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कभी नहीं बुझती धन की प्यास

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विचार। पैसे का आकर्षण दिनों दिन बढ़ता ही जाता है। जिसने जीवन में पैसे को प्रधानता दी है, वह कभी भी सन्तोष-शान्ति का अनुभव नहीं कर सकेगा। महर्षि व्यास ने कहा है-धन की प्यास कभी नहीं बुझती उसकी ओर से मुँह मोड़ लेने में ही परम सुख है। पैसा दिन-रात जब मनुष्य को बचाता है तो उसका खाना, पीना, सोना हराम हो जाता है। यद्यपि धन जीवन की विविध आवश्यकताओं की पूर्ति का एक साधन है। इसका अर्जन भी करना चाहिए और उपयोग भी। तथापि पैसे को सर्वोपरि महत्व देना समाज के लिये बहुत घातक है। कल्पना कीजिए उस समाज की जहाँ पैसे को ही सर्वोपरि स्थान दिया जाता है। क्या उसके सदस्य कोल्हू के बैल की तरह पैसे के इर्द-गिर्द चक्कर काटते नहीं मिलेंगे? क्या पैसे के लिए एक दूसरे पर छीना झपटी करते हुए नहीं देखा जायेगा। उन्हें एक दूसरे के लिए प्रेम, सहानुभूति, आत्मीयता की जगह उसमें स्वार्थ, डाह, सूखापन का व्यवहार न होगा। सचमुच “पैसे की कसौटी पर आत्मिक नाते की कौन कहे, शारीरिक खून का नाता तक टूट जाता है।” पैसा समाज के मधुर सम्बन्धों में एक कठोर, निर्मम, दीवार बन जाता है। हमें जो धन मिलता है उसे बढ़ाने में कई गुना करने में लगना पड...

ईश्वर है या नहीं?

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विचार। अनीश्वरवादी विचारधारा के तर्कों का परीक्षण किया जाय और यह देखा जाय कि उनके कथन में कुछ सार भी है या नहीं? अनीश्वरवादियों का कथन है कि प्रकृति के जड़ परमाणु अपने आप अपनी धुरी पर घूमते हैं, बदलते और हलचल करते हैं, उसी से सृष्टि का क्रम चलता है तथा प्राणियों की उत्पत्ति होती है। ईश्वर की इसमें कुछ भी आवश्यकता नहीं है। इस कथन पर विचार करते हुए हमें देखना होगा कि क्या चेतन की प्रेरणा बिना जड़ पदार्थों में एक क्रमबद्ध एवं सुव्यवस्थित गति-विधि निरन्तर चलते रहना सम्भव हो सकता है? देखते हैं कि कोई रेल, मोटर, जहाज, मशीन, अस्त्र आदि कितना ही महत्वपूर्ण एवं शक्ति शाली क्यों न हो, उसे चलाने के लिए चालक की बुद्धि ही काम करती है। राकेट से लेकर उपग्रह तक स्वचालित यन्त्र तभी अपनी सक्रियता जारी रख पाते हैं, जब रेडियो सक्रियता के माध्यम से मनुष्य उन्हें किसी दिशा विशेष में चलाते हैं। चालक के अभाव में अपनी इच्छा और शक्ति से यदि वस्तुएँ अपने आप ही चलने और काम करने लगें तो फिर उन्हें जड़ ही क्यों कहा जाय? मशीन से सम्बन्धित जितनी भी वस्तुएँ हैं वे सभी चालक की अपेक्षा रखती हैं। संचालन करने एवं प्रयोग ...

'संघ' के स्वयंसेवकों का 'दंड प्रहार'

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जानकारी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रत्येक माह की 16 तारीख को स्वयंसेवक दंड प्रहार दिवस के रूप में मनाते हैं और हर 16 दिसम्बर को दंड महाप्रहार दिवस मनाते हैं। दंड प्रहार लगाने के पीछे अनेक उद्देश्य कार्य करते हैं। दंड अर्थात लाठी, प्रहार भांजना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ माह के प्रत्येक 16 तारीख को दंड प्रहार दिवस के रूप में लाठी का विधिवत प्रयोग करते हैं। वह दंड प्रहार लगाकर अपने शारीरिक क्षमता का आकलन करते हैं। अपनी रक्षा लाठी के माध्यम से करने का अभ्यास करते हैं। लाठी एक ऐसा माध्यम है, जिसके कुशल प्रयोग से ढेरों दुश्मनों को परास्त कर सकते हैं। उनका सामना सीमित संसाधनों के साथ भी किया जा सकता है। यह दिन प्रत्येक स्वयंसेवक के लिए अपने शारीरिक आकलन करने का दिन होता है। कुशलतापूर्वक दंड प्रहार लगाकर वह अपनी संख्या लिखते हैं, जिससे एक-दूसरे की संख्या की जानकारी होती है। दंड के लिए कोई कानूनन प्रतिबंध नहीं है। यही कारण है कि स्वयंसेवक कानून का सम्मान करते हुए दंड को अपनी शक्ति के रूप में घर में रखते हैं। एक बार की बात है—एक समय सौ भारतीयों पर चार सौ से अधिक चीन के लुटेरों ने हमल...

सूर्य के घोड़ों को कैसे मिलता है विश्राम!

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु की साधना के लिए खरमास का विशेष महत्व है। 12 महीनों में सूर्य देव 12 राशियों में प्रवेश करते हैं। जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो उस स्थिति को खरमास लग जाता है। साल में दो बार ऐसा समय आता है जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसी परिस्थिति में शुभ कार्य बंद हो जाते हैं और पूजन-अर्चन, ध्यान-साधना, दान-पुण्य शुरू हो जाते हैं। 2022 में 15 जनवरी को वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। 23 फरवरी तक विवाह का योग रहेगा। 23 फरवरी के बाद गुरु के अस्त होने से विवाह आदि पर रोक रहेगी। इसी प्रकार मार्च में गुरु के अस्त और 15 मार्च से 15 अप्रैल तक खरमास होने के चलते विवाह नहीं होंगे। खरमास की कथा संस्कृत में गधे को खर कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित खरमास की कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। उन्हें कहीं पर भी रूकने की इजाजत नहीं है। उनके रुकते ही जनजीवन भी ठहर जाएगा, लेकिन जो घोड़े उनके रथ में जुड़े होते हैं वे लगातार चलने और विश्राम न मिलने ...

