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नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मेष राशि के लिये उत्तम रहेगा '2022'

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ज्योतिष। इस वर्ष यानि 2022 मेष राशि वालों के लिये नौकरी में पदोन्नति के योग की प्रबल संभावनाएं इस वर्ष बनने और कार्य में सक्रियता और महत्वपूर्ण निर्णय लेने का सबसे शुभ समय मध्य मई से अक्टूबर तक का होगा। वहीं नवम्बर और दिसम्बर का महीना आपकी ऊर्जा को धीमा कर सकता है। इस दौरान जातक को परेशानी उठानी पड़ सकती है। वर्ष 2022 आपके लिए मिले जुले फल लेकर आएगा। इस वर्ष 2022 में शनि आपके दशम भाव में मौजूद रहेंगे। इस वर्ष मेष राशि को सफलता पाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करना होगी। आलस को छोड़ना हित में होगा। वर्ष 2022 में मंगल जीवन में मंगल करेंगे। कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। 16 जनवरी को मंगल का धनु राशि में प्रवेश होगा, यह योग मालामाल कर देगा। कई शुभ फल मिलने के योग बनेंगे और मेष राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मकता देखी जाएगी। रोमांस के सितारे गड़बड़ दिखाई दे रहे हैं। 13 अप्रैल को जब गुरु बृहस्पति का मीन में गोचर होगा, तो वो आपकी राशि से 12वें भाव यानी हानि भाव में प्रवेश करेंगे। बृहस्पति इस राशि के विद्यार्थियों को सबसे अधिक प्रभावित कर सकते हैं। परीक्षा में सफलता अर्जित करते हुए, अच्छे अंक हासिल क...

कोरोना के नये वैरिएंट से फिर मचा हाहाकार

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विचार। कोरोना के नये वैरिएंट को लेकर विश्व समुदाय में फिर बेचैनी है। इस नए वैरिएंट और इसके खतरे को देखते हुए कई देशों ने यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट बी-1-1-529 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के डर से ओमीक्रोन नाम दिया है। वहीं भारत की बात करें तो भारत के कई राज्यों में कोरोना के मामले बहुत ही तेजी से बढ़े हैं, कोरोना के बढ़े मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई और सतर्क रहने की हिदायत दी। नया कोरोना वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका, यूरोप, इजराइल समेत कई देशों में पहुंच गया है। इस वायरस को रोकने के लिए यूरोपीय देश की सरकारें फिर से सख्त नियम लागू करने की पक्रियाएं शुरू कर दी है, इस सख्ती के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेम्स स्पैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस साल के अंत तक जर्मनी के लोग या तो पूरी तरह वैक्सीनेटिड हो जाएंगे या ठीक हो जाएंगे या मर जाएंगे। केस बढऩे के कारण बेल्जियम ने मास्क अनिवार्य कर दिया है। लोगों को घर से ही काम करने के निर्देश दिए गए हैं। सख्त नियमों और वैक्सीन के लिए प्रोरित करने वाले सरकारी उपाय...

4 दिसम्बर को है शनिचरी अमावस्या, अशुभ प्रभाव दूर करेंगे शनि देव

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार शनिचरी अमावस्या के दिन शनि से पीड़ित व्यक्तियों के लिए दान का महत्व बहुत बढ़ जाता है। शनि से प्रभावित व्यक्तियों का जीवन कई प्रकार के परेशानियों से घिरा हुआ रहता हैं। बनते कार्य में बाधा आना, कार्य आसानी से न बनना, अचानक चोट लगना या निरंतर नुकसान होना आदि कई समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ता है। अत: इन्हीं समस्याओं से निजात पाने या इन्हें कम करने के लिए शनि अमावस्या के दिन शनि से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करना उत्तम रहता है। शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए एक कटोरी में तिल का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में कटोरी और तेल दोनों ही रख आएं। माना जाता हैं कि तिल के तेल से शनि विशेष प्रसन्न रहते हैं। साबुत काले उड़द सवापाव की मात्रा में लेकर काले कपड़े में बांध लें और शुक्रवार को उसे अपने पास ही रखकर सोएं। फिर शनिवार को उस पोटली को शनि मंदिर में रख आएं। एक शीशी काला सुरमा खरीद लें और शनिवार के दिन 9 बार अपने ऊपर से सिर से पैर तक किसी से उतरवा कर सूनसान जमीन में गाड़ दें। शनि मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः का जप करके भी काफी हद तक शनि के कुप...

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर राजनीति

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विचार। भारत में पेट्रोल व डीजल महंगा होने से ही महंगाई है। जीवन मेें उपयोग होने वाली अधिकतर चीजों को वाहनों से ही एक से दूसरे जगह पहुंचाया जाता है। इन वाहनों को आनेजाने में ईंधन खर्च होता है और ईंधन महंगा है, तो जाहिर सी बात है महंगाई रहेगी, चाहे जिस किसी भी दल की सरकार हो। महंगाई पर काबू करने के लिये पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर लगाम लगानी होगी। बीते दीपावली की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की घोषणा की थी। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्रमशः 5 रुपए और 10 रुपए कम किया गया। पेट्रोल पर अभी तक एक्साइड ड्यूटी 32.90 पैसे थी, जो घटकर 27.90 पैसे हो गई। वहीं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 31.80 पैसे थी, जो घटकर 21.80 पैसे हो गई। वहीं वित्त मंत्रालय ने कहा था कि भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपए और 10 रुपए की कमी करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्यों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का भी आग्रह किया गया है। एक्साइज ड्यूटी में कमी होने से भारत को 60 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नु...

