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अक्टूबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

'हिंदू' एक होंगे तभी भारत मजबूत बनेगा

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 विचार। फिल्म अभिनेता शाहरूख खान देश हित के सवालों पर स्टैड लेने से बचते हैं। सर्वविदित है कि शाहरूख इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक हैं। वे खुद भी कहते हैं कि वे क्रिकेट देखना-खेलना पसंद करते हैं। तो क्या उन्हें पता नहीं होगा कि टी-20 वल्र्ड कप में भारत पाकिस्तान के बीच हुए मैच के खत्म होने के बाद एक खास समुदाय के लोगों ने आतिशबाजियां छोड़ीं। उन्होंने अपने कॉलेजों में जश्न मनाया? भारत के लिए अपशब्द कहे। क्या शाहरूख खान को इन घोर राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ बोलना नहीं चाहिए था? वे अगर इन्हें कसते तो उनकी सारे देश में छवि एक नए रूप में उभर कर सामने आती। उनकी इज्जत में चार चांद लग जाते। शाहरूख खान ने इस तरह के सारे सुनहरे मौके खो दिये । वे देश द्रोहियों को कड़ी सजा देने की अपील करके अपने को डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम और अजीम प्रेमजी की श्रेणी में खड़ा कर सकते थे। शाहरूख खान खाली हाथ मुंबई गए थे। उन्हें मुंबई ने क्या नहीं दिया। पर उनके शहर में जब पाकिस्तान ने आतंकी हमला करवाया तो भी उन्होंने पाकिस्तान या वहां के कठमुल्लों के खिलाफ एक भी शब्द बोलने की हिम्मत नहीं ...

2 नवंबर को है धनतेरस, त्रयोदशी के दिन समुद्र से निकले थे भगवान धन्वंतरि

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ज्योतिष। सनातन धर्म धर्म में धन्वन्तरि को विष्णु अंश अवतार देवता हैं, धन्वन्तरि आयुर्वेद प्रवर्तक हैं। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरी, चतुर्दशी को काली माता और अमावस्या को भगवती महालक्ष्मी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ था। प्रत्‍येक कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस त्योहार मनाया जाता है। कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धनवंतर‍ि पृथ्वी पर सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे। इस बार यानि 2021 में यह त‍िथ‍ि 2 नवम्बर को है। धनतेरस के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर भगवान धनवंतर‍ि की पूजा करें। पूजा करते समय अपने मुंह को हमेशा ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखें। पूजा करते समय पंचदेव यानी भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान धनवंतर‍ि की षोडशोपचार पूजा करें। पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं। पूजा समापन करने के बाद भगवान धनवंतर‍ि के सामने धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम, चंदन, अक्षत और फूल चढ़ाकर मंत्रोच्‍चार करते हुए प्रणाम...

कमाल के मुख्यमंत्री हैं योगी आदित्यनाथ

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विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'श्री अयोध्या जी' के भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रज्ज्वलन के लिये राष्ट्रीय गोधन महासंघ द्वारा निर्मित 'गौमय दीपों' को ले जाने वाले वाहन को रवाना किया। मुख्यमंत्री योगी ने महान सनातन संस्कृति की पावन संत परम्परा के अतुल्य प्रतिनिधि, आर्य समाज के संस्थापक, अद्भुत सामाजिक व आध्यात्मिक चिंतक, प्रतिबद्ध समाज सुधारक महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि दी। प्रदेश के विकास के लिये योगी सरकार ने सराहनीय कार्य किया है, इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिए। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से जो कार्य नहीं हुए वह कार्य किये गये, कोरोना काल जैसी विषम आपदाओं में भी योगी ने डंटकर सामना किया और प्रदेशवासियों को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कहा कि पहले सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्रियों की प्राथमिकता लखनऊ में अपना घर बनाने की थी, लेकिन हम सत्ता में आए, हमने 43 लाख लोगों को घर मुहैया कराया, आज कोई दूसरों की जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता, कोई राज्य में महिलाओं से रेप और मर्डर कर...

अलास्का से ऑस्ट्रेलिया तक 239 घंटों में नॉनस्टॉप 13 हजार किलोमीटर तक उड़ा ब्लैक टेल्ड गॉडविट पक्षी

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जानकारी। एक पक्षी ने 239 घंटो में 13 हजार किलोमीटर का सफर तय किया वह भी बिना ब्रेक के यानि कि यह पक्षी कहीं नहीं ठहरा, बस आसमान में लगातार उड़ता रहा। आईएफएस अधिकारी ने ट्वीट पर पोस्ट शेयर कर जानकारी देते हुये बताया कि एक ब्लैक टेल्ड गॉडविट बिना रेस्ट लिए 13000 किलोमीटर का सफर तय कर गया। इसे करने में उसे 239 घंटे लगे। यह सफर अलास्का से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक का था। इस पक्षी ने रेकॉर्ड बना दिया। अभी तक इतनी दूरी तक कोई पक्षी लगातार नहीं उड़ा है। बताते चलें कि वर्ष भर में दो बार पक्षी प्रवासी दिवस मनाया जाता है। यह मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस प्रवासी पक्षियों के सामने आने वाले खतरों, उनके पारिस्थितिक महत्व और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है। ब्लैक टेल्ड गॉडविट, साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, डेमोइसेल क्रेन, ब्लू टेल्ड बी ईटर, रूडी शेल्ड करूडी, यूरेशियन गौरैया, रफ बर्ड, कंघी बतख और रोजी पेलिकन ग्रेट समेत कई पक्षी भारत में भी प्रवास क...

