क्यों न देश का प्रधानमंत्री निर्विरोध चुना जाये

विचार : अभी हाल ही में समाचार पत्रों में खबर छपी थी कि विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को ​बीते ढाई साल में 50 लाख से ज्यादा पर्यटक देखने पहुंचे। गुजरात में नर्मदा के तट पर केवडिया नामक स्थान पर इस प्रतिमा का अक्टूबर 2018 में लोकार्पण किया गया था। 2021 में रेलवे द्वारा केवडिया को देश के कई प्रमुख शहरों से रेल-नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष यानि 2020 में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से जुड़ी 17 परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। गौरतलब है कि सरदार पटेल की प्रतिमा की ऊंचाई 597 फिट है। यह प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है। इस प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम, विंध्य पर्वत देखा जा सकता है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 33 महीनों में तैयार की गई, जो एक रिकॉर्ड है। सरदार पटेल ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, प्रतिमा की लागत दो हजार 989 करोड़ रुपए आई थी। यानि कि नरेंद्र मोदी सरकार कहें या भाजपा सरकार, इन्होंने कांग्रेसी हों या अन्य राजनीतिक दलों के नेता, सभी को समुचित सम्मान किया। चाहे पीवी नरसिम्हा राव हों, प्रणव मुखर्जी हों या ताजा मामला गुलाम नबी आजाद का हो, भाजपा ने सभी का आदर किया। वहीं कांगे्रस की बात की जाये तो कांगे्रस न तो अपने दलों के नेताओं की इज्जत करता है और न ही किसी और अन्य नेताओं की। जबसे नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने हैं, तब से कांगे्रस के दिग्गज नेता समेत छुटभइये तक ने मोदी को खूब कोस रहा है। सिर्फ एक ही एजेंडा है इन लोगों का नरेंद्र मोदी बेइमान है, देश को बरबाद कर रहा है। जबकि यह ​एकदम गलत है, नरेंद्र मोदी देश का उत्थान कर रहा है। वहीं कांगे्रस में सिर्फ और सिर्फ गांधी परिवार पर ही फोकस किया जाता रहा है। आज के समय में गांधी यानि सोनिया व राहुल गांधी। नरेन्द्र मोदी और सोनिया गांधी के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि नरेन्द्र मोदी ने तो किसी सरदार की एक प्रतिमा बनवाई, जबकि सोनिया गांधी ने एक सरदार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही मूर्ति बना डाला था। यही बात जनमानस में चर्चा करके खूब खिल्ली उड़ाई जाती रही है। कांगे्रस समेत अन्य राजनीतिक दलों को सोचना चाहिए कि देश विकास सभी करना चाहते हैं तो क्यों न सभी राजनीतिक दल एक साथ मिलकर देश का उत्थान करें, क्यों न देश का प्रधानमंत्री निर्विरोध चुना जाये। देश हित में प्रत्येक नागरिक को सोचना होगा, सिर्फ आलोचना से काम नहीं चलने वाला।



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