वेश्या को स्वर्ग, संन्यासी को नरक

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प्रेरक कथा। एक संन्यासी की जिस दिन मौत हुई, उसी दिन एक वेश्या की भी मौत हो गयी, दोनों ही आमने-सामने रहते थे। देवदूत लेने आए, तो संन्यासी को नरक की तरफ ले जाने लगे और वेश्या को स्वर्ग की तरफ। संन्यासी ने देवदूतों से कहा, रुकिये, लगता है कुछ भूल हो गई मालूम होती है, मुझ संन्यासी को नरक की तरफ, वेश्या को स्वर्ग की तरफ, क्यों ? जरूर आपके संदेश में कहीं कोई भूल हो गई है। शक तो उन देवदूतों को भी हुआ। उन्होंने कहा, भूल कभी हुई तो नहीं, लेकिन मामला तो साफ दिखता है कि यह वेश्या है और तुम संन्यासी हो। वे गए लेकिन फिर ऊपर से खबर आई कि कोई भूल-चूक नहीं है, जो होना था, वही हुआ है। वेश्या को स्वर्ग में ले आओ, संन्यासी को नरक में डाल दो और अगर ज्यादा ही जिद करे, तो उसे कारण समझा देना। संन्यासी ने जिद की, तो देवदूतों यह कारण बताना पड़ा—संन्यासी रहता तो मंदिर में था, लेकिन सोचता सदा वेश्या की था, भगवान की पूजा तो करता था, आरती भी उतारता था, लेकिन मन में प्रतिमा वेश्या की होती थी और जब वेश्या के घर में रात राग-रंग होता, बाजे बजते, नाच होता, कहकहे उठते, नशे में डूब कर लोग उन्मत्त होते, तो संन्यासी को ऐस...

चरित्र से होती है व्यक्ति की पहचान

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बोधकथा। एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद के विदेशी मित्र ने उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस से मिलने के लिये निवेदन करते हुये कहा कि वह उस महान व्यक्ति से मिलना चाहता है। जिसने आप जैसे महान व्यक्तित्व का निर्माण किया। जब स्वामी विवेकानंद ने उस मित्र को अपने गुरु से मिलवाया तो वह मित्र, स्वामी रामकृष्ण परमहंस के पहनावे को देखकर आश्चर्यचकित हो गया। उसने कहा “यह व्यक्ति आपका गुरु कैसे हो सकता है, इनको तो कपड़े पहनने का भी ढंग नहीं है”। तो स्वामी विवेकानंद ने बड़ी विनम्रता से कहा– “मित्र आपके देश में चरित्र का निर्माण एक दर्जी करता है लेकिन हमारे देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते है|” व्यक्ति की पहचान कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके बुद्धि, विचार और चरित्र से होती है।

उत्पन्ना एकादशी के पूजन से मिलता है अपार पुण्य

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  आस्था। बहुत कम ही लोगों को पता है कि एकादशी एक देवी थी, जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था। एकादशी अगहन मास की कृष्ण एकादशी को प्रकट हुई थीं, जिसके कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा इसी दिन से एकादशी व्रत शुरू हुआ था। ऐसा माना जाता है कि स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी माता के जन्म की कथा सुनाई। वैतरणी एकादशी को व्रत-उपवास रखने से शीघ्र ही समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हेमंत ऋतु में आने वाली इस एकादशी को उत्पत्तिका, उत्पन्ना और वैतरणी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन त्रिस्पृशा यानी कि जिसमें एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि भी हो, वह बड़ी शुभ मानी जाती है। इस दिन एकादशी का व्रत रखने से एक सौ एकादशी व्रत करने का फल मिलता है। ग्रंथों के अनुसार अगहन मास भगवान कृष्‍ण और विष्णु की भक्ति का महीना माना गया है। इस दिन विष्णु के शरीर से माता एकादशी उत्पन्न हुई थीं। कथा के अनुसार सतयुग में एक मुर नामक दैत्य था जिसने इंद्र सहित सभी देवताओं को जीत लिया। भयभीत देवता भगवान शिव से मिले तो शिव जी ने देवताओं को श्री हरि विष्‍णु के पास जाने को कहा। क्षीरसागर के जल में शयन क...

स्वयंसेवकों ने विदेशी घोष वाद्यों को स्वदेशी नाम दिया, बनाई नयी धुन

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1982 में भारत में सम्पन्न हुए एशियाड गेम्स के उद्घाटन समारोह में भारतीय नेवी दल ने स्वयंसेवकों द्वारा निर्मित रचना शिवराज का वादन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक शानदार संगठन है, जो देश का गौरव बढ़ाने का कार्य करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक ‘देश नहीं झुकने दूंगा’, वाले सूत्र पर काम करता है। सभी के साथ आत्मीय लगाव रखने वाले संघ की शाखा में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं, जो निहायत ही लुभावना होता है। सही मायने में कहा जाये तो संघ माने शाखा, शाखा माने कार्यक्रम, कार्यक्रम यानि खेल, समता, योग, आसन, सूर्य नमस्कार, गीत, सुभाषित, अमृतवचन, प्रार्थना तो मुख्य हैं। इसके अलावा कई कार्यक्रम हैं, जो संघ के स्वयंसेवक बड़ी लगन से करते हैं, सहज गिनाया नहीं जा सकता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में शारीरिक कार्यक्रमों का बड़ा महत्व है, शाखा पर खेल के साथ ही पथ संचलन का अभ्यास भी होता है, जब स्वयंसेवक घोष (बैंड) की धुन पर कदम मिलाकर चलते हैं, तो चलने वालों के साथ ही देखने वाले भी झूम उठते हैं। संघ में घोष का महत्व ठीक उसी प्रकार से है जैसे वीर के म...