राजा सगर के साठ हजार पुत्रों की कहानी

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  कथा। रामायण के अनुसार इक्ष्वाकु वंश में सगर नामक प्रसिद्ध राजा हुए। उनकी दो रानियां थीं- केशिनी और सुमति। लम्बे समय तक संतान जन्म न होने पर राजा अपनी दोनों रानियों के साथ हिमालय पर्वत पर जाकर पुत्र कामना से तपस्या करने लगे। तब महर्षि भृगु ने उन्हें वरदान दिया कि एक रानी को साठ हजार अभिमानी पुत्र प्राप्त तथा दूसरी से एक वंशधर पुत्र होगा। कालांतर में सुमति ने तूंबी के आकार के एक गर्भ-पिंड को जन्म दिया। राजा उसे फेंक देना चाहते थे किंतु तभी आकाशवाणी हुई कि इस तूंबी में साठ हजार बीज हैं। घी से भरे एक-एक मटके में एक-एक बीज सुरक्षित रखने पर कालांतर में साठ हजार पुत्र प्राप्त होंगे। इसे महादेव का विधान मानकर सगर ने उन्हें वैसे ही सुरक्षित रखा। समय आने पर उन मटकों से साठ हजार पुत्र उत्पन्न हुए। जब राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया तो उन्होंने अपने साठ हजार पुत्रों को उस घोड़े की सुरक्षा में नियुक्त किया। देवराज इंद्र ने उस घोड़े को छलपूर्वक चुराकर कपिल मुनि के आश्रम में बांध दिया। राजा सगर के साठ हजार पुत्र उस घोड़े को ढूंढते-ढूंढते जब कपिल मुनि के आश्रम पहुंचे तो उन्हें लगा कि मुनि ने ही यज...

कैसे हुआ राजा पृथु का जन्म

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कथा। पुराणों के अनुसार पृथु एक सूर्यवंशी राजा थे, जो वेन के पुत्र थे। स्वयंभुव मनु के वंशज राजा अंग का विवाह सुनिथा नामक स्त्री से हुआ था। वेन उनका पुत्र हुआ। वह पूरी धरती का एकमात्र राजा था। सिंहासन पर बैठते ही उसने यज्ञ-कर्मादि बंद कर दिये। तब ऋषियों ने मंत्रपूत कुशों से उसे मार डाला, लेकिन सुनिथा ने अपने पुत्र का शव संभाल कर रखा। राजा के अभाव में पृथ्वी पर पाप कर्म बढऩे लगे। तब ब्राह्मणों ने मृत राजा वेन की भुजाओं का मंथन किया, जिसके फलस्वरूप स्त्री-पुरुष का जोड़ा प्रकट हुआ। पुरुष का नाम पृथु तथा स्त्री का नाम अर्चि हुआ। अर्चि पृथु की पत्नी हुई। पृथु पूरी धरती के एकमात्र राजा हुए। महाराज पृथु ने ही पृथ्वी को समतल किया जिससे वह उपज के योग्य हो पायी। महाराज पृथु से पहले इस पृथ्वी पर पुर-ग्रामादि का विभाजन नहीं था। पृथु को भगवान विष्णु का अंशावतार माना गया है तो वहीं अर्ची को माता महालक्ष्मी का अंशावतार माना गया है। महाराज पृथु अत्यन्त लोकहितकारी थे। उन्होंने 99 अश्वमेध यज्ञ किये थे। सौवें यज्ञ के समय इन्द्र ने अनेक वेश धारण कर अनेक बार घोड़ा चुराया, परन्तु महाराज पृथु के पुत्र इन्द्र...

नवंबर 2021 में पड़ेगी तीन एकादशी, बेहद शुभ

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार हर माह दो एकादशी की तिथि पड़ती है-पहला कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष। नवंबर 2021 में तीन एकादशी तिथि पड़ेगी। धार्मिक रूप से एक महीने में तीन एकादशी तिथियों का आना बेहद शुभ माना जा रहा है। 1, 14 और 30 तारीख को एकादशी तिथि पड़ रही हैं। 14 नवंबर 2021 को देवउठनी एकादशी है इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवउठनी एकादशी के बाद से विवाह समेत शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। देवउठनी ग्यारस के ठीक एक दिन बाद यानी 15 नवंबर को माता तुलसी और सालिग्राम का विवाह सनातन धर्म के प्राय: हर घर में संपन्न होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से व्रत व भगवान विष्णु का पूजन करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 27 मिनट से हो रही है, जो अगले दिन 1 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट तक है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। पूजन विधि : सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक ...

भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत सम्बन्ध रहे हैं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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  विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी १८वें आसियान-भारत सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आसियान देशों के साथ भारत के पुराने सम्बन्ध हैं। दुनिया अब भी कोरोना से जूझ रही है। कोरोना काल में भारत को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर भी मंथन किया जाएगा। इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत सम्बन्ध रहे हैं, जिसकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान दिखाते हैं। आसियान की यूनिट चार व सेन्ट्रैलिट ४ भारत के लिए सदैव महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। कोरोना काल में आपसी सम्बन्ध और मजबूत हुए हैं। कोरोना महामारी के कारण सभी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, यह चुनौतीपूर्ण समय भी भारत-आसियान मित्रता की परीक्षा थी। कोरोना काल में हमारा आपसी सहयोग भविष्य में हमारे सम्बन्धों को मजबूत करता रहेगा और हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार बनेगा। अगले वर्ष भारत की साझेदारी के ...

दीपावली मनाने से साल भर मिलती है खुशियां, कई देवताओं का हुआ था प्रकाट्य

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 ज्योतिष। इस वर्ष यानि 2021 में दीपावली 4 नवम्बर को है। सनातन परम्परा में कार्तिक माह के दिन आने वाले अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। दीपावली के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। कहते हैं कि श्रीराम रावण का वध करने के 21 दिन बाद अयोध्या लौटे थे, इसीलिए इस दिन राम विजयोत्सव के रूप में दीप जलाए जाते हैं। भाई दूज को यम द्वीतीया भी कहते हैं। यम के निमित्त धन तेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज पांचों दिन दीपक लगाना जाहिए। कहते हैं कि यमराज के निमित्त जहां दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस दिन यम के मुंशी भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी प्रचलन है। इस दिन श्रीकृष्ण ने इंद्रोत्सव की जगह गोवर्धन पूजा को प्रारंभ किया था। दीपावली के दिन भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक का स्वामी बनाया था और इन्द्र ने स्वर्ग को सुरक्षित जानकर प्रसन्नतापूर्वक दीपावली मनाई थी। इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसी दिन समुद्रमंथन के बाद लक्ष्मी व धन्वंतरि का और माता काली प्रकाट्य हुआ था। य...

जंगल में गुरू जी और उनके शिष्य

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बोधकथा। एक जंगल में एक गुरुजी रहते थे, वहां उनका एक बड़ा आश्रम था, आश्रम में कई दुधारू गायें थीं। वहां पर अनेक शिष्य विद्याध्ययन करते थे। जब अध्ययन की अवधि समाप्त हो गई तो गुरुजी ने एक दिन सबको अपने सामने एकसाथ बैठाकर दीक्षा व आशीर्वाद देते हुए कहा-तुम सब मेरे प्रिय और आत्मीय हो। मैं चाहता हूं कि मेरी ओर से भेंटस्वरूप एक-एक गाय अपने-अपने घर ले जाओ। शिष्य के रूप में तुमने जो सेवाभाव दिखाया है, उससे मैं बहुत प्रसन्न हूं। यह ‍सुनकर शिष्य गदगद हो गए। वे शीघ्र ही अपनी पसंद की गाय चुन-चुनकर रस्सी हाथ में थामे हुए जब वहां से प्रस्थान करने को उत्सुक हुए तो गुरुजी की दृष्टि एक भोले-भाले शिष्य पर पड़ी, जो यह सब चुपचाप देख रहा था। उसको पास बुलाकर गुरुजी ने पूछा- बेटा! तुम क्यों शांत खड़े हो? क्या तुम्हें गाय नहीं चाहिए? शिष्य ने कहा कि नहीं गुरुजी, वह हाथ जोड़कर विनयपूर्वक बोला- मुझे यहां की कोई गाय नहीं चाहिए। मुझे केवल आशीर्वाद चाहिए, जो आपने देकर मेरा उपकार किया है।

677 साल बाद दीपावली पर शुभ संयोग

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार इस वर्ष यानि 2021 में दीपावली 4 नवम्बर को है। अमावस्या की तिथि 4 नवंबर 2021 को सुबह 6:03 बजे से 5 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक रहेगी। धनतेरस और दीपावली जैसे त्योहारों पर जमकर खरीदारी की जाती है। इस साल धनतेरस और दीपावली पर खरीदारी के बेहद शुभ मुहूर्त बनेगा। 28 अक्टूबर को शनि और गुरु की युति रहेगी, जिससे पुष्य नक्षत्र की शुभता बढ़ेगी। इस दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 33 मिनट से सुबह 9 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस साल दीपावली पर और इसे पूर्व बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। एक और जहां 677 वर्षों के बाद गुरु पुष्य नक्षत्र वाले दिन शुभ संयोग बना है जबकि उस दिन गुरु और शनि की मकर में युति है। दूसरी ओर वहीं दीपावली के दिन चार ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन खरीदी के शुभ संयोग बन रहे हैं। 4 नवंबर 2021 बृहस्पतिवार के दिन कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन दीपावली के समय चंद्र, मंगल, सूर्य और बुध तुला में रहेंगे। शनि और गुरु मकर में पहले से ही विराजमान हैं। शुक्र ग्रह धनु में और राहु ग्रह वृष में रहेंगे। लग्न तुला का बन रहा है। माना जा ...

