सकारात्मक सोचें, जरूर मिलेगी सफलता
बोधकथा। एक निजी कम्पनी में नौकरी के लिये साक्षात्कार चल रहा था, जहां काफी युवक इंटरव्यू देने पहुंचे थे, उन सभी अभ्यर्थियों में से सिर्फ दो युवक का चयन होता है। कम्पनी के लिए दुविधा हो जाती है कि दोनों में से किसे इस जॉब के लिए लिया जाये। कम्पनी के हेड एक-दूसरे से विचार विमर्श करने के बाद उनको तरकीब सूझी, दोनों युवक को अलग-अलग बुलाया जाता है। उनके सामने एक गिलास में 50 प्रतिशत पानी भर दिया जाता है और उन्हें सवाल पूछा जाता है कि आपको इस गिलास में क्या दिखाई दे रहा है। पहला युवक कहता है कि मुझे यह गिलास आधा खाली दिखाई दे रहा। दूसरा युवक कहता है कि मुझे यह गिलास आधा भरा हुआ दिखाई दे रहा है। कम्पनी के लिए दूसरा युवक का चयन करना आसान हो जाता है क्योंकि उन्हें उस युवक ने सकारात्मक दृष्टि दिखाई देती है और उस पहले युवक में उसका नजरिया नकारात्मक दिखाई देता है। कम्पनी वाले दूसरे युवक को उसकी सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण जॉब के लिए चुन लेते हैं, अर्थात हमें हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए, तभी हमें सफलता मिल सकती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें