पुत्रदा एकादशी, सावन का चौथा सोमवार व रवि योग का दुर्लभ संयोग

आस्था। सावन का चौथा और अंतिम सोमवार 8 अगस्त 2022 को है। इस दिन सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि सावन पुत्रदा एकदाशी भी है। वहीं श्रावण मास के आखिरी सोमवार पर रवि योग भी बनेगा। पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ शंकर भगवान की कृपा भी प्राप्त होगी। बता दें कि सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर माह के दोनों पक्षों में एकादशी आती है और सभी एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। सावन के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख और पुत्र प्राप्ति की कामना करते हुए रखा जाता है। मान्यता है कि पुत्र या संतान सुख की कामना के लिए सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा पाठ और व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं। शास्त्रों के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि की शुरुआत 7 अगस्त 2022 रविवार रात 11:50 से शुरू हो रही है और अगले दिन 8 अगस्त को देर रात तक एकादशी की तिथि रहेगी। मान्यता है कि यदि पारण नियमपूर्वक और समय के अनुसार नहीं किया जाता है, तो भक्तों को व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता। पुत्रदा एकादशी के पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। सावन पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण का सही समय 9 अगस्त, मगंलवार सुबह 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 8 बजकर 26 मिनट तक है।

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