भारत की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, आतंकवाद सहन नहीं कर सकते

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विचार। गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। गृहमंत्री ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और पुलवामा के शहीद स्मारक पर वीर बलिदानियों की स्मृति में पौधारोपण किया। वीर बलिदानियों का कोटि-कोटि वंदन किया। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देशहित में धारा 370 हटने के बाद घाटी में हिंसा की अटकलें लगाई जाती थी, लेकिन सीआरपीएफ की मुस्तैदी के कारण कहीं पर किसी को एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी ये हम सभी के लिए बहुत गर्व का विषय है। जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी जो पहले आम बात थी आज अदृश्य हो गई है। आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। हम आतंकवाद को सहन नहीं कर सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि मैं घाटी के युवाओं से दोस्ती करना चाहता हूं, इसीलिये आपके बीच बिना बुलेटप्रूफ के आया हूं। मालूम हो कि जम्मू—कश्मीर में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही बदलाव की बयार बड़े स्तर पर देखने का मिल रही है। विगत दिनों अनुच्छेद 370 के हटने से यहां के लोगों ने और ज्यादा आजादी महसूस की जिससे इनको इस बात की प्रामाणिकता मिल गई अब यहां के हाल...

ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होना चाहिए

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प्रेरक कथा। स्वामी विवेकानंद अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे, एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने पुल पर खड़े  कुछ लड़कों को नदी में तैर रहे अंडे के छिलकों पर बन्दूक से निशाना लगाते देखा। किसी भी लड़के का एक भी निशाना सही नहीं लग रहा था, तब उन्होंने ने एक लड़के से बन्दूक ली और खुद निशाना लगाने लगे। उन्होंने पहला निशाना लगाया और वो बिलकुल सही लगा, फिर एक के बाद एक उन्होंने कुल 12 निशाने लगाये और सभी बिलकुल सटीक लगे, ये देख लड़के दंग रह गए और उनसे पूछा कि भला आप ये कैसे कर लेते हैं? स्वामी विवेकानंद बोले कि तुम जो भी कर रहे हो अपना पूरा दिमाग उसी एक काम में लगाओ, अगर तुम निशाना लगा रहे हो तो तुम्हारा पूरा ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होना चाहिए, तब तुम कभी चूकोगे नहीं, अगर तुम अपना पाठ पढ़ रहे हो तो सिर्फ पाठ के बारे में सोचो, मेरे देश में बच्चों को ये करना सिखाया जाता है।

सिद्धार्थनगर में गदगद दिखे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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विचार। 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं। बीते 7 वर्षों में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं, यहां उत्तर प्रदेश में भी 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल की सिर्फ 1900 सीटें थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोत्तरी की गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखने भारी संख्या में भीड़ पहुंची थी, इससे उत्तर प्रदेश के नेता व प्रधानमंत्री मोदी स्वयं गदगद दिखायी दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने सम्बोधन शुरू करने से पहले लोगों से अनुमति मांगी और सिद्धार्थनगरवासियों ने एक स्वर में हां कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साथियों यही उत्साह और ऊर्जा कुछ दिन बनाये रखना होगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस वाक्य से लोगों ने खूब ठहाके लगाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में  9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत की। वहीं सिद्धार्थनगर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रिम...

गधे और टिड्डे की दोस्ती

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प्रेरक कथा। एक जंगल में एक गधा रहता था। एक दिन वह घास चर रहा था की उसने घास में रहने वाले टिड्डे को मीठे सुर में गुनगुनाते सुना। गधा घास चरना छोड़कर तुरंत टिड्डे के पास जाकर बोला, दोस्त! तुम तो बहुत मीठा गाते हो। गधा ने कहा,” दोस्त! आपकी आवाज बहुत मीठी सुनाई देती है। टिड्डा बोला, तुमने मुझे दोस्त कहा है, इसलिए मैं तुम्हे अपनी मीठी आवाज का राज जरूर बताऊंगा। मैं सिर्फ ओस की बूंदे खाता हूं, इसलिए मेरी आवाज मीठी है। गधे ने कहा, ठीक है, आज से मैं भी वही खाऊंगा। उस दिन से गधे ने घास खाना छोड़ दिया और बस ओस वाली बूंदे खाने लगा। इससे आवाज में तो कोई बदलाव नहीं आया लेकिन वह बहुत दुबला, कमजोर होने के कारण बीमार हो गया। इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि ईश्वर ने सभी को अलग अलग बनाया है। अपने गुणों के सहारे आगे बढ़ना चाहिए।

योगी के सत्ता सँभालने से लेकर अब तक कई साहसी फैसले

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विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर भदोही जिले में योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के लिए सुबह से ही कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ आम जनता भी भारी संख्या में पहुंची। मुख्यमंत्री 10.55 बजे पुलिस लाइन पहुंचे तो पार्टी पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सुबह 11 बजे परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उत्तर प्रदेश को विकास के उच्च सतर पर ले जाने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ को लोग पैनी निगाहों से देखते थे, कहते थे ‘बाबा’ एकदम ठेठ भाषा बोलते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, ‘बाबा’ साहसी हैं और सत्य बोलते हैं। सुनने, पढऩे में मिला कि योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद हैं। यही कारण रहा कि उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के बीच तथाकथित विवाद को सुलझाने में संघ ने अहम भूमिका निभाई और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में रामबाण का कार्य किया, अब मुख्यमंत्री योगी का करिश्मा देख ही रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी सत्ता स...

चरवाहे ने राजा का घमंड तोड़ा

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बोधकथा। एक घमंडी राजा ने अपने मन्त्री को बुलाकर कहा कि हम सब के पास कुछ न कुछ निश्चित काम होते हैं करने के लिये। जैसे कि एक राजा अपनी प्रजा के लिये काम करता है, एक सैनिक अपने देश के लिये युद्ध लड़ता है, व्यापारी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिये प्रयत्न करता है, एक शिक्षक विद्यार्थी को पढाता है, गुरू अपने शिष्यों को उपदेश देता है। इस प्रकार से ईश्वर का प्रमुख कार्य क्या है? क्या तुम मेरे इस सवाल का जवाब दे सकते हो? मंत्री परेशान हो गया। थोड़ी देर सोचने के बाद उसने कहा कि मेरा कर्तव्य आपको सांसारिक मुद्दों पर सलाह देना है, यह एक आध्यात्मिक प्रश्न है और इसका सही उत्तर हमारे धर्म गुरू ही दे सकते हैं। जब राजाने धर्म गुरू से यही प्रश्न किया तो धर्म गुरू ने राजा से एक हफ्ते का समय माँगा। एक हफ्ता समाप्त होने वाले दिन धर्म गुरू ये सोच रहे थे कि अब उन्हें राजा के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। पास से गुजर रहे एक चरवाहे ने उनकी परेशानी का कारण पूछा। धर्म गुरू ने उसे अपनी परेशानी बतायी। चरवाहे ने गुरू से कहा कि आप जाइये और राजा से कहिये कि एक चरवाहा इसका जवाब जानता है। धर्म गुरू चरवाहे को अपने साथ दर...

वाकशैली में भी निपुण हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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विचार। गोवा यानि आनंद, गोवा यानि प्रकृति, गोवा यानि टूरिज्म, लेकिन आज मैं ये भी कहूंगा कि गोवा यानि विकास का नया मॉडल, गोवा यानि सामूहिक प्रयासों का प्रतिबिंब, गोवा यानि पंचायत से लेकर प्रशासन तक विकास के लिए एकजुटता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गोवा  के आत्मनिर्भर भारत स्वयंपूर्ण योजना के लाभार्थियों और हितधारकों से संवाद किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब सरकार का साथ और जब जनता का परिश्रम मिलता है तो कैसे परिश्रम आता है, कैसे आत्मविश्वास आता है ये हम सभी ने स्वयंपूर्ण गोवा के लाभार्थियों से चर्चा के दौरान अनुभव किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी और असाधारण बात उनकी भाषण कला है और वह अपनी इस कला से लोगों को मंत्रमुग्ध करना जानते हैं। विकास और अन्य मुद्दों पर वह जितनी स्पष्टता और प्रभावी तरीके से अपनी बात  रखते हैं कि बिना किसी तैयारी के उनका आशु भाषण भी लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। देश के अन्य नेताओं की तरह से लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ते हैं, उनकी विशेषता है कि वह अपनी वाक शैली से किसी भी प्रकार के ...

सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों से सभी को साथ जोड़ने का प्रयास कर रही भाजपा

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विचार। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण दुरुस्त करने के मद्देनजर सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों की शुरुआत बीते 17 अक्टूबर से कर रही है। सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलनों में ‘सबका साथ-सबका विकास-सबके विश्वास’ और सबके प्रयास से आत्मनिर्भर भारत का मंत्र लेकर जन-जन से जुडऩे का प्रयास भाजपा कर रही है। बता दें कि बीते 17 अक्टूबर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पंचायत भवन में सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन अभियान की शुरुआत हुई थी। इस अभियान के तहत भाजपा 17 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक 27 सम्मेलन आयोजित करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में राज्य में भाजपा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व ऐतिहासिक निर्णयों के सम्बन्ध में प्रदेशवासियों से संवाद कर रही है। मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन के नाम पर अलग-अलग जातियों के लोगों को प्रदेश भर से बुलाकर यहां सम्मेलन आयोजित किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोनिया और चौहान समाज के लोगो...

4 नवम्बर 2021 को है दीपावली, छह राशियों का होगा भाग्योदय

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार दीपावली का पावन पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। 5 दिनों तक चलने वाला यह पर्व केवल दीपावली और गोवर्धन पूजा तक सीमित नहीं रहता बल्कि महापर्व छठ पूजा तक चलता है। दीपावाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और धन धान्य की कमी नहीं होती। इस बार दीपावाली का पावन पर्व 4 नवंबर 2021 को है। दीपावली के समय चंद्र, मंगल, सूर्य और बुध तुला में रहेंगे। शनि और गुरु मकर में पहले से ही विराजमान हैं। शुक्र ग्रह धनु में और राहु ग्रह वृषभ में रहेंगे। लग्न तुला का बन रहा है। ग्रह और नक्षत्रों के मान से छह राशियों के लिए यह समय अति शुभ माना जा रहा है। मेष : यह समय आपके लिए शुभ है। आपकी हर क्षेत्र में विजय होगी। आर्थित रूप से मजबूत होंगे। परिवारिक जीवन भी खुशियों भरा रहेगा। नौकरीपेशा हैं तो मान सम्मान बढ़ेगा। व्यापारी हैं तो उन्नत होगी और छात्र हैं तो सफलता मिलेगी। मिथुन : बेरोजगार हैं तो रोजगार मिलेगा। व्यापारी हैं तो लाभ होगा और छात्र हैं ...

5 साल बाद करवा चौथ पर बन रहा है शुभ योग

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ज्योतिष। शास्‍त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत करने से न सिर्फ पति की आयु लम्बी होती है बल्कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सौभाग्‍य की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के दिन माता पार्वती, शिवजी और कार्तिकेय का पूजन करने से शुभ फल मिलता है। कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस बार यानि 2021 में 24 अक्‍टूबर को पड़ रही है। चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ 24 अक्‍टूबर को रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और 25 अक्‍टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगा। करवा चौथ के दिन सुबह उठकर सरगी का सेवन किया जाता है और उसके बाद स्‍नान करके घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत शुरू किया जाता है। करवा चौथ का व्रत पूरे दिन निर्जला किया जाता है और उसके बाद शाम के समय तुलसी के समक्ष बैठकर करवा चौथ के व्रत की विधि विधान से पूजा की जाती है। चांद निकलने से पहले थाली में धूप-दीप, रोली, अक्षत, पुष्‍प और मिठाई रख लें। करवे में अर्घ्‍य देने के लिए जल भर लें और फिर चांद निकलने के बाद अर्घ्‍य देकर छलनी से पति का चेहरा देखकर व्रत तोड़ा जाता है। हर वर्ष कार्तिक माह के कृ...

सौ करोड़ से अधिक लोगों ने लगवाया टीका, भारत की बड़ी उपलब्धि

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विचार। भारत ने कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार कर लिया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने दिल्ली में आरएमएल हॉस्पिटल का दौरा किया। पीएम ने यहां फ्रंट लाइन वर्कर्स से मुलाकात की। संयोग यह भी रहा कि 100 करोड़वां टीका लगवाने वाले अरुण रॉय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ही रहने वाले हैं। अरुण रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात को लेकर कहा, प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि आपने इतनी देर से टीका क्यों लगवाया। रॉय ने कहा कि मेरे लिए आज का दिन सौभाग्यशाली था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नर्स से भी मुलाकात की और पूछा कि क्या टीका लगवाने वाला कोई ऐसा शख्स भी आया, जिसे दर्द हुआ हो या फिर चिल्लाया हो। यही नहीं उन्होंने इस दौरान अस्पताल में मौजूद सुरक्षा कर्मियों और अन्य स्टाफ से भी मुलाकात की। भारत आज वैक्सीनेशन के मामले में बिलियन बाहुबली बन गया है। इस उपलब्धि पर देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में पहुंचकर सफाई कर्मचा...

धर्म और रिलीजन में अंतर है : राम माधव

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विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यकारिणी के सदस्य राम माधव ने एक अग्रणी समाचार पत्र के कार्यक्रम 'हिंदी हैं हम' में अपनी नई पुस्तक 'द हिंदू पैराडाइम' पर संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि धर्म और रिलीजन में अंतर है। धर्म शाश्वत मूल्यों का संचय है जबकि रिलीजन भगवान की उपासना की पद्धति है। अंग्रेजी शब्दों को लेकर भारत में जो संभ्रम होता है वो बहुत बड़ा संभ्रम है। हम नेशन स्टेट को नेशन मान लेते हैं, रिलीजन को धर्म मान लेते हैं। ये अंग्रेजी शब्दों के माध्यम से भारतीय विचारों को सामने लाने से उभरा संभ्रम है। धर्म हमारे यहां हजारों वर्षों के राष्ट्र जीवन या समाज जीवन के अनुभवों से विकसित मूल्य हैं। जिसको हमारे महापुरुषों ने, संतों, महात्माओं और मनीषियों ने हमारे समाज के लिए बनाकर हमको दिया। उन्होंने बताया कि हमारा धर्म क्या है। हमारा धर्म हरेक विषय पर हमको कुछ मूल्य बताते हैं। प्रकृति के प्रति, पड़ोसी के प्रति, समाज के प्रति, देश के प्रति, समाज के कमजोर वर्गों के प्रति हमारी क्या दृष्टि होनी चाहिए ये हमें धर्म बताता है। धर्म मूल्यों का संचय होता है। आज हिन्दुत्व भारत ...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष अधिकारी अभ्यास वर्ग में लेंगे हिस्सा

