भारत की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, आतंकवाद सहन नहीं कर सकते
विचार। गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। गृहमंत्री ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और पुलवामा के शहीद स्मारक पर वीर बलिदानियों की स्मृति में पौधारोपण किया। वीर बलिदानियों का कोटि-कोटि वंदन किया। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देशहित में धारा 370 हटने के बाद घाटी में हिंसा की अटकलें लगाई जाती थी, लेकिन सीआरपीएफ की मुस्तैदी के कारण कहीं पर किसी को एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी ये हम सभी के लिए बहुत गर्व का विषय है। जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी जो पहले आम बात थी आज अदृश्य हो गई है। आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। हम आतंकवाद को सहन नहीं कर सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि मैं घाटी के युवाओं से दोस्ती करना चाहता हूं, इसीलिये आपके बीच बिना बुलेटप्रूफ के आया हूं। मालूम हो कि जम्मू—कश्मीर में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही बदलाव की बयार बड़े स्तर पर देखने का मिल रही है। विगत दिनों अनुच्छेद 370 के हटने से यहां के लोगों ने और ज्यादा आजादी महसूस की जिससे इनको इस बात की प्रामाणिकता मिल गई अब यहां के हालात बिल्कुल बदल गए। इस बात की जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास होगी कि अलगाववादियों की सुरक्षा व अन्य जीवन प्रक्रिया पर करोड़ों रुपया खर्च होता था। 2016 मे केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया था कि 2009 से 2014 तक अलगाववादियों को सुरक्षित स्थलों पर ठहरवाने, देश-विदेश की यात्राएं करवाने व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के अलावा भी कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती थी जिसका 5 साल में 560 करोड़ रुपये का खर्चा आया था। इस हिसाब से सालाना 112 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इतने बजट से किसी अन्य बड़ी योजना को अंजाम दिया जा सकता था जिससे देश का भला होता। जबकि इन नेताओं का काम सिर्फ पाकिस्तान पक्ष की बातें करना या उनकी चमचागिरी करना था। बंटवारे से लेकर अब तक हिन्दुस्तान इस दुर्भाग्य से जूझ रहा था लेकिन जब से मोदी सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर एक्शन में आई है तब से सब पूरी तरह बदल गया। दरअसल आतंकवादियों ने कभी यह सोचा भी नहीं था कि उनकी जम्मू-कश्मीर में उनकी दुकानदारी एकदम बंद हो जाएगी लेकिन बीते दिनों में जो भी हो रहा है उस पर केन्द्र सरकार को एक बड़े एक्शन ऑफ प्लॉन की जरूरत है। चूंकि अब लोगों को जम्मू-कश्मीर की बदली तस्वीर भाने लगी है। शाह के दौरे के बाद जनता व सेना में एक सकारात्मक ऊर्जा दिखने को मिली लेकिन अभी स्थिति नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण होगा। जम्मू-कश्मीर में गृहमंत्री अमित शाह की एक-एक बात गौर करने लायक है। गृहमंत्री अमित शाह की पूरी कोशिश है कि घाटी में शांति रहे, लेकिन आतंकी आये दिन अपनी फितरत से बाज नहीं आ रहे हैं। आखिर यह आतंकी क्यों बम फोड़ते हैं, क्यों निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे हैं, जबकि इनकी संख्या यानि कि इस्लाम मानने वालों की संख्या कई देशों में है और इतिहास गवाह है कि इसी इस्लाम से निकले अधिकतर लोगों ने लूटपाट, हत्याएं, बलवा आदि करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, यह लोग बम फोडक़र और गोलियां दागकर, निर्दोषों की हत्याएं कर रहे हैं, इसमें इन्हें बड़ा आनंद आता है, आखिर क्यों की जाये हत्याएं? यह बहुत बड़ा सवाल है। बात अपने देश भारत की करें तो यहां भी कुछ मुट्ठी भर लोग देश को नोचने में लगे हैं, शैतानी फितरत लगाये बैठे हैं, जहां मौका मिलता है भ्रष्टता, देश का नुकसान जरूर करते हैं। प्राचीन, शाश्वत भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का घिनौना पाप न सुना जाना चाहिए, न देखा जाना चाहिए। मौजूदा दौर में भारत में रहने वालों में हिंदू, इस्लामिक, जैन, बौध, पारसी, ईसाई समेत कई अलग-अलग धर्म, मतों के लोग एकसाथ रहते हैं और जाने-अंजाने में एकदूसरे के काम आते हैं-जैसे कोई टैक्सी चला रहा है, कोई दुकान खोले हुए है, कोई इंजीनियर है, कोई डॉक्टर है-कहने का तात्पर्य यह कि चाहे जिस मत के हों रहते साथ है, एकदूसरे का आदान-प्रदान हो ही रहा है, तो क्या ऐसा नहीं होना चाहिए कि अलग मत रखते हुये भारत के लिये एक रहा जाये, यह जान लेना आवश्यक है कि भारत है तभी विश्व है, तभी मानव सभ्यता बची रहेगी, यह अकाट्य सत्य है, देश के प्रति जो पैनी निगाह लगाये हुए हैं, तो उन्हें भी पिछला सत्य इतिहास पढ़ लेना चाहिए, यानि कि भारत न डिगा है और न डिगेगा। भारत ही करेगा विश्व कल्याण, करता आया है और कर भी रहा है। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गये गृहमंत्री अमित शाह ने खीर भवानी मंदिर में पूजा की। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के गंदेरबल जिले में खीर भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना की। गृहमंत्री सोमवार को तडक़े मध्य कश्मीर जिले के तुल्लामुल्ला इलाके में चिनार के पेड़ों से घिरे मंदिर परिसर में गए। पारंपरिक कश्मीरी फिरन पहने शाह ने माता रागन्या देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना की। बताते चलें कि गृहमंत्री अमित शाह ने जवानों के साथ डिनर किया, जो सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया गया।
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