अजा एकादशी के व्रत से दूर होंगे संकट
आस्था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त 2022 को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद अजा एकादशी व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़ें। इस व्रत कथा को पढ़ने या सुनने मात्र से ही पाप नष्ट हो जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि भाद्रपद कृष्ण एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जानते हैं और भगवान कृष्ण अजा एकादशी की कथा युधिष्ठिर को सुनाई-चक्रवर्ती राजा हरिश्चंद्र जब अपने बुरे दिन बिता रहे थे तब एक दिन दुख के सागर में डूबे राजा हरिश्चंद्र सोच रहे थे कि उनके दुख के दिन कब और कैसे समाप्त होंगे। उसी समय गौतम मुनि वहां पहुंचे। राजा ने अपने दु:ख से निकलने का उपाय ऋषि से पूछा। ऋषि गौतम ने बताया कि भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की जो एकादशी होती है उसे अजा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी के पुण्य से तुम्हारे सारे कष्ट समाप्त हो जाएंगे। राजा ने गौतम मुनि के बताए विधान के अनुसार अजा एकादशी का व्रत किया और इसी व्रत के पुण्य से ऐसा संयोग बना कि राजा के बुरे दिन समाप्त हो गए। बता दें कि अजा एकादशी का व्रत करने वाले जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निपटने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है, जिसमें घड़े पर लाल रंग का वस्त्र सजाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें