इन लोगों से न करें बैर
जानकारी। चाणक्य की नीतियां लाजवाब मानी जाती हैं। आचार्य ने कहा है कि निम्न लोगों से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए—
पुलिस : पुलिस से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए, वह कभी भी अपने दुश्मन को अनगिनत धारायें लगाकर परेशानी खड़ी कर सकता है।
पत्रकार : पत्रकारों से दुश्मनी महंगी पड़ सकती है, वह आपकी गुप्त बातें उजागर कर सकता है, जिससे आपको काफी हानि हो सकती है।
पंडित : पंडित से बैर नहीं करना चाहिए, अपनी बुद्धि और शैली से आपको समाज में अपमानित कर सकता है।
प्रभु : यानी मालिक या राजा से शत्रुता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि उसके पास अपार शक्ति होती है वह आपका बड़ा नुकसान कर सकता है।
सठ: यानी मूर्ख व्यक्ति से बुराई नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में तो ऐसे लोगों से दोस्ती करना भी अच्छा नहीं माना गया है। मूर्ख व्यक्ति उसे मान सकते हैं जिसे अपने ही हित या अहित के बारे में ज्ञान न हो।
धनी : बहुत ही अमीर व्यक्त के साथ पंगा नहीं लेना चाहिए। क्योंकि वह कानून और न्याय को भी खरीद सकता है।
वैद्य : यानी डॉकटर से कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। नहीं तो वह कभी भी आपको संकट में डाल सकता है।
बंदि : यानी याचक या इधर-उधर खबर देने वाले। ऐसे व्यक्ति से भी बुराई करना ठीक नहीं माना जाता।
रसोइया : खाना बनाने वाला या वाली से भी कभी बुराई नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपको हानिकारक भोजन दे सकता है।
शस्त्री : जिसके हाथ में हथियार हो यानी शस्त्र रखता हो उससे विरोध या झगड़ा नहीं करना चाहिए। क्योंकि क्रोध अधिक बढ़ने पर शस्त्री अपने हथियार का प्रयोग कर विरोध करने वाली की जान ले सकता है।
मर्मी : जो व्यक्ति आपके अंतरंग राज जानता हो यानी मर्मी या लंगोटिया यार जो हमारे सभी रहस्यों को जानता है उस व्यक्ति से विरोध नहीं करना चाहिए। क्योंकि कहते हैँ विभीषण रावण के राज जानता था जो भगवान राम को बता दिए थे। इसी कारण से रावण युद्ध में मारा गया था।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें