोर...चोर चिल्लाने लगे। ब्राह्मण बोला मैं चोर नहीं हूं। मैं एक गरीब ब्राह्मण हूं। मेरी पत्नी का आज तीज माता का व्रत है इसलिए मैं सिर्फ यह सवा किलो का सातु बना कर ले जा रहा था। साहूकार ने उसकी तलाशी ली। उसके पास सातु के अलावा कुछ नहीं मिला। साहूकार ने कहा कि आज से तुम्हारी पत्नी को मैं अपनी धर्म बहन मानूंगा। उसने ब्राह्मण को सत्तू, गहने, रूपये, मेहंदी, लच्छा और बहुत सारा धन देकर ठाठ से व...

अब 2059 में सरोवर से निकाली जाएगी भगवान वरदराज की प्रतिमा, 40 साल के जलवास पर

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अध्यात्म : सबसे पुराने शहरों में से एक तमिलनाडु का कांचीपुरम। वैसे तो कांची में कोई 125 बड़े मंदिर हैं, जिनका अपना-अपना इतिहास है, लेकिन ऐसा लगता है कि पिछले डेढ़ महीने से इस शहर के सारे रास्ते एक ही मंदिर की ओर मोड़ दिए गए हैं। 1 जुलाई से अब तक करीब 90 लाख लोग इस शहर में आ चुके हैं। इस समय अगर दक्षिण भारत में कहीं आस्था की लहरें हिलोरे ले रही हैं तो वह जगह है कांचीपुरम। कारण भी खास है। 40 साल बाद अत्ति वरदराज की प्रतिमा आनंद सरस सरोवर से निकाली गई है। ये “वन्स इन ए लाइफटाइम” जैसा है। भगवान विष्णु के अवतार अत्ति वरदराज की प्रतिमा सरोवर से हर 40 साल में एक बार निकाली जाती है। 48 दिन तक दर्शन के लिए मंदिर में रखी जाती है। फिर अगले 40 साल के लिए दोबारा सरोवर में रख दी जाती है। अब 2059 में यह प्रतिमा 48 दिनों के लिए फिर निकाली जाएगी। 17 अगस्त यानि कि आज की रात इस प्रतिमा को पवित्र सरोवर में जलवास दिया जाएगा। पिछली सदी में प्रतिमा 1939 और 1979 में निकाली गई थी। अंजीर की लकड़ी से बनी यह प्रतिमा 9 फीट ऊंची है। इस साल 28 जून को वैदिक ऋचाओं के गान के साथ प्रतिमा को वेदपाठी पंडितों ने अपनी पी...

प्रजा के कल्याण को समर्पित

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बोधकथा : दो देश एक-दूसरे के पड़ोसी थे मगर दोनों में बहुत फर्क भी था। एक का राजा अपने राज्य की सीमा बढ़ाने की फिराक में रहता। इसलिए उसने फौज की वृद्धि तथा हथियारों के जमावड़े में बहुत पैसा खर्च कर दिया जबकि दूसरा राजा अपनी प्रजा के लिए भरपूर अन्न, सेहत, सुरक्षा, शिक्षा आदि पर भरपूर पैसा लगा रहा था।  एक बार दोनों में युद्ध छिड़ गया। जिसके पास फौज थी, वो हारने लगा क्योंकि दूसरे राज्य का केवल सैनिक ही नहीं बल्कि बच्चा, बूढ़ा और युवक, सब जी-जान से लडऩे लगे। भारी फौज वाला राजा हारने लगा और उसी के सामने उसकी पूरी प्रजा दूसरे राजा से शरण मांगने लगी। इतना ही नहीं, उसका साथ देकर अपने ही राजा के खिलाफ लडऩे भी लगी। फौजी ताकत वाला राजा हार गया। एक संत से पूछा गया कि आखिर उसकी प्रजा उसके खिलाफ क्यों लडऩे लगी। फकीर ने कहा कि एक राजा बस ताकत का दीवाना था जबकि दूसरा राजा प्रजा के कल्याण को समर्पित।

