मेनॉपॉज के कारण तेजी से बढ़ता है वजन
जीवनशैली : महिलाओं के शरीर में मेनॉपॉज के कारण हॉर्मोन्स से संबंधित कई बड़े बदलाव होते हैं। इस कारण ज्यादातर महिलाओं का वजन तेजी से बढऩे लगता है। एक स्टडी के मुताबिक 50 से 59 की उम्र तक की 30 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से जूझती हैं जिसकी बड़ी वजह मेनॉपाज है। वेट गेन होने पर महिलाओं में डायबीटीज, हाई बीपी और हार्ट संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि इस दौरान फिटनेस का थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। 30 मिनट की एक्सर्साइज रोजाना जरूर करें। इसके लिए चाहे तो जिम जाया जा सकता है या फिर योग, वॉकिंग और रनिंग को डेली रूटीन की हिस्सा बनाया जा सकता है। स्विमिंग और साइकलिंग भी अच्छे ऑप्शन्स हैं। फास्ट फूड, ऑइली फूड और ज्यादा स्पाइसी फूड से दूर रहें। इसकी जगह डायट में ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां, दाल और नट्स को शामिल करें। फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के साथ ही देर तक पेट भरा रखेगा। यह शुगर लेवल को मेनटेन रखने में भी मदद करेगा।
वहीं प्रोटीन मसल्स को स्ट्रेंथ देगा। रोज 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे बॉडी को रिलैक्स होने के साथ ही फैट को बर्न करने में मदद मिलती है। स्टडी में सामने आया है कि ऐसे लोग जो कम नींद लेते हैं या लेट सोते हैं वे समय पर सोने व पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा मोटे होते हैं। हॉर्मोनल चेंज के कारण शरीर की स्ट्रेस को झेलने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। बेहतर होगा कि स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश करें इससे स्ट्रेस इंड्यूस ओवरइटिंग से भी बचा जा सकेगा जो वजन नहीं बढऩे देगा। रोजाना वजन नापने की आदत डाल लें।
वहीं प्रोटीन मसल्स को स्ट्रेंथ देगा। रोज 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे बॉडी को रिलैक्स होने के साथ ही फैट को बर्न करने में मदद मिलती है। स्टडी में सामने आया है कि ऐसे लोग जो कम नींद लेते हैं या लेट सोते हैं वे समय पर सोने व पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा मोटे होते हैं। हॉर्मोनल चेंज के कारण शरीर की स्ट्रेस को झेलने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। बेहतर होगा कि स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश करें इससे स्ट्रेस इंड्यूस ओवरइटिंग से भी बचा जा सकेगा जो वजन नहीं बढऩे देगा। रोजाना वजन नापने की आदत डाल लें।
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