षष्ठी के दिन हल से जोती गई वस्तुओं का सेवन नहीें करतीं महिलाएं
आस्था। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था, इस साल यानि 2022 में हल छठ व्रत 17 अगस्त को है। इस बार षष्ठी तिथि 16 अगस्त को रात 8 बजकर 17 मिनट से लग रही है और 17 अगस्त को यह रात 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के हिसाब से 17 अगस्त को हल छठ व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन सुबह स्नानादि करके संतान की लम्बी आयु की कामना करते हुए निर्जला व्रत का संकल्प लेना चाहिए। श्री कृष्ण के जन्म से दो तिथि पहले भाद्रपद के कृष्णपक्ष की षष्ठी को उनके बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। हलषष्ठी का व्रत विशेषकर पुत्रवती महिलाएं करती हैं। भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी को हल छठ क्यों कहते हैं, इस विषय में मान्यता है कि बलराम का प्रमुख शस्त्र हल था, इसलिए इसे हलछठ कहा जाता है। इस दिन किसान हल की भी पूजा करते हैं। इस व्रत का नियम है कि इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को हल से जोती गई वस्तुओं के अलावा गाय के दूध, दही और घी के सेवन की मनाही होती है।
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