उनाव में सूर्यमंदिर के दर्शन से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा व संतान का सुख

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  जानकारी। इक्ष्वाकु वंश के अविक्षित राजा के पुत्र तथा करंधम राजा के पौत्र वैशाली नरेश चक्रवर्ती सम्राट मरुत द्वारा अंगिरस ऋषि के दूसरे पुत्र एवं बृहस्पति के छोटे भाई संवर्त ऋषि के माध्यम से यमुना नदी के तट पर यज्ञ करवाया गया था। यज्ञ में काशी नरेश ने पाषाण यंत्र बनवाया, जो कालांतर में अमरकोश के रचयिता तथा चंद्रगुप्त द्वितीय के नवरत्न अमर सिंह सौरा द्वारा उनाव में लाया गया। कलयुग में 16 वीं शताव्दी में मऊरानीपुर के निकट कुरैचा गांव के रहने वाले सूर्य उपासक पंडित सदाराम एवं पतराम द्वारा सूर्य यंत्र को उनाव के निकट गोवर्धन नामक स्थान से पीपल की जड़ से निकाला गया तथा नदी किनारे गाय के गोबर, शहद, गुड़, मिट्टी आदि द्रव्यों से चबूतरा बनाकर स्थापित किया गया था। झांसी के सूवेदार मराठा नारूशंकर का कुष्ठ रोग ठीक होने पर उनके द्वारा सवा लाख स्वर्ण मुद्राओं का दान मन्दिर निर्माण के लिए दिया गया। मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ । मन्दिर का सिंहपौर (गुर्ज) बन ही पाया था, तभी दतिया नरेश बुन्देला शासक महाराज इंद्रजीत द्वारा मन्दिर का निर्माण कराया गया। इसके साथ ही दतिया के महाराजा भवानी सिंह(18...

आकर्षक पति चाहती हैं महिलाएं

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जानकारी। एक शोध में 113 विवाहित नए जोड़ों को शामिल किया गया था। शोध के दौरान शामिल जोड़े 30 साल की उम्र से कम के थे और उनकी शादी को चार महीने से अधिक हो गए थे। इस शोध के दौरान उन्हें एक पेपर दिया गया था, जिसमें उनके फिट रहने की इच्छा से जुड़े सवाल पूछे गए थे। जिन महिलाओं के पति आकर्षक होते हैं वह अपने आप को फिट रखने की ज्यादा प्रेशर बनाती हैं ताकि वह भी अपने पार्टनर की तरह दिख सकें। एक यूनिवर्सिटी में हुई इस रिसर्च में हिस्सा लेने वाली महिलाओं ने बताया कि उन पर डाइट या फिर भूखे रहने का कोई दबाव नहीं रहता है। वह रिलेशनशिप में काफी सकारात्मक महसूस करती हैं और खुश रहती हैं। महिलाएं रिश्तों की कद्र पर अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं लड़कों की बात करें तो हर लड़का किसी भी लड़की को पसंद करने से पहले कुछ चीजें जरूर देखता है। होंठ : लड़कियों के गुलाबी ओठ लड़कों को बहुत ज्यादा लुभाते हैं। वह इनके दीवाने होकर दिल दे बैठते हैं। हेयरस्टाइल : लुभाती हैं सुनहरी जुल्फें लड़के आमतौर पर लड़कियों के हेयरस्टाइल पर बहुत ध्यान देते हैं। किसी भी लड़की की हेयरस्टाइल ही यह बताने के लिए काफी होती है कि वह कितनी म...

रोगियों की सेवा करना पुण्य का काम

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बोधकथा। 1899 में कलकत्ते में भयंकर प्लेग फैला हुआ था, शायद ही कोई ऐसा घर बचा था, जिसमें रोग का प्रवेश न हुआ हो। स्वामी विवेकानंद, उनके कई शिष्य तथा गुरुभाई स्वयं रोगियों की सेवा-शुश्रूषा करते रहे, स्वयं अपने हाथों से नगर की गलियां और बाजार साफ करते रहे। इसी दौरान कुछ समाजसेवियों की मंडली स्वामी विवेकानंद से मुलाकात की, समाजसेवियों ने उनसे कहा-‘स्वामीजी, आप यह कार्य ठीक नहीं कर रहे हैं। पाप बहुत बढ़ गया है, इसलिए इस महामारी के रूप में भगवान लोगों को दंड दे रहे हैं, आप लोगों को बचाने का प्रयत्न कर रहे हैं! ऐसा करके आप भगवान के कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। इस पर स्वामी विवेकानंद ने गम्भीरता से कहा कि आप सब यह तो जानते ही होंगे कि मनुष्य इस जीवन में अपने कर्मों के कारण कष्ट और सुख पाता है। ऐसे में जो व्यक्ति कष्ट से पीड़ित है और तड़प रहा है, यदि दूसरा व्यक्ति उसके घावों पर मरहम लगा देता है और उसके कष्ट को दूर करने में मदद करता है तो वह स्वयं ही पुण्य का अधिकारी बन जाता है। अब यदि आपके अनुसार प्लेग से पीड़ित लोग पाप के भागी हैं तो भी हमारे जो सेवक इनकी मदद कर रहे हैं, वे तो पुण्य के भागी ब...

4 दिसम्बर के लगेगा 2021 का अंतिम सूर्यग्रहण

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  ज्योतिष। पंचांग के अनुसार 2021 का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष अगहन महीने की अमावस्या के दिन लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है। यह घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है। सूर्य ग्रहण 4 दिसम्बर को प्रात: 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा। 4 दिसम्बर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जिसके कारण भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। बता दें कि 2021 में 2 चंद्रग्रहण और दो ही सूर्यग्रहण का योग बना। पहला चंद्रग्रहण 26 मई 2021 को व 19 नवम्बर 2021 को लग चुका है। 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगा था। दूसरा और अंतिम आखिरी सूर्यग्रहण 4 दिसम्बर 2021 को लगेगा। चार दिसम्बर को लगने वाले सूर्यग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा ...

ऋषि पराशर ने कलयुग में दान रूप धर्म की महत्ता बताई

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विचार। मुनि वह व्यक्ति है जो आत्मनिरीक्षण करता है या जो विचारशील है। मूल रूप से, एक मुनि कुछ ऐसे दार्शनिक की तरह होता है जो इस बारे में सोचता है कि चीजें कैसे और क्यों होती हैं। ऋषि वह व्यक्ति है जिसे आमतौर पर उनके सैकड़ों वर्षों के तप या ध्यान के कारण सीखने और समझने के उच्च स्तर पर माना जाता है। पराशर एक मन्त्रद्रष्टा ऋषि, शास्त्रवेत्ता, ब्रह्मज्ञानी एवं स्मृतिकार है। पराशर महर्षि वसिष्ठ के पौत्र थे। नर्मदा के उत्तरी तट पर पराशर ने पुत्र-प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की और पार्वती ने प्रत्यक्ष दर्शन देकर उनकी इच्छा पूर्ण होने का आश्वासन दिया। चेदिराज नामक उपरिचर वसु एक बार मृगया के लिए निकला, तो सुगंधित पवन, सुंदर वातावरण आदि से प्रभावित राजा को अपनी पत्नी याद आयी और उसका वीर्य-स्खलन हुआ। उसे अपनी पत्नी तक पहुँचाने की, राजा ने एक श्येन पक्षी से प्रार्थना की। श्येन जब उसे ले जा रहा था, उसे मांसपिंड समझ कर मार्ग में एक दूसरा श्येन पक्षी हड़पने लगा। तब वह वीर्य कालिन्दी के जल में जा गिरा, जिसे ब्रह्मा के शापवश मछली के रूप में कालिन्दी में रहती आ रही अद्रिका नामक अप्सरा ने निगल लिया। फलतः ...

बाढ़ के दौरान नेपाल से उपजाऊ मिट्टी लाती है गंडक

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विचार। गंडक नदी अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी नेपाल से लेकर आती है जो कि बिहार व उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था वृद्धि में अहम भूमिका है, बिहार में दियारा (एक स्थानीय शब्दावली है जो भोजपुरी भाषी क्षेत्र में नदी के बाढ़ मैदान में स्थित एक स्थलरूप के लिये इस्तेमाल होती है।) क्षेत्र में किसान गन्ने की खेती कर अर्थव्यवस्था दुरुस्त रख रहे हैं। गन्ना विशेषज्ञों ने किसानों को सिंगल बड चिप विधि से गन्ने की बुवाई करने की सलाह दी है। इस विधि से गन्ने की बुवाई करने से प्रति हेक्टेअर लागत में 16 हजार 250 रुपये की कमी आएगी। यानी बुवाई में 50 क्विंटल बीज की बचत होगी। गन्ने की मोटाई व लम्बाई अधिक होने के चलते 25 प्रतिशत ज्यादा पैदावार होगी। यह विधि गन्ना किसानों की पहली पसंद बना हुआ है। वहीं जानकारी के अभाव में किसान सिर्फ गन्ने की फसल पर ही निर्भर रहते हैं। जबकि किसान गन्ने के साथ उड़द, मूंग, धनिया, सब्जी की बुवाई कर बहुत कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि दलहनी फसलों से भूमि में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है। बाजार में दलहन की काफी कमी है, इसके दाम भी काफी अच्छे रहते है...

नवम्बर 2021 से जुलाई 2022 तक विवाह के 53 शुभ मुहूर्त

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार शुभ मुहूर्त निकालने के लिए निम्न बातें जान लेना जरूरी है- तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, नवग्रहों की स्थिति, मलमास, अधिकमास, शुक्र और गुरु अस्त, अशुभ योग, भद्रा, शुभ लग्न, शुभ योग तथा राहुकाल आदि इन्हीं के योग से शुभ मुहूर्त निकाला जाता है यथा सर्वार्थसिद्धि योग। परम्परा के अनुसार वर व वधु के कुंडली में 36 बिंदुओं पर मिलान के बाद विवाह की तिथि तय होती है, इस बार यानि 2021 में चतुर्मास के बाद 21 नवम्बर से शादी का शुभ लग्न बन रहा है। नवम्बर 2021 से अगले वर्ष जुलाई 2022 तक विवाह के 53 शुभ मुहूर्त हैं। मालूम हो कि देवउठनी एकादशी बीते 14 व 15 नवम्बर को था और चतुर्मास का समापन हुआ। शादी विवाह सिर्फ तिथि ही नहीं, नक्षत्र, माह, तिथि, पंचश्लाका वेध, लग्न तथा शुभ ग्रह के हिसाब से तय होता है। 20 नवंबर को शनिवार के दिन अगहन (मार्गशीर्ष) प्रवेश कर रहा है, इसलिये 21 नवम्बर रविवार के दिन द्वितीया तिथि से विवाह आदि मंगल कार्यों की शुरुआत होगी। नवम्बर महीने में 21, 22 व 29 को, दिसम्बर माह में 1, 2, 5, 6, 8, 9 और 13 को, जनवरी 2022 में 23, 24 व 27 को फरवरी महीने में 2, 6, 7, 10 ...