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विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पांच दिवसीय अखिल भारतीय शारीरिक अभ्यास वर्ग अयोध्या में सोमवार से शुरू हुआ। अभ्यास वर्ग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी हिस्सा लेंगे और अयोध्या में तीन दिन प्रवास करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, वरिष्ठ पदाधिकारी भइया जी जोशी और 45 प्रांतीय इकाइयों के अन्य पदाधिकारी इस कार्यक्रम में होने वाली बैठक में भाग ले रहे हैं, उनमें से अधिकतर पदाधिकारी पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं और कारसेवकपुरम में प्रवास कर रहे हैं, इस कार्यक्रम में देश भर से ‘संघ’ के करीब 500 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पूर्वांचल के कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारम्भ करेंगे। 2022 चुनाव से ठीक पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत का अयोध्या और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुशीनगर दौरा राजनीतिक विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश की सियासत से जोडक़र देख रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग अयोध्या के कारसेवकपुरम में हो रहा है। विशेष बात यह है कि इस बार ‘संघ’ के प्रतिनिधि अपने ...

अहंकारी नहीं, सुधारवादी बनें

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बोधकथा। एक मूर्तिकार पिता ने अपने बेटे को भी मूर्तिकला ही सिखाई, बेटे द्वारा कुछ मूर्तिकला सीख लेने के बाद, अब बाप और बेटे दोनों मूर्तियाँ बनाते और उसे बेचने के लिए बाजार जाते एवं अपनी-अपनी मूर्तियाँ बेचकर आते। पिता की मूर्ति डेढ़-दो रुपए की बिकती पर बेटे की मूर्तियों का मूल्य आठ-दस आने से अधिक न मिलता। हाट से लौटने पर बेटे को पास बिठाकर बाप उसकी मूर्तियों में रही हुई त्रुटियों को समझाता और अगले दिन उन्हें सुधारने के लिए समझाता। लड़का समझदार था, उसने पिता की बातें ध्यान से सुनी और अपनी कला में सुधार करने का प्रयत्न करता रहा। कुछ समय बाद लड़के की मूर्तियाँ भी डेढ़ रुपए की बिकने लगीं। काफी समय बीत चुका था पर बाप अब भी उसी तरह समझाता और मूर्तियों में रहने वाले दोषों की ओर उसका ध्यान खींचता। बेटे ने और भी अधिक ध्यान दिया तो कला भी अधिक निखरी। मूर्तियाँ अब पाँच-पाँच रुपए की बिकने लगीं। सुधार के लिए समझाने का क्रम बाप ने तब भी बंद न किया। एक दिन बेटे ने झुँझला कर कहा कि “आप तो दोष निकालने की बात बंद ही नहीं करते। मेरी कला अब तो आप से भी अच्छी है, मुझे पाँच रुपए मिलते हैं जबकि आपको दो ही रुप...

शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी में नहाने से मिलती है असीम उर्जा

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  ज्योतिष। इस वर्ष यानि 2021 में शरद पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर 2021 को शाम 7:5:42 बजे से शुरू होकर20 अक्टूबर 2021 की रात 08:28:56 बजे समाप्त होगी। शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्त्व है। महालक्ष्मी पूजन एवं स्रोत पाठ से धन धान्य की प्राप्ति की जा सकती है। श्री सूक्त और लक्ष्मी सूक्त के साथ विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने वाले पर लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है। मां लक्ष्मी का मंत्र ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः कुबेर का मंत्र ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं और कोजागर पूर्णिमा भी। शरद ऋतु में मौसम साफ़ रहता है। आकाश में न तो बादल होते हैं और न ही धूल के गुबार। पूरे वर्ष भर में केवल अश्विन मास की पूर्णिमा का चंद्रमा ही षोडस यानि 16 कलाओं का होता है। इस पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा अमृत की वर्षा करता है। इस रात्रि में भ्रमण करना और चन्द्र किरणों का शरीर पर पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को ही भगवान श्रीकृष्ण ने ब...

सनातन का पालन करते हैं योगी आदित्यनाथ

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विचार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जो सनातन और धर्म की बात बढ़चढक़र करते हैं और कहते हैं। धर्म का आचरण योगी आदित्यनाथ के शारीरिक शैली में भी झलकती है और अध्यात्मिक रूप से भी। आज के दौर में मुख्यमंत्री का हर कोई प्रशंसक है, कोई दबे मुंह से तो कोई प्रखर रूप से। हां, मुख्यमंत्री योगी की वही बेइमान आलोचना करते हैं, जिनका न कोई मूल है और न कोई शाखा, बस मुख्य धारा में आ गये हैं समाज में फैली कुरीतियोंवश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि सनातन इकलौता धर्म है, जो उपकार के प्रति योगदान सिखाता है। सनातन धर्म की देन है कि हमारा देश विश्वगुरु था। सनातनी कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते, वे हिंसा के बजाय अहिंसा में विश्वास रखते हैं। इसी के चलते देश में लोग अमन-चैन के साथ रह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शारदीय नवरात्र 2021 की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर के नवनिर्मित अन्न क्षेत्र (भवन) में पूरे विधि-विधान के साथ परंपरागत कन्या पूजन किया। मुख्यमंत्री योगी ने मां भगवती के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कन्याओं एक बटुक भैरव के पांव पखारकर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री योगी हर नवरात्र में क...