352 साल बाद काशी विश्वनाथ धाम में शामिल होगा ज्ञानवापी कूप

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विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसम्बर 2021 को काशी विश्वनाथ कोरीडोर में देश-विदेश के लगभग 5000 धर्माचार्य, महात्माओं, प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में लोकार्पण होगा। काशी विश्वनाथ कोरीडोर के लोकार्पण में अयोध्या के दो दर्जन से ज्यादा प्रसिद्ध संत शामिल होंगे और 8000 से ज्यादा प्रसाद वितरण हेतु स्वयंसेवक लगाए गए हैं। मंडलायुक्त वाराणसी और पुलिस कमिश्नर वाराणसी के द्वारा नियमित समीक्षा की जा रही है। ज्योर्तिलिंग काशी विश्वनाथ मंदिर का स्वतंत्र भारत में 241 साल बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विस्तार एवं इसका आम जनमानस के लिए 13 दिसम्बर 2021 को लोकार्पण किया जायेगा। प्रधानमंत्री का मानना है कि काशी हमारी पुरातन, सनातन, संस्कृति का केन्द्र एवं वर्तमान भारत के उद्भव का आधुनिकता का मुख्य केन्द्र है तथा यह उच्चतम शिखर पर हम सभी को पहुंचाएंगे। वहीं मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि काशी भारत की विरासत भगवान शंकर की नगरी के रूप में हमेशा विश्व में अध्यात्म का मार्गदर्शन किया है एवं आगे भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे। बता दें कि औरंगजेब के फरमान के बाद 1669 में मुगल ...

20 दिसम्बर 2021 से शुरू होगा पौष मास, शुभ कार्य वर्जित

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 20 दिसम्बर 2021 से पौष मास शुरू हो रहा है। पौष का महीना पंचांग के अनुसार दसवां महीना है। पौष मास की पूर्णिमा पर चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। चंद्रमा के पुष्य नक्षत्र में रहने के कारण इस महीने को पौष का महीना कहते हैं। इस मास में हेमंत ऋतु होने से ठंड अधिक होती है। इस महीने में उत्तम स्वास्थ्य और मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण की पूजा का विधान है। इस महीने में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उपवास भी रखा जाता है। पौष महीने में सूर्य 11 हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है। पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना की जाये तो वर्ष भर व्यक्ति स्वस्थ और सम्पन्न रहता है। पौष मास विवाह चर्चा या विवाह से जुड़े कार्यक्रम करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसके अलावा गृह प्रवेश, भूमि पूजन, हवन, ग्रह प्रवेश, व्यापार मुहूर्त, देव पूजन, मुंडन और जनेऊ संस्कार जैसे कार्यों पर भी रोक लग जाती है। पौष के महीने दो एकादाशियां आएंगी पहली कृष्ण पक्ष को सफला एकादशी, जो 9 जनवरी को पड़ रही है और दूसरी शुक्ल पक्ष को पौष पुत्रदा ...

धमतरी की हवा में फूलों की सुगंध

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जानकारी। बागतराई रोड पर आदर्श मुक्तिधाम सोरिद नगर है। नौ साल पहले इसका निर्माण वार्ड में हुआ है। पहले यह मुक्तिधाम सामान्य था, लेकिन पिछले कुछ सालों से इस मुक्तिधाम को आकर्षक बनाने वार्डवासियों ने श्रमदान करना शुरू कर दिया। मुक्तिधाम में कई कार्य करने युवकों की सेवा संगठन बना, जो अपने मेहनत से आज नाम के अनुसार वास्तव में यह मुक्तिधाम शहर व जिले के लिए किसी आदर्श से कम नहीं है। प्रवेश द्वार पर यमदेव का बड़ा आकर्षक पेटिंग, दीवारों पर चित्र व लेखन है। आगे बढ़े तो पाथवे, चहूं ओर गार्डन, बेहतर पेयजल सुविधा, विभिन्न प्रकार के फूल, पेड़-पौधे हैं। इससे यहां का वातावरण पूरी तरह से हरियाली हो गई है। यह मुक्तिधाम गार्डन के स्वरूप में बन गया है। आकर्षक मुक्तिधाम में कहीं भी बदबू नहीं है। यहां लगे विभिन्न प्रकार के फूल-पौधों से यहां शुद्ध हवा व फूलों की महक बना रहता है, ऐसे में लोग दो पल सुकून के बीताने यहां आते हैं। मार्निंग वाक, शाम को टहलने युवक समेत हर वर्ग यहां पहुंचते हैं। शांत वातावरण में कुछ लोग यहां योग भी करते हैं। आदर्श सेवा समिति अध्यक्ष अधिवक्ता नंद कुमार देवांगन, सचिव रेवती रमन तिवार...

70 हजार साल बाद गुजरेगा हरी पूंछ वाला रहस्यमय धूमकेतु

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जानकारी। हरी पूंछ वाला लियोनार्ड धूमकेतु आगामी 12 दिसम्बर को धरती के पास से गुजरेगा, इसे वर्ष का सबसे चमकदार धूमकेतु कहा जा रहा है। 14 दिसम्बर के बाद से यह सूर्यास्त के बाद आसमान आकाश में दिखाई देगा। इसे देखने के लिए सबसे अच्छा समय 17 दिसम्बर को होगा, इस दौरान लियोनार्ड धूमकेतु की चमक सबसे तेज रहेगी। महीने में शाम को कुछ समय के लिए इस चमकीले हरे बर्फ के गोले को सूर्यास्त के बाद दिखाई देने की सम्भावना है। इस दौरान धूमकेतु की हरे रंग की एक पूंछ भी दिखाई देगी। इस बर्फीली चट्टान का आंतरिक भाग सूर्य के जितना करीब आता है, उतना ही गर्म होता है। इससे पहले यह नीली धूल, फिर पीले या सफेद और अंत में हरे रंग का उत्सर्जन करता है। हरे रंग की पूंछ का मतलब यह धूमकेतु काफी गर्म है। इसमें बहुत सारे साइनाइड और डायटोमिक कार्बन हैं और इसके टूटने की सम्भावना भी उतनी ही ज्यादा है। करीब 70 हजार साल में ऐसा पहली बार होगा। इस धूमकेतु की खोज इसी साल जनवरी महीने में की गई थी। इस धूमकेतु को सी/2021 ए1 के नाम दिया गया है। इस दौरान इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 21 मिलियन मील (35 मिलियन किमी) होगी। इसे रात के समय पूरे मही...

