रोज सावधानी से करें योग और आसन

विचार : सनातन धर्म में योग या व्यायाम का महत्व अधिक है। सनातन परम्परा के तीन ही आधार है—स्नान, ध्यान, भोजन। योग से एक नहीं अनेक लाभ हैं, जिसका वर्णन आसानी से नहीं किया जा सकता। योग करने से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है, योग शारीरिक और मानसिक रूप से वरदान है। योग से तनाव दूर होता है और अच्छी नींद आती है, भूख अच्छी लगती है, इतना ही नहीं पाचन भी सही रहता है। यानि कि योग से लाभ ही लाभ हैं। नियमानुसार बह जल्दी उठकर योग करना अधिक फायदेमंद होता है। योगासन से पहले हल्का वॉर्मअप यानि शरीर को गरम करना जरूरी होता है। जैसे बिना गरम किया हुआ लोहा नहीं मोड़ सकते उसी तरह बिना गरम किये शरीर में लचक नहीं आ पाती, इसलिये योग से पहले थोड़ा शरीर को गरम करना आवश्यक होता है। योग की शुरुआत हमेशा ताड़ासन से ही करनी चाहिए। सुबह योगासन खाली पेट करना चाहिए। जो लोग पहली बार योगासन कर रहे हैं, उन्हें शुरुआत में हल्के योग के आसन करने चाहिए और किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें। फिर जैसे-जैसे इनके अभ्यस्त हो जाएं, तो अपने स्तर को बढ़ाते जाएं। योगासन के तुरंत बाद नहीं नहाना चाहिए, बल्कि कुछ देर इंतजार करना चाहिए। हमेशा आरामदायक कपड़े पहनकर ही योग करना चाहिए। योग करने का स्थान स्वच्छ और शांत होनी चाहिए। योग करते समय नकारात्मक विचारों को अपने मन से निकालने का प्रयास करें। योग का सबसे जरूरी नियम यह है कि इसे धैर्य से करें और किसी भी आसन में अधिक जोर न लगाएं। अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। सभी योगासन सांस लेने और छोड़ने पर निर्भर करते हैं, जिसका पूर्ण ज्ञान होना जरूरी है। संभव हो तो पहले इस बारे में सीख लें, उसके बाद ही स्वयं से करें। बीमार या गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञ की सलाह पर ही योग करना चाहिए। योगासन के अंत में शवासन जरूर करें। इससे तन और मन पूरी तरह शांत हो जाता है। 

 

योग के दौरान ठंडा पानी न पिएं, क्योंकि योग करते समय शरीर गर्म होता है। इसलिए, ठंडे पानी की जगह साधारण या हल्का गुनगुना पानी ही पिएं। योग विज्ञान में दिन को चार हिस्सों में बांटा गया है, ब्रह्म मुहूर्त, सूर्योदय, दोपहर व सूर्यास्त। इनमें से ब्रह्म मुहूर्त और सूर्योदय को योग के लिए सबसे बेहतर बताया गया है। अमूमन आध्यात्म ज्ञान प्राप्त करने वाले ही ब्रहम मुहुर्त के समय ही योग का अभ्यास करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह चार बजे का माना गया है। इस समय सभी के उठना संभव नहीं है, इसलिए अगर आप सूर्योदय के समय भी योग करते हैं, तो बेहतर है। इससे शरीर दिनभर ऊर्जावान रहता है। कौन, कैसे योग कर रहा है, उस पर ध्यान न दें। हर किसी के शरीर की अपनी सीमा होती है। स्वस्थ शरीर के लिए योग के साथ-साथ संतुलित भोजन भी जरूरी है। कई प्रकार के योग व्यायाम करने के बाद आसन जरूर करना चाहिए। ताड़ासन, हस्तोसत्ताकनासन, कटिचक्रासन, अर्द्धचक्रासन, त्रिकोणासन, पार्श्वाकोणासन, वृक्षासन, गरुड़ासन आदि आसान मुख्य हैं जिसे करने से शरीर व मन को अत्यंत लाभ मिलता है। इसके अलावा योग करने वाले यदि युवा हैं तो उन्हें सूर्य नमस्कार अवश्य करना चाहिए वह भी 13 मंत्रों के साथ। लगातार छह दिन योग के बाद सातवें दिन शरीर व मन को आराम भी देना आवश्यक है।

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