दीपावली पर मन का दीप जलायें, चहुंओर उजाला फैलायें


विचार। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दीपावली पर्व पर चहुंओर उत्साह है, धनतेरस पर छोटी से लेकर बड़ी दुकानों की संख्या बता पाना मुमकिन नहीं हैं, दुकानों के सामने वाहनों की कतार और खरीददारों की भारी भीड़ रही। सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करने वाली महालक्ष्मी और रिद्घि-सिद्धि दायक भगवान गणेश पूजन का पांच दिवसीय पर्व दीपावली शुरू हो चुका है। धनतेरस से इसकी शुरुआत हुई, बुधवार को छोटी दीपावली के दिन लोगों में उत्साह रहा। 4 नवम्बर 2021 को दीपोत्सव मनाया जायेगा। कार्तिक के अमावस्या तिथि की काली रात में प्रकाश का पर्व और ज्योति का महोत्सव। भारत ही ऐसा देश है, जहां की उजाला सामूहिक रूप से प्रसारित होने से सर्वत्र सौंदर्य खिल जाता है। दीपों की पंक्तियां और ज्योति की निष्ठा समाहित होकर दीपावली की आभा अभिव्यक्त हो उठती है। दीपावली पर्व का तात्पर्य है कि स्मृति के हजारों तार झनझना उठें, लेकिन हम अपने वर्तमान में जीते रहें। यदि हम अपने वर्तमान में नहीं हैं और भविष्य के संग हमारा सम्यक भाव नहीं जुड़ा है तो वह पर्व नहीं सिर्फ दिखावा है। प्रभु राम के आदर्शों को नहीं अपनाया तो कैसा दीप पर्व, महिलाओं व बेटियों की रक्षा नहीं की तो कैसा दीपोत्सव, दीपावली पर मन का दीप जलायें सभी दिशाओं में उजाला फैलायें। उल्लास से भर देने वाली दीपावली सौंदर्य का अप्रतिम बिंब है, जहां मनुष्य का भाव, अनुभव और संवेदना अपना आकार लेते हैं। देश के किसानों को सम्मान मिलना चाहिए, यही देश के गौरव हैं। खेती को राष्ट्रीय समृद्धि का आधार बनाने की जरूरत है। आजीविका की खोज में दौड़ रहे युवाओं को यदि हम सब स्वाबलंबी बना सकें तो यह एक बड़ा कार्य होगा। धर्मों, जातियों, लिंगो, प्रांतों और भाषाओं की दीवार को तोडक़र एक ऐसा सामंजस पूर्ण विकास चाहिए, जो तथ्यात्मक भी हो और विवेक से परिपूर्ण भी। आरक्षण हटना ही चाहिए, क्योंकि समाज में इससे असंतुलन है और जरूरी कार्य प्रभावित हैं। विकसित गांव एवं शहर ही हमारे लिए उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। शहर तो हमें चाहिए, लेकिन वे जो मानवीय संबंधों को बनाए रख सके। दीपावली प्रकाश पर्व है और इस प्रकाश में सभी समस्याएं समाप्त होनी चाहिए। दीपावली के महोत्सव में हमें ऐसे सभी बिंदुओं का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्राहकों की भीड़ से बाजार खिल उठा। कारोबारी पूरी तरह उत्साहित दिखे। धनतेरस पर्व पर शहर के बाजारों में ‘बूम’ नजर आया। दुकानों में देर रात तक कारोबार का सिलसिला जारी रहा। सराफा, बर्तन, इलेक्ट्रानिक, कपड़ा, मोबाइल आदि सेक्टरों के शोरूम ग्राहकों से पटे रहे। ग्रीन पटाखों के खरीदारों से पटाखा बाजार रात में भी गुलजार रहा। हालांकि, आटोमोबाइल सेक्टर में वाहनों की कमी से बाजार में नरम रहा। चार पहिया वाहनों की चार से छह माह की एडवांस बुकिंग कराते नजर आए। व्यापारियों के मुताबिक धनतेरस पर करीब 1 हजार 905 करोड़ से अधिक कारोबार का अनुमान है। शहर के श्रीराम टावर समेत सभी प्रमुख मोबाइल बाजारों में जबरदस्त भीड़ नजर आई। करीब 20 से 25 करोड़ का कारोबार रहा। ऑल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन एमरा के प्रदेश अध्यक्ष नीरज जौहर ने बताया कि इस त्योहार बाजार बेहतर रहा। वाहन की कमी, कराई बुकिंग, गाडिय़ों के शौकीनों को नहीं मिल पाए मनमाने ब्रांड: खरीददारों की वाहनों के शोरूम पर भीड़ के बाद भी इस बार ऑटोमोबाइल सेक्टर के लोग निराश हुए। धनतेरस पर दोपहिया वाहनों की बिक्री जारी रही लेकिन चार पहिया वाहन की कमी रही। सभी नामी-गिरामी ब्रांड की गाडिय़ां शोरूम से नदारद थीं। वाहनों की बुकिंग कराई गई। आज 205 कारें और 390 दो पहिया वाहन मिलाकर करीब 595 वाहन बिके हैं। 60 से 70 करोड़ का रहा कपड़ा-रेडीमेड सहालग और त्योहारी सीजन का जबरदस्त फायदा कपड़ा और रेडीमेड बाजार को मिला। उत्तर प्रदेश कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी, साड़ी कारोबारी उत्तम कपूर और प्रभू जालान की मानें तो अब तक कपड़ा और रेडीमेड गारमेंटस का कारोबार आसानी से 60 से 70 करोड़ का रहा। धनतेरस पर यहियागंज, अमीनाबाद, गोमतीनगर, कूपरथला, महानगर, तेलीबाग, आशियाना, आलमबाग आदि प्रमुख बाजारों में लोगों ने जमकर खरीदारी की।  सराफा ब्रांडेड, नॉन ब्रांडेड, डायमंड, नेकलेस, गिन्नी, चांदी के सिक्के आदि-450 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स, सजावटी लाइट, झालर, टीवी, फ्रिज, वाङ्क्षशग मशीन, फर्नीचर-600 करोड़, बर्तन-100 करोड़, मोबाइल-25 करोड़, कपड़ा-80 करोड़, मिष्ठान एवं ड्राइफ्रूट व अन्य नमकीन-200 करोड़, पटाखा-50  करोड़, महंगी गाडिय़ों में बीएमडब्ल्यू 1.65 करोड़ और 83.33 लाख की रेंज रोवर बिकी है। महानगर में करीब 30 लाख का हार बिका है। वाहन 400 करोड़ के बिकने के अनुमान लगाया है, आंकड़ा इससे अधिक भी हो सकता है। दीपावली की ज्योति प्रक्रिया, स्रोत और संरचना एक ऐसी सफलता एवं एकता पर आधारित है जो सबको जोड़ कर चलती है। दीयों में दो बातियां मिलती है, यह बाती स्नेहसिक्त होनी चाहिए। स्नेह के बिना प्रकाश की कल्पना भी सम्भव नहीं है। और अंत में बताते चलें कि यही स्नेह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ‘शाखा’ के माध्यम से सिखाता है। लखनऊ में इस बार सजावट के अलग अंदाज हैं, परिवर्तन चौक से लेकर हनुमान सेतु तक बहुत ही सुंदर बिजली सजावट की गयी है, जो रात के समय बड़ा ही मनोरम लगा। गोमती नदी के तट पर लगा मेला लोगों के लिये खास आकर्षण का केंद्र रहा, राजू श्रीवास्तव, कैलाश खेर जैसे कलाकारों ने मेले की शोभा बढ़ाई, मेले में भी लोगों की भारी भीड़ देखी गयी। हालांकि मेला सतर्क रहा। योगी सरकार के दौरान बीते वर्षों में अयोध्या में अद्भुत दीपावली मनायी गयी, इस वर्ष भी अयोध्या की सजावट ने मन मोहा और आज यानि दीपावली के दिन खास तरह से दीप जलाये जायेंगे, जिसकी पूरी तैयारियां कर ली गयी हैं।

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