स्वामी विवेकानंद और अंग्रेज

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  बोधकथा। एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद रेलगाड़ी से कही जा रहे थे, वह जिस डिब्बे में सफर कर रहे थे, उसी डिब्बे में कुछ अंग्रेज यात्री भी थे, उन अंग्रेजों को साधुओं से बहुत चिढ़ थी। वह साधुओं की खूब निंदा कर रहे थे। साथ वाले साधु यात्री को भी गाली दे रहे थे, उनकी सोच थी कि चूँकि साधू अंग्रेजी नहीं जानते, इसलिए उन अंग्रेजों की बातों को नहीं समझ रहे होंगे, इसलिए उन अंग्रेजों ने आपसी बातचीत में साधुओं को कई बार भला, बुरा कहा। रास्ते में एक बड़ा स्टेशन आया, उस स्टेशन पर स्वामी विवेकानंद के स्वागत में हजारों लोग उपस्थित थे, जिनमें विद्वान व अधिकारी भी शामिल थे, यहाँ उपस्थित लोगों को सम्बोधित करने के बाद अंग्रेजी में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर स्वामी विवेकानंद अंग्रेजी में ही दे रहे थे, इतनी अच्छी अंग्रेजी बोलते देखकर उन अंग्रेज यात्रियों को सांप सूंघ गया, जो रेल में उनकी बुराई कर रहे थे। अवसर मिलने पर वे विवेकानंद के पास आये और उनसे नम्रतापूर्वक पूछा कि आपने हम लोगों की बात सुनी, आपने बुरा माना होगा। स्वामी विवेकानंद ने सहज शालीनता से कहा कि मेरा मस्तिष्क अपने ही कार्यों में इतना अधिक व...

कन्या राशि वालों को '2022' में आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार कन्या राशि के कारक ग्रह बुध हैं। कन्या राशि वालों के नाम की शुरुआत मुख्य रूप से टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे,पो से होती है। लेकिन कई बार लोग अपने या अपने बच्चों के नाम के शब्द में बदलाव भी कर देते हैं, ऐसे में राशि के लिए कुंडली देखना आवश्यक हो जाता है। कन्या राशि की महिला स्वतंत्र होती है और अपने सामान के लिए दूसरों पर निर्भर रहने से नफरत करती है, वो अपना ख्याल अच्छी तरह से रखती है और समय पर सब कुछ करती है ताकि उसे कभी भी काम न होने की चिंता न हो। कन्या राशि की महिला को चीजों को व्यवस्थित करना और अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना पसंद होता है। जनवरी 2022 में मंगल का धनु राशि में गोचर चतुर्थ भाव को प्रभावित करेगा। जिससे आप धन और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करते हुए, जीवन में आ रही हर प्रकार की आर्थिक तंगी से छुटकारा पा सकेंगे। वर्ष की शुरुआत में आपकी राशि में राजयोग का निर्माण होगा। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में भाग्य का साथ प्राप्त करने और सफलता अर्जित करने में सक्षम होंगे। अप्रैल, जून और सितम्बर का महीना सेहत के मामले में आपको प्रतिकूल फल देगा। इस दौरान छोटी स...

8 दिसम्बर को मकर राशि में प्रवेश करेंगे शुक्र, मालामाल होंगे तीन राशियों के लोग

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 8 दिसंबर 2021 को सुबह 12 बजकर 56 मिनट पर शुक्र मकर राशि में प्रवेश करेंगे, यहां 30 दिसम्बर 2021 तक रहेंगे शुक्र। शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शोहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना आदि का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्र के शुभ होने पर मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। 8 दिसम्बर से तीन राशियो के अच्छे दिन शुरू होंगे, धनलाभ के प्रबल आसार हैं। मेष : इस राशि वालों के लिए शुक्र राशि परिवर्तन शुभ साबित होगा। इस दौरान जातक की मनोकामनाएं पूर्ण होने के योग बन रहे हैं। परिवार वालों के साथ अच्छा समय बीतेगा। सेहत अच्छी रहेगी। वाहन व भूमि सुख की प्राप्ति हो सकती है। मां लक्ष्मी की कृपा से धन-लाभ होगा। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा और सुख-सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी। वृष : इस राशि वालों के लिए शुक्र का राशि परिवर्तन लाभकारी रहेगा। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। जातक आय में वृद्धि हो सकती है। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को शुभ समाचार मिल सकता है। काम के कारण यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। कन्या : कन्या राशि वालों के लिए...

सिंह राशि के लोगों के लिए मिलाजुला रहेगा '2022'

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार सिंह राशि बारहों राशियों में पांचवीं राशि है, जो कि पूर्व दिशा की द्योतक है। सिह राशि का चिन्ह शेर होता है। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का सम्बन्ध अग्नि तत्व है। इसके अन्तर्गत पूर्वा फ़ाल्गुनी के चारों चरण, मघा नक्षत्र के चारों चरण और उत्तरा फ़ाल्गुनी का पहला चरण आता है। यह बेहद शक्तिशाली है। 2022 में सिंह राशि के जातकों के लिए मिलेजुले परिणाम ला रहा है। यह साल आर्थिक जीवन में अनुकूलता ला रहा है। 26 फरवरी से, मंगल जातक की राशि से भाग्य भाव में उपस्थित होंगे। इस दौरान संतान की सेहत में सकारात्मक बदलाव आएंगे। मंगल की ये स्थिति कार्यक्षेत्र में भी उत्तम फल देगी और वेतन वृद्धि के भी शुभ संयोग हैं। 2022 के फरवरी और अप्रैल के महीने में थोड़ा सावधानी रखें। कई अप्रत्याशित घटनाओं से दो-चार होना पड़ेगा। 12 अप्रैल को राहु मेष राशि में गोचर करेंगे इससे सिंह राशि के जातकों की सेहत में गिरावट आएगी। अप्रैल से अगस्त के बीच गुरु का मीन राशि में प्रवेश होने से जीवन में भाग्य का साथ मिलेगा। छात्रों को अपार सफलता मिल सकेगी। अप्रैल के बाद, राहु की उपस्थिति कार्यस्थल पर...