पोस्ते की फसल से तैयार होता है अफीम, हेरोइन व मार्फीन

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विचार। देश में पोस्ते की फसल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यत: बोई जाती है। पोस्त की खेती व व्यापार के लिये सरकार के आबकारी विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। पोस्ते के पौधे से अहिफेन यानि अफीम निकलती है, जो नशीली होती है। आयुर्वेद में दस्त बन्द करने वाली सभी दवाओं में अफीम का मिश्रण होता है। कर्पूर रस अहिफेन युक्त अफीम से बनने वाली दवा है। सेक्स के कुछ उत्पाद भी अफीम युक्त होते हैं, लेकिन इनसे तत्कालिक लाभ ही मिलता है। हेरोइन में मार्फिन भी होता है, जो मेडिकल क्षेत्र में पेनकिलर दवा के रूप में काम में लिया जाता है। अफीम और एसिटिक मिलाकर हेरोइन तैयार की जाती है। इसका केमिकल फार्मूला है डाई एसिटिल। हेरोइन शारीरिक और मानसिक क्षमता को कम कर देती है। भारत में अफीम की पैदावार का प्रयोग दूसरे देशों में होने वाले व्यापार के लिए जमकर किया जाता था। अंग्रेजों ने अपने फायदे के लिए नशे की खेती कराई और अफीम के जरिए अपनी एकाधिकार कायम किया। मौजूदा दौर में भारत सरकार अपनी अफीम नीति के तहत लाइसेंस देती है। इसके लिए लाइसेंस के लिए कोई आवेदन नहीं करना पड़ता है बल्कि पहले से मौजूद रिकॉर्ड के ...

तीन राशियों के लिये बेहद शुभ है बुधादित्य योग

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 21 नवंबर 2021 से बुधादित्‍य योग बन रहा है, जो कि 20 दिनों तक रहेगा। बुधादित्‍य योग 3 राशियों के जातकों के लिए बेहद शुभ है। जबकि तीन राशियों के लिये आंशिक फलदायी है। सफलता, स्‍वास्‍थ्‍य, आत्‍मविश्‍वास के कारक ग्रह सूर्य और बुद्धिमत्‍ता, धन के कारक ग्रह बुध शीघ्र ही युति बनाने जा रहे है। बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट है और इसीलिए उसका पुरुषत्व समाप्त हो गया, लेकिन बुध भी अपना प्रभाव अन्य ग्रहों के सान्निध्य की अपेक्षा सूर्य के साथ होने पर विशेष लाभ प्रदान करता है। जन्मांग चक्र में प्राय: 70 प्रतिशत संभावना सूर्य, बुध के एक साथ बने रहने की ही होती है। बुधादित्य नाम से विख्यात यह योग अलग-अलग भावों में अतिविशिष्ट फल प्रदान करने वाला होता है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा, पिता, सम्मान, आदि का कारक माना गया है वहीं, बुध को ज्ञान, बुद्धि, व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में जब ये दोनों ग्रह मिलते हैं तो बुधादित्य योग का निर्माण होता है। बुधादित्य योग जब वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ लग्न में हो तो व्यक्ति प्रभावशाली होता है। यह योग 10 दिसम्बर तक रहेगा...

देश का गौरव बढ़ा रही हैं आत्मनिर्भर महिलायें

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विचार। चाहे खेल हो या अंतरिक्ष विज्ञान, देश की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वह कदम से कदम मिला करआगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम गौरवान्वित कर रही हैं। महिला वह शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज्यादा में, न कम में, वह सब में बराबर की अधिकारी है। केंद्र सरकार की कई योजनाएं केवल महिलाओं के लिए हैं। मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाए हैं। जिसका लाभ बड़े पैमाने पर देश की महिलाओं को मिल रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ें। वैसे भी हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। सुकन्या समृद्धि योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, महिला शक्ति केंद्र जैसी योजनायें महिलाओं को सशक्त करने के लिये ही है। कुछ साल पहले तक घरेलू व्यवसाय के क्षेत्र में महिलाएं ब्यूटी पार्लर और पापड़-अचार बनाने तक सीमित थीं, लेकिन अब उन्होंने शिल्प से लेकर वनोपज उत्पादों के निर्माण जैसे कई क्षेत्रों में कदम बढ़ाए हैं। ...

