राजर्षि रणंजय की पुण्यतिथि पर किया हवन

लखनऊ। अमेठी जिले में शुक्रवार को राजपरिवार अमेठी से जुड़े शैक्षणिक संस्थाओं में राजर्षि रणंजय सिंह की 34वीं पुण्यतिथि पर वैदिक यज्ञ-हवन आयोजित किया गया। आरआरपीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. पी.के. श्रीवास्तव ने राजर्षि के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजर्षि ने वैदिक धर्म प्रचार, शिक्षा प्रसार और समाज सुधार को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को छल-कपट छोडक़र अपने बुद्धि और ज्ञान का प्रयोग सकारात्मक दिशा में करना चाहिए। यज्ञ में पुरोहित के रूप में महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त शिक्षक डा.ज्वलन्त कुमार शास्त्री ने राजर्षि के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक राजा होते हुए इतना सामान्य जीवन जीना सामान्य बात नहीं है। ऐसा कोई ऋषि ही कर सकता है इसीलिए उन्हें राजर्षि की उपाधि प्रदान की गयी थी। कार्यक्रम में डा. सुभाष सिंह, डा. लाजो पाण्डेय, डा. उमेश सिंह, डा. ओम प्रकाश त्रिपाठी, डा. सुरेन्द्र प्रताप यादव, डा. पवन कुमार पाण्डेय, डा. अरविन्द कुमार सिंह, डा. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, राजकुमार यादव, डा. राम सुन्दर यादव, डा. मानवेन्द्र प्रताप सिंह आदि शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे। इसी कड़ी में राजर्षि रणंजय सिंह आसलदेव पी.जी. कालेज पीपरपुर में भी राजर्षि रणंजय सिंह की 34वीं पुण्यतिथि पर वैदिक यज्ञ-हवन पूजन का आयोजन किया गया। कालेज की प्राचार्या डा. संगीता सिंह ने राजर्षि के चित्र पर पुष्पांजलि दी। राजर्षि के जीवन तीन स्तम्भ वैदिक धर्म प्रचार, शिक्षा प्रसार एवं समाज सुधार को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया था। कार्यक्रम में कालेज के प्रशासनिक अधिकारी रविंद्र प्रताप सिंह  डा. पूनम तिवारी, डा. शैलेंद्र सिंह, डा. शिव शकंर पटेल, डा. सर्वेश श्रीवास्तव, नंदकुमार यादव, राजन अग्रहरि,  संतोष कुमार, रेनू  यादव, प्रगति साहू, वंदना सिंह, पूनम सिंह व महाविद्यालय का समस्त कार्यालय स्टॉप एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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