राजा पृथु की वजह से खूब अपमानित हुआ लुटेरा बख्तियार खिलजी

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"बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया है, अगर तू और तेरा एक भी सिपाही ब्रह्मपुत्र को पार कर सका तो मां चंडी (कामातेश्वरी) की सौगंध मैं जीते-जी अग्नि समाधि ले लूंगा : राजा पृथु" कथा। आजादी के बाद इतिहास में बख्तियार खिलजी का नाम दूसरे प्रसंगों में प्रमुखता से लिया जाता है, लेकिन राज पृथु का जिक्र कम देखने व सुनने को मिलता है। यह भी विडम्बना है कि इतिहासकारों ने पृथ्वीराज को हीरो बना दिया, जिसे मोहम्मद गोरी ने हराया था, लेकिन राजा पृथु का भारतीय इतिहास में कोई नाम नहीं जिसने गोरी सेना को खदेड़ा था। मालूम हो कि इस समय भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। जिसका उद्देश्य ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के नाम सामने लाना है, जिसे इतिहास में भुला दिया गया, जिनका कोई जिक्र नहीं। इसी संदर्भ में यह भी है कि राजा पृथु की तरह एक दो नहीं, सैकड़ों नाम हैं जिन्हें आज भारत के इतिहास में सम्मान के साथ दर्ज होने चाहिए थे लेकिन पृथु का नाम असम से बाहर शायद ही किसी को मालूम हो। 1206 ई. में मोहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने बौद्ध मठों के खजाने को लूटने और दक्ष...

कर्क राशि वालों के लिए शानदार और सकारात्मक रहेगा '2022'

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के जातक संवेदनशील और भावनात्मक होते हैं और अपने घर और परिवार के आराम के साथ बहुत खुश रहते हैं। कर्क राशि बारहों राशियों में चौथा चिन्ह है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोग, अपने घरों, अपनी जड़ों, अपने घोंसले से बहुत प्यार करते हैं। पूरी राशि का सबसे ज्यादा सहानुभूति रखने वाला चिन्ह कर्क है, इसका प्रतीक केकड़ा है। 2022 की शुरुआत में जातक की राशि के सप्तम भाव में उपस्थित शनि कष्ट देने वाला है। इस दौरान आर्थिक तंगी से दो-चार हो सकते हैं। शनि की स्थिति दाम्पत्य जीवन में भी प्रतिकूल फल दे सकती है। तनाव में भी वृद्धि हो सकती है। पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे जातकों को भी समस्या आएगी। पार्टनर के संबंधों में कड़वाहट आएगी, जिसका नकारात्मक असर कारोबार पर होगा। अप्रैल माह के अंत में शनि कुम्भ राशि में फिर से विराजमान हो जाएंगे। सीधे-सीधे अष्टम भाव प्रभावित होगा। आर्थिक जीवन बेहतर होगा और विभिन्न माध्यमों से धन अर्जित करने में सफल रहेंगे। 16 जनवरी को मंगल का धनु राशि में गोचर कई सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने का कार्य करेगा। मंगल जातक को स्वास्थ्य स...

क्रिकेट इतिहास में 132 साल बाद दो टेस्ट मैच में चार कप्तान

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  जानकारी। भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी और दूसरा मैच मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा रहा है। 2016 के बाद अब 2021 में वानखेड़े स्टेडियम में टेस्ट मैच खेला जा रहा है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में 132 साल बाद दो टेस्ट मैच में चार कप्तान बनाये गये। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेले गये पहले टेस्ट मैच में भारत के लिए अजिंक्य रहाणे और न्यूजीलैंड के लिए केन विलियम्सन कप्तान थे, दूसरे टेस्ट में दोनों खिलाड़ी चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं। टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारत के कप्तान विराट कोहली और न्यूजीलैंड के कप्तान टॉथ लाथम हैं।  132 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब दो मैचों की टेस्ट सीरीज में चार कप्तान शामिल हुए हैं। पहली बार 1889 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान चार कप्तान बनाये गये थे। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ओवेन डुनेल और विलियम मिल्टन थे। वहीं, इंग्लैंड के कप्तान ऑब्रे स्मिथ और मोंटी बोडेनहुई थे। उस समय इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था।

'2022' में अनुकूल वर्ष का आनंद लेंगे मिथुन राशि के लोग

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि के जातकों का नया साल यानि 2022 प्रेम संबंधों के मामले में अच्छा रहने वाला है। मिथुन राशि के सिंगल जातकों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि जिन्होंने अभी तक परिवार शुरू नहीं किया है, उन्हें साल 2022 में सच्चे प्यार से मिलने की प्रबल सम्भावना है। मिथुन राशि के लोग 2022 में एक अनुकूल वर्ष का आनंद लेंगे। वर्ष के पहले भाग के दौरान, बृहस्पति और मंगल जातक को अपने उपक्रमों में सफल होने में मदद करेंगे। वहीं शनि कर्मों को संयम का भाव प्रदान करेगा। मिथुन राशि के लोग 2023 में अपने जीवन में काफी बदलाव लाने की अपेक्षा कर सकते हैं। 2022 मिथुन राशि के जातकों के लिए दाम्पत्य जीवन में अनुकूलता लाएगा। 17 अप्रैल से लेकर जून तक 3 मुख्य ग्रहों (मंगल, शुक्र और बृहस्पति) का साथ होना वैवाहिक जीवन में समस्या का कारण बनेगा। 2022 में मिथुन राशि के लोगों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा। जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक शनि मकर राशि में हैं। यह स्थिति आर्थिक नुकसान होने के योग हैं। शनि देव सेहत पर असर डाल सकते हैं। खर्चों पर नियंत्रण व सेहत के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जात...

