सिद्धार्थनगर में गदगद दिखे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

विचार। 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं, यहां उत्तर प्रदेश में भी 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोत्तरी की गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखने भारी संख्या में भीड़ पहुंची थी, इससे उत्तर प्रदेश के नेता व प्रधानमंत्री मोदी स्वयं गदगद दिखायी दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने सम्बोधन शुरू करने से पहले लोगों से अनुमति मांगी और सिद्धार्थनगरवासियों ने एक स्वर में हां कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साथियों यही उत्साह और ऊर्जा कुछ दिन बनाये रखना होगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस वाक्य से लोगों ने खूब ठहाके लगाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में  9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत की। वहीं सिद्धार्थनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर नौ मेडिकल कालेजों के उद्घाटन के बाद जनसभा को सम्बोधित किया। सम्बोधन की शुरुआत उन्होंने भोजपुरी भाषा से की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तथा प्रदेश में हमारी राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता के कारण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार हुआ है, जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे। उत्तर प्रदेश की जनता ने योगी आदित्यनाथ को सेवा का मौका दिया तो उन्होंने दिमागी बुखार को बढऩे से रोका, जिससे हजारों बच्चों का जीवन बच पाया। सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है। मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि यहां पहले जो सरकार थी, उसने हमारा साथ नहीं दिया। विकास के कार्यों में वो राजनीति को ले आई, केंद्र की योजनाओं को यहां उत्तर प्रदेश में आगे नहीं बढऩे दिया। आज का दिन पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। आज केन्द्र में जो सरकार है, यहां उत्तर प्रदेश में में जो सरकार है, वह अनेक कर्मयोगियों के दशकों की तपस्या का योगदान है। जिस पूर्वांचल छवि को पूर्ववर्ती सरकारों ने खराब कर दी थी, वह पूर्वांचल अब सेहत के क्षेत्र में नया उजाला देने जा रहा है। योगी जी मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद के रूप में उनकी छोटी उम्र थी। इसके बाद भी उन्होंने पूर्वांचल की स्वास्थ समस्या को संसद में उठाया था। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोमवार को यहां से प्रदेश के कुल नौ मेडिकल कालेजों की शुरुआत हो रही है। यही कोरोना संक्रमण के कारण हमारे बीच न रहने वालों के लिये श्रद्धांजलि है। भारत की पहचान सशक्त भारत के रूप में बनी है। 70 वर्षों में 12 मेडिकल कालेज खुले थे। मुझे याद है यहां कैसे मासूम बच्चे दिमागी बुखार से मरते थे। अब तो बच्चों के लिए हर अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था है, 95 प्रतिशत बीमारी पर नियंत्रण हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य, परिवार व कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज हो। एक दिन में नौ मेडिकल कालेजों को समर्पित किया जा रहा है। यह छोटी बात नहीं है। सभी जिलों में रहने वाले लोगों को हेल्थ की सुविधायें मिलेगी। सिद्धार्थनगर के सांसद जगदम्बिका पाल ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई।

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