असम पहला राज्य, जिसके पास है एनआरसी

जानकारी : असम में एनआरसी अधिवासित सभी नागरिकों की एक सूची है। मौजदा समय में राज्य के भीतर बोनाफाइड नागरिकों को बनाए रखने और बांग्लादेश से अवैध रूप से प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए इसका अद्यतन किया जा रहा है। दरअसल, साल 1951 के बाद पहली बार राज्य में नागरिकता की पहचान हो रही है। राज्य में बड़ी संख्या में अवैध तरीके से रह रहे लोग इसकी प्रमुख वजह हैं। इसकी अंतिम सूची सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बन रही है। इससे पहले साल 2018 में आई एनआरसी लिस्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था। अब फाइनल एनआरसी में उन लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो 24 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं। वहीं उच्चतम न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता द असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने कहा कि अंतिम एनआरसी त्रुटिपूर्ण दस्तावेज है। भाजपा के पूर्व सांसद रमन डेका ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आए अवैध मुस्लिमों को स्थान मिल गया, लेकिन काफी स्थानीय लोग बाहर रह गए। एनआरसी मसौदे के हिस्से के तौर पर 31 दिसम्बर 2017 की आधी रात को ...