जनजातीय क्राफ्ट मेले ने लोगों का मन मोहा, अद्भुत कला प्रदर्शनी

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विचार। मानव सभ्यता की जड़ आदिवासी ही हैं, यह कहना कतई गलत नहीं है। मानव सभ्यता नदियों के किनारे जंगलों में ही शुरू हुई। छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला वनों से ढका हुआ है। यह भारत में उपस्थित जनजातियों  समुदाय का बड़ा हिस्सा यहाँ निवासरत है। बस्तर शिल्प की दीवार दुनिया भर में कला उत्साही और कला के जानकारों का ध्यान आकर्षित करते हैं। बस्तर कलाकृतियों आमतौर पर जनजातीय समुदाय की ग्रामीण जीवनशैली को दर्शाती है। छत्तीसगढ़ कला और संस्कृति के लिहाज से समृद्ध है, इसमें भी खासतौर पर आदिवासियों की हस्तकला और शिल्प के लिए लोगों की दीवानगी देखते ही बनती है। छत्तीसगढ़ जनजातीय क्राफ्ट मेला के तीसरे दिन बड़ी संख्या में लोग जनजातीय क्राफ्ट मेला में पहुंचे और अपने पसंद की वस्तुओं की खरीदी की। इस दौरान गोदना और ढोकरा शिल्प, बांस कला जैसी पुरानी कलाओं को नए अंदाज में देखकर युवा खासा उत्साहित नजर आए। छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति कल्याण विभाग एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित छत्तीसगढ़ जनजातीय क्राफ्ट मेले में इस बार नयापन देखने को मिला। बेलमेटल, बांस और ढोकरा शिल्प के माध्यम से डेकोरेटिव...

खुद के लिये नहीं किया जाता विद्या का प्रयोग

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बोधकथा। एक गांव मे एक व्यक्ति पशु, पक्षियों का व्यापार किया करता था। उसे मालूम हुआ कि उसके गुरू को पशु, पक्षियों की बोली लगाने की अच्छी विद्या आती है, वह पहुंच गया गुरु के पास और जाते ही गुरु की सेवा करने लगा तो उसने कहा कि मुझे पशु, पक्षियों के व्यापार करने की विद्या बता दो, जिससे मुझे अच्छा मुनाफा हो सके। गुरु ने कहा—ठीक है, लेकिन एक बात ध्यान रखना कि कभी भी इस विद्या का प्रयोग अपने फायदे के लिए मत करना, व्यापारी ने कहा—ठीक है गुरु जी। व्यापारी जैसे ही घर पहुंचा कबूतर उससे कहता है कि दो दिन बाद बैल मरने वाले हैं, वह सुनते ही बैलों को बेच देता है। उसे अच्छा मुनाफा होता है। दूसरे दिन एक चिड़िया कहती है कि मुर्गियां मरने वाली हैं, उसने सारी मुर्गियां अच्छे दामों पर बेच दी। एक बार बिल्ली ने कहा कि तुम मरने वाले हो, तो व्यापारी परेशान हो जाता है और गुरु के पास जाता है और कहता है कि मै मरने वाला हूं। इस पर गुरु कहते हैं कि मैंने पहले कहा था कि इस विद्या का प्रयोग कभी खुद की भलाई के लिए मत करना। खुद के मुनाफे के लिए कभी मत करना। विद्या की हमेशा एक खासियत होती है, उसे कभी अपने लिए नहीं प्रयो...

शारीरिक परिश्रम से नहीं डरते कर्मठ किसान

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विचार। दो बैलों की जोड़ी से जुताई का कोई मुकाबला नहीं है। आज भी देश के कई जगहों पर दो बैलों की जोड़ी और हल-जोठ-सरावन की हनक बरकरार है। अधिकतर जगहों पर आज भी बैलकोल्हू चलता है, अच्छे-अच्छे कोल्हुआर बैलों के सहारे उद्यम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अक्सर ठंडी के दिनों में बैलगाड़ी से कोल्हुआर से बना गुड़ व चीनी बेंचते हैं, जो स्वाद में निहायत बेमिसाल रहता है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी बेहतर रहता है। देश के कई किसान ट्रैक्टर की जोताई की बजाय बैलों की जोड़ी से जोताई करना बेहतर समझते हैं। एक समय वह था जब हर खेतिहर किसान ही नहीं बल्कि खेतिहर मजदूर भी एक जोड़ी बैल जरूर रखता था। वर्ष में एक बार उनकी ही नहीं बल्कि हल-जोठ की भी पूजा होती थी। देशी हल की जोताई से खेत में जगह नहीं छूटती थी। खेत ऊंचा-नीचा नहीं होता था जबकि ट्रैक्टर की जोताई करने पर खेत ऊंचा हो जाता है। फसल बोने पर बीच में लाइन बन जाती है और बीज की बरबादी होती है। खेत के कोन किनारे ट्रैक्टर से नहीं बन पाते हैं। बैलों से खेती हर तरह से लाभदाय है, इसके पीछे किसानों के तर्क को कृषि वैज्ञानिक कुछ हद तक सही मानते हैं।...

आखिरकार नहीं हो पाया उल्लू का राज्याभिषेक

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बोधकथा। सृष्टि के प्रथम निर्माण चक्र के तुरंत बाद मनुष्यों ने एक सर्वगुण-सम्पन्न पुरुष को अपना अधिपति बनाया, जानवरों ने सिंह को तथा मछलियों ने आनन्द नाम के एक विशाल मत्स्य को। इससे प्रेरित होकर पंछियों ने भी एक सभा की और उल्लू को भारी मत से राजा बनाने का प्रस्ताव रखा। राज्याभिषेक के ठीक पूर्व पंछियों ने दो बार घोषणा भी की कि उल्लू उनका राजा है किन्तु अभिषेक के ठीक पूर्व जब वे तीसरी बार घोषणा करने जा रहे थे तो कौवे ने काँव-काँव कर उनकी घोषणा का विरोध किया और कहा क्यों ऐसे पक्षी को राजा बनाया जा रहा था जो देखने से क्रोधी प्रकृति का है और जिसकी एक वक्र दृष्टि से ही लोग गर्म हांडी में रखे तिल की तरह फूटने लगते हैं। कौवे के इस विरोध को उल्लू सहन न कर सका और उसी समय वह उसे मारने के लिए झपटा और उसके पीछे-पीछे भागने लगा। तब पक्षियों ने भी सोचा की उल्लू राजा बनने के योग्य नहीं था क्योंकि वह अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर सकता था। अत: उन्होंने हंस को अपना राजा बनाया। माना जाता है कि उल्लू और कौवों की शत्रुता तभी से आज तक चलती आ रही है।