वृष राशि वालों के लिये अनुकूल रहेगा '2022'

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार वृष राशि के छात्रों के लिए साल 2022 बेहद अनुकूल रहने वाला है. छात्रों की अपने शिक्षाविदों में रुचि और ध्यान में वृद्धि होगी. साथ ही इस राशि के कुछ छात्र उच्च शिक्षा का सपना भी साकार करने में कामयाब होंगे. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को अप्रैल के बाद सफलता मिलने के संकेत हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अनुकूल परिणाम मिलने की संभावना है। सेहत में भी सही सुधार आएगा और आप बेहतर स्वास्थ्य का आनंद लेते दिखाई देंगे। कुल मिलाकर ​वृष राशि वालों के लिये 2022 सामान्य फल देने वाला है। 16 जनवरी 2022 को मंगल का धनु राशि में गोचर अष्टम भाव को प्रभावित करेगा। इस भाव को आयु भाव भी कहते हैं। मंगल का यह गोचर भाग्य का साथ देने वाला है। 2022 में आप जीवन में अपार सफलता हासिल कर सकेंगे। जनवरी से जून के दौरान छात्र अपनी शिक्षा में शुभ फल प्राप्त करेंगे। मंगल उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर बनाएगी। 2022 में करियर के क्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलेंगे, इस राशि के जातक तरक्की कर सकेंगे। शनि आपकी राशि से नवम भाव यानी भाग्य भाव में उपस्थित रहेंग...

मेष राशि के लिये उत्तम रहेगा '2022'

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ज्योतिष। इस वर्ष यानि 2022 मेष राशि वालों के लिये नौकरी में पदोन्नति के योग की प्रबल संभावनाएं इस वर्ष बनने और कार्य में सक्रियता और महत्वपूर्ण निर्णय लेने का सबसे शुभ समय मध्य मई से अक्टूबर तक का होगा। वहीं नवम्बर और दिसम्बर का महीना आपकी ऊर्जा को धीमा कर सकता है। इस दौरान जातक को परेशानी उठानी पड़ सकती है। वर्ष 2022 आपके लिए मिले जुले फल लेकर आएगा। इस वर्ष 2022 में शनि आपके दशम भाव में मौजूद रहेंगे। इस वर्ष मेष राशि को सफलता पाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करना होगी। आलस को छोड़ना हित में होगा। वर्ष 2022 में मंगल जीवन में मंगल करेंगे। कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। 16 जनवरी को मंगल का धनु राशि में प्रवेश होगा, यह योग मालामाल कर देगा। कई शुभ फल मिलने के योग बनेंगे और मेष राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मकता देखी जाएगी। रोमांस के सितारे गड़बड़ दिखाई दे रहे हैं। 13 अप्रैल को जब गुरु बृहस्पति का मीन में गोचर होगा, तो वो आपकी राशि से 12वें भाव यानी हानि भाव में प्रवेश करेंगे। बृहस्पति इस राशि के विद्यार्थियों को सबसे अधिक प्रभावित कर सकते हैं। परीक्षा में सफलता अर्जित करते हुए, अच्छे अंक हासिल क...

कोरोना के नये वैरिएंट से फिर मचा हाहाकार

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विचार। कोरोना के नये वैरिएंट को लेकर विश्व समुदाय में फिर बेचैनी है। इस नए वैरिएंट और इसके खतरे को देखते हुए कई देशों ने यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट बी-1-1-529 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के डर से ओमीक्रोन नाम दिया है। वहीं भारत की बात करें तो भारत के कई राज्यों में कोरोना के मामले बहुत ही तेजी से बढ़े हैं, कोरोना के बढ़े मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई और सतर्क रहने की हिदायत दी। नया कोरोना वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका, यूरोप, इजराइल समेत कई देशों में पहुंच गया है। इस वायरस को रोकने के लिए यूरोपीय देश की सरकारें फिर से सख्त नियम लागू करने की पक्रियाएं शुरू कर दी है, इस सख्ती के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेम्स स्पैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस साल के अंत तक जर्मनी के लोग या तो पूरी तरह वैक्सीनेटिड हो जाएंगे या ठीक हो जाएंगे या मर जाएंगे। केस बढऩे के कारण बेल्जियम ने मास्क अनिवार्य कर दिया है। लोगों को घर से ही काम करने के निर्देश दिए गए हैं। सख्त नियमों और वैक्सीन के लिए प्रोरित करने वाले सरकारी उपाय...

4 दिसम्बर को है शनिचरी अमावस्या, अशुभ प्रभाव दूर करेंगे शनि देव

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार शनिचरी अमावस्या के दिन शनि से पीड़ित व्यक्तियों के लिए दान का महत्व बहुत बढ़ जाता है। शनि से प्रभावित व्यक्तियों का जीवन कई प्रकार के परेशानियों से घिरा हुआ रहता हैं। बनते कार्य में बाधा आना, कार्य आसानी से न बनना, अचानक चोट लगना या निरंतर नुकसान होना आदि कई समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ता है। अत: इन्हीं समस्याओं से निजात पाने या इन्हें कम करने के लिए शनि अमावस्या के दिन शनि से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करना उत्तम रहता है। शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए एक कटोरी में तिल का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में कटोरी और तेल दोनों ही रख आएं। माना जाता हैं कि तिल के तेल से शनि विशेष प्रसन्न रहते हैं। साबुत काले उड़द सवापाव की मात्रा में लेकर काले कपड़े में बांध लें और शुक्रवार को उसे अपने पास ही रखकर सोएं। फिर शनिवार को उस पोटली को शनि मंदिर में रख आएं। एक शीशी काला सुरमा खरीद लें और शनिवार के दिन 9 बार अपने ऊपर से सिर से पैर तक किसी से उतरवा कर सूनसान जमीन में गाड़ दें। शनि मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः का जप करके भी काफी हद तक शनि के कुप...

