सूर्य नमस्कार से निखरता है मन, सुडौल बनता है शरीर
जानकारी। योग-व्यायाम और शारीरिक क्रिया न केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है बल्कि दिमाग को फिट रखने के लिए भी अहम है। ऋषि, मुनि ऐसे ही शक्तिशाली और विद्वान नहीं बने, बल्कि मन और मस्तिष्क को सुंदर और सुदृढ़ रखने के लिये सबसे आसान तरीका है योग और व्यायाम। प्रत्येक व्यक्ति को योग करना चाहिए, इसके नुकसान कुछ नहीं बल्कि फायदे अनगिनत हैं। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपनी शाखा में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य रखा है। सूर्य नमस्कार के 12 चरण का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले। सूर्य नमस्कार से मन व मस्तिष्क में निखार आता है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है। इससे डाइजेशन सुधरता है, साथ ही कब्ज, एसिडिटी और पेट में जलन जैसी समस्याएं निय़ंत्रित होती हैं। सूर्य नमस्कार करने से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन खून तक पहुंचती है। इससे बॉडी में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड और बाकी जहरीली गैसें बाहर निकलती हैं। रोज सूर्य नमस्कार करने से शरीर की फैट बर्निंग प्रोसेस तेज होता है। इससे वजन घटाने में हेल्प मिलती है। रोज सूर्य नमस्कार करने से शरीर की स्ट्रेचिंग होती है। इससे मसल्स और लीगामेंट के साथ रीढ़ की हड्डियां मजूबत होती हैं। 'सूर्य नमस्कार' का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है, जो एक उत्तम कार्डियो-वॅस्क्युलर व्यायाम भी है और स्वास्थ्य के लिए अति लाभदायक है। ध्यान रहे कोई भी योग करने से पहले शरीर को गर्म करना बेहद जरूरी है।
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