'हिंदू' एक होंगे तभी भारत मजबूत बनेगा

विचार। फिल्म अभिनेता शाहरूख खान देश हित के सवालों पर स्टैड लेने से बचते हैं। सर्वविदित है कि शाहरूख इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक हैं। वे खुद भी कहते हैं कि वे क्रिकेट देखना-खेलना पसंद करते हैं। तो क्या उन्हें पता नहीं होगा कि टी-20 वल्र्ड कप में भारत पाकिस्तान के बीच हुए मैच के खत्म होने के बाद एक खास समुदाय के लोगों ने आतिशबाजियां छोड़ीं। उन्होंने अपने कॉलेजों में जश्न मनाया? भारत के लिए अपशब्द कहे। क्या शाहरूख खान को इन घोर राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ बोलना नहीं चाहिए था? वे अगर इन्हें कसते तो उनकी सारे देश में छवि एक नए रूप में उभर कर सामने आती। उनकी इज्जत में चार चांद लग जाते। शाहरूख खान ने इस तरह के सारे सुनहरे मौके खो दिये । वे देश द्रोहियों को कड़ी सजा देने की अपील करके अपने को डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम और अजीम प्रेमजी की श्रेणी में खड़ा कर सकते थे। शाहरूख खान खाली हाथ मुंबई गए थे। उन्हें मुंबई ने क्या नहीं दिया। पर उनके शहर में जब पाकिस्तान ने आतंकी हमला करवाया तो भी उन्होंने पाकिस्तान या वहां के कठमुल्लों के खिलाफ एक भी शब्द बोलने की हिम्मत नहीं ...