बदलाव के रास्ते पर भारत

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विश्लेषण : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धीरे—धीरे प्रत्येक भारतीय के दिल में बसते चले जहा रहे हैं और विश्व में खूब लोकप्रिय हो रहे हैं। 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के नाम अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े बदलावों के रास्ते पर बुलंद हौसले के साथ चल रही अपनी सरकार के इरादे जाहिर किए और परिवर्तन के इस अभियान से जुडऩे के लिए देशवासियों का आह्वान किया। इस दूसरे कार्यकाल में लाल किले से अपने पहले भाषण में पीएम ने अर्थव्यवस्था को खास तवज्जो देते हुए कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अगले 5 साल में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने का लक्ष्य दोहराते हुए उन्होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासी यदि छोटी-छोटी चीजों को लेकर चल पड़ें तो यह लक्ष्य हासिल करना संभव है। इसके लिए उन्होंने मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की बात कही और लकी कल के लिए लोकल का मंत्र दिया। उन्होंने निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया और देश को कैशलेस इकॉनमी बनाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिलहाल दुकानों पर आज नकद कल उधार का बोर्ड लगा रहता है, लेकिन अब लिखना चाहिए-डिजिटल पेमे...

अर्थव्यवस्था की नाक कहा जाने वाला ऑटोमोबाइल सेक्टर अब तक के सबसे मुश्किल दौर में

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विचार : वाहन बाजार में हर तरह की गाडिय़ों की बिक्री में गिरावट जारी है। लगातार आठवें महीने आंकड़े ऐसे ही आए हैं। पैसेंजर गाडिय़ों में इस साल जुलाई तक 19 साल में सबसे बड़ी गिरावट दिखी है। पिछली जुलाई की तुलना में इस साल जुलाई में कारों की बिक्री 35.95 फीसदी गिरी है, जबकि कमर्शल गाडिय़ों की बिक्री 37.48 फीसदी नीचे आई है। सभी तरह के यात्री वाहनों की बिक्री 30.98 पर्सेंट घटी है जिसमें दोपहिया वाहनों की बिक्री में 16.82 फीसदी की कमी शामिल है। गाडिय़ां कम बिकने की मार इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर पड़ रही है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अनुसार करीब साढ़े तीन लाख अस्थायी और कैजुअल नौकरियां जा चुकी हैं और दस लाख लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। अभी आलम यह है कि कंपनियों की तरफ से डीलरों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नई गाडिय़ां रखना शुरू करें। लेकिन डीलरों के पास तीन से चार महीने तक बिकने भर को गाडिय़ों का स्टॉक पहले से मौजूद है। ऐसे में वे नई गाडिय़ां उठाने का जोखिम नहीं लेना चाहते। नतीजा यह है कि वाहन कंपनियों ने उत्पादन में कटौती शुरू कर दी है।   नई...

कई रोगों में फायदेमंद है टमाटर

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जीवनशैली : विश्व में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों में से एक है टमाटर। भारतीय व्यंजनों में टमाटर प्रमुख्ता से इस्तेमाल होता है। इसके बिना सलाद, सूप, सब्जी, अचार, चटनी, कैचअप आदि के बारे में सोचना भी संभव नहीं है। टमाटर में ऐसे कई गुणकारी तत्व होते हैं जो इसे रोगों का उपचार करने में सक्षम बनाते हैं। टमाटर में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन सी पाया जाता है। एसिडिटी की समस्या होने पर टमाटरों की खुराक बढ़ाने से इस समस्या से निजात मिलता है। टमाटर में काफी मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जो हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।  टमाटर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और गैस की समसा भी दूर होती है। डॉक्टरों के अनुसार टमाटर के नियमित सेवन से श्वास नली बिल्कुल साफ रहती है और खांसी, बलगम की शिकायत खत्म होती है। बच्चों को सूखा रोग होने पर टमाटर का रस पिलाने से फायदा होता है। साथ ही ये उनके तेजी से विकास में भी मदद करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन फायदेमंद होता है। डाइबिटीज व दिल के मरिजों की सेहत के लिए टमाटर बहुत उपयोगी ह...