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर राजनीति

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विचार। भारत में पेट्रोल व डीजल महंगा होने से ही महंगाई है। जीवन मेें उपयोग होने वाली अधिकतर चीजों को वाहनों से ही एक से दूसरे जगह पहुंचाया जाता है। इन वाहनों को आनेजाने में ईंधन खर्च होता है और ईंधन महंगा है, तो जाहिर सी बात है महंगाई रहेगी, चाहे जिस किसी भी दल की सरकार हो। महंगाई पर काबू करने के लिये पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर लगाम लगानी होगी। बीते दीपावली की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की घोषणा की थी। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्रमशः 5 रुपए और 10 रुपए कम किया गया। पेट्रोल पर अभी तक एक्साइड ड्यूटी 32.90 पैसे थी, जो घटकर 27.90 पैसे हो गई। वहीं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 31.80 पैसे थी, जो घटकर 21.80 पैसे हो गई। वहीं वित्त मंत्रालय ने कहा था कि भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपए और 10 रुपए की कमी करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्यों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का भी आग्रह किया गया है। एक्साइज ड्यूटी में कमी होने से भारत को 60 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नु...

वेश्या को स्वर्ग, संन्यासी को नरक

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प्रेरक कथा। एक संन्यासी की जिस दिन मौत हुई, उसी दिन एक वेश्या की भी मौत हो गयी, दोनों ही आमने-सामने रहते थे। देवदूत लेने आए, तो संन्यासी को नरक की तरफ ले जाने लगे और वेश्या को स्वर्ग की तरफ। संन्यासी ने देवदूतों से कहा, रुकिये, लगता है कुछ भूल हो गई मालूम होती है, मुझ संन्यासी को नरक की तरफ, वेश्या को स्वर्ग की तरफ, क्यों ? जरूर आपके संदेश में कहीं कोई भूल हो गई है। शक तो उन देवदूतों को भी हुआ। उन्होंने कहा, भूल कभी हुई तो नहीं, लेकिन मामला तो साफ दिखता है कि यह वेश्या है और तुम संन्यासी हो। वे गए लेकिन फिर ऊपर से खबर आई कि कोई भूल-चूक नहीं है, जो होना था, वही हुआ है। वेश्या को स्वर्ग में ले आओ, संन्यासी को नरक में डाल दो और अगर ज्यादा ही जिद करे, तो उसे कारण समझा देना। संन्यासी ने जिद की, तो देवदूतों यह कारण बताना पड़ा—संन्यासी रहता तो मंदिर में था, लेकिन सोचता सदा वेश्या की था, भगवान की पूजा तो करता था, आरती भी उतारता था, लेकिन मन में प्रतिमा वेश्या की होती थी और जब वेश्या के घर में रात राग-रंग होता, बाजे बजते, नाच होता, कहकहे उठते, नशे में डूब कर लोग उन्मत्त होते, तो संन्यासी को ऐस...

चरित्र से होती है व्यक्ति की पहचान

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बोधकथा। एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद के विदेशी मित्र ने उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस से मिलने के लिये निवेदन करते हुये कहा कि वह उस महान व्यक्ति से मिलना चाहता है। जिसने आप जैसे महान व्यक्तित्व का निर्माण किया। जब स्वामी विवेकानंद ने उस मित्र को अपने गुरु से मिलवाया तो वह मित्र, स्वामी रामकृष्ण परमहंस के पहनावे को देखकर आश्चर्यचकित हो गया। उसने कहा “यह व्यक्ति आपका गुरु कैसे हो सकता है, इनको तो कपड़े पहनने का भी ढंग नहीं है”। तो स्वामी विवेकानंद ने बड़ी विनम्रता से कहा– “मित्र आपके देश में चरित्र का निर्माण एक दर्जी करता है लेकिन हमारे देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते है|” व्यक्ति की पहचान कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके बुद्धि, विचार और चरित्र से होती है।

उत्पन्ना एकादशी के पूजन से मिलता है अपार पुण्य

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  आस्था। बहुत कम ही लोगों को पता है कि एकादशी एक देवी थी, जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था। एकादशी अगहन मास की कृष्ण एकादशी को प्रकट हुई थीं, जिसके कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा इसी दिन से एकादशी व्रत शुरू हुआ था। ऐसा माना जाता है कि स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी माता के जन्म की कथा सुनाई। वैतरणी एकादशी को व्रत-उपवास रखने से शीघ्र ही समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हेमंत ऋतु में आने वाली इस एकादशी को उत्पत्तिका, उत्पन्ना और वैतरणी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन त्रिस्पृशा यानी कि जिसमें एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि भी हो, वह बड़ी शुभ मानी जाती है। इस दिन एकादशी का व्रत रखने से एक सौ एकादशी व्रत करने का फल मिलता है। ग्रंथों के अनुसार अगहन मास भगवान कृष्‍ण और विष्णु की भक्ति का महीना माना गया है। इस दिन विष्णु के शरीर से माता एकादशी उत्पन्न हुई थीं। कथा के अनुसार सतयुग में एक मुर नामक दैत्य था जिसने इंद्र सहित सभी देवताओं को जीत लिया। भयभीत देवता भगवान शिव से मिले तो शिव जी ने देवताओं को श्री हरि विष्‍णु के पास जाने को कहा। क्षीरसागर के जल में शयन क...

