20 दिसम्बर 2021 से शुरू होगा पौष मास, शुभ कार्य वर्जित
ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार 20 दिसम्बर 2021 से पौष मास शुरू हो रहा है। पौष का महीना पंचांग के अनुसार दसवां महीना है। पौष मास की पूर्णिमा पर चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। चंद्रमा के पुष्य नक्षत्र में रहने के कारण इस महीने को पौष का महीना कहते हैं। इस मास में हेमंत ऋतु होने से ठंड अधिक होती है। इस महीने में उत्तम स्वास्थ्य और मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए भगवान सूर्यनारायण की पूजा का विधान है। इस महीने में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उपवास भी रखा जाता है। पौष महीने में सूर्य 11 हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है। पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना की जाये तो वर्ष भर व्यक्ति स्वस्थ और सम्पन्न रहता है। पौष मास विवाह चर्चा या विवाह से जुड़े कार्यक्रम करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसके अलावा गृह प्रवेश, भूमि पूजन, हवन, ग्रह प्रवेश, व्यापार मुहूर्त, देव पूजन, मुंडन और जनेऊ संस्कार जैसे कार्यों पर भी रोक लग जाती है। पौष के महीने दो एकादाशियां आएंगी पहली कृष्ण पक्ष को सफला एकादशी, जो 9 जनवरी को पड़ रही है और दूसरी शुक्ल पक्ष को पौष पुत्रदा एकादशी, जो 24 जनवरी 2021 को है। इसके अलावा पौष अमावस्या और पौष पूर्णिमा का भी बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इस दिन को पितृदोष, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी इस दिन उपवास रखने के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
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