अनंत चतुर्दशी को समाप्त होगा गणेश चतुर्थी उत्सव

आस्था। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्म उत्सव मनाया जाता है। इस साल यानि 2022 में यह तिथि 31 अगस्त को है। गणेश चतुर्थी के दिन मंदिरों व घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है और पूरे 10 दिनों तक गणपति बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है और गणेश उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी को होगा। गणेश जी को बाधाओं को दूर करने वाले और विनाश के हिंदू देवता शिव की संतान और उनकी पत्नी देवी पार्वती के रूप में जाना जाता है। गणेश जी की मूर्ति स्थापना के लिये सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें। इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें। भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश को स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें। मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें। भगवान गणेश की मूर्ति के दाईं ओर जल से भरा कलश रखें। हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें। गणेश जी के मंत्र ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। प्रत्येक शुभ कार्य से पहले सर्वप्रथम गणेश जी की ही पूजा होती है। घर के दक्षिण दिशा में भूलकर भी गणपति भगवान की मूर्ति नहीं स्थापित करनी चाहिए। जिस दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति रख रहे हैं वहां कूड़ा-कचरा या फिर घर का शौचालय नहीं होना चाहिए। प्लास्ट ऑफ पेरिस की मूर्ति की बजाय धातु, गोबर या फिर मिट्टी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। गणेश जी की मूर्ति बैठे हुए होने चाहिए। घर में गणपति जी की मूर्ति रखते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि गणपति की सूंड़ दाईं तरफ होनी चाहिए बाईं तरफ नहीं। गणेश जी की प्रतिमा ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए। गणेश जी की मूर्ति में इस बात का ध्यान रखें कि साथ में उनकी सवारी मूसक और उनका भोग लड्डू जरूर रहे। बता दें कि इस साल यानि 2022 में गणपति बप्पा का आगमन बहुत ही शुभ योग में हो रहा है।

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