अमेजन के जंगल में घट रहा पक्षियों का आकार

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विश्लेषण। अमेजन जंगल का अधिकतर करीब साठ प्रतिशत हिस्सा ब्राजील में पड़ता है, पेरू में 13 प्रतिशत, कोलंबिया में 10 फीसदी, बाकी का हिस्सा वेनेजुएला, इक्वेडोर, बोलीविया, गयाना, सूरीनाम आ फ्रांस में बंटे हैं। अमेजन के जंगलों में काले कैमान, जगुआर, कौगर, और एनाकोंडा जैसे विशालकाय सांपों का बसेरा है। अमेजन मे कई प्रकार की आदिवासी जनजातियां भी पायी जाती हैं, जो कि सिर्फ अमेजॉन के जंगलों पर ही निर्भर हैं और यह प्रजाति विश्व में अन्यत्र कही और नहीं पायी जाती| अमेजन के जंगल में अनेक पक्षी पाए जाते हैं जिनमें प्रमुख रूप से गुंजन पक्षी, टूकन, रंगीन पक्षित वाले पक्षी एवं भोजन के लिए बड़ी चोंच वाले पक्षी मुख्य हैं। प्राणि वैज्ञानिकों ने अकेले ब्राजील में 96 हजार 660 और 1 लाख 28 हजार 843 अकशेरुकी प्रजातियों के बीच का वर्णन किया है। वहीं दूसरी ओर खबरों के अनुसार अमेजन के जंगल में भी जलवायु परिवर्तन का असर हो रहा है। अमेजन में पक्षियों के शरीर का आकार घट रहा है और उनके पंखों का फैलाव बढ़ रहा है। एक साइंस पत्रिका में छपे नए शोध के नतीजों में दावा किया गया है कि पिछले चार दशकों में ज्यादा गर्म और सूखे मौस...

बुराई में अच्छाई

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बोधकथा। एक शिष्य अपने गुरु से सप्ताह भर की छुट्टी लेकर अपने गांव जा रहा था। तब गांव पैदल ही जाना पड़ता था। जाते समय रास्ते में उसे एक कुआं दिखाई दिया। शिष्य प्यासा था, इसलिए उसने कुएं से पानी निकाला और अपना गला तर किया। शिष्य को अद्भुत तृप्ति मिली, क्योंकि कुएं का जल बेहद मीठा और ठंडा था। शिष्य ने सोचा - क्यों ना यहां का जल गुरुजी के लिए भी ले चलूं। उसने अपनी मशक भरी और वापस आश्रम की ओर चल पड़ा। वह आश्रम पहुंचा और गुरुजी को सारी बात बताई। गुरुजी ने शिष्य से मशक लेकर जल पिया और संतुष्टि महसूस की। उन्होंने शिष्य से कहा- वाकई जल तो गंगाजल के समान है। शिष्य को खुशी हुई। गुरुजी से इस तरह की प्रशंसा सुनकर शिष्य आज्ञा लेकर अपने गांव चला गया। कुछ ही देर में आश्रम में रहने वाला एक दूसरा शिष्य गुरुजी के पास पहुंचा और उसने भी वह जल पीने की इच्छा जताई। गुरुजी ने मशक शिष्य को दी। शिष्य ने जैसे ही घूंट भरा, उसने पानी बाहर कुल्ला कर दिया। शिष्य बोला- गुरुजी इस पानी में तो कड़वापन है और न ही यह जल शीतल है। आपने बेकार ही उस शिष्य की इतनी प्रशंसा की। गुरुजी बोले- बेटा, मिठास और शीतलता इस जल में नहीं है तो ...

देवउठनी एकादशी 14 व 15 नवम्बर को, शुरू हो जायेंगे शुभ कार्य, तुलसी-शालिग्राम विवाह करने से मिलता है अपार पुण्य

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ज्योतिष। 14 नवम्बर 2021 को चतुर्मास की समाप्ति हो जाती है और सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे। देवउठनी एकादशी तिथि की शुरुआत 14 नवम्बर 2021 को प्रात: 5:48 मिनट से होगा और सोमवार, 15 नवम्बर 2021 को सुबह 6:39 बजे एकादशी तिथि का समाप्त होगा। इस वर्ष देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह 15 नवम्बर, सोमवार के दिन भी होंगे। देवउठनी एकादशी के दिन इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान को जगाएं- 'उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये। त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्‌ सुप्तं भवेदिदम्‌॥' 'उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव। गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥' 'शारदानि च पुष्पाणि गृहाण मम केशव।' इसके बाद विधिवत पूजा करें। सनातन धर्म में एकादशी श्रेष्ठ बताया गया है। प्रत्येक माह दोनों पक्षों, कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी का व्रत किया जाता है। हर एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित की जाती है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान या देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागते हैं और पुनः सृष्टि का संचालन...

