सूर्य के घोड़ों को कैसे मिलता है विश्राम!

ज्योतिष। शास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु की साधना के लिए खरमास का विशेष महत्व है। 12 महीनों में सूर्य देव 12 राशियों में प्रवेश करते हैं। जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो उस स्थिति को खरमास लग जाता है। साल में दो बार ऐसा समय आता है जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसी परिस्थिति में शुभ कार्य बंद हो जाते हैं और पूजन-अर्चन, ध्यान-साधना, दान-पुण्य शुरू हो जाते हैं। 2022 में 15 जनवरी को वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। 23 फरवरी तक विवाह का योग रहेगा। 23 फरवरी के बाद गुरु के अस्त होने से विवाह आदि पर रोक रहेगी। इसी प्रकार मार्च में गुरु के अस्त और 15 मार्च से 15 अप्रैल तक खरमास होने के चलते विवाह नहीं होंगे।

खरमास की कथा

संस्कृत में गधे को खर कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित खरमास की कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं। उन्हें कहीं पर भी रूकने की इजाजत नहीं है। उनके रुकते ही जनजीवन भी ठहर जाएगा, लेकिन जो घोड़े उनके रथ में जुड़े होते हैं वे लगातार चलने और विश्राम न मिलने से भूख व प्यास से बहुत थक जाते हैं। उनकी इस दयनीय दशा को देखकर सूर्यदेव का मन भी द्रवित हो गया। वे उन्हें एक तालाब के किनारे ले गए, लेकिन उन्हें तभी यह ध्यान आया कि अगर रथ रूका तो अनर्थ हो जाएगा। लेकिन घोड़ों का सौभाग्य कहिए कि तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे। भगवान सूर्यदेव घोड़ों को पानी पीने और विश्राम देने के लिए छोड़े देते हैं और खर अर्थात गधों को अपने रथ में जोत देते हैं। अब घोड़ा-घोड़ा होता है और गधा-गधा, रथ की गति धीमी हो जाती है फिर भी जैसे-तैसे एक मास का चक्र पूरा होता है तब तक घोड़ों को विश्राम भी मिल चुका होता है, इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौर वर्ष में एक सौर खरमास कहलाता है।
बता दें कि 16 दिसम्बर, बृहस्पतिवार से खरमास की शुरुआत हो जाएगी और सूर्य देव का रथ घोड़े नहीं खर यानी गदर्भ खीचेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के देवता सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास की शुरुआत हो जाती है और 14 जनवरी को जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे तो खरमास खत्म हो जाएगा, उस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वृष राशि वालों के लिए बेहद शुभ है नवम्बर 2020

26 नवम्बर 2020 को है देवउठनी एकादशी, शुरू होंगे शुभ कार्य

15 मई से सूर्य मेष से वृषभ राशि में जाएंगे, जानें किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा