सावन के अंतिम सोमवार पर इच्छा पूरी करेंगे महादेव

आस्था। सनातन ऋषियों ने जिस परम्परा को अपनाया है वह वास्तव में अद्भुत है। किस देवी और देवता को कौन सा पुष्प और कौन सा भोग पसंद है, और कौन सा पूजन-हवन करने से पर्यावरण सुगंधमय रहेगा आदि बातों को अच्छे से अध्ययन किया और उसे जीवनशैली में शामिल किया। यहां बात हो रही है पवित्र माह सावन और देवों के देव महादेव की। बता दें कि 2022 में सावन के तीन पवित्र सोमवार बीत चुके हैं अब अंतिम सोमवार 8 अगस्त को है। सावन के अंतिम सोमवार को बेलपत्र के पौधे को जल दें और फिर गंध, धतूरा, बेलपत्र, फूल और अक्षत को बेलपत्र की जड़ में रख दें। ऐसा करने से घर में बच्चों का स्वास्थ्य सही रहता है और निसंतान दम्पति को संतान सुख प्राप्त होता है। साथ ही ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है। बेलपत्र के वृक्ष के नीचे अगर कोई व्यक्ति किसी शिवभक्त को मिठाई, खीर, अन्न, जल, घी आदि चीजों का दान करता है और गरीब व जरूरतमंद को भोजन कराता है तो उस पर हमेशा महादेव की कृपा बनी रहती है और दरिद्रता का नाश होता है। उस व्यक्ति को कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती। बेलपत्र का पेड़ शिव पूजन के साथ-साथ औषधि के काम में भी आता है। अगर कोई व्यक्ति घर में बहुत ज्यादा बीमार है तो उसे बेलपत्र की जड़ को पानी में घिसकर या उबालकर दें तो इससे पीड़ित व्यक्ति को काफी राहत मिलती है। यह रोग को दूर करने की क्षमता भी रखता है लेकिन डॉक्टर की सलाह लेते रहें। बेलपत्र के वृक्ष की श्रीवृक्ष भी कहा जाता है, जिसकी जड़ में स्वयं मां लक्ष्मी का वास होता है। इसकी हर सोमवार को पूजा-अर्चना करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन वृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। वहीं बेलपत्र की जड़ का जल अगर माथे से हर रोज लगाएं तो इससे सभी तीर्थयात्राओं का पुण्य फल मिलता है। यह उपर्युक्त बातें शिव पुराण में वर्णित हैं। बता दें कि महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित शिवपुराण में भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों और ज्योतिलिंर्गों के महत्व का वर्णन किया गया है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर माना गया है। इसमें शिव-महिमा, लीला-कथाओं, पूजा-पद्धति के अलावा कई समस्याओं के निवारण के उपाय बताए गये हैं।

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