स्वयंसेवकों ने विदेशी घोष वाद्यों को स्वदेशी नाम दिया, बनाई नयी धुन

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1982 में भारत में सम्पन्न हुए एशियाड गेम्स के उद्घाटन समारोह में भारतीय नेवी दल ने स्वयंसेवकों द्वारा निर्मित रचना शिवराज का वादन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। विचार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक शानदार संगठन है, जो देश का गौरव बढ़ाने का कार्य करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक ‘देश नहीं झुकने दूंगा’, वाले सूत्र पर काम करता है। सभी के साथ आत्मीय लगाव रखने वाले संघ की शाखा में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं, जो निहायत ही लुभावना होता है। सही मायने में कहा जाये तो संघ माने शाखा, शाखा माने कार्यक्रम, कार्यक्रम यानि खेल, समता, योग, आसन, सूर्य नमस्कार, गीत, सुभाषित, अमृतवचन, प्रार्थना तो मुख्य हैं। इसके अलावा कई कार्यक्रम हैं, जो संघ के स्वयंसेवक बड़ी लगन से करते हैं, सहज गिनाया नहीं जा सकता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में शारीरिक कार्यक्रमों का बड़ा महत्व है, शाखा पर खेल के साथ ही पथ संचलन का अभ्यास भी होता है, जब स्वयंसेवक घोष (बैंड) की धुन पर कदम मिलाकर चलते हैं, तो चलने वालों के साथ ही देखने वाले भी झूम उठते हैं। संघ में घोष का महत्व ठीक उसी प्रकार से है जैसे वीर के म...

उनाव में सूर्यमंदिर के दर्शन से मिलता है चर्म रोग से छुटकारा व संतान का सुख

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  जानकारी। इक्ष्वाकु वंश के अविक्षित राजा के पुत्र तथा करंधम राजा के पौत्र वैशाली नरेश चक्रवर्ती सम्राट मरुत द्वारा अंगिरस ऋषि के दूसरे पुत्र एवं बृहस्पति के छोटे भाई संवर्त ऋषि के माध्यम से यमुना नदी के तट पर यज्ञ करवाया गया था। यज्ञ में काशी नरेश ने पाषाण यंत्र बनवाया, जो कालांतर में अमरकोश के रचयिता तथा चंद्रगुप्त द्वितीय के नवरत्न अमर सिंह सौरा द्वारा उनाव में लाया गया। कलयुग में 16 वीं शताव्दी में मऊरानीपुर के निकट कुरैचा गांव के रहने वाले सूर्य उपासक पंडित सदाराम एवं पतराम द्वारा सूर्य यंत्र को उनाव के निकट गोवर्धन नामक स्थान से पीपल की जड़ से निकाला गया तथा नदी किनारे गाय के गोबर, शहद, गुड़, मिट्टी आदि द्रव्यों से चबूतरा बनाकर स्थापित किया गया था। झांसी के सूवेदार मराठा नारूशंकर का कुष्ठ रोग ठीक होने पर उनके द्वारा सवा लाख स्वर्ण मुद्राओं का दान मन्दिर निर्माण के लिए दिया गया। मन्दिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ । मन्दिर का सिंहपौर (गुर्ज) बन ही पाया था, तभी दतिया नरेश बुन्देला शासक महाराज इंद्रजीत द्वारा मन्दिर का निर्माण कराया गया। इसके साथ ही दतिया के महाराजा भवानी सिंह(18...

आकर्षक पति चाहती हैं महिलाएं

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जानकारी। एक शोध में 113 विवाहित नए जोड़ों को शामिल किया गया था। शोध के दौरान शामिल जोड़े 30 साल की उम्र से कम के थे और उनकी शादी को चार महीने से अधिक हो गए थे। इस शोध के दौरान उन्हें एक पेपर दिया गया था, जिसमें उनके फिट रहने की इच्छा से जुड़े सवाल पूछे गए थे। जिन महिलाओं के पति आकर्षक होते हैं वह अपने आप को फिट रखने की ज्यादा प्रेशर बनाती हैं ताकि वह भी अपने पार्टनर की तरह दिख सकें। एक यूनिवर्सिटी में हुई इस रिसर्च में हिस्सा लेने वाली महिलाओं ने बताया कि उन पर डाइट या फिर भूखे रहने का कोई दबाव नहीं रहता है। वह रिलेशनशिप में काफी सकारात्मक महसूस करती हैं और खुश रहती हैं। महिलाएं रिश्तों की कद्र पर अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं लड़कों की बात करें तो हर लड़का किसी भी लड़की को पसंद करने से पहले कुछ चीजें जरूर देखता है। होंठ : लड़कियों के गुलाबी ओठ लड़कों को बहुत ज्यादा लुभाते हैं। वह इनके दीवाने होकर दिल दे बैठते हैं। हेयरस्टाइल : लुभाती हैं सुनहरी जुल्फें लड़के आमतौर पर लड़कियों के हेयरस्टाइल पर बहुत ध्यान देते हैं। किसी भी लड़की की हेयरस्टाइल ही यह बताने के लिए काफी होती है कि वह कितनी म...

रोगियों की सेवा करना पुण्य का काम

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बोधकथा। 1899 में कलकत्ते में भयंकर प्लेग फैला हुआ था, शायद ही कोई ऐसा घर बचा था, जिसमें रोग का प्रवेश न हुआ हो। स्वामी विवेकानंद, उनके कई शिष्य तथा गुरुभाई स्वयं रोगियों की सेवा-शुश्रूषा करते रहे, स्वयं अपने हाथों से नगर की गलियां और बाजार साफ करते रहे। इसी दौरान कुछ समाजसेवियों की मंडली स्वामी विवेकानंद से मुलाकात की, समाजसेवियों ने उनसे कहा-‘स्वामीजी, आप यह कार्य ठीक नहीं कर रहे हैं। पाप बहुत बढ़ गया है, इसलिए इस महामारी के रूप में भगवान लोगों को दंड दे रहे हैं, आप लोगों को बचाने का प्रयत्न कर रहे हैं! ऐसा करके आप भगवान के कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। इस पर स्वामी विवेकानंद ने गम्भीरता से कहा कि आप सब यह तो जानते ही होंगे कि मनुष्य इस जीवन में अपने कर्मों के कारण कष्ट और सुख पाता है। ऐसे में जो व्यक्ति कष्ट से पीड़ित है और तड़प रहा है, यदि दूसरा व्यक्ति उसके घावों पर मरहम लगा देता है और उसके कष्ट को दूर करने में मदद करता है तो वह स्वयं ही पुण्य का अधिकारी बन जाता है। अब यदि आपके अनुसार प्लेग से पीड़ित लोग पाप के भागी हैं तो भी हमारे जो सेवक इनकी मदद कर रहे हैं, वे तो पुण्य के भागी ब...