नागरिकों में डिजिटल समानता लाना बेहद जरूरी

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विचार। डिजिटल इंडिया केंद्र सरकार की आश्वासनात्मक योजना है। कई कम्पनियों ने इस योजना में अपनी दिलचस्पी दिखायी है। यह भी माना जा रहा है कि ई-कॉमर्स डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट को सुगम बनाने में मदद करेगा। जबकि, इसे कार्यान्वयित करने में कई चुनौतियां और कानूनी बाधायें भी आ सकती हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि देश में डिजिटल इंडिया सफल तब तक नहीं हो सकता जबतक कि आवश्यक बीसीबी ई-गवर्नेंस को लागू न किया जाये। वहीं कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार बिना साइबर सुरक्षा के ई-प्रशासन और डिजिटल इंडिया व्यर्थ है। कोरोना काल से पहले भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया था और इसी बीच कोरेाना आ गया, जहां डिजिटलाइजेशन की बेहद जरूरत महसूस की गयी और अधिकतर लोगों से इस दौरान डिजिटल प्रक्रियाओं का पालन किया और बीमारी से यथासम्भव सुरक्षित रह पाये। कोरोना काल में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई, पैसे का लेनदेन आदि में काफी मददगार साबित हुआ।  वहीं डिजिटाइजेशन का दूसरा पहलू यह कि जीवन के हर क्षेत्र में डिजिटल प्रक्रिया और कृत्रिम बुद्धि का ही बोलबाला हो रहा है। रोबोट बहुत सारे काम यहाँ तक कि जटि...

सूर्य नमस्कार से निखरता है मन, सुडौल बनता है शरीर

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जानकारी। योग-व्यायाम और शारीरिक क्रिया न केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है बल्कि दिमाग को फिट रखने के लिए भी अहम है। ऋषि, मुनि ऐसे ही शक्तिशाली और विद्वान नहीं बने, बल्कि मन और मस्तिष्क को सुंदर और सुदृढ़ रखने के लिये सबसे आसान तरीका है योग और व्यायाम। प्रत्येक व्यक्ति को योग करना चाहिए, इसके नुकसान कुछ नहीं बल्कि फायदे  अनगिनत हैं। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपनी शाखा में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य रखा है। सूर्य नमस्कार के 12 चरण का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले। सूर्य नमस्कार से मन व मस्तिष्क में निखार आता है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है। इससे डाइजेशन सुधरता है, साथ ही कब्ज, एसिडिटी और पेट में जलन जैसी समस्याएं निय़ंत्रित होती हैं। सूर्य नमस्कार करने से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन खून तक पहुंचती है। इससे बॉडी में मौजूद कार्बन डाइ ऑक्साइड और बाकी जहरीली गैसें बाहर निकलती हैं। रोज सूर्य नमस्कार करने से ...

क्रिकेट की विश्वसनीयता पर सवाल

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विचार। टीम इंडिया 17 नवम्बर से न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज खेलेगी। क्रिकेट टीम में कुछ नए चेहरों को जगह दी गई है और कुछ खिलाडिय़ों को टी 20 विश्वकप कप में निराशाजनक प्रदर्शन करने की वजह से टीम से बाहर कर दिया गया है। खास बात यह है कि इस दौरे के लिए कप्तानी रोहित शर्मा को सौंपी गई है। केएल राहुल  को टीम का उपकप्तान बनाया गया है। सीनियर खिलाड़ी विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा को इस सीरीज में आराम दिया गया है। देश में क्रिकेट को लेकर इतनी दीवानगी है कि क्रिकेट में हार तो देश हारा, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए, क्रिकेट सिर्फ एक खेल है और ग्राउंड में खिलाडिय़ों के प्रदर्शन के आधार पर जीत-हार का फैसला होता है। कोई टीम हमेशा जीत नहीं सकती, उसे हार का स्वाद तो चखना ही पड़ेगा, लेकिन देश के कुछ लोगों ने पाकिस्तान की जीत पर खुशियां मनायी थी, यह वास्तव में निंदनीय है और अक्षम्य अपराध है। देश में धर्म के साथ कई मतों, पथों के लोग रह रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं कि देश के खिलाफ बोला जाये, देश के खिलाफ काम किया जाये। क्रिकेट प्रेमियों को यह ज्ञात होना चाहिए कि क्...

अद्भुत है सनातन धर्म

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 जानकारी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म लाखों वर्ष से अस्तित्व में है, सनातन का आदि है न अंत, शाश्वत है। सनातन के प्रत्येक नियम मोक्ष का मार्ग है, क्या हैं सनातन की जीवनशैली- संध्यावंदन, व्रत, तीर्थ, उत्सव, दान, सेवा संस्कार, यज्ञ, गीता-वेदपाठ और धर्म प्रचार। शुभ फूल में आंकड़ा, कमल, पारिजात, गुड़हल, रजनीगंधा, कनेर, चंपा, गुलाब, चमेली, गेंदा। शुभ पत्ते हैं- तुलसी, बिल्वपत्र, पान के पत्ते, केले के पत्ते, आम के पत्ते, शमी के पत्ते, पीपल के पत्ते, बरगद के पत्ते, आंकड़े के पत्ते और सोम पत्ती। पेय हैं- पंचामृत, चरणामृत, तुलसी रस, आंवला रस, नीम रस, सोमरस, पंचगव्य, अमृत, गंगाजल और खीर। इसके अलावा और भी सनातन धर्म से सम्बन्धित क्रिया व कार्य हैं।