बगीचा नहीं है तो घर में लगायें पौधे

विचार : सनातन परम्परा में मानवों के जीवनचक्र की तरह वृक्षों के जीवनचक्र के बारे में बताया गया है। वृक्ष जीवन के लिए अहम हैं, प्राणवायु है। आजकल प्रदूषण भरे वातावरण में प्रत्येक जीवों की घुटन सी हो रही है। इस घुटन को दूर करना पृथ्वी के मानवों की जिम्मेदारी है, लेकिन दु:खद है कि अपनी जिम्मेदारी बहुत लोग नहीं निभा रहे, बस दूसरों की कमियां निकालने और आलोचना करने में जुटे हुए हैं। प्रदूषण को कैसे रोका जाये, इस पर बहुत कम लोग ध्यान दे रहे हैं, जबकि सभी को पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। यदि आप पेड़ नहीं लगा सकते तो कम से कम एक पौधा अपने घर में जरूर रखें। पेड़ को घर के मुख्य द्वार पर कभी भी नहीं लगाना चाहिए। घर में नीम, चंदन, नींबू, अनार, आम, आंवला आदि के पेड़ व पौधे लगाए जा सकते हैं। पेड़ों को घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना उचित रहता है। कांटे वाले पौधे घरों में कतई न लगायें। ऐसी मान्यता है कि कई ऐसे पेड़ हैं, जिसे लगाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और परिवार सुखी रहता है। लक्ष्मणा का पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम बताया गया है। घर में किसी भी बड़े गमले में इसे उगाया जा सकता है। जिस किसी के भी घर में सफेद पलाश और लक्षमणा का पौधा होता है वहां धनवर्षा होती है। सनातन परम्परा में केले के पेड़ का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। केले के पेड़ की पूजा की जाती है। 

 घर की चहारदीवारी में केले का वृक्ष लगाना शुभ माना जाता है। बृहस्पति ग्रह का कारक होने के कारण इसे ईशान कोण में लगाना चाहिए। भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है। वहीं नारियल का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है। यह मंगलकारी पेड़ घर के प्रांगण में हो तो धन और समृद्धि बनी रहती है। नारियल के पेड़ के होने से राहु या केतुजनित समस्या नहीं रहती। तुलसी को माता लक्ष्मी का दूसरा रूप माना गया है। घर में तुलसी का पौधा पूर्व दिशा या ईशान कोण में लगाएं। तुलसी सभी तरह के रोगाणु को घर में आने से पहले ही नष्ट कर देती है। यह घर में सुख, शांति और समृद्धि का विकास करती है। इसके नियमित सेवन से किसी भी प्रकार का गंभीर रोग नहीं होता है। अश्वगंधा का पेड़ लगाने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। अश्वगंधा का पेड़ अत्यन्त लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि भी है। श्वेतार्क दूधवाला पौधा होता है, जो गणेश भगवान का प्रतीक है। दूध से युक्त पौधों का घर की सीमा में होना अशुभ होता है किंतु श्वेतार्क इसका अपवाद है, जिसे घर के समीप उगा सकते हैं। इससे घर में सुख, शांति और सदैव बरकत बनी रहती है। अपराजिता को संस्कृत में आस्फोता, विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्वखुरा कहते हैं। 

श्वेत और नीले दोनों प्रकार की अपराजिता औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे लगाने से घर में लक्ष्मी और सरस्वती दोनों का वास होता है। इसके अलावा हरसिंगार, रजनीगंधा, मनी प्लांट, नीम का पेड़ समेत कई और पौधे हैं जिसमें लक्ष्मी का वास होता है। यानि कि पौधे लगाने से पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और घर में सुख व समृद्धि भी आयेगी।

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