5 साल बाद करवा चौथ पर बन रहा है शुभ योग

ज्योतिष। शास्‍त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत करने से न सिर्फ पति की आयु लम्बी होती है बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सौभाग्‍य की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के दिन माता पार्वती, शिवजी और कार्तिकेय का पूजन करने से शुभ फल मिलता है। कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार यानि 2021 में 24 अक्‍टूबर को पड़ रही है। चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ 24 अक्‍टूबर को रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और 25 अक्‍टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगा। करवा चौथ के दिन सुबह उठकर सरगी का सेवन किया जाता है और उसके बाद स्‍नान करके घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत शुरू किया जाता है। करवा चौथ का व्रत पूरे दिन निर्जला किया जाता है और उसके बाद शाम के समय तुलसी के समक्ष बैठकर करवा चौथ के व्रत की विधि विधान से पूजा की जाती है। चांद निकलने से पहले थाली में धूप-दीप, रोली, अक्षत, पुष्‍प और मिठाई रख लें। करवे में अर्घ्‍य देने के लिए जल भर लें और फिर चांद निकलने के बाद अर्घ्‍य देकर छलनी से पति का चेहरा देखकर व्रत तोड़ा जाता है। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी के दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। करवा चौथ पर इस बार 5 साल बाद शुभ योग बन रहा है कि करवा चौथ के व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जाएगी। इसके अलावा रविवार को यह व्रत होने से भी सूर्यदेव का शुभ प्रभाव भी करवा चौथ व्रत पर पड़ेगा।

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