जीवन में कभी भी बदल सकती है परिस्थिति
प्रेरक कथा: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मशहूर चौराहे पर बूढ़ा भिखारी बैठता था। वह उसकी निश्चित जगह थी। आने जाने वाले पैसे या खाने-पीने को कुछ दे देते। इसी से उसका जीवन चल रहा था। उसके शरीर में कई घाव हो गए थे, जिनसे उसे बड़ा कष्ट था। एक युवक प्रतिदिन उधर से आते-जाते समय भिखारी को देखता। एक दिन वह उससे बोला कि बाबा! इतनी कष्टप्रद अवस्था में भी आप जीने की आस रख रहे हैं, जबकि आपको ईश्वर से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए। भिखारी ने उत्तर दिया कि मैं ईश्वर से रोज यही प्रार्थना करता हूँ, लेकिन वह मेरी प्रार्थना सुनता नहीं है। शायद वह मेरे माध्यम से लोगों को यह संदेश देना चाहता है कि किसी का भी हाल मेरे जैसा हो सकता है। मैं भी पहले तुम लोगों की तरह ही था। मेरे उदाहरण द्वारा वह सबको एक सीख दे रहा है। युवक ने उसको प्रणाम किया और कहा कि आज आपने मुझे जीवन की सच्ची सीख दी दी, जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। यानि कि परिस्थिति किसी की भी कभी भी बदल सकती है, इसलिये सभी को जीवन में तैयार व सतर्क रहना चाहिए।
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