4 दिसम्बर के लगेगा 2021 का अंतिम सूर्यग्रहण

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  ज्योतिष। पंचांग के अनुसार 2021 का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष अगहन महीने की अमावस्या के दिन लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है। यह घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है। सूर्य ग्रहण 4 दिसम्बर को प्रात: 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा। 4 दिसम्बर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जिसके कारण भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। बता दें कि 2021 में 2 चंद्रग्रहण और दो ही सूर्यग्रहण का योग बना। पहला चंद्रग्रहण 26 मई 2021 को व 19 नवम्बर 2021 को लग चुका है। 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगा था। दूसरा और अंतिम आखिरी सूर्यग्रहण 4 दिसम्बर 2021 को लगेगा। चार दिसम्बर को लगने वाले सूर्यग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा ...

ऋषि पराशर ने कलयुग में दान रूप धर्म की महत्ता बताई

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विचार। मुनि वह व्यक्ति है जो आत्मनिरीक्षण करता है या जो विचारशील है। मूल रूप से, एक मुनि कुछ ऐसे दार्शनिक की तरह होता है जो इस बारे में सोचता है कि चीजें कैसे और क्यों होती हैं। ऋषि वह व्यक्ति है जिसे आमतौर पर उनके सैकड़ों वर्षों के तप या ध्यान के कारण सीखने और समझने के उच्च स्तर पर माना जाता है। पराशर एक मन्त्रद्रष्टा ऋषि, शास्त्रवेत्ता, ब्रह्मज्ञानी एवं स्मृतिकार है। पराशर महर्षि वसिष्ठ के पौत्र थे। नर्मदा के उत्तरी तट पर पराशर ने पुत्र-प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की और पार्वती ने प्रत्यक्ष दर्शन देकर उनकी इच्छा पूर्ण होने का आश्वासन दिया। चेदिराज नामक उपरिचर वसु एक बार मृगया के लिए निकला, तो सुगंधित पवन, सुंदर वातावरण आदि से प्रभावित राजा को अपनी पत्नी याद आयी और उसका वीर्य-स्खलन हुआ। उसे अपनी पत्नी तक पहुँचाने की, राजा ने एक श्येन पक्षी से प्रार्थना की। श्येन जब उसे ले जा रहा था, उसे मांसपिंड समझ कर मार्ग में एक दूसरा श्येन पक्षी हड़पने लगा। तब वह वीर्य कालिन्दी के जल में जा गिरा, जिसे ब्रह्मा के शापवश मछली के रूप में कालिन्दी में रहती आ रही अद्रिका नामक अप्सरा ने निगल लिया। फलतः ...

बाढ़ के दौरान नेपाल से उपजाऊ मिट्टी लाती है गंडक

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विचार। गंडक नदी अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी नेपाल से लेकर आती है जो कि बिहार व उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था वृद्धि में अहम भूमिका है, बिहार में दियारा (एक स्थानीय शब्दावली है जो भोजपुरी भाषी क्षेत्र में नदी के बाढ़ मैदान में स्थित एक स्थलरूप के लिये इस्तेमाल होती है।) क्षेत्र में किसान गन्ने की खेती कर अर्थव्यवस्था दुरुस्त रख रहे हैं। गन्ना विशेषज्ञों ने किसानों को सिंगल बड चिप विधि से गन्ने की बुवाई करने की सलाह दी है। इस विधि से गन्ने की बुवाई करने से प्रति हेक्टेअर लागत में 16 हजार 250 रुपये की कमी आएगी। यानी बुवाई में 50 क्विंटल बीज की बचत होगी। गन्ने की मोटाई व लम्बाई अधिक होने के चलते 25 प्रतिशत ज्यादा पैदावार होगी। यह विधि गन्ना किसानों की पहली पसंद बना हुआ है। वहीं जानकारी के अभाव में किसान सिर्फ गन्ने की फसल पर ही निर्भर रहते हैं। जबकि किसान गन्ने के साथ उड़द, मूंग, धनिया, सब्जी की बुवाई कर बहुत कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि दलहनी फसलों से भूमि में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है। बाजार में दलहन की काफी कमी है, इसके दाम भी काफी अच्छे रहते है...

नवम्बर 2021 से जुलाई 2022 तक विवाह के 53 शुभ मुहूर्त

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ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार शुभ मुहूर्त निकालने के लिए निम्न बातें जान लेना जरूरी है- तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, नवग्रहों की स्थिति, मलमास, अधिकमास, शुक्र और गुरु अस्त, अशुभ योग, भद्रा, शुभ लग्न, शुभ योग तथा राहुकाल आदि इन्हीं के योग से शुभ मुहूर्त निकाला जाता है यथा सर्वार्थसिद्धि योग। परम्परा के अनुसार वर व वधु के कुंडली में 36 बिंदुओं पर मिलान के बाद विवाह की तिथि तय होती है, इस बार यानि 2021 में चतुर्मास के बाद 21 नवम्बर से शादी का शुभ लग्न बन रहा है। नवम्बर 2021 से अगले वर्ष जुलाई 2022 तक विवाह के 53 शुभ मुहूर्त हैं। मालूम हो कि देवउठनी एकादशी बीते 14 व 15 नवम्बर को था और चतुर्मास का समापन हुआ। शादी विवाह सिर्फ तिथि ही नहीं, नक्षत्र, माह, तिथि, पंचश्लाका वेध, लग्न तथा शुभ ग्रह के हिसाब से तय होता है। 20 नवंबर को शनिवार के दिन अगहन (मार्गशीर्ष) प्रवेश कर रहा है, इसलिये 21 नवम्बर रविवार के दिन द्वितीया तिथि से विवाह आदि मंगल कार्यों की शुरुआत होगी। नवम्बर महीने में 21, 22 व 29 को, दिसम्बर माह में 1, 2, 5, 6, 8, 9 और 13 को, जनवरी 2022 में 23, 24 व 27 को फरवरी महीने में 2, 6, 7, 10 ...