योग व व्यायाम से शरीर को रखें चुस्त और दुरुस्त, पैरों के दर्द से मिलेगा छुटकारा

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जीवनशैली। आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में पैरों समेत शरीद का दर्द आम बात है, लेकिन योग व व्यायाम से शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखा जा सकता है और दर्द से छुटकारा भी मिलेगा। पैरों में दर्द कई कारणों से होता है, जैसे मांसपेशियों में ऐंठन, ओस्टियोपोरोसिस, गठिया, जोड़ों में फ्रेक्चर या किसी अंदरूनी चोट की वजह से भी हो सकता है। अर्थराइटिस और शुगर के मरीजों को पैरों में दर्द की शिकायत ज्यादा रहती है। कुछ योग और आसन है जिससे पैरों समेत शरीर के दर्द से निजात मिलेगी। पद्मासन : यह आसन बैठकर किया जाता है। पहले पैर लम्बे कर आपस में सटा लें फिर बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पकडक़र दाहिने पैर को बाएं पैर की जंघा पर रख दें। फिर बाएं पैर को ऊपर की दाहिनी जंघा पर स्थापित करें। तब दोनों हाथ की कलाइयां घुटनों पर सीधी रखें। दोनों हाथ अंगूठे के पास वाली अंगुली अंगूठे से मिलाएं, बाकी तीन अंगुलियां सीधी रखें। आंखें बंद तथा रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। गर्दन सीधी तथा नासाग्र दृष्टि बनाए रखें अथवा भृकुटी पर चित्त को एकाग्र करें। यह समस्त दुर्भावनाओं का विनाशक पद्मासन कहा जाता है। ध्यान रहे कि शरीर में यदि किसी प्रकार का...

संत पुरन्दरदास की परीक्षा

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   बोध कथा। राजा कृष्णदेवराय ने जब राजगुरु व्यासराय के मुख से संत पुरन्दरदास के सादगी भरे जीवन और लोभ से मुक्त होने की प्रशंसा सुनी, तो उन्होंने संत की परीक्षा लेने की ठानी। एक दिन राजा ने सेवकों द्वारा संत को बुलवाया और उनको भिक्षा में चावल डाले। संत प्रसन्न हो बोले,‘महाराज! मुझे इसी तरह कृतार्थ किया करें।’ घर लौट कर पुरन्दरदास ने प्रतिदिन की तरह भिक्षा की झोली पत्नी सरस्वती देवी के हाथ में दे दी। किंतु जब वह चावल बीनने बैठीं, तो देखा कि उसमें छोटे-छोटे हीरे हैं। उन्होंने उसी क्षण पति से पूछा,‘कहां से लाए हैं आज भिक्षा?’ पति ने जब कहा कि राजमहल से, तो पत्नी ने घर के पास घूरे में वे हीरे फेंक दिए। अगले दिन जब पुरन्दरदास भिक्षा लेने राजमहल गये, तो सम्राट को उनके मुख पर हीरों की आभा दिखी और उन्होंने फिर से झोली में चावल के साथ हीरे डाल दिए। ऐसा क्रम एक सप्ताह तक चलता रहा। सप्ताह के अंत में राजा ने व्यासराय से कहा, ‘महाराज! आप कहते थे कि पुरन्दर जैसा निर्लोभी दूसरा नहीं, मगर मुझे तो वे लोभी जान पड़े। यदि विश्वास न हो, तो उनके घर चलिए और सच्चाई को अपनी आंखों से देख लीजिए।’ वे दोन...

वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गयी : मोहन भागवत

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जानकारी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा कि इतने वर्षों के बाद अब हम जब परिस्थिति को देखते हैं तो ध्यान में आता है कि जोर से बोलने की आवश्यकता तब थी, सब बोलते तो शायद विभाजन नहीं होता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को वीर सावरकर से जुड़ी कई बड़ी बातें कहीं। मोहन भागवत ने कहा कि देश में आज के समय में वीर सावरकर के बारे में वास्तव में सही जानकारी का अभाव है, यह एक समस्या है। वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई, इनकी बदनामी की मुहिम स्वतंत्रता के बाद खूब चली। वीर सावरकर पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए सरसंघचालक ने कहा कि वीर सावरकर के बारे में लिखी गईं तीन पुस्तकों के जरिए काफी जानकारी हासिल की जा सकती है। मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद वीर सावरकर को बदनाम किया गया, इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद को बदनाम करने का नम्बर लगेगा, क्योंकि वीर सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे। हमारी पूजा विधि अलग-अलग है, लेकिन पूर्वज एक हैं। बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वालों को वहां प्रतिष्ठा ...