2 केले प्रतिदिन खाने से कंट्रोल में रहेगा ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस

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स्वास्थ्य : केला सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। एक केले में आपके विटमिन बी6 की दैनिक आवश्यकता का 20 प्रतिशत जबकि विटमिन सी के दैनिक जरूरत का 15 प्रतिशत हिस्सा होता है। यह आपके शरीर को इंसुलिन, हीमॉग्लोबिन और अमीनो ऐसिड बनाने में मदद करता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। रोजाना 2 केले खाने से शरीर का रक्तचाप नियंत्रित रहता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि केले में करीब 420 मिलीग्राम पोटैशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है और कोलेजन का उत्पादन करता है। केले में मौजूद पोटैशियम मांसपेशियों को ऐंठन से बचाता है। कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। केले में ट्रिप्टोफैन होता है, जो हमारे शरीर को सेरोटोनिन प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है। एक केले में लगभग 27 मिलीग्राम मैग्नीशियम होता है। यह खनिज अच्छा मूड और अच्छी नींद दिलाने में मदद करता है। केला आसानी से पच जाता है। गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को परेशान नहीं करता। केले में मौजूद प्रतिरोधी स्टार्च पचता नहीं है और बड़ी आंत ...

त्योहारों के मौसम में मेकअप बैग

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जीवनशैली : मौसम त्योहारों का है। ऐसे में सजने-सवरने का सिलसिला चलने वाला है। वॉरड्रोब को अपडेट करने के साथ ही साथ मेकअप बैग को भी अपडेट करना जरूरी है। सिर्फ एक चीज पर फोकस करके सुंदर दिखना संभव नहीं है। इसलिए जरूरी है कि आप इस ओर भी विशेष ध्यान दें। जहां तक मार्केट का सवाल है तो यहां प्रॉडक्ट की कमी नहीं है। बाजार में हर रोज नए प्रॉडक्ट आ रहे हैं और वे पहले से ज्यादा बेहतर हैं। इसकी शॉपिंग से पहले जरूरी है कि आप एक्सपर्ट की राय लें। आपको यह पता होना चाहिए कि कौन सा प्रॉडक्ट आपकी स्किन के लिए सही है और कौन सा नहीं। इस फैसले के बाद ही आप आगे बढ़ें। आज के दौर में प्रफेशनल या पर्सनल दोनों ही जगहों पर प्रजेंटेशन के मायने बढ़ गए हैं। इसलिए इस ओर इन्वेस्टमेंट फायदे का सौदा है। आपकी स्किन के अनुसार क्लीजिंग मिल्क, कॉटन, कंसीलर, फाउंडेशन और फेस पाउडर का मेकअप किट में होना जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अच्छे मेकअप ये बेसिक चीज हैं। इसलिए इनका चुनाव करते समय आप अपने स्किन का ख्याल जरूर रखें। मेकअप के समय आपको इस बात का ध्यान रखना होता है कि आपके चेहरे का कौन सा पार्ट सबसे अच्छा है। जैसे कि कि...

विवाह के लिए अधिक लोन ले रहे शहरी युवा

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​विश्लेषण : देश के शहरी युवा अपनी शादी के लिए सबसे ज्यादा लोन लेते हैं। डिजिटल लेंडिंग प्लैटफॉर्म इंडियालेंड्स के एक सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। यह सर्वेक्षण उसने आज मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में किया है। इसके लिए उसने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई के 20 से 30 की उम्र के 5200 नौजवानों के ऋण-आवेदनों का अध्ययन किया। इन युवाओं में नौकरीपेशा और अपना कारोबार करने वाले, दोनों शामिल हैं।  आवेदनों से पता चला कि 2018-19 में इस आयु वर्ग के 20 प्रतिशत नौजवानों ने शादी के लिए ऋण लिया। शादी के बाद पर्यटन यानी घूमने-फिरने का नंबर है। 19 फीसदी नौजवानों ने इसके लिए लोन लिया, जबकि 11 फीसदी ने अपना स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए लोन लिया और 7 प्रतिशत ने लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजें जुटाने के लिए ऋण मांगा। अलग-अलग शहरों के नौजवानों की प्राथमिकताएं भी अलग-अलग हैं।  जैसे शादी के लिए मुंबई के युवाओं ने सबसे ज्यादा ऋण लिए। उनकी संख्या 22 फीसदी है। घूमने-फिरने के मामले में हैदराबाद के युवा सबसे आगे हैं। वहां 20 फीसदी युवाओं ने इसके लिए लोन लिया। अपना स्ट...