बारिश की भविष्यवाणी करने वाला मंदिर

लखनऊ। कानपुर स्थित बेहटा गांव में भगवान जगन्नाथ का मंदिर भीतरगांव विकासखंड से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर बारिश की भविष्यवाणी पहले ही कर देता है। बारिश होने के 6 से 7 दिन पहले से ही इस मंदिर की छत से पानी की बूंदें टपकने लगती हैं। लोग बताते हैं कि जिस साइज की बूंद होती है, उसी तरह की बारिश होती है। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है और यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करते आते हैं। जैसे-जैसे बारिश खत्म होती जाती है, वैसे-वैसे मंदिर की छत अंदर से पूरी तरह सूख जाती है, मंदिर के अंदर भगवान जगन्नाथ की मूर्ति है। इस मूर्ति में विष्णु भगवान के 24 अवतार देखे जा सकते हैं, इन 24 अवतारों में कलियुग में अवतार लेने वाले कल्कि भगवान की भी मूर्ति मंदिर में मौजूद है। इस मंदिर के गुम्बद पर एक चक्र लगा हुआ है जिसकी वजह से आज तक मंदिर और इसके आसपास आकाशीय बिजली नहीं गिरी है। बता दें कि इस मंदिर के बारे में जानकारी नहीं है कि कब और किसने बनवाया, लेकिन मंदिर में कुछ ऐसे निशान मौजूद हैं, जिनसे पता चलता है कि यह मंदिर सम्राट हर्षवर्धन के समय का है। हालाँकि इसके अलावा मंदिर में उपस्थित अयागपट्ट के आधार पर कई इतिहासकार इस मंदिर को लगभग चार हजार साल पुराना बताते हैं। वहीं ग्रामीणों के अनुसार मंदिर का निर्माण कई सहस्त्राब्दियों पहले महाराजा दधीचि ने कराया था और इस मंदिर के सरोवर के किनारे में भगवान राम ने अपने पिता महाराजा दशरथ का पिंडदान भी किया था, इसके बाद से यह सरोवर रामकुंड कहा जाने लगा।

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